बीवी की चुदाई गैर मर्द से-3
(Cuckold Sex Stories In Hindi)
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कुकोल्ड सेक्स स्टोरीज इन हिन्दी का पिछला भाग: बीवी की चुदाई गैर मर्द से-3
>अमन बोटल से एक पटियाला पेग बना कर किचन में लाये और मुझे देते हुए बोले- लो. वो अभी अंदर है. तुम यहीं पर पी लो.
मैं समझ रही थी कि बकरा काटने से पहले उसे चारा चराया जा रहा है.<
लेकिन सच बताऊं तो मैं खुद तैयार थी. बस बाहर से बयाँ नहीं कर पा रही थी कि मुझे भी एक बार तो पराये मर्द का सुख लेना है.
मैंने पेग धीरे धीरे पीना शुरू कर दिया.
बाहर अमन और राज दोनों पेग पिये जा रहे थे.
कुछ देर बाद अमन ने मुझे बाहर बुलाया और साथ बैठने को कहा.
हम तीनों साथ बैठे थे. तभी अमन ने एक पेग और बना कर मुझे थमा दिया.
मुझे नशा पहले ही हो चुका था. नशे में शर्माने का कोई मतलब ही नहीं बनता. लिहाजा मैंने भी पेग हाथ में ले सिप सिप कर पीना शुरू कर दिया.
मेरा पेग खत्म ही हुआ था कि अमन ने हल्की आवाज में गाने लगा दिए.
मैं अपना पैग खत्म कर दोनों के लिये खाना लगाने चली गयी. मेरे जाते ही दोनों ने पैग खत्म किया.
और हम सब खाना खाने लगे.
उसके बाद वो दोनों बाहर बैठ कर बातें कर रहे थे. मैंने रसोई साफ की और अंदर कमरे में जाकर नाइटी पहन कर लेट गयी.
मुझे पता ही नहीं चला कि कब आँख लग गयी.
कुछ देर बाद मुझे मेरे बदन पर हाथ महसूस हुआ.
मैं उठी तो मैंने देखा कि राज मेरे पास लेटा हुआ है.
मैंने गुस्से में जोर से कहा- राज ये क्या बदतमीजी है?
"तुम हो ही इतनी सुंदर कि बदतमीजी करने को दिल कर रहा है."
मैं नशे में बोल रही थी- राज, अमन ने देख लिया तो क्या सोचेगा हम दोनों के बारे में?
राज- वो सो गया है. उसे सोने दो. नशे में है बहुत! प्लीज़ नीरू ... कम न!
अब राज को अपने पास पाकर मेरा भी मन बहक रहा था. बहकता भी क्यों नहीं ... एक तो शराब का नशा, ऊपर से राज बिस्तर में था. वो भी पति की मर्ज़ी से!
मैंने न न बहाने बनाते हुए खुद को राज से थोड़ा दूर किया.
राज भी खिलाड़ी था. मेरी जैसी कई महिलाओं को वो पेल चुका था. सच बताऊं तो मैं भी यही चाहती थी कि वो मुझे बेताब कर दे चुदाई के लिए!
उसने एक बार फिर मेरे पास आकर मुझे अपनी बांहों में कस लिया और बिस्तर में जा पटका. उसने मेरे दोनों हाथ मेरी चुन्नी से बाँध दिए और एक हाथ से मेरे बंधे हुए हाथ को पकड़ कर दूसरे हाथ को मेरी चूत के आस पास सहलाने लगा.
पराये मर्द कर हाथ को चूत में पाकर मेरा जोश में कामुक होना लाजमी था. लेकिन मैंने आपने आप को अच्छा दिखाने के लिए राज से कहा- राज, प्लीज़ छोड़ दो. मुझे ऐसा मत करो. ये गलत है.
राज मेरे इन्कार करने के इशारे को समझ रहा था. वो जान चुका था कि मुझे लंड लेने में कोई परेशानी नहीं है. मेरी न में भी हाँ है.
मैं भी दिखावे के लिए नहीं नहीं कर रही थी.
राज ने मेरी नाइटी खोल दी और मेरे जिस्म पर टूट पड़ा. मेरे दोनों हाथ ऊपर थे. मैं चाह के भी कुछ नहीं कर पा रही थी.
मेरे पति के दोस्त ने मुझे नंगी करके मेरे बूब्स पर चुम्बन की बौछार कर दी. मैं बस पेंटी में रह गयी थी.
राज का एक हाथ मेरी चूत पर जा पहुँचा. मैंने कस कर अपनी जाँघों को दबोच लिया ताकि राज मेरी चूत पर न छू सके.
लेकिन राज मेरी पेंटी के अंदर हाथ डाल कर मेरी छोटी छोटी झांटों पर सहलाने लगा. पराये मर्द के स्पर्श से मैं मचल गयी. उसके हाथ धीरे धीरे मेरी चूत की फाँक पर जा पहुँचे. और उसका परिणाम हुआ कि मेरी चूत पनिया गयी, गीली हो गयी.
राज ने उंगली से मेरी चूत को सहलाना चालू रखा. मेरे बर्दाश्त के बाहर हो रहा था. राज ने बड़ी ही चतुराई से उंगली मेरी चूत की फांकों के अंदर कर सहलाना चालू कर दिया.
मैं सी सी सी सी करती जा रही थी. मेरी टांगें खुद ब खुद खुल गयी!
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि किसी गैर मर्द ने मुझे इतना भूखा कर दिया कि मैं राज के आगे खुद ही अपनी टांगें खोल कर राज को चुदने के लिए निमंत्रण देने को आतुर थी.
राज ने धीरे धीरे उंगली को और अंदर करना शुरु कर दिया. मैं अपनी टांगों की पकड़ खो रही थी. उसकी उंगली इस कदर मेरी चूत की फांकों को सहला रही थी. मानो उंगली मुलायम मखमल में रगड़ रहा हो.
मैं बेबस सी उसकी हरकतों में फिसलती जा रही थी. मेरा मन 'न न नहीं' कह रहा था जबकि तन तन वासना की आग में जल रहा था.
राज ने एक उंगली चूत के अंदर डाल दी. मेरी सिसकारी निकल पड़ी- स्शह आह्ह!
उसने उंगली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी. मेरे होंठ चूसते हुए, मेरी चूत में उंगली करते हुए उसका दूसरा हाथ मेरे बूब्स को मसल रहा था.
मैं तीन तरफ से मसली जा रही थी.
अब राज ने मेरी पेंटी निकाल दी और मेरी चूत को सूंघने लगा. मानो शेर अपने शिकार को सूंघ कर उसके गोश्त का अनुमान लगा रहा हो.
मैं बेबस सी उसके नीचे लेट मदहोश हुए जा रही थी. जैसे खुद ब खुद उसका शिकार होना चाहती हूँ.
राज ने मौका पाते ही अपने सारे कपड़े निकाल दिए.
उसका लन्ड देख मेरी आँखें फ़टी रह गयी. मेरे मुँह में डर और मज़ा दोनों एक साथ मेरे सामने था. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इतना बड़ा लन्ड चूत में जायेगा कैसे?
तभी राज ने धीरे से अपना लन्ड मेरे सीने पर रख कर मेरे दोनों स्तनों के बीच रगड़ना शुरू कर दिया.
मेरी बेचैनी और बढ़ गयी थी. उसका लन्ड मेरे सीने पर रेंगते हुए मेरी वासना को और सुलगा रहा था.
तभी वो मेरे सीने पर आकर लन्ड को स्तनों के बीच से होते हुए मेरे गले तक लाने लगा. मैंने उत्सुकतावश उसे देखने के लिये अपने मुँह को नीचे किया. तो उसका लंड मेरे होंठ पर जा टकराया. उसने लंड आगे पीछे रखना जारी रखा.
अगली बार फिर से उसका लन्ड मेरे होंठों पर जा कर रुक गया.
इस बार राज ने लन्ड पीछे न करने की बजाय मेरे मुँह पर ही रोक दिया. मैं समझ गयी थी कि राज लंड चुसवाना चाहता है.
न चाहते हुए भी मैंने ना जाने क्यूँ राज का लन्ड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
राज भी आगे पीछे कर मज़ा ले रहा था.
कुछ देर बाद राज ने लन्ड बाहर निकाल कर मेरी चूत पर रख दिया और मेरे जिस्म से आ लिपटा.
'आह ...' परपुरुष मिलन क्या होता है. यह मैंने तब जाना जब राज मेरे नंगे जिस्म से लिपट कर मुझे चूम रहा था. उसका लन्ड मेरी जाँघों में धंसा हुआ था.
राज के लन्ड के कड़कपन को महसूस करते हुए मैंने अपनी जाँघों को खोल दिया.
राज बस इसी इंतजार में था. उसने चूत पर लन्ड सटाते हुए एक ही झटके में लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया.
मैं बिलबिला उठी. ऐसा लगा मानो किसी में चाकू को चूत में डाल दिया हो!
राज मेरे ऊपर ही पड़ा रहा. वो एक माहिर खिलाड़ी की तरह मेरे स्तनों को चूसता रहा. कुछ देर बाद मुझे भी आनंद के सागर में गोते लगाने का सुख मिलने लगा. एक गैर मर्द के नीचे लेट उसके लिंग का भोग जो कर रही थी मैं!
राज मुझे बिस्तर पर मसल रहा था. उसका लन्ड कुछ इस तरह मेरी चूत में कड़क हो रहा था मानो उसके लन्ड में भी हड्डी निकल आयी हो.
मैं सब कुछ भुला कर हवस की भूखी औरत की भांति उसके लिंग का भोग कर रही थी.
करती भी क्यों नहीं ... कुछ शराब की गर्मी, कुछ पराये मर्द के जिस्म की गर्मी ... दोनों में अंदर और बाहर से मेरे शरीर में आग लगा दी थी!
मुझे ये भी याद न रहा कि राज एक गैर मर्द है जिसके साथ मैं ऐसी मस्ती में चुद रही हूं. इसके साथ साथ मुझे यह भी अनुभव हुआ कि क्यों मर्द शादी के बाद भी अपनी प्रेमिका के साथ सम्भोग करना पसंद करते है. और महिलाएं भी ऐसा क्यों करती हैं.
इसके भी 2 मुख्य कारण ये हैं.
1. दूसरे मर्द या औरत के सम्पर्क में आने से जोश, मजा, रोमांच बढ़ जाता है.
2. दूसरा यह कि एक औरत जो खुलकर मस्त होकर सेक्स अपने प्रेमी से करती है ... वो मस्ती, वो खुलापन पति के साथ नहीं कर पाती. क्योंकि औरतों के अंदर आज भी पति के साथ सेक्स करते वक्त थोड़ी शर्म रहती है.
मेरी बात का यकीन नहीं हो तो मर्द खुद की प्रेमिका और बीवी में दोनों में कौन ज्यादा मज़ा देती है, इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं. मजा देने से मतलब पत्नी और प्रेमिका में सेक्स के समय कौन ज्यादा आवाजें या पोजीशन बदल बदल कर अदा दिखा दिखा कर सेक्स करती है. खुलकर बोलती है. उन्हें सेक्स में क्या करना पसंद है. उस वक्त से है.
अन्यथा न लें मेरी बात को!
और महिलायें खुद को देख लीजिए कि आप कितनी खुली हैं सेक्स में पति के सामने!
आपके मन में कुछ होता भी होगा, कुछ इच्छा आपकी भी होती होगी. जैसे पति आपकी चूत चाटे. या आपको बांध कर सेक्स करे. या इसके अतिरिक्त कुछ भी जो आपको पसंद हो!
लेकिन पति से बोलने में झिझक होती है. कि यदि मैंने अपने पति को ऐसा बोला तो वो ना जाने मेरे बारे में क्या सोचेंगे. यह हम महिलाओं के स्वभाव में ही है.
यही मैं भी महसूस कर रही थी उस वक्त!
मैं राज के साथ बिस्तर में पूरा आनंद उठा रही थी.
राज मेरे पूरे बदन को मसल रहा था. और मैं चाह रही थी कि वो मेरे जिस्म में समा जाए. जो मज़ा अभी मुझे मिल रहा है वो ही आता रहे.
लेकिन कामुकता की अधिकता हमें ले डूबी. मैं निढाल होने लगी मेरी सांसें तेज चल रही थी.
मैं अपनी आँखें खोल राज को देखने की कोशिश कर रही थी. लेकिन सेक्स का नशा मुझे ऐसा करने से रोक रहा था.
अंततः मैंने हार मान ली. मेरी आँखें कब बन्द हुई, मेरी दोनों टांगें कब राज की कमर पर लिपट गयी. मुझे पता न चला.
वो पल आ गया जब मुझे महसूस हुआ कि मेरी चूत से मेरी सारी ताकत निकल रही हो. वो नशा ही इतना मज़ेदार था कि उस वक्त प्राण भी निकल जाए तो मरने का अफसोस न हो.
मेरे स्खलित होते ही मेरा शरीर एकदम ढीला पड़ गया. मेरे पैर राज की कमर से उतर बिस्तर पर इस तरह गिर पड़े जैसे पेड़ से कोई शाखा टूट गयी हो.
मैं बस हांफ रही थी.
राज ने मेरे जिस्म पर अपनी पकड़ मजबूत बना ली. वो तेजी से झटके मारते हुए मेरे अंदर ही झड़ गया.
हम दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए थे.
राज और मैं स्खलित हो गये. तब मुझे अहसास हुआ कि पराये मर्द से भी चुदने का मज़ा ही अलग है. उसमें दर्द भी है, डर भी है और रोमांच भी!
कुछ देर बाद मैंने समय देखा तो 1 बज चुका था. मैंने राज को दूसरे रूम में जाने को कहा. मेरा मन तो नहीं कर रहा था कि उसे जाने दूं. लेकिन मैं चाहती थी अमन को अभी पता न लगे.
राज ने मेरे माथे पर किस किया और चला गया.
यह थी मेरा पहली बार किसी पराये मर्द के साथ सम्भोग की दास्ताँ!
पराये मर्द के साथ सम्भोग के समय मुझे जो महसूस हुआ. मैंने आप सब के आगे रख दिया. आपको कुछ बुरा लगा हो तो माफी!
आगे क्या हुआ कुकोल्ड सेक्स स्टोरीज इन हिन्दी के अगले भाग में!
तब तक के लिए धन्यवाद.
ये कुकोल्ड सेक्स स्टोरीज इन हिन्दी थी मेरी बीवी के शब्दों में! आप मुझे हेंगआउट्स पर मेल और फेसबुक पर भी मेसेज कर सकते हैं.
मेरी मेल आईडी है [email protected]
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