शरीफ चाची को अपना लंड दिखा कर चोदा-3
(Sharif Chachi Ko Apna Lund Dikha Kar Choda Part-3)
प्रिय दोस्तो, आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
शरीफ चाची को अपना लंड दिखा कर चोदा-2
में पढ़ा था कि मैंने कैसे मेरी शरीफ दिखने वाली चाची की चुत चोद दी और उन्हें अपनी जुगाड़ बना लिया.
दोस्तो, आप लोगों ने मुझे प्यार और सम्मान दिया है, उसके लिए मैं आप सबका बहुत आभारी हूँ. मुझे बहुत सी महिलाओं के भी ईमेल आए, बहुत सी महिलाओं ने मुझे मिलने को बोला और उनको मेरी स्टोरी बहुत पसंद आयी. मैं आप सबका तहेदिल से धन्यवाद करता हूँ.
मैं आशा करता हूँ कि आप लोगों का प्यार मेरे साथ ऐसे ही बना रहेगा. मैं भी कोशिश करूंगा कि आप लोगों के लिए इससे भी अच्छी व सच्ची सेक्स कहानी लिखता रहूं.
जैसा कि आपने मेरी पहली स्टोरी में पढ़ा था कि कैसे मैंने अपनी शरीफ चाची को चोद कर अपना दीवाना बना लिया था.
मैं और चाची अपनी पहली चुदाई करने के बाद बिस्तर पर नंगे ही पड़े हुए थे और एक दूसरे के अंगों से खेल रहे थे. मैं एक हाथ से चाची के चुचे सहला रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चुत को सहला रहा था. मैं अपनी बीच वाली उंगली से उनकी चुत का दाना छेड़ रहा था.
ऐसा करते हुए मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया था जिसे चाची देख भी रही थीं और मुस्करा भी रही थीं. साथ ही साथ लंड सहलाते हुए चाची कामुक सिसकारियां भर रही थीं.
चाची बोलीं- मेरी जान इतनी जानदार चुदाई से तेरा मन नहीं भरा क्या, जो तेरा ये मूसल फिर से खड़ा हो गया है?
मैंने कहा- मेरी चाची जान, आपका ये सेक्सी बदन है ही इतना लाजवाब कि मेरा दिल ही नहीं भरता.
उन्होंने कहा- जान, दिल तो मेरा भी नहीं भरा है, तेरा ये मूसल मेरे दिल को ही इतना भा गया है कि बस मेरा दिल अब इससे ही बार बार चुदने का करता है. पर क्या करूं मेरे ठोकू मियां … मैं थक गयी हूँ, मुझे थोड़ा आराम तो कर लेने दे.
मैंने कहा- चाची यार ऐसा ना कहो, अभी तो मैं शुरू हुआ हूँ और आप रुकने का नाम ले रही हो. आप मुझे बहुत मुश्किल से मिली हो, पता है, मैं कब से आपको चोदने की सोच रहा था. पता नहीं कितनी बार मैंने आपके नाम की मुठ मारी है.
ये सुनकर चाची बोलीं- मेरे राजा अब तो मैं तुम्हें मिल गयी ना … अब तो मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ. अब मुठ मारने की कोई जरूरत नहीं है.
मैं बस चाची के चुचे जोर जोर से दबाने लगा और चुत को रगड़ने लगा. उनकी चुत भी कुछ ही पलों में फिर से पानी छोड़ने लगी थी.
मैंने गीली चुत में से उंगली निकाली और चाटते हुए कहा- लो … आपकी चुत तो फिर से तैयार हो गयी.
उन्होंने कहा- हां … मेरी जान तुम चुत को तैयार करो … और ये राजी ना हो … ऐसा तो हो ही नहीं सकता.
चाची ये कहते हुए मुझे किस करने लगीं.
मैंने कहा- तो फिर देरी किस बात की है.
चाची ने चुत पसारते हुए आ जाने का इशारा किया.
मैं उनके पैरों के पास जाकर उनके पैरों को चूमने लगा. चाची के पैरों को चूमता हुआ मैं उनके ऊपर छाने लगा.
बस अगले 5 ही मिनट बाद ही हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. मैंने पूरी जीभ उनकी चुत में दे दी और जोर जोर से चुत को चाटने लगा. उधर चाची भी मेरे पूरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
चाची की चुत पर एक भी बाल न होने के कारण मुझे चुत चाटने में बड़ा मजा आ रहा था. उनकी चुत चाटते हुए मैं कभी कभी अपनी जीभ की नोक से उनके दाने को रगड़ देता था तो वो और भी तड़प जाती थीं.
इस समय चाची के मुँह से बड़ी प्यारी सिसकारियां निकल रही थीं- आहा आहा ईस्सस यस यस दीपू … आआआ ओह माय गॉड दीपू … प्लीज चाट लो मेरी चुत को … अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा … आह … कब से तड़फ रही हूँ मैं इस प्यार के लिए … उंह आंह यस यस्सस बेबी …
वो खुद अपनी जीभ की नोक से मेरे सुपारे को चाट रही थीं. ऐसा करते हुए हम दोनों को कई मिनट हो गए थे.
वो जोर जोर से अपनी गांड को ऊपर उठा-उठा कर अपनी चुत चटवा रही थीं. ऐसा लग रहा था, जैसे उनका होने वाला है.
वही हुआ. चाची ‘आआह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… यस यस्सस…’ करती हुई मेरे मुँह में ही झड़ गईं. मैं भी उनका पूरा पानी पी गया. चाची की चुत का पानी बहुत ज्यादा टेस्टी था. अब चाची निढाल हो गयी थीं.
चाची ने कहा- यार दीपू … तूने जो मुझे आज सुख दिया है, वो मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं पाया.
ये कहते हुए चाची जोर जोर से मेरे लंड को रगड़ने लगीं.
मैंने कहा- चाची अब मेरा भी करवाओ ना!
उन्होंने कहा- करा तो मैं दूंगी, पर एक शर्त पर कराऊंगी.
मैंने कहा- वो क्या है जी!
उन्होंने कहा- आज के बाद तू मुझे कभी चाची नहीं बोलेगा.
मैंने कहा- फिर क्या कहना है जी?
उन्होंने कहा- सिर्फ और सिर्फ कविता या जानू … जो तेरा दिल करे … पर चाची नहीं कहना.
मैंने कहा- जो हुकुम मेरी जान.
चाची हंस दीं.
मैंने कहा- जान, मुझे आपको डॉगी स्टाइल में चोदना है.
उन्होंने कहा- अब मैं तुम्हारी हूँ, जैसे चाहे, वैसे चोद लो. बस आज तुम मुझे पूरी तरह अपनी बना लो मेरी जान.
मैंने देर न करते हुए उनको डॉगी स्टाइल में कर लिया. जब चाची डॉगी स्टाइल में आईं तो उनकी गांड बिल्कुल से खुल कर सामने आ गई.
चाची की 38 इंच की गांड को सलवार में देख कर ही मेरा लंड फटने को हो जाता था. आज तो चाची की रसीली गांड मेरे सामने नंगी थी. आप खुद ही सोचो कि मेरा क्या हाल हो रहा होगा. उनकी फूली हुई गांड देख कर मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैं उनकी गांड पर हाथ फिराने लगा और उनकी उठी हुई गांड पर थप्पड़ मारने लगा, जिससे चाची मादक सिसकारियां निकालने लगी थीं.
मैंने कहा- जान, चुत चोदूं या गांड?
उन्होंने कहा- मेरी जान, अब सब कुछ तेरा है, जिसे तू चोदना चाहे, उसे चोद ले, पर यार प्लीज एक बार मेरी चुत को फिर से शांत कर दे. उसके बाद कुछ भी कर लेना.
मैंने कहा- जरूर मेरी जान.
उनकी बाहर आती चुत को देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने फिर से उनकी चुत में जीभ दे दी. मैं अन्दर तक जीभ देकर चुत को जीभ से चोदने लगा.
चाची बुरी तरह छटपटाने लगीं- अआहा आह … आह आहह उहह …
मैं चाची की चूत चाट रहा था और अपनी जीभ से उसे कुरेद रहा था. वो बस गरमागरम सिसकारियां भर रही थीं.
कुछ पल बाद मैंने उंगली में ढेर सारा थूक लिया और चाची की गांड के टाइट छेद में उंगली पेल दी. चाची की गांड बहुत ज्यादा टाइट थी, ऐसा लग रहा था, जैसे आज तक किसी ने छुई ही न हो.
वो एकदम से उछल पड़ीं और बोलीं- ओए … आराम से मेरी जान … मैं क्या कहीं भागी जा रही हूँ.
मैंने चाची की गांड में उंगली चलाते हुए जगह बनाई और इसके बाद मैं जोर जोर से गांड को मसलने लगा.
चाची भी जोर जोर से सिसकारियां लेते हुए बड़बड़ाने लगीं- आंह … कमीने … अब चोद भी दे यार … क्यों तड़फा रहा है मुझे.
मेरा लंड बहुत जोर से तन गया था. मैंने अपना लौड़ा उनकी चुत पर रखा और रगड़ने लगा.
वो बस ‘आआहह … ऊऊहह …’ की आवाजें निकाल रही थीं. उनकी मादक सिसकारियों से पूरा कमरा गूँज रहा था.
तभी मैंने एक जोर का झटका मारा और आधा लंड उनकी चुत में समा गया था और चाची बस ‘आआआ आआ उंहा उई माँ यस एस बेबी … फ़क मी हार्ड..’ बोले जा रही थीं.
मैंने थोड़ा लंड बाहर निकाल कर फिर से एक और जोरदार झटका मारा और पूरा लंड उनकी चुत में समा गया. उनकी सिसकारियों से मेरे अन्दर दुगनी ताकत आ रही थी और मैं उनको जोर जोर से झटके मारते हुए चोदने में लग गया था. मेरे हर झटके के साथ उनके चुचे हवा में झूल रहे थे.
चाची बोले जा रही थीं- आंह चोद मेरी जान दीपू … प्लीज यार अपनी जान को आज दिल लगा कर चोद दे … आंह और इतना चोद कि मैं तुम्हारे सिवा अपने पति से भी ना चुदूं.
मैं लंड पेलने के साथ साथ उनकी उभरी हुई गांड पर थप्पड़ मारे जा रहा था. चाची की गांड लाल हो गयी थी. वो बस अपनी गांड को हिला हिला कर चुदने का मजा ले रही थीं.
हम दोनों को ऐसे ही चुदाई करते हुए 20 मिनट से ज्यादा हो गए थे. फिर मैंने पोजीशन बदली और उनको मेरे ऊपर ले लिया. मैं दोनों हाथों से चाची के मदमस्त चुचे पकड़े और नीचे से लंड के झटके चाची की चुत में देने लगा. वो ऊपर से मेरी छाती को पकड़ कर खुद अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लंड पर कूद रही थीं.
चाची चुदते हुए बोलीं- आंह मेरी जान ये मेरी सबसे मस्त पोजीशन है, मुझे ऐसे चुदने में बहुत मजा आता है.
चाची के मुँह से ये सुनते ही मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और गोली की रफ्तार से चाची को चोदने लगा. थोड़ी देर में चाची अकड़ने लगीं. मुझे समझ आ गया कि अब चाची का पानी निकलने वाला है. वो अपनी चुत को मेरे लंड पर रगड़ने लगीं.
वे जोर से जोर सिसकारियां लेते हुए बोलीं- आह … और जोर से चोद दे बाबू … उन्ह … और जोर जोर से चोद, आज मेरी चुत का भोसड़ा बना दे … अंहा आंअह आह सीईई ओह्ह्ह हां चोद चोद और चोद. तूने आज मुझे निहाल कर दिया मेरी जान … मैं गई … आंह!
बस ऐसा कहते हुए वो मेरे ऊपर निढाल हो कर गिर गईं और मैं उनकी कमर पर हाथ फेरने लगा. मैंने हल्के हल्के झटकों के साथ लंड को चुत में खड़ा रखा.
कोई 2 मिनट तक मेरे ऊपर लेटे रहने के बाद उन्होंने मेरे माथे पर किस करते हुए कहा- मेरी जान … आज तुमने मेरी सारी तमन्ना पूरी कर दी. अब मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी हूँ. तुम्हारा जब भी दिल करे, तुम मुझे चोद सकते हो.
ये कह कर वो उठ कर नंगी ही जाने लगीं तो मैंने कहा- अभी कहां जा रही हो?
चाची बोलीं- बाथरूम में जा रही हूँ.
मैंने कहा- डॉर्लिंग अभी मेरे लंड का पानी कहां निकला है.
चाची ने हैरत से मेरी तरफ देखा और बोलीं- तू आदमी है या क्या है. तेरा निकलता ही नहीं है.
मैंने हंस कर कहा- मैं तेरा पक्का चोदू हूँ … जल्दी से चुत धो पौंछ कर आ जाओ … अभी फिर से चुदाई करूंगा.
वो भी हंसते हुए बोलीं- हां, बाथरूम से तुम्हारे लिए चुत साफ़ करके आ रही हूँ.
चाची बाथरूम में जाने लगीं, तो मुझे याद आया और मैंने कहा- रुको मेरी जान … मेरे होते आप पैदल क्यों जा रही हो.
मैंने आगे बढ़ कर चाची को बांहों में उठा लिया और बाथरूम में ले गया. उधर ले जाकर मैंने चाची को शॉवर के नीचे खड़ा करके शॉवर चालू कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के अंगों से खेलते हुए नहाने लगे. मैंने उनकी चुचियों को मुँह में ले कर अच्छे से चूसा और बड़े बड़े निशान कर दिए.
मैंने चाची से कहा- अब बस जानू आपकी चुत धुल गई … जल्दी से घोड़ी बन जाओ … मैं पीछे से लंड पेल देता हूँ.
चाची तैयार हो गईं.
बाथरूम में चाची की चुदाई की कहानी का पूरा मजा अगले भाग में लिखूँगा. आप मुझे मेल करते रहिए.
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कहानी जारी है.
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