ब्यूटी-पार्लर में सुहागदिन

lund_pyasa 2006-06-11 Comments

हेलो दोस्तो,

मैं अंकुश यादव लुधियाना से हूँ पर मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ से हूँ। मैं अन्तर्वासना पर रोज कहानियाँ पढ़ता हूँ। मेरे मन में विचार आया कि मैं भी अपनी कहानी आप लोगों के सामने रखूँ और आपके प्यारे विचार जानूँ !

मेरी साथ वाली गली में मेरा दोस्त सुयश रहता है। जनवरी २००९ में उसकी शादी हो गई। मेरे दोस्त सुयश की बीबी और मेरी भाभी सोनिया जो नई नई शादी करके आई थी, थी बड़ी सेक्सी ! क्योंकि मुझे शादीशुदा औरतें अच्छी लगती हैं, इसलिए मैं उसको देखने सुयश के घर जाया करता था। पर मुझे नहीं पता था कि मैं सोनिया को देखने जाता हूँ और सुयश की बहन नीलम मुझे देखती थी।

यह सब दो महीने चलता रहा पर एक दिन नीलम ने मुझे पकड़ के बोली- १ ४ ३

मैं बोला- यह क्या ?

तो बोली- मैं तुमसे प्यार करती हूँ !

मैं बोला- तेरी भाभी घर में है, अगर सुन लिया तो ?

वो बोली- कोई बात नहीं, भाभी के भी तो पुराने यार हैं, भाभी ने ही बताये हैं, भाभी मेरे से सारी बात कर लेती है तुम न डरो ! भाभी ने बोल दिया है !

चलो फिर मेरा तो काम बन गया- भूखे को चाहिए रोटी !

मैं तो खुश हो गया पर नीलम ने हाथ भी नहीं लगाने दिया !

बोलती है शादी के बाद !

मैंने सोचा- चलो कोई बात नहीं, मैं इससे शादी करा लूंगा क्योंकि वो है बड़ी प्यारी ! खैर मैं भी नीलम से प्यार करने लगा, नीलम तो मेरे से प्यार करती ही थी।

इसके दो महीने बाद मेरी और उसकी शादी की बात चली पर नीलम के घरवाले नहीं माने और उसकी शादी जालंधर में पक्की कर दी। मैं और नीलम दुखी हो गये और आत्महत्या के बारे में सोचने लगे।

पर सोनिया भाभी ने बोला- जिन्दगी जीने का नाम है, कभी भी जिन्दगी से हारना नहीं !

इसलिए हमने मरने का विचार छोड़ दिया पर नीलम बोलने लगी- मैंने सुहागरात तो तुम्हारे साथ ही मनानी है !

तो भाभी बोली- चलो, मैं यह काम करा दूँगी !

मेरा दिल नहीं मान रहा था पर हम जिससे प्यार करते है उसकी ख़ुशी के लिए तो कुछ भी कर सकते हैं।

खैर धीरे-धीरे शादी का दिन भी आ गया। भाभी ने अपनी जान पहचान वाली का ब्यूटी-पार्लर बुक कर लिया और उसको पैसे दे कर बोल दिया कि हमने यहाँ क्या क्या करना है !

खैर भाभी ११ बजे नीलम को ले करके ब्यूटी-पार्लर आ गई और एक बजे मुझे बुला लिया। जब मैं पार्लर के भीतर गया तो नीलम क्या गजब की लग रही थी ! लाल रंग का लहंगा-चोली पहन रखी थी, हाथों में लाल रंग का चूडा, मेहंदी लगाई हुई थी, बाल खुले थे, लाल रंग की लिपस्टिक लिप लाइनर के साथ में, नाक में नथ पहन रखी थी, आँखों में काजल और आई-शैडो, कुल मिला के बहुत प्यारी लग रही थी। फिर भाभी मुझे अन्दर के कमरे में ले गई जहाँ पर बेड सजाया था।

फिर भाभी वहीं पर बैठ गई और बोली- तुम लग जाओ ! कोई परेशानी होगी तो मैं यहीं पर हूँ !

फिर मैंने बोला- हमें तो पता नहीं कि कैसे करते हैं !

तो भाभी बोली- इसीलिए तो मैं यहाँ हूँ !

फिर भाभी बोली- की तुम इसके मम्मे दबाते-दबाते और चूमते-चूमते कपड़े उतारो, और नीलम तुम भी लंड को पकड़ो और कपड़े उतारो !

इस तरह करीब १५ मिनट चूमा-चाटी करने के बाद हमने एक दूसरे को नंगा किया। फिर भाभी ने बेड पर नीचे मुझे और ऊपर नीलम को लिटा के मुझे उसकी चूत और उसको मेरा लंड चूसने को कहा जब तक कि पानी ना निकल जाये।

नीलम को तो मेरा लंड चूसने से उल्टी भी आ गई पर वो नहीं मानी, जब तक मेरा पानी नहीं निकल गया !

मैं भी जोश में आ गया और नीलम की चूत चूसने लगा। चूत चूसने से नीलम काफी गरम हो गई और उसको हिचकियाँ आने लगी। मैं रुक गया पर नीलम ने रुकने नहीं दिया और फिर नीलम का शरीर अकड़ गया और नीलम ने पानी छोड़ दिया। मैं सारा पानी चाट गया जो कि थोड़ा नमकीन और कुछ खट्टा सा लगा।

फिर भाभी ने चुदाई करने को कहा।

हम थोड़ी देर तक एक दूसरे के जिस्म से खेलते रहे, इस तरह से फिर गर्मी चढ़ गई। फिर मैं नीलम की टांगों के बीच में आ गया, अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा और मम्मे को मुँह में ले के चूसता रहा। यह करने को भाभी ने ही बोला था। इस तरह से करीब ५ मिनट में नीलम चीखने लगी।

तब भाभी ने बोला- अब लंड डाल दो ! और एक बार में ही डालना !

मैंने ७ इंच का लंड चिकनी चूत में एक बार में ही डाल दिया पर मेरी भी जान निकल गई और नीलम की भी !

मेरी भी सील टूट चुकी थी और नीलम की भी !

बड़ा दर्द हो रहा था, भाभी दोनों को हौंसला दे रही थी !

खैर थोड़ी देर बाद चुदाई शुरु हुई। फिर तो मुझे भी बड़ा मजा आया और नीलम को भी !

इस तरह से हमने सुहागदिन मनाया !

यह मेरी चुदाई की कहानी थी, हमें इतना मजा आया कि अब मैं खोज रहा हूँ कि कोई मिले पर कोई मिलती नहीं !

मुझे मेल करें !

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