प्यासी मामी की चूत चुदाई कर प्यास बुझाई- 2
(Xxx Family Porn Kahani)
Xxx फॅमिली पोर्न कहानी में मैंने अपनी जवान मामी की चूत मारी. मामा उनको नहीं चोदते थे तो मामी की चुत लंड मांग रही थी. मुझे शादीशुदा औरते पसंद हैं तो …
दोस्तो, मैं अजय अपनी मामी की प्यास बुझाने वाली चुदाई की कहानी में आपका स्वागत करता हूँ.
कहानी के पहले भाग
मामा की बेरुखी से मामी प्यासी रह गयी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं मामी के बुलाने पर उनके कमरे में आ गया था और उनके ही कहने पर मैंने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया था.
अब आगे Xxx फॅमिली पोर्न कहानी:
यह माहौल रोज की तरह नहीं था. अजीब सी शांति थी. मन में कुछ था और हम दोनों कुछ और कहना चाह रहे थे.
टिंकू गहरी नींद में सो रहा था.
हम दोनों ने थोड़ी देर बातें की.
फिर मैं थोड़ी देर लेटने के लिए सामने सोफे पर लेट गया.
हम दोनों के अन्दर बहुत कुछ चल रहा था, पर कह नहीं पा रहे थे.
वो अपने बेड पर लेटी थीं और मेरी तरफ मुँह करके मुझे देख रही थीं.
मैं सोफे पर लेटा था और उनकी तरफ मुँह करके उन्हें देख रहा था.
हमारे बीच थोड़ी सी बातें हुईं, उसी अवस्था में.
एक ने जवानी के दहलीज पर कदम रखा था और एक जवानी के चरम पर थी.
हम दोनों एक ही कमरे में थे और वो हसीन रात हम दोनों को सुलगा रही थी.
वो मुझे प्यासी निगाहों से देख रही थीं और मैं भी उन्हें ही देख रहा था.
ऐसे ही वक़्त बीत रहा था.
ये तो साफ हो गया था कि इस कमरे में मेरे आने की वजह कुछ और है.
वो अंगड़ाइयां ले रही थी और प्यार की भूखी थीं.
उनके अन्दर महीनों से आग लगी हुई थी और मेरे अन्दर भी चिंगारी ने आग का रूप ले लिया था.
अगले ही पल मामी ने अंगड़ाई के बहाने से अपना पल्लू गिरा दिया जिससे उनके नुकीले चूचे उभर कर दिखने लगे थे.
वो अपने जोबन मुझे ही दिखा रही थीं और मैं भी उन्हें ही देखे जा रहा था.
थोड़ी देर बाद पल्लू पेट से भी सरक कर नीचे हो गया था और उनका पूरा पेट मुझे दिख रहा था.
मामी के दूध उनके गहरे गले वाले चुस्त ब्लाउज से बाहर आने को मचल रहे थे.
वो अभी भी मुझे वासना से देख रही थीं.
ये सब एक तरह से मेरे लिए निमंत्रण था कि आओ और मार लो मेरी.
मामी को ऐसा करते देख कर आग को और हवा देने के लिए मैंने उनके सामने अपनी शॉर्ट्स में हाथ डाल दिया और अपने लंड को सहलाने लगा.
वो ये सब देख रही थीं और वो भी तेज सासें ले कर अपनी चूचियों को उभार रही थीं.
अगले ही पल उन्होंने अपना पैर घुटने से मोड़ कर ऊपर कर लिया, जिससे कि उनकी साड़ी और पेटीकोट नीचे सरक आयी.
आह क्या बताऊं दोस्तो, उनकी नंगी और चिकनी जांघें देख कर तो मेरा होश उड़ गया, जिससे मेरे लंड में गजब का तनाव आ गया.
सब कुछ साफ था.
वो नंगी होकर मेरे साथ सोना चाहती थीं और उन्हें आज कोई नहीं रोक सकता था.
अब बहुत हो चुका था.
उन्होंने दर्द भरी धीमी मदहोश आवाज में कहा- मुझे मत तड़पाओ अज्जू, अब आ भी जाओ न!
उनके इतना कहने के बाद मैं उठ गया और उनकी तरफ बढ़ गया.
उन्होंने टिंकू को दूसरे बेड पर लिटा दिया. यह उनके बेड से सटा था.
अपने बेड पर मामी ने मेरे लिए खुद को परोस दिया.
मैं जैसे ही बेड पर आया, हम दोनों ने एक दूसरे को कसके झपट लिया.
बहुत कस के झपटा था हम दोनों ने एक दूसरे को, कस के गले लगाया और बेड पर गोल गोल घूमने लगे.
वो मुझे चूमने चाटने लगीं, जगह जगह मुझे काटने और नाख़ून से नौंचने सी लगीं.
मैंने उनका ऐसा रूप कभी नहीं देखा था.
वो पागल सी हो गयी थीं.
उन्होंने मुझे अपने पैरों से जकड़ कर बांध सा लिया था और मुझे हर जगह चाटने लगी थीं.
मैंने उनके दोनों हाथों को कसके बेड पर दबा दिया और उनको थोड़ा रोक कर चूमना शुरू कर दिया.
उनके कान, गर्दन, हर जगह चूमा.
उनसे भी रहा नहीं जा रहा था.
उन्होंने मुझसे कहा- अज्जू मेरे कपड़े उतारो.
मैंने उनकी साड़ी खोली और पेटीकोट को खोला तो देखा उन्होंने पैंटी नहीं पहनी थी.
फिर ब्लाउज के खोलते ही उनके दूध हिलने डुलने लगे, अन्दर ब्रा नहीं थी.
मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए.
उनकी चूत पर थोड़ी झांटें थीं और बुर तो चिपचिपी हो गयी थी.
मैं ऊपर की ओर गया और उनके दोनों हाथ बेड से लगा कर उनके ऊपर चढ़ गया.
अब मैं उनके एक दूध को पीने लगा, उनके निप्पल को चूस कर नुकीला कर दिया.
फिर निप्पल को जीभ से धीरे धीरे सहलाया, तो वो पागल हो गईं.
उनका शरीर वासना की आग में जल रहा था, उनकी मादक आहें निकल रही थीं- ऊह उन्ह उँहा अई अहह!
मैंने भी उनको कई जगह लव बाईट दिए.
वो बार बार मेरी चड्डी में हाथ डाल रही थीं और मेरी गांड में उंगली कर रही थीं.
मामी ने मेरी चड्डी नीचे की ओर खींच कर उतार देना चाहती थीं.
मैं उठा और बोला- लो अब उतारो.
उन्होंने सरका दी.
मेरा हथौड़े जैसा कड़क लौड़ा एकदम से चड्डी से बाहर निकला.
वो लंड देख कर दंग रह गईं.
मेरे लौड़े पर हरी नसें एकदम फूल चुकी थीं.
मामी का मुँह खुल चुका था और उन्होंने लपक कर मेरा लंड अपने करीब ले लिया.
वो लंड हिलाने लगीं.
शायद वो मुँह में लेने ही वाली थीं.
मैंने कहा- अभी नहीं.
फिर मैंने टी-शर्ट उतारी.
उन्होंने मेरी कसी हुई बॉडी देखी और मुझे छुआ.
मेरे सीने को सहलाया, मेरा पेट ऐसे छुआ जैसे किसी मर्द को वो पहली बार छू रही हों.
फिर उन्होंने खुद को उठा कर मेरे निप्पल पर अपने मुँह को लगा दिया.
मैं सिहर उठा और मामी ने अपने होंठों से मेरे निप्पल को दबा कर चूसा.
मेरी आहें निकलने लगीं.
अब हम दोनों वासना से तप रहे थे.
वो सीधी लेट गईं और अपनी टांगें फैला दीं.
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और अपना लंड उनकी गीली बुर पर सहलाने लगा जिससे उनकी मादक सिसकारियां निकलने लगीं.
उन्होंने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और अपनी बुर में घुसा लिया.
मैंने भी दाब दे दी और लंड सरक कर अन्दर चला गया.
मैं धीरे धीरे उनकी बुर में लंड को पेलने लगा और उनके दूध को चूसने लगा.
मामी को मजा आने लगा था. वो मेरी गांड पकड़ कर मुझे अपनी चूत में खींच रही थीं.
मैं धक्के मारने लगा.
मामी की चूत गीली हो चुकी थी, इस वजह से छप छप की आवाज गूंजने लगी.
वो तेज आवाज में कराह रही थीं और मेरे बदन को अपने जिस्म से रगड़ रही थीं.
जब मैं उन्हें पेल रहा था तो वो मेरी गांड को जोर जोर से दबा कर ‘हूँ आंह …’ कर रही थी.
ताकि मैं और अन्दर तक उनको पेलूं.
अब मैं भी जानवरों की तरह उनको पेलने लगा था.
कुछ देर बाद मैंने लंड चूत से खींचा तो मामी के चेहरे पर गुस्सा सा झलकने लगा था.
मैंने उनकी टांग पर हाथ मारा और उन्हें कुतिया बनने का इशारा किया.
वो खुश हो गईं और झट से आसन बदल लिया.
डॉगी बना कर मैंने उनकी चूत में लंड पेला और गदीली गांड पर बहुत तमाचे मारे, उनकी गांड को खूब नौचा.
उन्होंने जरा भी नानुकुर नहीं की.
उनकी गोल मटोल गांड लाल हो चुकी थी.
मैं उनके बालों को खींच कर लंड को अन्दर तक पेले जा रहा था- हुंह हुंह हुंह हां हां हां हां आह मादरचोद … ले लंड खा साली.
मेरे मुँह से गाली सुनते ही वो झड़ गई और आह आह करने लगीं.
ये वो दूसरी बार झड़ी थीं.
अब मेरी बारी थी.
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उनके पेट और चूचों पर अपने लंड का पानी निचोड़ दिया.
हम दोनों थक चुके थे.
मैंने मामी को बांहों में लिया और कम्बल ओढ़ कर अन्दर उनको चूमने लगा.
वो भी मुझे चूमने लगीं.
हम दोनों एक दूसरे की जीभ चूसने लगे, खूब चाटा और काटा भी.
मामी ने अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख दी.
मैं उनकी गांड में उंगली डालने लगा.
ऐसे ही हम दोनों किस करते रहे और एक दूसरे की गांड में उंगली करते रहे.
कुछ देर बाद एक बार फिर से चुदाई हुई और हम दोनों सो गए.
भोर हो गयी.
हमारी नींद खुली हम दोनों नंगे एक दूसरे से लिपटे हुए थे, एकदम लॉक थे.
मेरा लंड खड़ा हो चुका था मगर अब अगर पेला पेली करते तो देर हो जाती.
इसलिए मैं नंगा ही उठा और अपने कपड़े लेकर कमरे में चला गया.
मैं उधर सिर्फ चड्डी पहन कर सो गया.
सुबह हो चुकी थी.
अब 9 बज रहे थे.
मामी नहा धो चुकी थीं. उनके चेहरे पर अलग सी संतुष्टि वाली चहक थी.
सब काम खुश होकर रही थीं. बहुत अच्छा दिन था.
मैं नीचे आया, उनको देखा.
उन्होंने मुझे देख कर बहुत प्यारी सी स्माइल दी.
मैं नहाने चला गया.
फिर नाश्ता के लिए आया और टीवी देखने लगा.
बड़े मामा भी टीवी देख रहे थे.
वो आईं, उन्होंने प्लेट रखी और मुझे अपनी चूचियों के दर्शन कराए.
उनकी चूचियों की दरार मुझे दिखी, वो जानबूझ कर हिला कर दिखाने लगीं और कातिलाना स्माइल दे दी.
Xxx फॅमिली पोर्न के बाद अब हमारे बीच कुछ छुपा नहीं था.
हमने नंगे रह कर रात गुजारी थी.
दोपहर हो गयी.
नाना नानी बड़े मामा सब खेत पर गए थे.
अब मुझे मामी और कोई नहीं रोक सकता था.
बड़ी मामी नीचे सो रही थीं. उनकी बेटी की शादी हो गयी थी. छोटे मामा शहर में चक्कर चला रहे थे और यहां मैं अपनी छोटी मामी को पेलूंगा और वो मेरे लौड़े से चूत पिलवाएंगी.
अब दिन हो या रात, मैं उनके पास ही रहता था.
दोपहर में मैं उनके कमरे में चला जाता था.
टिंकू कुछ देर खेलता था और सो जाता था.
उसके सोते ही मैं और मामी एक दूसरे का चूमने लगते थे.
मैं उनके दूध मसलता था, उन्हें चूमता था.
वो मेरा लंड हिलाती थीं और चूसती थीं.
हम दोनों दोपहर में उनके कमरे में तरह तरह के खेल खेलते थे.
कपड़े उतारते थे एक दूसरे की मालिश करते थे, तेल लगाते थे.
कभी कभी मैं सीढ़ियों पर ही उनको गोद में बिठा कर उनको किस करता था और उनका ब्लाउज़ उठा कर उनका दूध पीता था.
हम दोनों को कोई शर्म हया नहीं थी.
जब वो नहाती थीं तो मैं भी बाथरूम में चला जाता था.
सब लोग खाना खाते, मैं किचन में कुछ लेने के बहाने जाता और वहां उनके दूध दबा देता और उनकी साड़ी पेटीकोट उठा कर उनकी चूत में उंगली डाल देता.
छुप छुप कर ऐसी हरकतें करने में हमें मजा आने लगा था.
किसी को पता नहीं था कि हम दोनों क्या क्या करते हैं.
जब कभी सब लोग साथ बैठे हों और लाइट चली जाती थी, तो अंधेरे में हम दोनों किस करने लगते थे और एक दूसरे को छूते थे.
बहुत मस्ती होती थी.
रात में हमेशा मैं उनके कमरे में चला जाता था.
उधर अलग अलग पोजीशन में हम दोनों पेला-पेली करते थे.
सबके सोने के बाद नंगे घर में घूमते, फिर कहीं भी लग जाते और खूब सेक्स करते.
कभी कभी छत पर जा कर नंगे लेट कर तारों को देखते और वहीं चुदाई का मजा करए लगते थे.
जब सब लोग शाम में घर आए होते और उस वक्त कभी कभी हम दोनों खेत घूमने निकल जाते थे.
घूमने के बहाने वहीं खेत में फसलों के बीच हम लोग किस करते और खड़े खड़े सेक्स भी कर लेते थे.
ये सब बहुत ही रोमांचक हुआ करता था.
अब वो मेरे से प्यार करने लगी हैं. मामा घर आएं या नहीं, उनको घंटा फर्क नहीं पड़ता.
कुछ हफ्ते ऐसा ही चला.
अब मैं घर आ गया हूँ.
जब मैं घर वापस आ रहा था, वो बहुत रोई थीं.
आने के पहले वाली रात में हमने कई बार सेक्स किया, रात भर Xxx फॅमिली पोर्न का खेल चला.
न वो ही सोईं और न ही मुझे सोने दिया.
मामी ने रात भर मुझे बांहों में पकड़ कर रखा. मेरा लंड चूसा, हिलाया और बहुत रोई थीं.
उन्होंने मुझसे हर हफ्ते किसी न किसी बहाने आने को कहा था.
मैं जाता भी हूँ और हम खूब सेक्स करते हैं.
टिंकू का बर्थडे भी आने वाला है और मामा भी आएंगे.
मगर मामी ने कहा है कि वो रात में मेरे साथ ही सोएंगी और पेलवायेंगी.
अब उन्हें मामा से कोई दिक्कत नहीं है. जहां उन्हें अपना चक्कर चलाना हो, चलाएं.
दोस्तो, मैं आपसे अगली सेक्स कहानी में मिलूंगा, जिसमें मामा के रहते मैंने मामी को कैसे चोदा. उनके साथ नंगा सोया, चूची चूस कर मजा लिया.
मेरी Xxx फॅमिली पोर्न कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं.
तब तक के लिए नमस्कार.
What did you think of this story??
Comments