भाभी और उनकी सहेली की चूत गांड चुदाई-2
इस सेक्स कहानी के पिछले भाग
भाभी और उनकी सहेली की चूत गांड चुदाई-1
में अब तक आपने पढ़ा था कि सुबह सुबह संजना भाभी और उनकी सहेली शीना दोनों की चुत मेरे लंड से चुदने के लिए तैयार हो चुकी थी.
अब आगे:
संजना भाभी मेरे होंठों को चूमने लगी और शीना मेरे लौड़े के साथ खेलने लगी. मुझे ना ही मुझे कुछ करने का मौका मिला और ना ही कुछ सोचने का. इसलिए अब मैं उन दोनों का साथ देने लगा और संजना के चूचों को दबाने लगा. साथ ही मैं नीचे से शीना के मुँह को चोदने लगा.
अब मैंने एक पोर्न मूवी का सीन बनाने की सोची. मैंने संजना को खड़े खड़े ही उल्टा कर दिया. पीछे से उसकी चूत में अपना लौड़ा घुसा दिया और शीना के मुँह को खींचकर उसको, हम दोनों के चूत और गांड की जगह पर लेकर आ गया.
अब सीन यह चल रहा था कि मेरा लौड़ा संजना की चूत में था और शीना मेरी गोटियों को चूस रही थी. जैसे ही मैंने अपना पूरा लौड़ा संजना की चूत में घुसाया, तो संजना के मुँह से बहुत तेज कराह निकली. उसकी यह चीख़ इतनी ज्यादा तेज़ थी कि मुझे लगा आज आस-पड़ोस के सभी लोग जमा हो जाएंगे और हम तीनों को ठुकाई करते हुए पकड़ लेंगे. पर मैंने इन सभी चीजों की तरफ ध्यान नहीं दिया और अपना एक हाथ संजना के मम्मों पर रख दिया और दूसरे हाथ से शीना के मुँह को संजना के दाने के ऊपर ले आया.
मैंने शीना से कहा कि चाट मेरी कुतिया. मेरा लौड़ा और संजना का दाना एक ही बार में चाट ले. तब तक हम दोनों ऊपर यहां पर ठुकाई करते हैं और नीचे से अपने तू हाथों को अपनी चूत और गांड के अन्दर ही रखना. मुझे हर वक्त दिखाई देना चाहिए कि तू अपने दोनों छेदों के अन्दर अपने हाथों से उनकी चुदाई कर रही है.
जैसे ही मेरा यह कहना हुआ कि शीना एक गुलाम की तरह मेरी सारी बातें सुनने लगी. उधर संजना के मुँह से जोर जोर से कराह ही निकल रही थी.
संजना के मुँह से बस- आह आह … आह मुझे और चोदो … आह अपना लौड़ा मेरे अन्दर और घुसा दो … हां चार्ली और अन्दर घुसाओ और चोदो. हां डार्लिंग हां और घुसाओ अपना लौड़ा … उफ़ … पूरा घुसा दो … इसीलिए तो मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनना चाहती हूं मेरे राजा. मुझे और चोदो ना … मेरा हर एक छेद तुम्हारा है … जैसे चाहे उसकी धज्जियां उड़ा दो और बस मुझे दम लगा कर चोद दो.
उसका यह सब कहना मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रहा था. मैं अपना लौड़ा पूरी ताकत के साथ संजना के दोनों चूतड़ों के बीच में घुसा रहा था.
वहीं नीचे शीना हम दोनों की चूत और लंड चाट रही थी और साथ ही साथ अपने दोनों छेदों में उंगली भी कर रही थी.
यह मेरी जिंदगी का बहुत ही ज्यादा अच्छा समय था. मैं दो सेक्सी औरतों के बीच नंगा था, दोनों की ठुकाई करने वाला था और वह दोनों मेरा मेरी गुलाम बनकर साथ दे रही थीं. जैसा मैं चाहूं … वो वैसा कर रही थीं.
यह सब सोचते-सोचते पता ही नहीं चला कि मैं कितनी देर तक संजना को चोदता रहा था. फिर जब संजना के पैर कांपने लगे और वह चिल्लाने लगी कि रुक जाओ मेरी जान … थोड़ा सा रुक जाओ. मैं नीचे आ जाती हूं, तब तुम ऊपर आ कर मुझे चोद देना.
मैंने यह सुना, तो संजना को अपनी गोद में उठाया और उसको बेडरूम में ले गया. पीछे पीछे शीना भी आ गई और वह पहले बेड पर बैठ गई.
मैंने संजना को बेड पर पटक दिया और उसकी चूत के ऊपर आकर अपना लौड़ा उसकी चुत में घुसाने लगा.
लंड पेलते समय मैंने शीना से कहा कि तुम संजना के मुँह पर बैठ जाओ.
उसने मेरे कहने के मुताबिक ही किया. मेरा लौड़ा पूरी तरह से संजना की चूत के अन्दर घुस गया था. अब मैं शीना के होंठों को चूस रहा था और संजना नीचे से शीना के चूत की फंकों को चूस रही थी.
इधर मेरे स्ट्रोक्स बार-बार बढ़ते ही जा रहे थे और उधर संजना और शीना दोनों कामुक सिसकारियां लेने में मशगूल थीं. हम तीनों को मिलाकर ऐसी हालत थी कि एकदम त्रिकोण सा बन गया था. एक ऐसा सेक्स त्रिकोण, जो पूरी लाइफ में कभी नहीं टूटने वाला था. बस हमारे रिश्ते में मजा ही मजा आने वाला था.
मुझे संजना की चूत को चोदते हुए लगभग 15-20 मिनट से भी ज्यादा हो गए थे. मैंने संजना को उल्टा लिटाया और उसकी गांड में अपना लौड़ा घुसा दिया. तब तक शीना संजना के नीचे आ गई और अब संजना और शीना दोनों 69 की पोजीशन में आ चुकी थीं.
संजना और शीना दोनों एक दूसरे की चूत को चाट रही थीं और मैंने अपना लौड़ा संजना की गांड में घुसाया हुआ था. मैं से पीछे से जबरदस्त धक्के दे रहा था. यह सब करने में मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और उनकी सिसकारियों से यह भी पता चल रहा था कि उन दोनों को भी मजा आ रहा है.
अब तक संजना शायद 3 बार झड़ चुकी थी. शीना भी शायद दो बार झड़ चुकी थी. उसकी ठुकाई नहीं हो रही थी, इसलिए शायद वह तीसरी बार नहीं झड़ी थी.
अब तक संजना ने जोर से चीखते हुए कहा- मेरी जान … मैं झड़ने वाली हूँ. तुम अपना लौड़ा अब मेरी चूत में पूरा घुसाओ … ताकि मैं अच्छे से झड़ जाऊं.
मैंने ऐसा ही किया. उसके मुँह से ये सुनते ही शीना भी नीचे से बाहर आ गई और वो संजना की गांड के बीच में अपना मुँह डालने लगी.
अब शीना संजना की गांड में अपनी जुबान घुसा रही थी और मैं उसकी चूत में अपना लौड़ा घुसा कर धक्के मार रहा था. शायद मैं भी झड़ने की करीब था.
तभी संजना चिल्लाई और बोलने लगी- आह जान … तुम्हारा लौड़ा मेरे पूरी बच्चेदानी के अन्दर घुस रहा है. मुझे बहुत मजा आ रहा है मेरी जान. गांड में जुबान पूरी घुसा दे कुतिया शीना. रुकना मत … आह तुम रुकना मत. जब तक झड़ ना जाओ, तब तक मुझे चोदो मेरे राजा. अपना हर एक बीज का कतरा मेरी चूत के अन्दर ही डालना. मैं तुम्हारे बच्चे की आज ही मां बनना चाहती हूं. मेरे बाद इस रंडी को मां बनाना.
संजना की इन उत्तेजना भरी बातों से मैं भी अपना आपा खो बैठा और उसको तेज तेज चोदने लगा.
संजना को गालियां देते हुए मैंने कहा- हां मेरी रंडी, तुझे पूरा चोदने के बाद इस साली रंडी शीना को भी चोद दूंगा. तू अगर अपनी मां, अपनी बहन, अपनी सास और अपनी होने वाली बेटी को भी लेकर आएगी, तो तेरे साथ साथ तेरे ही बिस्तर पर तुझे भी नंगी करके उनकी भी गांड और चूत चोद दूंगा. जैसे तुझे अपनी रखैल बनाया है, वैसे वह सारी मेरी रखैल ही रहेंगी.
इस पर गांड उठाते हुए संजना बोली- हां मेरी जान … मैं इन सबको तुमसे चुदवा दूंगी. बस तुम हमेशा मेरे साथ रहना. मुझे कभी छोड़कर मत जाना. जिंदगी भर मुझे अपनी रखैल बना कर रखना.
तभी शीना संजना को गाली देते हुए बोली- मादरचोद रंडी. सब कुछ अकेले अकेले ही खाने के लिए देखती है हरामखोर कुतिया. मैं भी अपने आपको लुटाने यहां पर आई हूं. मैं भी पीछे नहीं हटूँगी. मैं भी अपने पूरे खानदान को इस तगड़े लौड़े से चुदवा दूंगी. तुम बस बताओ मालिक … मेरी चूत के मालिक … तुमको मेरे घर की कौन सी लौंडिया चाहिए … जिसको कहो, मैं उसको तुम्हारे नीचे सुला दूंगी.
ये सब सुनते हुए मेरा लौड़ा पूरा फटने को आ गया था. मैंने शीना के बोबों को कस कर दबाया और उन दोनों से कहा- हां मेरी रंडियों … मैं तो तुम्हारे दोनों के पूरे खानदान की औरतों की लूंगा. अभी तो मैं संजना को एक बच्चा देने के लिए अपना लौड़ा तैयार कर रहा हूं. मेरे लंड से पूरा पानी तेरी चूत के अन्दर घुसने को है. तुझे मुझसे बच्चा चाहिए था ना कुतिया … तो ले अब मेरा बीज तेरे बच्चेदानी के अन्दर … आह पूरी तरह से अन्दर घुसवाले कुतिया … और यहीं बच्चा पैदा कर देना.
इसी के साथ साथ मेरे धक्के और ज्यादा तेज हो गए और मैं पूरी तरह से झड़ने लगा. मेरे तेज़ तेज़ धक्कों की वजह से संजना भी झड़ने के करीब गई.
मैंने संजना से कहा- मेरी रंडी आआहह … आआहह. मैं तो झड़ गया मेरी रानी. आआह्हह.
संजना भी मुझसे कहने लगी- हां मेरे चोदू … मैं भी झड़ रही हूं … हां हां हां आअ श्ह्ह्ह्हह.
संजना झड़ने की वजह से पूरी तरह से कांप रही थी और उसने उत्साहित होकर शीना की चूत को पूरी तरह से चबा दिया … जिस वजह से शीना भी झड़ गई और उसकी भी चीख निकल गयी.
अब मैं पूरा अपना भार देकर संजना के ऊपर गिर गया और शीना मेरे ऊपर गिर गई. अब ना मेरे अन्दर हिम्मत थी कि मैं किसी को चोद दूं या संजना या शीना में किसी में हिम्मत थी कि वह दोनों मेरे लौड़े के साथ खेलें. हम तीनों ही बुरी तरह से झड़ कर थक चुके थे.
इस खेल में मैं एक बार … और पता नहीं संजना और शीना कितनी बार झड़े होंगे.
हम लोगों की चुदाई खत्म होते-होते सुबह के लगभग 11:00 बज चुके थे. पता नहीं इस खेल में और कितना मजा आने वाला था और कितना वक्त जाने वाला था. अभी हम तीनों के पास दो और दिन थे, जिसमें बस हमारे बीच चुदाई ही होने वाली थी और कुछ नहीं.
थोड़ी देर ऐसे ही आराम करने के बाद शीना मेरी पीठ से उठी. वो मुझे मेरे गालों पर किस करते हुए उठी और जाकर फ्रेश होने के लिए बाथरूम में घुस गई.
उसके बाद मैं भी संजना के होंठों को किस करते हुए संजना ने भी इसमें मेरा पूरा साथ दिया. उसने मेरे गले में अपनी बांहें डालकर मुझे बाथरूम में लेकर जाने का इशारा किया … तो मैं उसे अपनी गोद में उठा कर बाथरूम में ले गया.
अब हम तीनों के बीच में ना तो कोई शर्म थी ना है और ना ही पर्दा. शीना ने बाथरूम का दरवाजा वैसे ही खुला ही छोड़ा था और वो वैसे ही नंगी टॉयलेट सीट पर बैठी हुई थी.
जैसे ही हम दोनों अन्दर घुसे शीना, संजना को घूर कर देखने लगी कि जैसे उसकी कोई बहुत ही प्यारी चीज किसी ने चुरा ली हो, जो मैं था. शीना का चेहरा देखकर मुझे भी ऐसा लगा कि मैं थोड़ी उस पर नाइंसाफी कर रहा हूं. इसलिए मैंने संजना को अपनी खुद से नीचे उतारा और सीधे से जाकर शीना के होंठों को चूसने लगा. इससे वह भी खुश हो गई और मेरा पूरा साथ देने लगी.
इसी बीच संजना ने पीछे से जाकर शॉवर चालू कर दिया और उसका हैंडल मोड़ कर हम दोनों के ऊपर पानी की बौछारें करने लगी. पानी की फुहारें, जो हम दोनों के ऊपर गिर रही थीं, उसमें ही संजना ने आग में तेल डालने जैसा काम किया था.
संजना ने पीछे से मुझे कसके पकड़ लिया और मेरे सोए हुए लौड़े को अपने हाथों में लेकर मसलने लगी. संजना के नरम नरम और सेक्सी दूध में मेरी पीठ को घिस रहे थे.
उसी वक्त शीना ने नीचे झुककर मेरा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी. इन दोनों गर्म औरतों की प्यास बुझाने के लिए मुझे बहुत मशक्कत उठानी पड़ रही थी. दोनों भी मुझे थोड़ा देर आराम करने का भी मौका नहीं देना चाहती थीं, बस अपनी खुजली मिटाना चाहती थीं.
मैं भी जवान मर्द हूँ दोस्तो. जब दो गर्म औरतें मेरे लौड़े के साथ खेल रही हों, तो मैं भी कितनी देर तक अपने आपको बर्दाश्त कर सकता हूं.
फिर मैंने अब संजना को नीचे झुका कर उसको घुटनों के बल बैठने के लिए कहा और उसका सर ले जाकर अपनी गांड के ऊपर रख दिया, जिससे वह मेरी गांड चाट सके. संजना भी मेरे इशारे को समझ गई और नीचे झुककर अपनी जुबान से मेरी गांड चाटने लगी. वो मेरी गांड को चाटते चाटते मेरे गोटियों के साथ भी खेल रही थी और उनको बारी-बारी से चाट रही थी.
उधर शीना भी मेरा लौड़ा पूरी तरह से अपने गले तक ले जाकर चूस रही थी जैसे मुझे दिखा रही हो कि वह आज इसको थोड़ा सा भी अपने से अलग नहीं करेगी और पूरा का पूरा खा जाएगी.
इस वक्त मेरे तो दोनों तरफ से मजे ही मजे थे. अब सिसकारियां मेरे मुँह से छूट रही थी और पूरे बाथरूम में बस शावर के टिप टिप की … और इन दोनों के मुँह से आने वाली आवाज ही सुनाई दे रही थी.
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कहानी जारी है.
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