कुंवारी लड़की बनी मेरा पहला प्यार

(Desi Teen Virgin Pussy Story)

चंचल यू पी 2025-01-11 Comments

देसी टीन वर्जिन पुसी स्टोरी में मेरे पड़ोस की भाभी की बहन उनके घर रहने आई. वह बहुत सुंदर थी. एक दिन वह मुझे छेड़ने लगी. तो मैंने भी उसकी सीलबंद बुर में लंड पेल दिया.

मैं चंचल (बदला हुआ नाम) यू पी के गोरखपुर के पास के जिले का रहने वाला हूँ.
मेरी उम्र 35 है.

मैं न ही बहुत सुन्दर है और न ही मेरा लंड सबकी तरह गधे जैसा है.

पर एक चीज मुझ में है जो शायद किसी किसी को मिलता है, और वो है आकर्षण!
अगर कोई एक बार कुछ समय तक मेरी निगाहों से निगाह मिला ले तो वह जरूर मेरी तरफ आकर्षित हो जाता है.

और दूसरा है सेक्स … जो मेरी सबसे बड़ी जरूरत है.

मेरी देसी टीन वर्जिन पुसी स्टोरी कुछ बरस पहले की है.
उस समय मैं पोस्ट ग्रेजुएट का कोर्स कर रहा था और उसी के साथ एक दुकान भी चला रहा था.

दिन में दुकान पर मेरे साथ मेरे पिताजी भी रहते थे.
शाम को मैं अपने घर से भोजन करने के बाद दुकान पर सोने के लिए आ जाता था.

मेरे दुकान के बगल में ही एक विधर्मी परिवार रहता था.
उसका भी व्यवसाय था पर उसकी पूरी फैमली वहीं रहती थी!

उसके परिवार में पति पत्नी और उनके तीन छोटे बच्चे थे.
मेरी उस परिवार से काफी अच्छी बैठती थी.
मैं उसकी पत्नी को भाभी कहता था और काफी हंसी मजाक किया करता था.
कभी-कभी तो मजाक में मैं भाभी के जैसे उनके स्तन दबाना, उन्हें किस करना, उन्हें पीछे से पकड़ लेता था पर वो कभी बुरा नहीं मानती थी!

भाभी तो थी बड़ी मस्त माल … पर कभी भाभी को चोदने का मौका हाथ नहीं लगा!

वे अक्सर अपनी छोटी बहन जिसका नाम नूरजहां है उसकी सुन्दरता की काफी प्रशंसा करती और मैं भी उनकी बातों को सुनकर अपने मन में एक मूर्ति बना डालता!
और भाभी से अक्सर कहता- भाभी, एक बार मिला दो!

खैर इसी तरह जिन्दगी सपनो में चलती रहती!

फिर एक दिन भाभी ने मुझे बताया- आज नूर आ रही है!
मैं भी अपनी मूर्ति को देखने के लिए बेचैन हो उठा.

शाम को वह अपने अम्मी के साथ आई.
पर जैसे ही वो अपने मां के साथ टैम्पू से नीचे उतरी सबकी निगाहें बरबस उसी की तरफ घूम गई.

मैंने देखा एक लड़की जिसकी उम्र लगभग 18-19 वर्ष थी जिसने अपने सर को अपने दुपट्टे से ढक रखा था, आती दिखाई दी.
काली घटाओं के बीच में जब चन्द्रमा निकलता है उस वक्तवो सबसे ज्यादा खूबसूरत लगता है.
ठीक वैसे उसका पूरा शरीर कपड़ों से ढका था और उसमें उसका चेहरा ठीक चन्द्रमा की तरह सुन्दर लग रहा था.

मैं भी उसको देखकर मन ही मन खुश हो गया और उसकी सुन्दरता का कायल हो गया,

वैसे तो मैंने पहले कई लड़कियों की बुर चोदी थी पर आज उसको देखकर मन में प्रेम जाग गया.

उसके ओठ के ऊपर एक काला तिल था जो मेरी कमजोरी बन गया.

मैं रोज, हर वक़्त उसे देखना चाहता था.
पर कभी उसके प्रति मेरे मन में गलत विचार नहीं आया था.
एक भक्त जैसे अपने भगवान से प्रेम करता है, मैं भी उससे करने लगा!

मैं कभी-कभी भाभी के सामने उससे भी हंसी मजाक कर लेता था!

इसी तरह दिन निकलते रहे.

पर एक दिन भाभी अपने किसी रिश्तेदार के यहां शादी में अपने शौहर के साथ गयी.
और वे अपने बच्चों को घर पर ही नूर के पास छोड़ गयी और मुझसे सबकी देखभाल करने के लिए बोल गई.

उस समय गर्मी का मौसम था.
उस दिन शाम से ही लाईट चली गई थी.
इसलिए नूरजहां बच्चों को दुकान के बाहर ही पंखा हाथ से चला कर बच्चों को सुला रही थी.

मैं भी घर से भोजन करके दुकान पर आ गया और अपना बिस्तर बाहर लगा कर लेट गया.

कुछ देर बाद मुझे अपने शरीर पर पानी की बूँदों के गिरने का अहसास हुआ.
मैं उठकर देखने लगा.

तो देखा कि नूरजहां मन्द – मन्द मुस्कुरा रही थी.

मैं दोबारा सो गया.
पर वह दुबारा फिर पानी मेरे ऊपर फेंक कर हंसने लगी.

मैं उठकर उसके चारपाई के पास गया और उसको डांटने लगा.
पर वह एकाएक उठकर मेरे सीने से चिपक गई.

पर ऐसा कोई विचार मन में न होने के कारण मैं स्तब्ध रह गया.
मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि क्या करूँ.

मैं उसे अपने से दूर करने लगा.
पर उसने मुझे चूम लिया.

इससे मेरी भी कामवासना जाग गई और मैं भी उसको चूमकर अपने से दूर कर बिस्तर पर आ गया!

चूंकि बच्चे सो गए थे इसलिए वह फिर से मेरे बिस्तर पर आकर बैठ गयी.
मैं भय वश उसका हाथ पकड़ कर दुकान के अन्दर ले गया और उसको डांटने लगा.

मेरे डांटने से उसकी आंखों में आंसू भर आए.
जो मैं देख ना सका और अपने सीने से चिपका कर उसकी पीठ को सहलाते हुए उसको चुप कराने लगा.

पर यह क्या?
उसकी पीठ सहलाते ही वह उत्तेजित हो गयी और मेरे ओठों को बेतहाशा चूमने लगी.
मैं भी उत्तेजित हो गया और उसको चूमने लगा.

दोस्तो, आपको पता होगा कि महिलाओं के गाल में अमृत पाया जाता है.
मैं भी उसी अमृत का रसपान करते हुए उसकी छोटी छोटी चूचियों को धीरे धीरे दबाने लगा और उसको मुंह में डालकर चूसता.
और वह भी अपनी चूचियों को मेरे मुंह में घुसा रही थी.
पर उन में दूध नहीं था.

मैं अपनी जीभ से उसके ओठों को, कानों और कान के पिछले हिस्से को चाटने लगा.
जिससे उसकी चुदास बढ़ गई और वह खुद ही मेरे लंड को सहलाने लगी.

मैं भी उसको चूमता रहा और अपने हाथ से उसकी सलवार में हाथ डालकर उसकी रोयेंदार बुर को सहलाने लगा.
कुछ देर उसकी बुर सहलाने से उसकी बुर चिपचिपी हो गई.

मैंने उसे वहीं दुकान के काउन्टर पर लिटाकर उसकी सलवार को नीचे सरकाया.

दोस्तो, सलवार खोलने में जो मजा है वो कभी साड़ी में नहीं मिल सकता.
यह मेरा अनुभव है … आपका क्या … पता नहीं.

मैंने उसकी सलवार के साथ ही उसकी पैन्टी भी नीचे खींच दी.

पर यह क्या … जैसा तिल उसके होठों पर था, ठीक वैसा ही तिल उसकी बुर पर था जो उसकी हल्की सुनहरी झांटों वाली बुर की शोभा बढ़ा रहा था.

मैं अपने आप को रोक ना सका और उस देसी टीन वर्जिन पुसी को चूम लिया.
जिससे वह सिहर कर ‘आह!’ कर उठी.

यह देखकर मैं उसकी बुर पर अपना मुंह रखकर उसको चूमने और चाटने लगा.
वह अपनी चूचियों को अपने ही हाथों से मसलने लगी मेरे लंड को पकड़ने का प्रयास करने लगी.

उसकी बुर को चूमते हुए जब मैं उसकी नाभि में अपनी जीभ डालता तो वह और पागल हो उठती.

अब मुझे भी अपने आप को रोक पाना कठिन हो गया.
इसलिए मैंने उसकी कमीज और सलवार को निकाल कर उसको नंगी कर दिया.
पर अभी भी उसने अपने सर को ढक रखा था.

मैंने उसे काउन्टर पर आगे की तरफ खींचकर अपने लंड को उसकी बुर पर रगड़ना चालू कर दिया.
जिससे वह अपनी बुर में लंड लेने के लिए पागल होने लगी और मुंह से तरह-तरह की आवाज निकालने लगी.

मैंने उससे उसकी बुर में लंड डालने की इजाजत मांगी.
और उसके हां कहते ही लंड उसके बुर में पेला.
पर उसकी बुर कुंवारी थी तो थोड़ा ही लंड अंदर गया और उसके मुख से ‘आह’ निकल गई.

मैंने वैसे ही रुक कर उसके चेहरे को देखा.
जिस पर एक दर्द का भाव था.
मैं कोई जबरदस्ती नहीं करना चाह रहा था इसलिए मैंने फिर से एक बार फिर उससे इजाजत मांगी.

उसने अपने हाथों को दोनों तरफ करके काउन्टर को पकड़ा और अपने पैरों को मेरी कमर में डाल दिया.
उसके हां कहते ही मैंने भी उसके कन्धों को पकड़ कर लंड उसकी बुर में पेल दिया.
उसकी बुर की सील तोड़ते हुए लंड पूरा अंदर घुसेड़ दिया.

उसके मुख से फिर से ‘आह …हय अम्मी’ निकल गया और आंखों में आंसू आ गए.

मैं वैसे ही रूककर उसकी कुंवारी बुर की गर्मी को अपने लंड से महसूस करने लगा.

फिर कुछ समय बाद उसको पहले की तरह चूमने चाटने लगा.
उसकी आंखों से स्वीकृति मिलने पर लंड आगे पीछे कर ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.
वह भी अब मस्ती से आंह! आंह! कर चुदने लगी.

दोस्तो, मैंने सुन रखा था कि परदे वाली महिलाएं चुदाई के समय बहुत ही गर्म होती हैं.
यह सही था.

नूरजहां ने अपने हाथों और पैरों से मुझे जकड़ रखा था.
मैं भी उसकी बुर में ताबड़तोड़ उसके खून और उसकी बुर के पानी से भीगे लंड को पेल रहा था.

जब भी मैं झड़ने को होता तो मैं अपना लंड बाहर निकालकर उसकी बुर और चूचियों से खेलने लगता.

फिर मैं उसे कांउन्टर से उतार कर खुद कांउन्टर पर लेट गया.
वह मेरे ऊपर आकर खुद अपनी बुर में मेरा लंड लेकर मुझे चोदने लगी.
वह मेरे लंड पे अपनी बुर को रगड़ रगड़ अपना पानी निकाल रही थी.

उसकी बुर के पानी से मेरी जांघें भी भीग गयी.

अब मैं भी आखिरी पड़ाव पर आ गया और मैंने उसे वहीं काउन्टर पर लिया दिया.
उसके पैरों को कन्धों की तरफ मोड़कर मैं लंड को उसकी बुर में डालकर गहराई तक चोदने लगा.

ऐसा करने से मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से टकराने लगा.
हर धक्के पर उसके मुख से आह! निकल जाती.
वह बड़े मजे से आह! ऊह! करके चुद रही थी.

मैं कुछ ही देर में झड़ने के करीब पहुंच गया तो मैंने उससे पूछा कि पानी उसकी चूत के अंदर निकालूं या बाहर?
उसने कहा- आप मेरा पहला प्यार हो और मेरी पहली चुदाई है. इसलिए मैं इस अहसास को जीवन भर महसूस करना चाहती हूं. आप अपने वीर्य को मेरे अंदर ही डाल दें. जब भी कोई मेरी बुर को चोदेगा, उस समय मुझे आप याद आयेंगे और पहले प्यार का अहसास होगा!

मैं भी उसको चोदते चोदते उसके बुर में झड़ गया और अपने वीर्य को उसके बुर की गहराई में डालकर उसके ऊपर लेट गया.

उसके बाद उसने खुद मुझे चोदा और पानी निकाला.

दोस्तो, नूर ही मेरा पहला प्यार थी.
पर अलग समुदाय का होने के कारण मैं उसे चाहकर भी पा न सका!

हम अक्सर मिलकर चोदा- चोदी करने लगे.

कहते हैं कि जब मन के साथ – साथ तन भी मिल जाता है तो प्यार और पक्का हो जाता है.
हम एक दूसरे को जी-जान से चाहने लगे!

लेकिन हमारे प्यार की भनक भाभी को लग गई और उसको जबरन अपने घर भेज दिया.

बाद में पता चला कि यहाँ से जाने के बाद उसका दिमाग डिस्टर्ब हो गया है, उसका इलाज चल रहा था!
मैं चाहकर भी उससे फिर कभी नहीं पाया.

उसको मैं अभी तक नहीं भूल पाया हूँ और एक बार उसको देखना चाहता हूं.

इस पर्दानशीं की चुदाई कहानी को लिखकर आज अपने प्यार को फिर से जीवित कर दिया!
देसी टीन वर्जिन पुसी स्टोरी पर आप अपनी राय मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
धन्यवाद.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top