जवान लड़के के घर की सम्भोग लीला- 5
(Sexy Mausi Ki Hot Body)
सेक्सी मौसी की हॉट बॉडी का मजा मेरी मासी ने मेरे लंड से चुद कर दिया मुझे! उसके बाद मेरी जवान चाची ने मुझे पकड़ लिया और मुझे नंगा कर लिया.
फ्रेंड्स, मैं समीर आपको अपने परिवार की चुदासी महिलाओं और लड़कियों की सेक्स कहानी सुना रहा था.
कहानी के चौथे भाग
जवान मौसी के साथ फ्लर्ट
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मैं मौसी की चूत में अपने लंड का सुपारा घिस रहा था जिससे वे बड़ी व्याकुल होने लगी थीं और मुझसे लंड को अन्दर पेलने की कह रही थीं.
अब आगे सेक्सी मौसी की हॉट बॉडी का मजा:
फिर कुछ सेकेंड के बाद मैंने अपने लंड का सुपारा मौसी की चूत में घुसा दिया.
मौसी- उई मां, जरा धीरे डाल … बोल नहीं सकता था क्या?
मैंने कहा- बोलने से सारा मज़ा खराब हो जाता है … और हां मौसी अभी तो सिर्फ़ सुपारा ही अन्दर गया है … अभी पूरा लंड तो बाहर आपकी अनुमति की प्रतीक्षा कर रहा है. अगर आप प्रस्थान का आदेश दें तो आपकी चूत का भोसड़ा बनाया जाए!
मौसी- अब जल्दी से चोद मुझे … अपने इस मोटे लंबे लंड से … और फाड़ दे मेरी इस चूत को. आज किसी की परवाह नहीं करना … और जी भर के चोद मुझे!
मैंने कहा- आज कोई भी आ जाए, आपकी चूत का तो भुर्ता तो मैं बना ही दूँगा.
तभी मैंने एक ज़ोरदार झटका मारा और पूरा लंड मौसी की चूत की जड़ में उतार दिया.
मौसी अपने दोनों हाथ से बेड पर पड़े तकिया को नोचने लगीं.
मौसी की छटपटाहट देख कर ऐसा लग रहा था कि मौसी बहुत दिनों बाद चुदी हैं.
मैं अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा और कुछ ही सेकेंड के बाद मौसी भी चुदने का मज़ा लेने लगीं.
अब वे भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी थीं.
हम दोनों अपनी इस चुदाई में इतने ज्यादा डूब चुके थे कि हमें पता ही नहीं चला कि कितना समय बीत गया.
कुछ समय बाद मेरा लंड एकदम अकड़ने लगा तो मैं समझ गया कि अब मैं झड़ने वाला हूँ.
मैंने अपनी धक्के मारने की स्पीड और तेज कर दी.
मौसी- आह साले … अब क्या लंड गले तक ले जाएगा!
मैंने कहा- मेरा बस चले तो चूत में डाल कर मुँह से बाहर निकाल दूँ. मौसी मैं झड़ने वाला हूँ, पानी अन्दर गिराऊं या बाहर?
मौसी- अन्दर ही गिराना पानी … मैं कौन सा गर्भवती होने वाली हूँ. छह साल हो गए ऑपरेशन करवाए.
मैंने अपने धक्के ओर तेज कर दिए और एक ज़ोरदार पिचकारी के साथ मेरे लंड से ढेर सारा वीर्य मौसी की चूत में उबल पड़ा.
सेक्सी मौसी की हॉट बॉडी का मजा लेने के बाद कुछ समय तक मैं मौसी के ऊपर पड़ा रहा.
इसके पश्चात हम दोनों शांत हुए तो मैं उनके ऊपर से हट गया.
कुछ समय बाद मौसी उठीं और अपने कपड़े पहन कर नीचे हॉल की ओर चली गईं.
लेकिन कई दिनों की चुदाई के बाद आज वे थोड़ा सा लंगड़ा कर चलने लगी थीं.
जब वे सीढ़ियों से नीचे उतर रही थीं तो उनकी नजर अपनी बेटी सीमा पर पड़ी जो उन्हें बड़े गौर से देख रही थी.
शिल्पा मौसी ने प्रयास किया कि वह अपनी चाल सीधी कर लें … पर उनके लिए वह बहुत कठिन था.
मौसी- चल सीमा, हमें अपने घर जाना है, वहां तेरी दादी मां के लिए रात का भोजन भी बनाना है.
मां- शिल्पा, यह भोजन तेरे ओर तेरी सास के लिए है … और हां सीमा अब दो तीन दिन यहीं रुकेगी.
शिल्पा मौसी- दीदी, घर पर बहुत काम पड़े हैं और अगले सप्ताह दामाद जी इसे लेने आने वाले हैं.
मां- अरे शिल्पा, कल मेरी दोनों बेटियों के एग्जाम समाप्त हो रहे हैं. कल शाम सब बच्चे नदी किनारे घूमने जाएंगे, समीर और उसकी चाची भी साथ में जाएंगे.
मैंने कहा- मौसी, आप चिंता ना करो. मुझे अभी पिताजी, दादाजी को खाना देने खेतों पर जाना है. उधर से लौटते समय मैं आपको अपनी बाइक पर घर छोड़ देता हूँ … और हां हम सब मिलकर सीमा दीदी का पूरा पूरा ध्यान रखेंगे.
शिल्पा मौसी ने अपनी बेटी की ओर देखा फिर घर के मुख्य द्वार की ओर चल दीं.
मां- समीर, तू मौसी को बाइक पर कैसे जाएगा, साथ में खाने का डब्बा भी है! तू एक काम कर, चाचा जी की जीप ले जा और लौटते समय मौसी को उनके घर छोड़ देना!
मैंने कहा- मैं भी तो मौसी को यही बोल रहा था.
शिल्पा मौसी- समीर, चल जल्दी मुझे मेरी सास को सूर्य अस्त होने से पहले खाना देना है.
मैंने कहा- मां नैना से कहो कि खाने का डब्बा चाचा जी की जीप में रख दे, मैं गाड़ी की चाबी लेकर आता हूँ.
मैं जैसे ही गाड़ी की चाबी लेकर जीप में आया तो मौसी ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठी थीं.
मैंने तुरंत जीप स्टार्ट की और सीधे गेट से बाहर निकल गया.
मैं जीप फुल स्पीड में चला रहा था.
मुझे तेज जीप चलाते देख कर मौसी जी बोलीं- जरा धीरे चला, तुझे कौन सा घोड़ी चढ़ना है!
मैंने कहा- घोड़ी नहीं चढ़ना है, पर लौट कर सीमा दीदी को चोदना तो है.
शिल्पा मौसी- क्या बोल रहा है तू?
मैंने कहा- मौसी, जिस समय हम दोनों चुदाई कर रहे थे, सीमा ने हम दोनों को देख लिया था और उसके साथ मां भी थीं. मां ने सीमा के कान में कुछ कहा और फिर वे दोनों वहां से चली गईं.
शिल्पा मौसी- जरा ध्यान से … और धीरे से चोदना सीमा को. वह अभी इन सब कामों में कच्ची है.
मैंने कहा- मौसी चिंता मत करो, अगले दो से तीन दिनों में मैं उसे एकदम पक्की खिलाड़िन बना दूंगा.
शिल्पा मौसी- समीर, तू उसे थोड़ा धीरे धीरे चोदना, नहीं तो वह डर जाएगी.
मैंने कहा- मौसी, जब मैं तुम्हें धीरे धीरे चोद रहा था तो तुम्हें मज़ा आ रहा था?
शिल्पा मौसी- नहीं!
मैंने कहा- जब तुम्हें मज़ा नहीं आ रहा था, तो वह तो जवान लड़की है. उसे कैसे मज़ा आएगा?
शिल्पा मौसी- तू जरा उसका ध्यान रखियो बस … मेरा मतलब यह है!
मैंने कहा- मौसी, तुम चिंता मत करो. आज रात सीमा को अपने विवाहित होने का आभास होगा. आज उसकी बच्चेदानी को मैं अपने वीर्य से भरने और उसकी जवानी को तृप्त करने का प्रयास करूँगा.
बातों बातों में मैं और मौसी हमारे खेत तक पहुंच गए.
जब मैं हमारे पंप हाउस पर पहुंचा तो दादाजी, चाचा जी ओर पिताजी बाकी मजदूरों के साथ बैठे हुए थे.
मैंने दादाजी के चरण स्पर्श किए.
दादाजी- अरे वाह रे गबरू जवान … तू तो एकदम जवान हो गया है!
चाचा जी- समीर, घर जाते समय अपनी चाची को साथ ले जाना, वह अब फसल की कटाई तक तुम्हारे घर रहेगी.
मैंने कहा- ठीक है चाचा जी, मैं शिल्पा मौसी को उनके घर छोड़ कर आता हूँ … फिर चाची को घर ले जाता हूँ.
मैंने देखा तो चाचा जी के निकट ही नैना का पति भी खड़ा था.
वह एकदम पतला दुबला हो गया था.
मैं तुरंत जीप में बैठा और मौसी के घर की ओर चल दिया.
हम कुछ मिनट में मौसी के घर पहुंच गए.
मौसी जीप से उतर कर घर की ओर चलने लगीं तो उनकी सास ओर ननद मालती ने उन्हें लंगड़ाते हुए देख लिया.
सास- शिल्पा क्या हुआ?
शिल्पा मौसी- मां जी, दीदी के घर से निकलते समय पैर मोच खा गया और मैं गिर गई.
मालती- भाभी, जरा देख कर चला करो!
मैंने गाड़ी में से खाने का डब्बा निकाला और मौसी के साथ उनके घर में प्रवेश करने लगा.
मालती- भाभी, यह कौन है?
शिल्पा मौसी- यह दीदी का बेटा समीर है … आज ही दिल्ली से आया है. इसी से मिलने मैं और सीमा, दीदी के घर गए थे.
मालती- कैसे हो समीर? सीमा कहां है?
शिल्पा मौसी- सीमा अपनी मौसी के घर रुक गयी है. वह दो चार दिन बाद आएगी.
मैंने कहा- मैं ठीक हूँ, आप कैसी हो?
मालती एक 30-32 साल की भरे बदन की लौंडिया थी. उसकी छाती 36 इंच की, कमर 30 की और गांड 38 की थी.
जब मैंने खाने का डिब्बा रसोई में रखा तो वह मेरे सामने खड़ी थी.
मैंने उनको प्रणाम किया.
मालती ने मेरी ओर अपना हाथ बढ़ाया और हम दोनों ने हाथ मिलाया.
मालती- तुम दिल्ली में कहां रहते हो?
मैंने कहा- मैं गुड़गांव इंडस्ट्रियल एरिया के सेकंड फेज में रहता हूँ.
मालती- मैं भी अपने हजबेन्ड के साथ इंडस्ट्रियल एरिया 4 में रहती हूँ.
मैंने कहा- वर्कर अकॉमडेशन में?
मालती- जी हां!
मैंने कहा- मेरा घर वहां से सिर्फ 15 मिनट की वॉकिंग डिस्टेन्स पर है.
मालती- कब वापस जाने वाले हो?
मैंने कहा- अगले महीने की 26 को और आप कब वापस जा रही हो?
मालती- मेरे पति का एक ऑपरेशन है … जब डॉक्टर उनको छुट्टी दे देगा, तब हम लोग अपने घर चले जाएंगे.
मैंने कहा- बड़ी खुशी हुई आप से मिलकर, अच्छा मैं चलता हूँ!
मैंने तुरंत मौसी की सास के पैर छुए और जीप की ओर चल पड़ा.
मैं जीप लेकर चाचा जी के घर की बैक साइड में पहुंच गया.
मैंने गाड़ी घर के बैक साइड में पार्क की.
तभी मैंने घर की बेल बजाई तो चाची ने द्वार खोला.
मैं जैसे ही अन्दर आया, चाची ने द्वार बंद कर दिया.
घर में कोई नहीं था.
चाची- कैसे हो समीर?
मैंने कहा- मैं ठीक हूँ चाची, आप कैसी हो?
चाची- मैं ठीक नहीं हूँ.
मैंने कहा- क्या हो गया है आपको?
चाची- यह भी मुझे ही बताना पड़ेगा क्या?
मैंने कहा- लगता है, घर में कोई नहीं है?
चाची- तेरे चाचा जी का फोन आया था कि समीर कुछ समय में आने वाला है तुम्हें अपने घर ले जाने के लिए … और फसल की कटाई तक तुम वहीं भाभी के पास ही रहना. तब से मैं तेरा रास्ता देख रही हूँ.
चाची ने साड़ी अपनी कमर के थोड़ा नीचे बाँधी थी, जिससे उनकी नाभि किसी को भी आकर्षित कर सकती थी.
मैंने चाची को अपने निकट खींच कर अपने बदन से सटा लिया.
चाची के ब्लाउज की बैक साइड बहुत गहरी खुली थी.
चाची के ब्रा का हुक बिल्कुल क्लियर दिखाई दे रहा था.
मैंने अपना एक हाथ चाची के पेट पर रखा और दूसरे हाथ को उनके ब्लाउज के अन्दर डाल कर उनके एक दूध को दबाने और मसलने लगा.
कुछ ही क्षणों में चाची ने अपना सिर मेरे कंधे पर रखा और धीरे से मेरे कान में कहा.
चाची- सब कुछ यहीं करना है? मैंने बेडरूम तुम्हारे लिए रेडी रखा है.
मैंने कहा- मैं आज आपको यहां निर्वस्त्र यानि नंगी करके अपनी बांहों में उठा कर बेडरूम में ले जाऊंगा.
चाची- सोच लो, मैं फूल के जैसी हल्की फुल्की नहीं हूँ!
मैंने कहा- मैं भी समीर हूँ.
इतना बोलने के बाद मैंने अपने हाथ से चाची की साड़ी को कमर से निकाला और कंधे से पल्लू को हटा दिया.
उनकी साड़ी को साइड में पड़े सोफा पर रख कर मैं चाची के सामने आ गया.
चाची ने अपने दोनों हाथों से अपना मुँह छुपा लिया.
मैं भी यही चाहता था.
मैंने तुरंत चाची के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, जो चाची की कमर के पास था.
इसके पहले का चाची कुछ सोचतीं या समझतीं, उनकी कमर के नीचे सिर्फ़ पैंटी बची थी.
चाची- हाय दइया!
मैंने कहा- यहां समीर है और आप दइया को याद कर रही हो.
चाची- तू बड़ा बेशर्म है.
मैंने कहा- आप जैसी अप्सरा को देख कर तो किसी भी मनुष्य का दिल कहां कंट्रोल रह सकता है?
चाची ने भी बातों बातों में मेरे ट्रैक पैंट का स्ट्रिंग खोल दिया और मेरी ट्रैक पैंट मेरे पैरों में थी.
मैंने चाची के हाथ को पकड़ लिया और अपने अंडरवियर में डाल दिया.
चाची भी मेरे खड़े लंड को पकड़ कर एकदम खुश दिखने लगीं.
मैंने चाची के ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए.
कुछ ही क्षणों में चाची का ब्लाउज सोफा पर साड़ी और पेटीकोट के साथ था.
चाची ने भी मेरी टी-शर्ट को उतार दिया.
और मैंने उसी समय चाची की ब्रा का हुक खोल कर अपने हाथ से चाची की पैंटी को उनकी गांड से नीचे सरका दिया.
फिर मैंने चाची के सामने घुटनों पर होकर उनकी पैंटी को उनके पैरों से अलग कर दिया.
अब मैंने धीरे से चाची की सफाचट चूत पर एक किस किया और अपनी जीभ से चूत को रगड़ने लगा.
चाची एकदम उत्तेजित होने लगीं.
फिर चाची मेरे सिर के बालों को पकड़ कर मुझे ऊपर की ओर खींचने लगीं.
मैं जैसे ही ऊपर की ओर उठने लगा, चाची अपने घुटनों के बल बैठ गईं और उन्होंने मेरी अंडरवियर को उतार दिया.
चाची ने मेरे खड़े लंड को तुरंत अपने मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगीं.
मुझे जन्नत का आभास होने लगा और मैं चाची के बालों को पकड़ कर अपने लंड को उनके मुँह में ओर अन्दर डालने लगा.
चाची भी बड़े आराम से मेरे लंड को पूरा अन्दर तक लेकर उसे अच्छे से चूसने लगीं.
कुछ समय तक चाची के मुँह को चोदने के बाद मैंने चाची को खड़ी होने के लिए बोला और उन्हें अपनी बांहों में उठा कर उनके बेडरूम में ले जाने लगा.
चाची का बेडरूम पहली फ्लोर पर था.
जब मैं चाची को गोद में उठा कर सीढ़ियां चढ़ने लगा तो चाची ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगीं.
कुछ ही क्षणों में हम दोनों चाची के बेडरूम में थे.
चाची- दम है तेरे में … तेरे चाचा जी तो मुझे सुहागरात में सिर्फ़ 5 सीढ़ियों तक ही उठा सके.
मैंने कहा- मैं आज अपने चाचा जी के अधूरे काम को पूरा करूँगा.
मैंने चाची को धीरे से बेड के सेंटर में लिटा दिया और उनके दायीं ओर लेट गया.
चाची ने अपने लब मेरे लबों पर रख दिए और हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
अगले कुछ मिनट तक हम दोनों ने खूब एक दूसरे के होंठों को चूसा और एक दूसरे के जीभ को चाटा.
अब चाची ने मेरे कान में धीरे से कहा- समीर, अब मुझे जीभर के चोदो … अब मुझसे रहा नहीं जाता.
मैंने कहा- मैं भी आपके आदेश की प्रतीक्षा कर रहा था. मेरा लंड भी बहुत समय से आपकी चूत को चोदने के लिए तड़प रहा है.
दोस्तो, उम्मीद है कि आपको मेरी सेक्स कहानी के इस रसीले भाग से मजा आया होगा.
अगले भाग में यह रसधार जारी रहेगी.
इस सेक्सी मौसी की हॉट बॉडी का मजा कहानी पर आपके कमेंट्स का इंतजार रहेगा.
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सेक्सी मौसी की हॉट बॉडी का मजा कहानी का अगला भाग: जवान लड़के के घर की सम्भोग लीला- 6
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