बुआ ने खेत में मेरा लंड पकड़ लिया
(Village Xxx Chudai Story)
विलेज Xxx चुदाई स्टोरी में मेरी बुआ मुझे अपने साथ खेत में ले गयी. वहां फसल में घुस कर उसने मेरा लंड पकड़ लिया. उसके बाद हम दोनों ने सरसों के खेत में चुदाई की.
हैलो दोस्तो, मेरा नाम मीत है और मेरी उम्र 30 साल की है.
मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ.
मेरी हाइट पांच फीट छह इंच है. लंड भी नॉर्मल ही है.
मैं दिखने में काफ़ी हैंडसम हूँ.
मैंने अब तक बहुत सी महिलाओं से सेक्स किया है.
अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक भी हूँ, तो बार बार मन में ख्याल आता रहा कि मैं अपनी जिंदगी की कुछ सच्ची घटनाओं को यहां लिख कर आपको बताऊं.
आज साहस करके आपके सामने अपने एक अनुभव को रख रहा हूँ.
आशा करता हूँ कि आपको मेरी विलेज Xxx चुदाई स्टोरी पसंद आएगी.
पहली बार घर की चूत के दर्शन, हां दोस्तो, ये पहला मौका था, जब मैंने अपनी बुआ की चूत देखी थी.
मेरे दादा जी तीन भाई हैं. मेरे सबसे छोटे दादाजी की सबसे छोटी बेटी यानि मेरी बुआ का नाम कमलेश है लेकिन घर में सब उनको काली कहते है.
काली मेरे से सिर्फ़ एक साल बड़ी थीं.
उस समय उन पर नया नया यौवन आया था.
हमारा परिवार खेतों के मध्य बने मकानों में रहता है इसलिए सबके मकान पास पास ही बने हुए हैं.
हमारे परिवार का मुख्य काम खेती बाड़ी था इसलिए ज़्यादातर समय सब खेतों में ही लगे रहते थे.
हम लोग चूंकि हरियाणा से हैं तो दूध घी के लिए पशु भी रखते हैं.
मेरी कोई बहन नहीं है इसलिए मम्मी के काम में हाथ बंटाने के लिए पशुओं का चारा मुझे ही खेत से लाना पड़ता था.
इसलिए परिवार की चाची, ताई, भाबी और काली बुआ सब लोग जब चारा लाने जातीं, तो मैं भी उनके साथ ही जाता था.
जमीन का बंटवारा हुआ तो सब अपने अपने खेतों से अलग अलग चारा लाने जाने लगे.
परिवार में सबसे कम जमीन हमारे पास थी क्योंकि हम तीन भाई थे इसलिए मुझे दूसरों के खेतों से चारा लाना पड़ता था.
एक दिन बुआ मेरी मम्मी से बोलीं- मीत को हमारे खेत में भेज दिया करो चारा लाने मेरे साथ, कुछ मैं भी कटवा दिया करूँगी.
क्योंकि उनके पास जमीन ज़्यादा थी इसलिए बिना देखभाल के ही उनके खेतों में हरा चारा ज्यादा ही उग आता था.
ये बात मम्मी ने मुझसे कहा तो मैं स्कूल से आते ही बुआ के घर चला गया.
मैं बुआ से बोला कि चलो चारा लेने चलें.
उस टाइम सर्दी थी और खेतों में सरसों की फसल खड़ी थी.
बुआ ने अपनी मां यानि मेरी छोटी दादी से चलने को कहा.
तो वे बोलीं कि आज तो तेरे साथ मीत जा रहा है, तो क्यों मुझे परेशान कर रही है. तुम दोनों ही चले जाओ.
बुआ और मैंने अपनी अपनी दरांती, चारा बांधने का कपड़ा लिया और चल दिए.
थोड़ी देर तो हम दोनों सरसों की मेड़ पर ही चारा काटते रहे.
फिर बुआ बोलीं- थोड़े सरसों के पत्ते भी तोड़ लेते हैं, नीचे से हरे हरे हैं तो जल्दी चारा हो जाएगा.
सरसों के पत्ते तोड़ते हुए मैं थोड़ा सरसों की खड़ी फसल के अन्दर चला गया.
पीछे से बुआ भी आ गईं और बोलीं- सरसों के पत्तों की वजह से चारा जल्दी ही हो गया, चलो थोड़ी देर खेलते हैं. फिर घर चलेंगे.
मैंने कहा- बुआ जी खेत में क्या खेलेंगे यहां तो खेलने के लिए कुछ भी नहीं है.
इस पर बुआ बोलीं- छुपम छुपाई खेलते हैं लेकिन ज्यादा दूर मत जाना.
मैंने कहा- ठीक है, आप अपनी आंखें बंद करो.
उन्होंने अपनी आंखें बंद कर लीं और मैं सरसों में छुपने चला गया.
छुप कर मैंने आवाज दी कि बुआ जी खोजो मुझे!
बुआ जी मुझे ढूंढती हुई आईं.
मैंने अपने ऊपर काफ़ी सरसों के झाड़ झुका लिए थे लेकिन उन्होंने मुझे खोज लिया और सरसों में हाथ डालकर सीधा हाथ मेरे लंड के पास लगाया.
वे बोलीं- ले खोज लिया.
मैं बाहर आ गया और बुआ जी छुपने चली गईं.
छुपने के बाद बुआ जी ने मुझे आवाज दी तो मैं उन्हें खोजते हुए सरसों में अन्दर गया.
थोड़ी देर में मुझे बुआ जी सरसों में लेटी हुई दिखाई दीं.
जब मैं उनके पास पहुंचा तो देखा की बुआ जी आंखें बंद करके लेटी हुई हैं और उन्होंने अपनी एक चूची बाहर निकाल रखी है.
पहली बार किसी लड़की की चूची देखी थी तो लंड खड़ा हो गया.
मैंने डरते डरते हुए बुआ से कहा- बुआ मैंने आपको खोज लिया है, अब खड़ी हो जाओ.
लेकिन जब उन्होंने आंखें ही नहीं खोलीं.
तो मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनके पैर को पकड़ कर हिलाया और कहा- बुआ जी अब आप की बारी है, मैं छुपूंगा!
लेकिन बुआ ने फिर भी आंखें नहीं खोलीं.
फिर मैंने डरते हुए उनकी चूची को छुआ और उनसे उठने को बोला.
तभी उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी चूची पर ज़ोर से दबा दिया.
मैं डर गया और उनसे अपना हाथ छुड़वा कर खड़ा हो गया.
फिर बुआ ने आंखें खोलीं और बोलीं- मुझे खड़ा तो कर!
मैंने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया.
उन्होंने एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ा और दूसरे हाथ से मेरा पजामा पकड़ कर खड़ा होने लगीं, तो मेरा पजामा और अंडरवियर दोनों एक साथ ही निकल गए और खड़ा लंड बुआ के मुँह के सामने सलामी देने लगा.
बुआ ने मुस्करा कर मेरी तरफ देखा और मेरे लंड पर हल्की सी किस करके खड़ी हो गईं.
वे मुझे छुपने की बोल कर अपनी बारी देने चली गईं.
बुआ के जाते ही जहां बुआ लेटी हुई थीं, मैं वहीं लेट गया.
मेरा लंड पहले ही बाहर खड़ा था.
मैंने अपनी आंखें बंद की, इतनी देर में बुआ की दस तक गिनती खत्म हुई और वे बोलीं- मैं आ रही हूँ.
बुआ सीधी आईं और बिना बोले आते ही मेरा लंड हाथ में ले लिया.
थोड़ी देर हाथ से खेलने के बाद बुआ ने लंड को मुँह में ले लिया.
जैसे ही लंड मुँह में गया, मेरी आंखें अपने आप खुल गईं और मेरे मुँह से अहह की आवाज निकल गई.
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद बुआ बोलीं- चल अब तेरी बारी.
मैं खड़ा हुआ और मुँह फेर कर आंखें बंद करके दस तक गिनती गिन कर वापिस मुड़ कर बोला कि आ रहा हूँ.
जैसे ही मैं घूमा तो देखा कि बुआ मेरी जगह आंखें बंद करके लेटी हुई हैं और उनकी सलवार पैंटी सहित घुटनों से नीचे है.
ये नज़ारा देखते ही मेरे शरीर में झुरझुरी सी मच गई.
मैं नीचे बैठ गया और उनकी चूत को देखने लगा.
उनकी चूत पर हल्के हल्के से रोंए थे.
मैंने उनकी चूत पर हाथ रखा और बोला- बुआजी मैंने आपको देख लिया, अब खड़ी हो जाओ.
उन्होंने अपनी चूत पर मेरा हाथ दबा दिया और मेरा कॉलर पकड़ कर चूत पर मेरा मुँह लगा दिया.
मैं उनका इशारा समझ गया और अनमने मन से मैं उनकी चूत चाटने लगा.
जैसे ही मेरी जीभ उनकी चुत के दाने को टच करती, तो वे सिहर जातीं.
वे अपनी आंखें बंद करके अपने दोनों हाथों से अपनी चुत के होंठों को चौड़ा करके चटा रही थीं.
फिर बुआ एकदम से बोलीं कि अपना लंड मेरे मुँह में दो और चूत भी चाटते रहो.
हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए.
मेरे से पहले वे झड़ गईं और फिर थोड़ी देर में मेरा भी हो गया.
अब वे उठ कर बोलीं- अब जल्दी से कपड़े पहन कर घर चलो, नहीं तो घरवाले परेशान होंगे. हम दोनों अपना अपना चारा लेकर घर चले गए.
अब यह मामला हम दोनों को ही अन्दर तक मजा दे गया था तो अगले दिन भी हम दोनों चारा काटने चले गए.
उधर जाते ही चारा काटने की दरांती और कपड़ा एक तरफ रख कर हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए और एक दूसरे को नंगा करने में लग गए.
दोनों एक दूसरे के लंड चुत को चाटने लगे.
लंड तो पहले से ही खड़ा था तो जैसे ही चिकना हुआ, मैं बुआ के ऊपर चढ़ गया.
मैंने बुआ की चुत में लंड सैट किया और पेल दिया.
बुआ की चुत कुंवारी थी तो फट गई और बुआ चिल्लाने लगीं.
मगर मैंने उनके मुँह पर हाथ रखा और चुदाई करने लगा.
कुछ देर बाद बुआ भी विलेज Xxx चुदाई का मजा लेने लगीं.
अब मैंने उनकी चूचियों को बारी बारी से चूसते हुए चुदाई का मजा लेना शुरू कर दिया.
बुआ कहने लगीं कि साला घर का माल किसी दूसरे की चुत में जाए, यह कैसे बर्दाश्त कर लूँ!
मैं समझ गया और बुआ को चोदते हुए बोला- और किस किस से बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि घर का माल घर में ही टपके .. सबको एक एक करके ले आना. मैं सबकी फाड़ दूंगा.
बुआ हंसने लगीं और हम दोनों के बीच बात चलने लगी कि मैंने कैसे पड़ोस वाली काली बुआ की सहेली मीना की ले ली थी और उसने काली बुआ के सामने मुँह खोल दिया था कि मेरा लंड देर तक मजा देता है.
उस दिन मैंने बुआ को बीस मिनट तक रगड़ा और उसके बाद चारा काट कर घर आ गए.
अब हम दोनों मजे से चुदाई का खेल खेलने लगे थे.
इसके बाद क्या हुआ, वह सेक्स कहानी अगले भाग में लिखूंगा.
ईमेल करके जरूर बताएं कि विलेज Xxx चुदाई स्टोरी कैसी लगी.
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