सोनी मौसी की चूत चुदाई-4

(Soni Mausi Ki Chut Chudai-4)

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अब तक आपने पढ़ा..

मैंने कहा- तब तो अपने 20 साल शादी के बाद भी सेक्स का असली मज़ा लिया ही नहीं.. खैर अब आराम से मज़ा लीजिए..
वो सिसकारियाँ लेने लगीं और अब वो पूरी तरह से तैयार होती जा रही थीं, उनके मुँह से आवाज निकल रही थी ‘आआ.. आआ.. आहह.. आशीष.. ओह आशीष.. पूरा पानी पी जाओ बेटा..’ वो ये बहुत ही कामुकता से बोल रही थीं।

मेरे इस काम से वो इतनी उत्तेजित हो गई थीं कि दस मिनट बाद वो झड़ गईं और मैंने उनका पूरा पानी पी लिया। जब उनके रस की अंतिम बूँद निकल रही थीं.. तो मैंने उनका पानी अपने मुँह में लेकर उन्हें मुँह खोलने को कहा और उनके मुँह में उनकी ही चूत का माल उगल दिया.. और कहा- मौसी अपना पानी तुम भी तो टेस्ट करो..
जिसे वो बड़े मजे से पी गईं.. उन्होंने कहा- बड़ा मज़ा आया..

तो मैंने कहा- लेकिन मेरा लंड तो अभी भी खड़ा है..

अब आगे..

अब वो हाथ से मेरा लंड पकड़ कर तेज़ी से मुठ्ठ मारने लगीं तो मैंने कहा- बस करो.. नहीं तो मैं झड़ जाऊँगा।

यह कह कर मैंने उन्हें लिटा दिया और मैं उनके ऊपर आ गया। मैंने लंड को उनकी बुर के मुहाने पर रख कर बिना पूछे ही एक जोरदार धक्का लगा दिया.. मेरे इस अचानक के धक्के से वो चीख पड़ीं- धीरे करो बेटा.. दर्द होता है..
तो मैंने कहा- क्यों.. आप तो चुदती रहती हो ना..?

इस पर उन्होंने कहा- लेकिन तेरे मौसा का लंड केवल 4 इंच का है.. और तेरा 6 इंच का है.. और तेरा लंड मोटा भी है.. मुझे मोटे और लंबे लंड की आदत नहीं है।
मैंने कहा- ठीक है.. फिर धीरे चोदता हूँ।

यह कह कर मैंने और जोरदार धक्का मारा तो मेरा 6 इंच का लंड.. पूरा उनकी चूत की जड़ में चला गया।
वो बहुत जोर से चीख पड़ीं- आआआहह.. आशीष.. तूने मेरी चूत फाड़ दी साले.. ऊऊऊओहह.. क्या कर दिया तूने.. ओहह.. ओहह..

मैंने फिर से लंड को सुपारे तक बाहर निकाला और फिर एक जोरदार धक्का दे दिया और इस तरह से मैं उन्हें चोदता रहा और वो चीखती रही।

फिर मैंने कहा- अब मैं लेट जाता हूँ.. और आप मेरे लंड पर बैठ कर ऊपर-नीचे करो..
तब वो वैसे ही करने लगीं।

फिर काफ़ी देर के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने उनसे पूछा- मैं झड़ने वाला हूँ.. कहाँ गिराऊँ?
सोनी मौसी ने कहा- बेटा मेरी चूत में ही डाल दो और मैं भी बस आ ही रही हूँ..
करीब 5 मिनट के बाद मैं और मेरी मौसी दोनों झड़ गए।

झड़ने के बाद मैं वैसे ही पड़ा रहा.. दो मिनट के बाद मेरा लंड छोटा होकर खुद ही बाहर आ गया और हम दोनों वैसे ही नंगे लेटे रहे।
फिर 5 मिनट के बाद मैंने फिर से अपना हाथ मौसी की चूचियों पर रख कर उन्हें सहलाने लगा.. तो उन्होंने मेरा हाथ हटा दिया।

मैंने फिर रखा.. तो उन्होंने फिर मेरा हाथ हटा दिया.. लेकिन जब मैंने फिर से हाथ रखा.. तो वो कुछ नहीं बोलीं और चुपचाप लेटी रहीं।
तब मैं एक हाथ से एक दूध को दबाने लगा.. और दूसरे को मुँह में लेकर चूसने लगा।

मौसी आँख बंद करके लेटी थीं.. करीब दस मिनट के बाद हम दोनों उठे और बाथरूम जाकर.. फिर से नहाने लगे। दोनों ने एक-दूसरे को साबुन लगाया और मालिश करने लगे। फिर हम नहा कर नंगे ही कमरे में आ गए।

मैंने उनसे कहा- मैं आपको कपड़े पहनाता हूँ.. और वो मुझे कपड़े पहना दें।
मैंने उन्हें पैन्टी.. ब्रा और सूट पहना दिया। उनके होंठों पर लिपिस्टिक भी लगा दी..
इसके बाद जब वो मुझे अंडरवियर पहनाने लगीं.. तो मेरा लंड फिर से खड़ा होकर उन्हें सलामी देने लगा लेकिन किसी तरह से दोनों ने कंट्रोल करके कपड़े पहन लिए और तैयार हो गए।

चुदाई करते-करते भूख भी लग आई थी और थक भी गया था। जब मैंने घड़ी पर नज़र डाली.. तो 2 बज चुके थे। अब हम दोनों ने एक साथ खाना खाया और फिर बिस्तर पर आ गए।

करीब 5 मिनट लेटने के बाद मैंने मौसी को अपनी ओर घुमाया और उनके गाल पर चुम्बन करने लगा और उनके मम्मों सहलाने लगा।
फिर मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चुम्बन करने लगा। मैं उनका होंठ चूस रहा था और वो मेरा..
फिर कुछ देर बाद मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और कुछ देर बाद उन्होंने मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी।
अब हम बहुत ही सनसनाहट वाली चूमा-चाटी करने लगे।

हमने करीब आधे घंटे तक चूमा-चाटी की, फिर मैंने कहा- मौसी रात को चुदवाओगी ना?
तो वो कहने लगीं- अगर मौसा हुए तो नहीं करवाऊँगी।
मैंने कहा- कुछ भी बहाना करके नीचे आ जाना..
तो उन्होंने कहा- ठीक है कोशिश करूँगी..

इसके बाद मैंने मौसी की पूरे दम से चुदाई की और झड़ने के बाद मैं सो गया। मौसी वहाँ से चली गईं।

फिर मैं सोकर 3.30 बजे उठा और अनु को लाने चला गया और उसे लेकर 4.30 बजे मैं घर आया।

अभी तक सब नॉर्मल था.. अनु का एक्जाम भी खत्म हो चुके थे।

इसलिए वो भी आराम के मूड में थी और एंजाय कर रही थी। मैं जब अनु को लाने गया था.. तो मैंने एक डब्बा ‘कोहिनूर एक्सट्रा टाइम’ वाला कंडोम का ले लिया था। यह सेफ्टी के लिए आवश्यक था।

फिर जब रात हुई.. तो हम सब सो गए। मैं नीचे सोया था.. मौसा-मौसी ऊपर और अनु कमरे में सो रही थी।

करीब एक घंटे बाद मुझे कुछ हल्की सिसकारियाँ सुनाई दे रही थीं.. क्योंकि मौसाजी मौसी को चोद रहे थे। इससे मेरी नींद खुल गई.. करीब आधा घंटे बाद जब उनकी चुदाई रुकी.. तो मौसी ने कपड़े ठीक करने के बाद मौसा से कहा- अब हो गया ना.. मुझे बहुत गर्मी लग रही है और मैं फर्श पर सोने नीचे जा रही हूँ।
कह कर वो नीचे मेरे बगल में आकर लेट गईं।

अब सब सोने लगे.. करीब 5 मिनट के बाद मेरा हाथ मौसी के शरीर पर रेंगने लगा और मैंने उनकी नाईटी ऊपर तक उठा दी और उनकी चूची चूसने और दबाने लगा।

आधा घंटे बाद मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल दी और आगे-पीछे करने लगा। अभी कुछ पल पहले ही चुदने के कारण मौसी की चूत गीली थी और वो झड़ने का नाम भी नहीं ले रही थीं.. तभी उन्होंने भी मेरा लंड पकड़ लिया और धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करने लगी।

आधा घंटे के बाद मैं झड़ गया.. पर मौसी को झड़ाने में मुझे पूरा एक घंटा लगा.. फिर हम सो गए।

सुबह मैं 8 बजे सो कर उठा.. तो मैंने सुना कि मौसा जी को ऑफिस के काम से एक हफ्ते के लिए मधुबनी जाना है। मेरी नानी का घर भी वहीं है.. तभी अनु भी जाने को ज़िद करने लगी।

अब तय हुआ कि मौसा जी के साथ अनु भी जाएगी और अनु का एक्जाम हो चुके थे.. इसलिए मौसा जी ने वहाँ दस दिन का प्रोग्राम बना लिया.. क्योंकि वो ऑफिस के टूर पर जा रहे थे.. इसलिए कोई तनाव नहीं था और उसी शाम का रिज़र्वेशन हो गया।
मौसी मेरे कारण नहीं जा सकीं.. क्योंकि मेरे एक्जाम 15 दिन बाद शुरू होने वाले थे।

मैंने जब उन लोगों के जाने की बात सुनी तो मैं अन्दर से बहुत खुश था और उन लोगों के जाने का इंतजार करने लगा।

आख़िर वो घड़ी आ ही गई और मैं और मौसी दोनों उन लोगों को छोड़ने स्टेशन गए और ट्रेन निकल जाने के बाद जब मैं मौसी के साथ बाइक से लौट रहा था तो मैंने मौसी से कहा- अब दस दिन तक हमारी रोज सुहागरात होगी.. और अब आप थोड़ा सट कर बैठ जाओ न!

तो वे अपनी चूचियां मेरी पीठ से चिपका कर बैठ गईं। तभी मैंने मार्केट में एक जगह बाइक रोकी और मौसी से कहा- दो मिनट में आता हूँ।

फिर मैं मौसी को वहीं छोड़ कर.. जाकर 2 पैकेट सिगरेट और एक बॉटल वाइन की ले आया।
मौसी ने कहा- बैग में क्या लाया है?
तो मैंने कहा- घर चलकर देख लेना।

रास्ते में मैंने ढेर सारे फूल और सजावट का सामान लिया.. एक दुकान में मौसी के साथ गया और सेल्समैन से कहा- स्टाइलिश पैन्टी.. ब्रा और नाइट हाफ सूट दिखाओ..
मौसी मेरा मुँह देखने लगीं.. मैंने उनका हाथ पकड़ कर दबा दिया और फिर हमने 6 पैन्टी.. ब्रा और 2 नाइट सूट खरीदे।
मौसी ने कहा- इन सबका क्या करोगे?
तो मैंने कहा- सब घर चल कर पता चल जाएगा..

मेरी इस कामरस से भरपूर कहानी को लेकर आपके मन में जो भी विचार आ रहे हों.. प्लीज़ ईमेल करके जरूर बताइएगा।
कहानी जारी है।
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