मस्ती पूरे जोर पर थी

garamlohewala 2006-01-27 Comments

प्रेषक : कामुक इन्सान

दोस्तो, मैं २४ साल का कॉलेज में पढ़ने वाला छात्र हूँ। यह बात उन दिनों की है जब मैं स्कूल में हुआ करता था। मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई, उसका नाम जया था। मैं अक्सर पढ़ाई में व्यस्त रहता था, वो मुझे गौर से देखती थी।

फिर हमारी नज़रें चार हुई और धीरे धीरे वो मेरे करीब हुई। फिर हमारा मेल जोल बढ़ता गया और हम काफी करीब हो गए।

एक दिन मैंने उससे कहा- मैं तुझसे प्यार करता हूँ और शादी करना चाहता हूँ !

तो वो मुस्करा दी, मैंने उसके होंठो पर किस कर दी, वो शरमा गई।

मैं आगे बढ़ रहा था, मेरे हाथ धीरे धीरे उसके उरोजों तक पहुँच गए। वो ना ना करती और मैं और आगे बढ़ता रहा। मेरा हाथ अब उसकी पीठ से होता हुआ उसके निचले हिस्से तक पहुँच गया ।मेरे लौड़ा भी अब गरम हो रहा था। मैंने यह महसूस किया कि उसकी योनि भी अब गीली हो रही है।

फिर उसने कहा- अभी नहीं ! अभी मुझे जाना है ! अपन कल मिलते हैं !

अब वक़्त कट नहीं रहा था। रात भर सोना बहुत मुश्किल हो गया था, बार बार मेरी निगाहें घड़ी की तरफ थी कि कब सुबह हो और मेरी जया से मुलाकात हो !

फिर सुबह हुई और हम मिले।

उसने आज बहुत सुन्दर कपड़े पहने हुए थे। उसके अन्दर से इतर की अच्छी खुशबू आ रही थी। ऐसा लग रहा था कि वो भी पूरे मूड में आई है।

अब क्या था ! हम शुरू हो गए, किस का दौर चला और करीब आधे घंटे तक मैं उसे किस करता रहा और इस बीच उसके उरोजों को भी सहलाता रहा। वो काफी मज़े ले रही थी। फिर मैंने उसके उरोजों को उसके कपड़ों से आज़ाद कर दिया और जोर जोर से दबाने लगा।

उसके मुँह से कामुक सिसकियाँ निकलने लगी और वो भी मेरा भरपूर साथ देने लगी। फिर मैं आगे बढ़ा और उसकी योनि में अपनी एक उंगली डाल दी।

इस पर वो उछल पड़ी। फिर मैंने उसका पजामा उतार दिया और उसने मेरा पूरा साथ दिया। फिर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों पूर्ण रूप से निर्वस्त्र हो गए थे यानि हमारे बदन पर अब एक भी कपड़ा बाकी नहीं था।

दोनों पर मस्ती पूरे जोर पर थी। हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को चूमते रहे, चूसते रहे। फिर अचानक उसने उठकर मेरा लौड़ा अपने मुंह में ले लिया। वो शायद गरम लौड़े को ठंडा करने की कोशिश कर रही थी।

मैंने उसकी योनि पर अपना मुँह लगा दिया और जुबान से घुमा घुमा कर चाटने लगा। उसकी योनि से निकल रहा योनि-रस मुझे और भी कामुक बना रहा था। तकरीबन १५ मिनट के बाद मैंने उसे सीधा करके उसके योनि-द्वार कर अपना लौड़ा रख दिया।

अब उसके मुँह से भी कामुक सिसकियाँ निकल रही थी। वो धीरे धीरे मेरे कान में कहने लगी- अब बस भी करो ! अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, अपने लौड़े को मेरी योनि में डाल दो ना !

फिर मैंने धीरे से अपना लौड़ा उसकी योनि में डालना शुरू किया। मैं जानता था कि वो अभी औरत नहीं बनी है और उसकी योनि अभी टाइट है।

उसे बहुत दर्द हो रहा था। मैं धीरे धीरे अन्दर कर रहा था। जब मेरा पूरा लौड़ा अन्दर चला गया तो उसके मुख से जोर से चीख निकल गई। उसे काफी दर्द हो रहा था

फिर बाद में वो मेरा साथ देने लगी और मैं धक्कों के साथ साथ उसके उरोजों को भी दबा रहा था।

फिर तो हम दोनों स्वर्ग के सैर करने लगे। कई मिनटों के बाद उसका योनि-रस निकल गया। मैं भी जोर जोर से हांफ रहा था। उसके तीसरे पतन के बाद मैं ठंडा पड़ा

और हम दोनों ने फिर चार बार और संभोग किया और कई दिनों तक करते रहे।

आज भी मुझे वो दिन याद आते हैं तो मन गुदगुदा जाता है, क्या हसीन पल थे वो ज़िन्दगी के !

अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई हो तो मुझे मेल करना न भूलें !

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