बस दो ही कमियाँ हैं

thakurvansh9 2010-06-10 Comments

मैं अन्तर्वासना का नियमिक पाठक हूँ।

मैं आप सब को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ।

मुझे मालूम है कि आप सोच रहे होंगें कि सब ऐसा ही कहते हैं कि यह मेरी सच्ची कहानी है।

पर आपको विश्वास हो ना हो, यह एक सच्ची कहानी है जो मेरे साथ घटी है।

वो एक 20 साल की मस्त लड़की है, उसके मोमे तो इतने अच्छे हैं कि एक बार मुँह लगा लो तो फ़िर हटाने का नाम ही नहीं।

उसका बदन जैसे आग है, उसको छूते ही मेरा लन्डऐसे खड़ा जाता है जैसे तम्बू खड़ा हो।

अब मैं आप लोगों का ज़्यादा समय व्यर्थ ना करते हुए सीधा अपनी कहानी, कहानी क्या आपबीती सुनाता हूँ।

हम दोनों दिल्ली से शिमला जा रहे थे तो हमने चंडीगढ़ में घूमने की योजना बनाई।

हमें घूमते-घूमते शाम हो गई तो हमें पता था कि हम शिमला रात में पहुँचेगे तो हमने कालका में उसके चचेरे भाई को फोन किया और कहा- हम लेट हो गये हैं और रात तक तुम्हारे पास आ रहे हैं !

तो उसके भाई ने हाँ कर दी।

उसके भाई को हम दोनों के बारे में पता था, वो जानता था कि हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं।

इसलिए हमें कोई कठिनाई नहीं हुई।

अब हम दोनों कालका पहुँच गये उसके भाई के पास।

मैं आपको एक बात बता दूँ कि मुझे उसका भाई बिल्कुल भी पसन्द नहीं है पर उसके लिये मैं कुछ भी कर सकता हूँ।

अब मुझे वो ठीक लगने लगा है।

पर कभी कभी जब वो उससे फोन पर डबल मीनिंग बात करता है तब मुझे बहुत बुरा लगता है।

उसका भाई जो तभी ड्यूटी से आया था सुबह का गया हुआ।

फिर हमने फ़्रेश होकर खाना खाया। उसका भाई बिस्तर पर लेटते ही सो गया।

हम दोनों भी सो गये।

रात का समय था, करीब 1 या 2 बजे होंगे, अचानक मेरी नींद खुल गई। मैंने उसको देखा, हिला कर जगाया, हम दोनों एकदूसरे की आँखों में खो गये।

फिर मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा। पहले तो उसने विरोध किया फिर वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

फ़िर मैंने उसके स्तनों को अपने हाथों से उसके टॉप के अन्दर से हाथ डाल कर पकड़ लिया। क्या मस्त मोमे हैं उसके। मैंने उन्हें खूब दबाया।

वो आहें भरने लगी, ज़ोर से सी…सी… की आवाज़ें निकालने लगी।

मैंने उसको आवाज़ ना करने को कहा तो उसने हँसते हुए कहा- मैं खुद पर काबू नहीं रख सकती, तू ही मुझे चुप करा दे।

तो मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और उनक रसपान करने लग गया। उसने भी मेरी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाला और मेरी छाती पर अपने हाथ फ़ेरने लगी।

वो गर्म हो रही थी। मैंने उसके बाद उसकी लोअर में हाथ डाला, कुछ देर में वो पूरी तरह से गर्म हो गई।

मैंने उसकी चूत में दो उंगलियाँ डाल दी।

वो स्स्सी… आआ… स्स्सी… आ… उम्म… स्स्सी… आआ… स्स्सी…आआ…. ऐसी आवाज़ें निकालने लग गई।

मैं फ़िर उसके होठों पर अपने होंठ लगा कर उनका रसपान करने लगा।

मैंने उसकी चूत को उंगलियों से चोदा क्योंकि उस समय वहाँ उसका भाई भी सो रहा था, हमें डर था कि कहीं वो उठ ना जाए क्योंकि उसे यह तो पता था और अभी भी यही पता है कि हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं, पर यह मालूम नहीं था और ना ही है कि हमारे बीच शारीरिक संबंध हैं।
इसलिए हमने कोई रिस्क नहीं लिया।

मैने उसकी चूत उंगलियों से चोदी, उसने भी मेरा साथ दिया और मेरे लंड को हाथ में ले कर मेरी मुठ मारी। मैंने और उसने करीब 30 मिनट तक ऐसे किया और अपना पानी

छोड़ दिया मतलब हम झड़ गये।

उसके बाद मैंने उसको सोने को कहा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।

उसके बाद सुबह जब उसका भाई ड्यूटी पर चला गया तब हमने फ़्रेश होने के लिये बाथरूम जाने की सोची।

मैं और वो जब भी साथ मे होते हैं तो हमेशा साथ में नहाते हैं। तो उस दिन भी मैं और वो साथ में नहाने गये। हमने अपने-अपने कपड़े उतार कर पूरे नंगे होकर एक दूसरे को अपनी बाहों में भर लिया।

फिर मैंने उसकी चूत में अपना लन्ड रखा, वो गर्म हो गई और अपनी आँखें बन्द करके अपने होंठ हिलाने लग गई। मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया और अपना लन्ड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया।

वो स्स्सससी…आआह्ह्ह… उउम.. ऐसी आवाज़ें निकालने लग गई।

फ़िर वो अपनी गान्ड हिला कर लन्ड को अपनि चूत में लेने की कोशिश करने लगी पर मैं तो अपना लन्ड उसकी चूत के द्वार पर रगड़ता रहा, मैं उसे पूरी तरह से गर्म करने के बाद ही चोदता हूँ।

इसलिये मैं उसको पूरी तरह से गर्म करना चाहता था और कुछ ही देर में वो पूरी गर्म हो गई तो मैंने अचानक उसकी चूत में अपना लन्ड डाल दिया और वो मेरे इस अचानक किये गये वार से चिंहुक गई।

फिर मैंने उसकी चूत मारना शुरू कर दिया।
उसके मुँह से ससी…आह आआ हाआ उम्म…ऐसी आवाज़ें आने लगी। सेक्स कररे समय मुझे ऐसी आवाजें बहुत पसंद हैं।
ऐसी आवाज़ों से सेक्स का मज़ा और भी बढ़ जाता है।
मैं उसकी चूत मारता गया।

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद हम नहाए।
मैंने उसको कपड़े नहीं पहनने दिए, यहाँ तक कि ब्रा और पैंटी भी नहीं ! और हम अपने कमरे में तौलिया लपेट कर आ गए।

फ़िर मैंने उसका तौलिया खींच दिया और वो मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी।
मैं उसे देख ही रहा था कि उसने मेरा तौलिया भी निकाल दिया अब हम दोनों नंगे थे।

मैंने उसको पकड़ा और बैड पर लिटा दिया। उसके ऊपर आकर मैं उसके मोमे दबाने लगा, वो फ़िर गर्म होने लगी, मैंने उसको 69 की मुद्रा में आने को कहा।

अब मैं उसकी चूत चाट रहा था, उसकी चूत बड़ी मस्त और चिकनी लग रही थी।

मैंने कई बार उसकी चूत चाटी है। उस दिन भी बड़ा मज़ा आया चूत चूसने में।

वो मस्त हो गई, कहने लगी- अब और नहीं रहा जाता, मुझे चोद दो… प्लीज़… मार दो मेरी चूत ! अब मुझसे और नहीं रहा जा रहा। मेरे जानू चोद दे आज अपनी जाना को ! कर दे मेरी चूत की खुजली दूर।

मैंने जैसे ही यह सुना, मैं अपने आपको रोक ना पाया और उसके ऊपर चढ़ गया।

मैंने उसकी चूत पर अपना लन्ड रखा और रगड़ने लगा।

वो बोल रही थी- अब मत तड़पा ! चोद दे अपनी जाना को।

मैंने उसकी तड़प को समझा और एकदम से अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया। वो खुश हो गई और मेरा पूरा साथ देने लगी, अपनी गान्ड उठा-उठा कर मेरा भरपूर साथ अदा कर रही थी।

मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा, उसने वैसा ही किया और घोड़ी बन गई।

फ़िर मैने उसको घोड़ी बना कर जो चोदा वो दिन सोच-सोच कर मैं और वो आज भी फोन पर चुदाई कर लेते हैं।

उसके बाद मैंने उसे खूब चोदा। करीब 30-40 मिनट की चुदाई के बाद उसका बदन अकड़ने लगा।

मुझे पता चल गया कि वो झड़ने वाली है तो मैंने उसे मेरे नीचे आने को कहा।

फ़िर मैंने उसके कंधों को पकड़ कर पूरे ज़ोर से धक्के लगाना शुरु कर दिया, कुछ ही देर में वो झड़ गई।

मैंने अब और ज़ोर से उस को चोदना शुरु कर दिया।

10 मिनट के बाद मैंने अपना लन्ड बाहर निकला और उसके मोमों पर अपना सारा माल गिरा दिया। हम पूरी ऐहतियात बरतते हैं कि कहीं उसको गर्भ ना ठहर जाए।

पर वो हमेशा कहती है कि उसे मेरे बच्चे की माँ बनना है।

मैंने उसे कह दिया कि मैं उसकी यह ख्वाहिश ज़रूर पूरी करुँगा मगर अभी नहीं कॉलेज़ खत्म होने के बाद।

उससे मुझ सारे सुख मिले, बस दो ही कमियाँ हैं, एक तो उसने कभी मेर लन्ड नहीं चूसा और दूसरे उसने कभी मुझे अपनी गान्ड नहीं मारने दी।

मगर इस बार हमने ये काम करने का भी फ़ैसला किया है। देखते हैं कि मौका मिलता भी है या नहीं।

अगर मिल गया तो ठीक वरना मैं उससे प्यार करता हूँ। बिना इसके मिले भी खुश हूँ।

अभी और भी बातें हैं मगर वो अगली बार !

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें।

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