आयुषी के बदले श्रेया
नमस्कार दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ।
मेरा नाम सनी है। मैं देखने में दुबला-पतला लड़का हूँ। मेरी हाइट 5 फीट 11 इन्च है। मैं दिखने में सांवले रंग का हूँ। मेरे लंड का साइज़ अभी 8 इन्च है। मेरी उम्र अभी 21 साल है।
एक बार की बात है, मैं अपने दोस्तों के साथ गाँव से दिल्ली भाग कर चला गया था। वापस आने पर पापा ने मुझे पीटा और बोला कि तू अब गाँव में रह कर बिगड़ गया है। तुझे अब पटना में मेरे साथ रहना होगा। मेरे पापा का पटना में कोचिंग इंस्टिट्यूट है। मेरी मम्मी गाँव में रहती थी तो अकेले पापा के साथ रहना पड़ता था।
मेरे घर के बगल में मेरी चाची रहती हैं। जिनका छोटा बेटा मेरे साथ खेलता था। उसकी वजह से कालोनी के बहुत सारे दोस्त बन गए थे। जिनमें सबसे ज्यादा एक लड़की से मेरी दोस्ती हो गई थी। उसका नाम आयुषी है।
मुझे सेक्स के बारे में सब कुछ पता था, मैं उसके साथ सेक्स करना चाहता था। पर वो हमारे ही ग्रुप के एक लड़के कुणाल को पसंद करती थी। कुणाल श्रेया को पसन्द करता था, जो हमारे ही ग्रुप की थी।
मैं आयुषी के घर जाता रहता था। मुझे उसकी मम्मी बहुत पसंद करती थीं। मेरे पापा जब भी गाँव जाते थे तो मैं उनके यहाँ ही रह लेता था।
एक बार आयुषी ने मुझे बोला- तुम मेरे अच्छे दोस्त हो न?
मैंने बोला- हाँ।
उसने बोला- तुम कुणाल और मेरे बीच से श्रेया को हटा दो। इसके बदले में तुम्हें जो चाहिए, मैं दूंगी।
मैंने पूछा- मैं यह काम कैसे करूँ?
उसने बोला- तुम श्रेया को कहो कि तुम उससे लव करते हो, बाकी मैं देख लूँगी।
मैंने बोला- ठीक है।
मैं सोच रहा था कि उससे ये बात कैसे करूँ। सोचते-सोचते दो दिन बीत गए और इधर आयुषी गुस्सा हो रही थी।
एक दिन हम लोग लुक्का-छिपी खेल रहे थे। मैं छिपने के लिए अलमारी के पीछे छिप गया और किस्मत का खेल देखिए, श्रेया भी मेरे साथ अलमारी के पीछे छिप गई। जगह कम होने के वजह से हम इतने करीब थे कि उसके दुद्दू मेरी छाती से चिपके हुए थे। मुझमें उत्तेजना आ रही थी और वो भी गरम हो रही थी। मैंने मौका देख कर उसे प्रपोज कर दिया। वो गुस्सा होकर जाने लगी। मैंने उससे पकड़ा और किस करने लगा। उसने मुझे चाँटा मारा और वहाँ से चली गई।
उसके बाद मैं अपने घर चला आया और दो दिनों तक खेलने नहीं गया।
एक दिन श्रेया मेरे घर आई और बोला- तुम खेलने क्यों नहीं आते हो?
तो मैंने कुछ नहीं बोला।
उसने बोला- आई एम सॉरी, लेकिन तुमने मुझे तुरंत प्रपोज किया और किस करने लगे तो मुझे लगा तुम सिर्फ मेरे साथ सेक्स करने के लिए प्रपोज कर रहे हो। इसी लिए मुझे गुस्सा आ गया था। मुझे क्या मालूम था कि तुम मेरे एक चाँटे से इतना गुस्सा हो जाओगे।
वो बोलती रही और मैं कुछ नहीं बोला।
उसने बोला- अच्छा तुम्हें मैंने ‘किस’ की वजह से मारा था, अब मैं तुम्हें किस करती हूँ, तब तो मुझे माफ़ कर दोगे?
मैंने बोला- एक किस से काम नहीं चलेगा। मेरे जितनी मर्जी होगी, लूँगा। बोलो मंजूर है?
उसने बोला- उठा लो जितना फ़ायदा उठाना है।
फिर क्या, मैं किस करता गया, करता गया और पता भी नहीं चला। कब उसका टॉप और ब्रा उतर गए थे। वो भी अपने आपे से बाहर हो गई थी। जब हमें होश आया तब तक वो गर्म हो चुकी थी। मेरा तो लंड उसको चोदने की फिराक में था।
मैं झूठ बोलते हुए बोला- हम गलत कर रहे हैं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
वो बोली- यह पहले सोचना चाहिए था न ! अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा है, कुछ करो।
फिर क्या था, मैं तो यही चाह रहा था। मैंने उसकी गर्दन को किस करते हुए, उसकी चूची को चूसने लगा और फिर उसकी पैंटी उतार दी। मेरी तो आँख खुली की खुली रह गई। क्या चूत थी ! बिलकुल पाव रोटी की तरह मुलायम। मैं उसकी चूत के ऊपर अपने 7 इन्च के लंड को घिसने लगा तो वो पागलों की तरह मुझसे लिपट गई।
मैंने उससे पूछा- अन्दर डाल दूँ?
उसने कहा- यह मेरा पहली बार है। मेरी सखियाँ बोलतीं है कि पहली बार बहुत दर्द होता है।
मैंने उससे बोला- जानू टेंशन मत लो। मैं एकदम आराम से करूँगा।
उसने बोला- कण्डोम !!
अब मुझे गुस्सा आ गया।
मैंने उससे गुस्से से बोला- कण्डोम लेकर आता हूँ, तब तब यहीं रुको।
उसने बोला- मैं तो अपनी सेफ्टी के लिए बोल रही थी। गुस्सा क्यों होते हो? रहने दो।
उसने मुझे किस किया और मैंने जोश मैं आकर उसके चूत में अपना आधा पेल दिया पहले झटके में ही आधा घुस गया। उसकी चीख निकली “आआऐईईईईईई” मैंने जल्दी से उसका मुँह दबाया। अब उसकी आवाज़ बाहर नहीं आ रही थी। सिर्फ आँखों से आँसू आ रहे थे। वो मुझे बाहर की तरफ धकेल रही थी।
मैंने उसे चूमा और उसकी चूचियों को सहलाया उसे थोड़ा आराम महसूस हुआ। तभी मैंने एक और झटका दिया और पूरा लंड अन्दर। इस बार वो और जोर से चिल्लाई पर मैंने उसके होंठ अपने होंठों से दबा रखे थे। पूरा पप्पू उसकी मुनिया में घुसेड़ने के बाद मैं ठहर गया और मैंने उसके मम्मे दबाए। थोड़ी देर उसे इसी प्रकार सहलाता रहा। किस करता रहा। वो भी ऐसे ही पड़ी रही।
मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था और उसे भी थोड़ी राहत महसूस हो रही थी। मुझे नीचे से धकेल रही थी। फिर मैंने लंड को आधा बाहर निकाल कर अंदर-बाहर करने लगा। पूरा रूम ‘आह्ह आह्ह’ से गूंज रहा था।
तभी उसने मुझे जोर से पकड़ लिया। मैं समझ गया कि उसका काम हो गया है। पर मेरा अभी बाकी था। तो मैंने जोर से धक्के मारना चालू कर दिए और मेरा भी काम तमाम हो गया था।
मुझे ख्याल आया कि श्रेया को सभी खोज रहे होंगे। मैंने उसे उठाया तो उससे उठा नहीं जा रहा था। फिर भी वो उठी और बाथरूम चली गई।
मैंने बेड देखा तो मेरे होश उड़ गए। पूरा बेड खून से लाल था। मुझे डर लगा, अब पापा को क्या बोलूँगा? मैंने गद्दे और चादर को उठा कर बाथरूम में ले गया तो वहाँ देखा श्रेया रो रही थी।
मैंने उससे पूछा तो उसने बोला- किसी को अगर इस बात का पता चल गया तो मुझे मम्मी डैडी मार देंगे।
मैंने उससे भरोसा दिलाया कि किसी को कुछ नहीं मालूम चलेगा। और फिर वो मुझे किस करके चली गई।
मैंने गद्दे और चादर साफ़ करके आयरन से सुखा कर बिछा दिया। उसके बाद श्रेया मेरी गर्लफ्रेंड बन गई और जब भी हम दोनों का मन करता है, हम सेक्स कर लेते हैं। कुणाल ने आयुषी को अपनी गर्लफ्रेंड बना लिया। दसवीं पास करने के बाद श्रेया बंगलौर चली गई और मैं पटना के कॉलेज में अभी पढ़ाई कर रहा हूँ।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी। मुझे मेल जरुर करें !
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