मेरा चौथा आशिक जालिम निकला
(BDSM Long Sex Ki Kahani)
BDSM लॉन्ग सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मेरे चौथे आशिक ने अपना एक चोदू गुलाम मेरी चूत की धज्जियां उड़ाने के लिए भेजा. उसने मेरे साथ क्या क्या किया?
मेरे प्यारे मित्रो,
आपने मेरी कहानी
मेरे तीन आशिक
पढ़ी, पसंद की, अपने विचार मुझे मेल किए, इसके लिए धन्यवाद.
अब BDSM लॉन्ग सेक्स की कहानी में पढ़ें कि उसके बाद मेरा एक आशिक और हुआ.
मेरा चौथा आशिक बहुत ही अजीब निकला.
वो मुझे टिंडर से मिला.
मिला क्या, हम कभी मिले ही नहीं … पर उसने बिना मिले ही मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया।
आप भी सोच रहे होंगे कि कैसे?
मेरा यह आशिक एक गुप्त नौकरी में था, एक साउथ अफ्रीकन गोरा, उसका नाम पीटर था, इस कारण से वो मुझे कभी मिलने नहीं आया.
पर मैंने उसे अपने शारीरिक इच्छाएं व्यक्त की थी जैसे कि थ्रीसम, ककओल्ड, स्वैप और सेक्स पार्टीज।
उसने कहा कि वो ऐसे नहीं देख सकता मेरी प्यास को! और वह मेरी इस प्यास को बुझाने के लिए वो कुछ प्रबंध करेगा।
वो और मैं एक कृत्रिम सम्बंध में थे जहां मैं उसकी सेक्स स्लेव थी और वो मेरा मालिक!
मैं बिना उसकी इच्छा के किसी मर्द से नहीं मिल सकती थी और सिर्फ वही मेरी जिस्म की भूख का इंतजाम करने का जिम्मेदार था, एक मालिक की तरह!
वो मुझे रह रह के पूछता कि अगर मैं उसके साथ उसके देश गई तो मुझे उसके सभी दोस्तों के साथ सोना होगा, उसके बॉस को खुश करना होगा ताकि उसकी तरक्की हो सके।
मैं एक अच्छी नौकर की तरह उसको हर इच्छा को सर माथे रखती।
ये सब ऑनलाइन करीब 6 महीने चला।
एक दिन उसने मुझे एक एड्रेस दिया और कहा- दफ्तर से छुट्टी लो और घर पे कहो कि शहर से तीन दिन के लिए बाहर जा रही हो दफ्तर के काम से। इस तारीख को इस होटल में चेक इन कर लेना।
मैंने उससे पूछा कि क्या वो मेरी भूख मिटाने आने वाला है?
उसने कहा- इस तारीख को तुम्हारी चुदाई होगी और एक अच्छी नौकर की तरह हर बात मानने के लिए तैयार रहना, वरना तुम्हें तकलीफ भी हो सकती है और मैं दस लंड से चुदवा के तुम्हें सजा दूँगा।
मैंने डर से हर बात के लिए हामी भरी।
वो और मैं लगातार मैसेज पर बात कर रहे थे.
उसने कहा- दरवाजा बिना लॉक किए स्कर्ट और लो कट टॉप जो अलमारी में रखा है वो पहन लो और आंखों पर पट्टी बांध कर कमरे के फर्श पर एक नौकर की तरह सिर झुका कर बैठ जाओ, तुम्हारा तोहफा जल्द ही तुम तक पहुंचेगा।
कुछ देर बाद कोई कमरे में घुसा, उसने अपनी पैंट खोली और मेरे मुंह में अपना लोड़ा दे दिया।
मैं एक अच्छी बांदी की तरह अपने मालिक की इच्छा को पूरा करने लगी।
चुसाई के बाद उसने अपना पानी मेरे लो कट टी शर्ट से झांकते मेरे चूचों पर गिरा दिया।
तब उसने मुझे खड़ा किया और बाथरूम ले गया, जहां उसने अपना लोड़ा पकड़वा के मूता और मेरी चूचियां साफ़ की।
मैं अभी भी उसे देख नहीं पाई थी.
फिर मुझे कुछ फोटो खींचने की आवाज आई।
मैंने उसे फोटो खींचने से मना किया, उसने शसश्ह … कहके मुझे चुप करा दिया और मुझे किस करने लगा.
फिर किस करते करते फोटो खींचने की आवाज आई।
उसने मेरे हाथ बांध दिए, मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरी चूचियां दबाने लगा.
अब तक उसने मुझसे कोई बात नहीं की थी।
उसने मेरे चूचे जमकर चूसे जैसे आज ही उनमें से दूध निकलेगा।
मैंने कुछ बोलना चाहा तो उसने मुझे चमाट जड़ दिया और फिर शसश्ह … कहा।
उसने मेरी टांगें खोली और चूत के होंठ अलग किए, उस पर थूका और वहां भी चमाट जड़ दिए चार पांच छः … जाने कितने!
मैं गिनते गिनते थक गई थी पर ये रोमांच मज़ा भी दे रहा था, डर भी लग रहा था।
फिर उसने अपनी बेल्ट मेरे गले में बांध दी और मुझे कुतिया की तरह कमरे में घुमाया, अपने पैर से मेरे चूचे हिलाए, चूत में पैर की उंगलियों से उंगली की.
इसके बाद मेरी बेल्ट खींचते हुए मुझे चूसने का इशारा देते हुए लोड़े पे मुंह रख दिया.
और मैं फिर एक अच्छी कुतिया की तेरह उसका लंड चूसने लगी।
जब उसका लंड तन के फिर से खड़ा हो गया उसने मुझे बेल्ट से खींच के बेड पे कुतिया बनाया और एक झटके में मोटा लोड़ा अंदर डाल दिया।
उसने मुझे 40 मिनट तक रगड़ के चोदा, इतना पेला कि मैं चुद कर थक गई।
उसका तब भी नहीं छूटा।
उसने पहली चुदाई के बाद मेरी आंखों की पट्टी हटा दी।
वो पीटर नहीं, एक भारतीय था.
मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरे साथ धोखा हुआ।
जिसने मुझे चोदा, उसने अपना नाम सलीम बताया, सलीम पीटर को पिछली नौकरी से जनता था.
उसने कहा कि वो भी पीटर का सेक्स स्लेव है और पीटर के कहने पर मुझे दो दिन लगातार चोदने आया है।
और उसने कहा कि पीटर की इच्छा थी कि मैं हमारी फोटो खींच उसे भेजूं, इसीलिए बिना इजाजत फोटो लेने के लिए वो शर्मिंदा है।
उसने कहा कि पीटर चाहता है कि तुम्हें सिर्फ सेक्स डॉल से ज्यादा ना समझा जाए. इसलिए जब भी तुम उत्तेजित भाव में बोलोगी तो तुम्हें चमाट पड़ेगा. वो चाहता है कि तुम्हें महसूस कराया जाए की पीटर से शादी के बाद तुम्हारी क्या हालत होने वाली है, क्या तुम इसे झेलने को तैयार हो?
हम पीटर की बात कर ही रहे थे कि पीटर का कॉल आ गया और सलीम ने फोन स्पीकर पर किया.
पीटर अपने चिरपरिचित अंग्रेजी एक्सेंट में बोला- कैसा लगा चुद कर मेरी जान? मज़ा आया? दो दिन के लिए तुम इसकी रण्डी हो, समझो कि ये मेरा दोस्त है और तुम्हें इसे खुश करना है। और अगर तुम इसे खुश नहीं कर पाई, तो मेरे तुम्हारे रिश्ते का यहीं अंत हो जायेगा, हम कभी नहीं मिलेंगे।
अब मेरा ऑनलाइन रिलेशन खतरे में था, छः माह में मैं पीटर को अपना दिल दे बैठी थी, मैं किसी भी तरह उस से मिलना चाहती थी, अब चाहे उसके लिए मुझे किसी के साथ भी सोना पड़े।
मैंने हामी भर दी और सलीम को पीटर ने कहा कि उसे हर चुदाई की वीडियो चाहिए और उसे देखना है कि उसकी बांदी कैसे चुदती है।
उसने सलीम को साफ साफ कहा कि मुझे कुतिया का पोजीशन पसंद है इसलिए मुझे सिर्फ कुतिया बना कर ही चोदे।
फोन रखते ही सलीम बोला- मैं तुम्हें चोदते वक्त सलीम नहीं हूं, तुम्हारे मालिक का एक गुलाम हूं, और मुझे अपने मालिक की हर इच्छा पूरी करनी है, क्या तुम्हें करनी है?
मैंने हां में सर हिलाया।
मेरी हां पाते ही सलीम ने मुझे बालों से पकड़ा और मुझे बाथरूम ले गया, जहां उसने मुझ पर मूता।
उसने कहा- अब तुम मेरी कुतिया बनी हो! मेरी जागीर!
और बालों से घसीटते हुए मुझे वापिस कमरे तक लाया और सोफे पे दीवार की तरफ मुंह रख के बिठाया जिससे मेरी मोटी गांड उभर के खिड़की से आती रोशनी से उनके आंखों के सामने चमकने लगी।
उसने बिना रुके मेरी गांड पर तमाचो को बौछार कर दी; उसने कहा- औरत का जिस्म जब तक लाल न हो तब तक उसे मजा नहीं आता।
मेरी लाल गांड की फोटो खींच उसने पीटर को भेज दी।
फिर उसने उसकी उभरी गांड पर चुम्बन भी दिए और बोला- इस गांड के जाने कितने दीवाने होंगे, पर ये मेरी है।
मैंने तुरंत हिचकते हुए कहा- मैंने और पीटर ने एक वादा किया है एक दूसरे से … कि वो मेरी गांड की सील सुहागरात वाले रात तोड़ेगा, शादी की पहली रात!
उत्तेजित भाव में बात करना मना है, मैं भूल गई थी.
सलीम ने तुरंत मेरे बालों से मुझे खींचा और चेहरे पर चार चमाट जड़ दिए।
जब सलीम ने मुझे खींचा तो देखा कि चूचे लाल नहीं रहे, अब पिछली चुसाई का असर खत्म हो चला है, तो उसने चार चमाट चूचों पर भी जड़ दिए।
तमाचों से चूचे कहां इतने लाल होने वाले थे, उसने मुझे बालों से खींच के सोफ़ा पे सीधा लेटा दिया और मुझ पे चढ़ गया, अपने दोनों हाथों से मेरी चूचियां दबोच कर वो मेरी चूचियां चूसने खसोटने लगा, अपने दांतों के निशान बनाने लगा।
कुछ देर में ही मेरी चूचियां लाल नीली हो गई.
उसने उनकी फोटो भी खींच के पीटर को भेज दी।
पीटर का निर्देश था कि मुझे नशे में धुत्त करना है इसलिए सलीम बीयर की बोतल लाया था, उसने मुझे वो पिलाई.
सलीम का लोड़ा फिर से खड़ा होने लगा क्योंकि वो अब तक सिर्फ एक बार झड़ा था.
उसे निर्देश थे कि वो सिर्फ तीन बार ही झड़ सकता है इन दो दिन में।
और उसे अपना सारा ध्यान मुझे झड़वाने पे लगाना है।
सलीम ने बीयर की खाली बोतल का मुहाना मेरी चूत में डाल दिया और उसे डिल्डो की तरह अंदर बाहर करने लगा।
उसने मेरी गांड में उंगली घुसा दी.
उसे निर्देश थे कि वो मेरी गांड नहीं मार सकता क्योंकि वो सिर्फ और सिर्फ पीटर ही मार सकता है।
चूत में बोतल घुसा के उसने फिर तस्वीर ली और पीटर को भेज दी।
उस बीयर की बोतल ने मुझे 2 बार झाड़ा.
सलीम और किसी के भी लंड से ज्यादा मजा मुझे उस बीयर की बोतल ने दिया.
मेरा बस चलता तो मर्द की जगह हमेशा के लिए मैं बीयर की बोतल को अपना आशिक बना लेती।
खैर, वो तो सिर्फ पहला दिन था, रात भर सलीम ने मेरी चूत चोदी और रात के 3 बजे वो मेरी चूत में कंडोम के साथ झड़ गया।
मैं पहले दिन की चुदाई से उबर नहीं पाई थी कि दूसरा दिन मेरे सामने था.
सुबह छः बजे सलीम का लोड़ा फिर सलामी देने लगा.
मैं पिछले दिन की थकी हारी, पूरा दिन और रात 3 बजे तक चुदी, नींद में थी।
सलीम में नींद में मेरी टांगें चौड़ी की और मिशनरी आसन में मुझ पर चढ़ गया और चोदने लगा।
वो मेरा नंगा कामुक जिस्म देखकर भूल गया कि मुझे सिर्फ कुतिया बना के चोदना है।
उसने मालिक की इच्छा को दरकिनार किया और मेरे चूचे दबोच के मुझे जबर्दस्त धक्कों के साथ फचक फच्च फाचक फच की गीली आवाज़ों के साथ चोदम चुदाई करने लगा।
उसका वजन इतना नहीं था कि मैं उसे धकेल ना सकूं … पर मेरा थका जिस्म मेरा साथ नहीं दे रहा था।
सलीम पीटर की इच्छा के विरुद्ध मुझे बहुत देर तक चोदता रहा.
जब वो झंडने को था तो उसने अपना लोड़ा बाहर निकाल लिया.
शायद उसे याद आ गया था कि उसे सिर्फ तीन बार झड़ने की इजाजत है।
लोड़ा बाहर निकाल वो मुझपर लेट गया, उसका खड़ा लंड अब भी मेरी गीली चूत पे आसपास झूल रहा था, कभी भी अंदर घुस सकता था।
उसने मुझे एक बेहद लंबा चुम्बन दिया जो काफी देर तक चला.
और फिर चूमते चूमते उसने धक्का मरा और लोड़ा फिर अंदर चला गया।
दीवार पे लगी घड़ी में, सुबह के साढ़े आठ बज रहे थे और ये भूखा सांड मेरी चूत में था.
मैं भी तब तक मूड में आ चुकी थी।
मुझे सलीम से बचने का एक बढ़िया मौका नजर आया।
अगर मैं सलीम को झाड़ दूं तो वो पूरा दिन कुछ नहीं कर पायेगा और मेरी जान छूट जायेगी.
सोचते हुए मैंने सलीम की गांड पकड़ ली और नीचे से धक्के देते हुए सलीम की गांड को अपनी ओर खींच कर एक लय में चुदने लगी.
सलीम और मैं जिस्मानी रिश्तों के बंधनों से दूर, एक दूसरे में समाए हुए दो घंटे से चोदे जा रहे हैं एक दूसरे को!
तब तक मैं नहीं जानती थी कि सलीम का अपने वीर्य पर कितना कंट्रोल है. मैं सोचती थी कि लड़की चाहे तो किसी भी मर्द का पानी निकाल दे.
सलीम के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ।
सुबह के साढ़े नौ बज गए चुदाई चुदाई में, पर सलीम अभी भी लगा हुआ था और झड़ने की कोई संभावना नहीं थी।
थक हारकर मैं सलीम को बोली- थोड़ा ब्रेक ले लें, भूख लग रही है।
हमने कपड़े पहने और खाने होटल के रेस्तराँ में चले गए.
मेरी हालत बहुत खराब थी, नाश्ते के साथ पीटर का फोन भी आ गया।
“कैसी चुदाई चल रही है मेरी रांड की?” पीटर ने अंग्रेजी में पूछा.
सलीम बोला- हम अभी 3 घंटे चुदाई करके नाश्ता करने आए हैं मालिक! आपकी इच्छा अनुसार इसकी नींद में चुदाई की सुबह सुबह!
यह सुन पीटर हंसने लगा और बोला- ये खड़ी होने लायक नहीं रहनी चाहिए आज शाम तक! इसकी उतनी चुदाई करो!
“जी मालिक!” बोलकर सलीम ने फोन रख दिया।
पीटर ने मुझसे बात तक नहीं की, पूछा तक नहीं कि मैं कैसी हूं, क्या कोई प्यार करने का दावा करने वाला ऐसा कर सकता है?
मेरे मन में कई तरह के सवाल उठने लगे।
खैर आज दूसरा और आखिरी दिन था, इसके बाद मैं कभी सलीम से नहीं मिलने वाली थी,.
ये मैंने कल ही तय कर लिया था, ऐसे जानवर और राक्षस के साथ कौन सेक्स करेगा।
सलीम ने इशारों में कहा- जल्दी खाना खत्म करो, मेरा लोड़ा अब भी खड़ा है और मुझे कहा गया है कि खड़ा लोड़ा औरत के अंदर हो तो ज्यादा बेहतर रहता है।
मैंने जल्दी खाना खाया और हम वापिस कमरे में आ गए.
चादर मेरे चूत के पानी से अब भी गीली थी.
सलीम ने कहा- देखा मेरा सुबह का कमाल, चादर भी शर्मा गई तुम्हारी जबरदस्त चुदाई देख के!
ये कह कर उसने मेरी गांड पकड़ के मुझे अपनी ओर खींचा और पीटर ने जो स्कर्ट और टी शर्ट दी थी, वो फाड़ डाली।
सलीम बोला- तुम्हें कपड़े पहनने की इजाजत नहीं है. और अब अगर तुमने सुबह तक कपड़े पहने तो सभी का यही हाल होगा।
सलीम ने कहा- मुझे तुम्हारी गांड मारने को मना किया गया है पर उसमें बोतल डालने को नहीं. चल छिनाल कुतिया बन!
उसने गुस्से से कहा.
मैं रोने लगी, मुझे डर लग रहा था.
उसने मुझे प्यार से चुप कराया और बोला- बस तुम्हें डरा रहा था जानेमन. कुतिया बन पीटर को वीडियो भेजनी है हमारी जबरदस्त चुदाई की!
मैंने हिम्मत की ओर जमीन पर कुतिया बन गई.
उसने आव देखा न ताव … मेरी गांड में बोतल घुसा दी.
मैं दर्द से चीख उठी, उसने मेरी चीख अपने हाथों से दबा दी।
कुछ देर बाद मुझे गांड में बोतल लेते हुए मजा आने लगा.
अब सलीम ने मेरी चूत में अपना लोड़ा डाल दिया और मुझे दोनों छेदों में एक साथ चोदने लगा।
मैं कराह भी रही थी और मजे भी ले रही थी.
अजीब सा था वो सब … कुछ देर बाद जब सलीम झड़ने को हुआ तो उसने लोड़ा वापिस बाहर निकाल लिया, वो झड़ना नहीं चाहता था।
वो मेरी गांड बोतल से मारता रहा, वो चाहता था कि मैं गर्म रहूं. वो मेरी क्लिट सहलाने लगा और देखते ही देखते मैं ऐसा झड़ी कि मेरे रस की फुहार मेरी जांघों से बहने लगी।
ये देख सलीम को अहसास हुआ कि मैं स्क्विर्ट squirt करती हूं, और कल से लेकर आज तक, वो अब तक जान नहीं पाया था।
उसने मेरी चूत तो नहीं चाटी पर मेरी गीली जांघों से गिरते रस को सूंघते हुए एक तस्वीर जरूर ली।
अब सलीम का बदन भी चोदते चोदते थकने लगा था।
वो थोड़ी देर सोना चाहता था ताकि रात भर मुझे चोद सके।
उसके नींद में होने के कारण मुझे एक तरकीब सूझी, क्यों ना मैं इसका लोड़ा चूस चूस के झाड़ दूं।
यह सोचते ही मैंने सलीम का लोड़ा अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी।
उसका लोड़ा धीरे धीरे मेरे मुंह में बड़ा होने लगा, वो अभी भी गहरी नींद में सोया था।
मैंने उसके लोड़े को चूसना जारी रखा, कभी मैं उसके लोड़े के टोपे पर अपनी जीभ फिराती, कभी उसकी लंबाई अपने गालों के बीच समेट कर लोलीपॉप को तरह चूसती।
उसकी लुल्ली का लोड़ा बनते देख मुझे भी अपने आप पर गर्व होने लगा कि मैं जिसका चाहे उस भोसड़ी के का लोड़ा खड़ा कर चुद सकती हूं!
मैंने सोचा कि क्यों न लोड़ा गले तक ले जाकर निकाला जाए, उससे मर्दों को काफी मज़ा आता है.
और मुझे सलीम को मज़ा ही तो दिलाना था ताकि वो जल्द से जल्द झड़ जाए।
पर मेरी फूटी किस्मत … गले तक डालते ही उसकी नींद टूट गई.
उसने मेरे सिर पे हाथ रखा और पूरा अपने लंड पे दबा दिया।
मेरी सांसें रुकने को ही थी कि उसने मेरे बाल खींच के मेरा सिर ऊपर उठाया- बहन की लोड़ी, मुझे झाड़ने की हिम्मत नहीं है तुझमें! बहुत रंडियां चोदी है तेरे जैसी! रोज टांगें खोल के पड़ी रहती हैं मेरे सामने! थूकता भी नहीं मैं उन पर! पर तेरी किस्मत अच्छी है जो तू दो दिन के लिए मेरी है. मैं अगर पीटर होता तो तेरे एक रात के पांच लाख मांगता. पर उसने तुझे मुझे मुफ्त में दे दिया. वो नहीं जानता वो क्या खो रहा है. तुझ जैसा गर्म माल उसे अपने देश में भी नहीं मिलेगा. और तू तो अपनी गांड भी उससे मरवाना चाहती है, बहुत किस्मत वाला है साला!
यह बोल के उसने मेरे मुंह पे दो तीन चमाट जड़ दिए और मुझे पागलों की तरह चूमने लगा; मेरे निपल्लों को खींचकर मरोड़ने लगा.
मुझे दर्द हो रहा था पर उसे मुझे दर्द देने में मजा आ रहा था।
मैने कुछ बोलने की हिम्मत नहीं की वरना मुझे और तमाचे मारता हरामी।
उसने मेरी दोनों टांगें बिस्तर के कोनों से बांध दी.
उस समय घड़ी में शाम के चार बज रहे थे, उसने कहा- अब तो तुझे मेरा लंड भी शांत नहीं कर पायेगा. तूने अंदर बीयर की बोतल जो ली थी, अब तो तुझे मेरा लोड़ा भी छोटा लगेगा।
यह बोलकर उसने अपना पूरा हाथ मेरी योनि में डाल दिया और फिस्टिंग करने लगा.
मुझे सच में बहुत मज़ा आ रहा था, इतने सालो के बाद मैं रज के चुद रही थी, जैसे मैं एक बाजारू, बिकाऊ औरत बन गई सलीम की।
काफी फिस्टिंग के बाद सलीम रुका और उसने 69 पोजीशन ली.
अब उसका लोड़ा मेरा मुंह चोदने लगा और वो मेरी चूत में बीयर की बोतल घुसाने लगा.
उसने मेरी चूत से बीयर की बोतल निकाल गांड में डाल दी और चूत पे तमाचे मारने लगा, बोला- तेरी चूत गुलाबी आज लाल होकर जायेगी।
मुझे याद भी नहीं उस रात उसने मेरी चूत में क्या क्या डाला … खीरा, शैंपू की बोतल, लौकी!
उसने कहा कि अगली बार वो मेरे लिए चार डिल्डो लायेगा, मेरे हर छेद में डिल्डो डालकर मुझे तड़पता हुआ देखेगा।
मैं चुद चुद के थक हार के जाने कब सोई मुझे नहीं पता!
पर वो सुबह मेरे उठने पर मैंने देखा कि वो मुझे चोद रहा था, मेरी चूत में लौकी और गांड में करेला था.
शायद वो इस दौरान झड़ चुका था, इसी कारण उसका लंड मेरे आसपास कहीं नहीं था.
मैंने मन ही मन कसम खाई कि ये पीटर के चक्कर में दोबारा नहीं पड़ूंगी, नहीं मिलता तो न मिले।
उस दिन मैं घर नहीं गई, मेरी चलने की हालत नहीं थी.
मैंने एक कमरा लिया और बेहोशों की तरह, गांजा फूंके नशेड़ी की तरह से गई.
अगले दिन दोपहर में मैं उठी, चेक आऊट किया और घर को लौट गई.
तीन दिन तक मैं घर पर बीमार रही, मेरी टांगों में बहुत ज्यादा खिंचाव आ चुका था, कमर में, गर्दन में दर्द, जबड़ा भी चूस चूस के दर्द कर रहा था, खाना भी नहीं खाया जा रहा था.
वो सलीम नहीं जानवर था, भगवान किसी को ऐसा BDSM लॉन्ग सेक्स का आदमखोर न बनाए!
आप भी ये सब पढ़ कर सोच रहे होंगे कि अब शायद हमारी चिट्ठी से हमारी किस्मत खुल जाए, शायद हमें भी इस काम की देवी के दर्शन हों और चोदने का मौका मिले!
कुछ कह नहीं सकते … आज भी मुझे कभी कभी बद से बदतर चुदने के खयाल आते हैं.
पर चौथे आशिक के कारनामों के कारण मैं अब ज्यादा रिस्क नहीं लेती।
मुझे किसी के साथ रात बिताए ढाई साल हो चुके हैं, और अब लोड़ा लेने का मन नहीं करता!
मैंने घर में तीन बीयर की खाली बोतल जो रखी हैं, उनसे काम बढ़िया चल रहा है, किसी नौसिखिए आशिक से तो ये बोतल बेहतर है, दिल तो नहीं तोड़ती!
अब इजाजत लेती हूँ अगली कहानी तक!
BDSM लॉन्ग सेक्स की कहानी आपको कुछ अलग तो जरूर लगी होगी. मैं हूँ ही ऐसी … कुछ अलग सी!
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