जूली के साथ हसीन लम्हें
प्रेषक : हॉटमैन
नमस्कार, आज मैं आप लोगो के सामने अपने जीवन की एक सत्य घटना बताने जा रहा हूँ। वास्तव में मैं बहुत दिनों से अन्तर्वासना का पाठक रहा हूँ, सभी कहानियाँ भी पढ़ी तो मेरा भी मन हुआ कि क्यों न मैं भी अपनी कहानी को और पाठको से बताऊँ। तो आज मैं आप लोगों को जिस घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ वह मेरे जीवन की वास्तविक घटना है तथा साथ ही मेरे जीवन क पहला सेक्स भी है।
मुझे संजू कहते हैं, उम्र 25 साल, रंग गोरा तथा बदन गठीला शुरु से ही रहा है। यह कहानी मेरी और मेरी सहकर्मी जूली की है जो मेरे ही ऑफिस में काम करती थी, हम दोनों ने नए थे तो कंपनी ने हम दोनों को ट्रेनिंग के लिए पुणे भेज दिया। वहाँ बीस दिनों की मार्केटिंग-ट्रेनिंग थी।
वहाँ पर पहले दिन 98 प्रतिशत अंक और सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए मुझे मैन ऑफ़ द ट्रेनिंग चुना गया। इसी बीच में हमारी दोस्ती भी हो गई और हम अच्छे दोस्त बन गए।
एक दिन जूली ने मुझे कहा- संजू, तुमसे एक बात कहनी थी, अगर तुम्हे बुरा न लगे तो !
मैंने कहा- कहो?
तो उसने कहा- आई लव यू ! क्या तुम मुझे अपनी प्रेमिका बनाना चाहोगे?
तब तक मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी तो मैंने भी हाँ कर दिया। उस दिन से वो ट्रेनिंग में मेरे ही पास आकर बैठने लगी तथा मुझसे हंसी मजाक भी करने लगी। कभी-कभी मेरे पीछे चिकोटी तक काट देती थी। इसके साथ साथ मेरी भी हिम्मत बढ़ने लगी, मैं भी उसके अंगों को छूने लगा, कभी मौका मिलता तो हम लोग चुम्बन भी कर लेते थे, कभी ,मैं उसे अपनी बाहों में ले लेता था।
आखिरी दिन से पहले हमारे यहाँ कॉकटेल पार्टी थी। वहाँ से अपने कमरे में लौटते-लौटते रात के दो बज चुके थे, सभी लोग अपने-अपने कमरे में चले गए थे, मैं भी जूली को उसके कमरे तक छोड़ने गया, वहाँ पहुँच कर जूली कुछ ज्यादा ही शरारती हो गई थी।
वो बार बार मेरे बदन से लिपटने लगी तथा कहने लगी- संजू, मुझे कुछ-कुछ हो रहा है !
तो मैंने पूछा- कहाँ?
तो उसने अपने नीचे हाथ रख कर कहा- यहाँ !
मुझे यहाँ से आगे बढ़ने में डर लग रहा था क्योंकि मैंने इसके पहले कभी सेक्स किया नहीं था, सो मैंने कहा- सो जा ! कल बात करते हैं।
इस पर उसने मुझे पकड़ कर बिस्तर पर गिरा दिया और कहने लगी- बदन दर्द कर रहा है ! जरा मेरी मदद करो !
मैंने कहा- मैं मालिश कर देता हूँ।
उसने कहा- ठीक है !
और मेरी तरफ पीठ करके बैठ गई। मैं उसकी पीठ पर हल्के-हल्के मालिश करने लगा। यह पहली बार था जब मैं किसी लड़की के साथ बंद कमरे में इस तरह कर बैठा था, मुझे उसकी गोरी-गोरी पीठ, लम्बे बाल तथा बड़े-बड़े रसीले स्तन मस्त लग रहे थे। अब मेरे सब्र का बांध टूट चुका था, मैंने उससे अपने आगोश में लिया और उसके ऊपर लेट कर तथा उसे चूमने लगा। इस पर वो सिसकारियाँ भरने लगी।
पहली बार तो मैं डर गया कि क्या हुआ इसे, पर उसने कहा- संजू, मुझे सेक्स चाहिए अब !
इस पर मैंने कहा- चलो आगे बढ़ते हैं !
तब देखते ही देखते हम एक दूसरे के हर अंग को चूमने लगे, मैंने उसके चूचे मसलने चालू किये, अब वो और आवाजें निकालने लगी।
मैंने उसकी जींस को उतार दिया तथा उसने मेरी जींस को निकाल दिया। अब हम सिर्फ अपने अन्तर्वस्त्रों में थे। उसके बाद उसने मेरा लण्ड जो साढ़े सात इंच का लम्बा तथा साढ़े तीन इंच मोटा है, को अपन हाथ में लिया और मुठ मारने लगी। अब आवाज मेरे मुँह से निकलने लगी।
मैंने उस रात जम कर उसके वक्ष को मसला तथा चूसा, उसके गोरे गोरे छोटे मस्त चूचे एकदम लाल हो गए थे। तब मैं उसकी बुर तक पहुँचा तथा उसकी बुर को पहले तो होंठों से छुआ, उसके बाद चूसना शुरु किया, वो मस्त होकर बोलने लगी- संजू, और करो ! करो ! उई माँ ! और करो !
कुछ देर बाद वो मुझसे बोलने लगी- संजू, अब और बर्दाश्त नहीं होता, मुझे चोदो ! तुम्हारा लण्ड काफी मस्त है, इस चूत की प्यास मिटा दो !
उसने खुद थोड़ी क्रीम अपनी बुर तथा मेरे लंड पर लगाई तथा मेरे ऊपर आकर बैठ गई।
वाह ! वो पहली बार का हसीन समय कितना मजेदार था ! मैं बयान नहीं कर पा रहा हूँ, इसके बाद मेरा लंड करीब थोड़ा ही अंदर गया होगा कि वो चिल्लाने लगी, कहने लगी- संजू, तुम्हारा लंड मजेदार है ! बहुत मजा आएगा आज !
उसके बाद मैंने उसे नीचे लिटाया, खुद ऊपर आ गया तथा एक धक्का जोर से लगाया, उसकी बुर के अंदर मेरा सात इंच का लंड करीब-करीब पूरा जा चुका था, उसकी बुर फट गई तथा थोड़ा खून भी निकल गया था पर उसे बहुत अच्छा लगा था, वो जोर से अपनी कमर ऊपर करने लगी, कहने लगी- फक्क मी संजू ! फक्क मी ! अब मैंने उसे अपनी बाहों में पकड़ा और उसकी बुर में पूरा लंड डालकर उसे चोदने लगा, वो भी साथ देने लगी।
फिर उसने घुटने के बल बैठ कर मुझे पीछे से चोदने के लिए बोला। इस बार मैंने अपनी लंड को थोड़ा और जोर लगाकर उसकी बुर के अंदर डाल दिया और धक्के मारने लगा, वो और चिल्लाने लगी- संजू और जोर से ! और करो !
अब मैं भी पूरे जोर से उसे चोदने लगा। करीब 15 मिनट बाद वो मुझे जोर से पकड़ कर चिल्लाने लगी- उम्म्म उम् उम्मा आह आह !
मैं और जोर जोर से चोदने लगा उसे ! फिर वो झड़ गई। ऐसा उसने बाद में बताया था पर मैं अभी भी उससे चोदने में लगा था, मुझे यह सब पता नहीं था, फिर वो हांफ़ने लगी और थोड़ा रुकने को बोली। फिर पाँच मिनट बाद वो फिर मेरे लंड को लेकर अपनी बुर में लेने लगी। मैं फिर उसकी चुदाई करने लगा। इस तरह करीब एक घंटे तक लगातार चली चुदाई के बाद मैं वहाँ से आया तथा वो सोने चली गई।
फिर इसके एक महीने बाद वो आगरा चली गई पर वो हसीन लम्हों की याद मुझे दे गई।
फिर एक बार वो कोलकाता आई, मुझसे मिली, कहा- मुझे पुरानी यादें ताज़ा करनी हैं।
फिर हम एक होटल में पहुँचे, वहाँ मज़े किये। पर वो कहानी अगली बार……
आज जूली मेरे जीवन में नहीं है, मैं फिर एक साल से अकेला हो गया हूँ।
मेरी कहानी कैसी लगी ? आपके जवाब में पलकें बिछाये ….आपका संजू ..
मुझे मेल करें।
What did you think of this story??
Comments