विधवा चाची और जवान भतीजे की चुदाई
(Sexy Chachi Ki Chut )
सेक्सी चाची की चूत लंड मांग रही थी तो उसकी नजर अपने जवान भतीजे के लंड पर पड़ी. चाची को भतीजे का लंड पसंद आ गया. तो दोनों ने कैसे की अपनी पहली चुदाई?
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मेरा नाम अदिति शर्मा है. मैं एक विधवा हूँ. मेरी उम्र 39 साल है.
मेरी फिगर साइज 34-30-36 की है.
मेरे पति के देहांत के बाद मैं अपनी ससुराल में ही रह गयी थी.
मेरी ससुराल में मेरे जेठ-जेठानी और उनका एक बेटा था. उसकी उम्र अभी 22 साल की है.
मेरे पति की मौत करीब दो साल पहले हो चुकी है.
उनके जाने के बाद मैं अकेली सी हो गयी थी और हर औरत की तरह चुदने के लिए तड़पती रही.
कभी कभी मैं अपनी चूत में उंगली डाल कर चूत को शांत कर लेती थी.
मेरा कमरा मेरे जेठ और जेठानी की कमरे के पास ही था इसीलिए जेठानी की चुदाई के वक्त मैं भी अपनी चूत में उंगली डाल लेती और पानी आने तक अन्दर बाहर करती रहती थी.
मेरा भतीजा बाहर पढ़ रहा था.
उसका नाम अनंग है. उसकी अभी पढ़ाई खत्म हुई और वो घर आ गया.
उसके आने के दिन सब खुश हुए.
मुझे भी खुशी हुई.
पर मुझे नहीं पता था कि आगे जाकर मुझे अनंग से और ज्यादा ख़ुशी मिलेगी.
हुआ यूं कि अनंग के बेडरूम का बाथरूम का नल काम नहीं कर रहा था इसलिए उसने मुझसे मेरे बाथरूम को यूज करने के लिए पूछा.
मैंने भी हां कर दिया.
इस वक्त तक मैं उसे ऐसी वैसी नजर से नहीं देखती थी पर मुझे क्या पता था कि आज से मेरी खुशियां वापस आ जाएंगी.
वो मेरा बाथरूम यूज करते समय अपना तौलिया ले जाना भूल गया था.
उसने मुझे आवाज दी- चाची क्या आप मेरा तौलिया ले आएंगी?
मैंने कहा- ठीक है, मैं अभी लेकर आती हूँ.
मैं उसके कमरे में गई और मुझे उसका तौलिया टेबल पर रखा मिला.
बगल में उसका फ़ोन भी रखा था.
मैंने उसके मोबाइल को खोल कर देखा तो मेरा पिक्चर उसके वॉलपेपर पर सैट था.
मैंने सोचा कि उसने शायद ऐसे ही लगा दिया होगा.
मैंने इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसके कमरे से बाहर निकल आयी.
फिर मैंने अपने कमरे के बाथरूम के बाहर आकर उसे आवाज दी और कहा- ये लो अनंग, तुम्हारा तौलिया.
अनंग- थैंक्यू चाची.
उसने बाथरूम का दरवाजा जरा सा खोला और हाथ बाहर बढ़ा दिया.
मैंने उसकी तरफ देख कर उसे तौलिया दे दिया.
तभी मुझे वो बिल्कुल नंगा दिखाई दिया.
मैंने देखा कि उसका लंड सिकुड़ा हुआ था पर सिकुड़ा होने के बावजूद वो 4 इंच का लग रहा था.
मैं उसे तौलिया देकर बेड पर बैठ गई और सोचने लगी कि अनंग का लंड तो सिकुड़ा हुआ था तब इतना बड़ा लग रहा था, अगर खड़ा हो जाएगा तो कितना बड़ा हो जाएगा.
उसके लंड के बारे में सोच कर मैं अपनी चूत में उंगली डालने लगी और बिल्कुल खो ही गयी थी.
मुझे याद नहीं था कि अनंग बाथरूम के अन्दर है.
कुछ समय के बाद वो बाहर आया और उसने मुझे ऐसी हालत में देख लिया.
वो मेरे सामने खड़ा था और मैं अपनी आंखें बंद करके चूत में उंगली करने में मस्त थी.
उसने मुझसे कहा- चाची आप ये क्या कर रही हैं?
उसकी आवाज सुनते ही मैं हड़बड़ा गई और खुद को ठीक किया.
मुझे समझ आ गया कि अनंग ने मुझे ऐसे करते देख लिया है.
मैंने अपनी चूत में उंगली करते समय अपनी पैंटी को नीचे कर दिया था और जब मैं अपनी गुलाबी चूत में उंगली कर रही थी, तो वो सीन उसे साफ साफ दिख रहा था और वो मेरी चूत को भी देख रहा था.
उसकी आवाज सुनते ही मैंने झट से अपनी पैंटी को ऊपर कर लिया था और खड़ी हो गई थी.
मैंने देखा कि उसका लंड खड़ा हो गया था और तौलिया के अन्दर लंड ने तम्बू बना दिया था.
मैं- सॉरी अनंग, मैं भूल गयी थी कि तुम अन्दर थे. तुम्हें तो पता है कि तुम्हारे चाचा इस दुनिया में नहीं हैं. इसलिए अपने हाथ से ही मैं अपने आपको शांत कर रही थी.
ये कहने के बाद मुझे याद आया कि मैंने अनंग के सामने कुछ ज्यादा बोल दिया, मैं अपने आपको कोसने लगी.
अनंग- चाची, मैं समझ सकता हूँ.
फिर उसने अपने लंड के ऊपर हाथ रखा और मेरी तरफ देख कर अपने कमरे में चला गया.
अब उसने मेरी चूत में आग लगा दी थी.
मेरा पूरा दिन उसके लंड को मुँह और अपनी प्यासी चूत में लेने के बारे में सोचने में ही बीत गया था.
फिर रात हो गई.
मेरे मन से अभी तक उसका लंड नहीं हटा था, बस मुझे उसका लंड चाहिए था, उसके लिए मुझे चाहे कुछ भी करना पड़ जाए, मैंने करने की ठान ली थी.
रात को मैंने अनंग को बुलाया.
उसके आने के बाद मैंने उससे कहा- अनंग में सुबह के लिए शर्मिंदा हूँ और तुमसे माफी मांग रही हूँ.
ये सुनने के बाद अनंग ने कहा- अरे कोई बात नहीं चाची, मैं समझ सकता हूँ कि एक मर्द के बिना औरत कभी खुश नहीं रह सकती. इसलिए मैं आपकी तकलीफ समझ रहा हूँ. क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ?
ये सुनने के बाद मैं पक्का हो गयी कि ये भी मुझे चोदना चाहता है.
मैंने उसकी आंखों में देखा.
उसने हल्की सी स्माइल दे दी और अपने लंड को सहलाने लगा.
मेरी नजरें उसके फूलते लंड पर टिक गईं.
फिर मैंने भी मुस्कुराते हुए कहा- ठीक है अनंग, मैं तुम्हारी मदद लेने के लिए राजी हूँ. क्या तुम अभी मुझे अपना लंड दिखा सकते हो?
वो मेरे मुँह से सीधे लंड शब्द सुनकर एकदम से गर्मा गया और उसने अपना सर हां में हिलाकर खुले दरवाजे की तरफ देखा.
मैंने उससे इशारे से दरवाजा बंद करने के लिए कह दिया.
मैं एकदम से गर्मा गई थी कि आज इतने दिनों बाद लंड मिलने वाला है. मैं उत्तेजना में अपनी साड़ी उतारने लगी और जल्द ही सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.
मैंने देखा कि अनंग के अन्दर भी हवस जाग गई थी.
उसने मुझसे वासना से देखते हुए कहा- चाची मैंने ऐसी मदद करने के लिए नहीं पूछा था. ये आप क्या कर रही हो?
मैंने भी उसका हरामीपन समझ लिया और इठलाते हुए कहा- तुमने तो अभी कहा था कि तुम मेरी मदद करना चाहते हो, फिर अभी मना कर रहे हो?
अनंग कुछ समय के लिए न न करता रहा, पर कुछ देर बाद उसका लंड तन गया था और लोअर के अन्दर से ही बड़ा दिखने लगा था.
मैंने आव देखा न ताव और झट से उसके लोअर को अंडरवियर समेत नीचे खींच दिया.
मैंने देखा कि उसका लंड करीब 7 इंच लम्बा लग रहा था.
अभी वो कुछ कह पाता, मैंने तुरंत आगे हाथ बढ़ा कर उसका लंड पकड़ा और अपने मुँह में ले लिया.
मैं अनंग के लंड को मजे से चूसने लगी.
अब वो भी अपने आपको रोक नहीं पाया और मेरी पैंटी के अन्दर हाथ डाल कर मेरी चूत को सहलाने लगा.
उसने मेरी चूत में उंगली डाल दी थी और अन्दर बाहर करने लगा.
मेरी चूत पनिया गई थी तो उसकी उंगली अन्दर लेते ही मचलने लगी थी.
मैं भी एकदम से जोश में आ गयी थी और उसके लंड को और जोर जोर से चूसने और हिलाने लगी थी.
कुछ ही देर के बाद उसने मेरे मुँह में ही अपना लंड रस गिरा दिया और मैं भी उसके वीर्य को पी गयी.
वो मेरी चूत में उंगली लगातार किए जा रहा था, जिससे कुछ ही देर बाद मैं भी झड़ गयी और निढाल हो कर गिर गयी.
अनंग मेरे बाजू में लेट गया.
अभी हमें दस मिनट ही लेटे हुए थे कि मैंने उससे कहा- अनंग अब मुझे तुम्हारा लंड मेरी चूत में चाहिए.
मैं उसके लंड को सहलाने और हिलाने लगी.
उसके लंड ने अंगड़ाई ली तो मैं लंड चूसने लगी.
कुछ ही पलों में उसका लंड मुझे चोदने के लिए बिल्कुल तैयार हो गया था.
तभी मेरी जेठानी सोनिया ने अनंग को आवाज लगाई और कहा कि यहां आओ.
मैंने अनंग से कहा- अरे यार, अब क्या हो गया इस सोनिया मादरचोद बहन की लौड़ी को.
अनंग ने भी कहा- पता नहीं क्यों बुला रही है, सारा मजा किरकिरा कर दिया साली ने.
उसने भी अपनी मां को गाली दी और मुझे लिपकिस करके पैंट पहन कर चला गया.
फिर वो 10 मिनट के बाद आया और उसने कहा कि मॉम ने कहा है कि वो और पापा कल गाड़ी से 10 दिन के लिए उनके दोस्त की बेटे की शादी में जा रहे हैं और उन्होंने मुझे व आपको घर की रखवाली करने के लिए बोलने के लिए बुलाया था.
ये सुनने के बाद मैंने कहा- हां ये तो मुझे मालूम था, मैंने समझा कि तुम्हें मालूम होगा. ये अच्छी खबर है कल से मैं तुम्हारी हूँ.
उसने अपना पैंट निकाला और मुझे चोदने के लिए बढ़ा.
तभी मैंने उससे कहा- अभी नहीं.
उसने कहा- क्यों?
मैंने कहा- क्योंकि अगर तेरी मॉम ने फिर से आवाज दे दी तो तुम और मैं प्यासे रह जाएंगे और हमारा मजा किरकिरा हो जाएगा. अपनी कल की चुदाई जोरदार होगी और दोनों को ही संतुष्टि मिलेगी.
वो मान नहीं रहा था, तब भी मेरे समझाने पर मान गया.
फिर मैंने कहा कि मेरे अन्दर भी हवस जाग चुकी है, पर अपने आपको मैं कैसे भी करके शांत कर लूंगी.
उसने मुझसे कहा- चाची, बस एक बार आपकी चूत में लंड डालना चाहता हूँ.
मैंने कहा- ठीक है, जल्दी से एक बार पेल लो और आगे पीछे करके निकाल लेना, ताकि मेरी चूत की आग जलती रहे.
उसने झट से मेरी नाइटी ऊपर की और अपने लोअर से लंड बाहर निकाल कर मेरी चूत में पेल दिया.
चूंकि मेरी चूत गीली थी इसलिए उसका मोटा लंड आसानी से मेरी चूत में घुसता चला गया.
लंड चूत के अन्दर गया तो उसने धकापेल मचा दी और कुछ ही मिनट के अन्दर ही उसके लंड ने पिचकारी मार दी.
मेरी चूत उसके लंड के रस से बिल्कुल लबालब भर गई.
मैंने उसकी तरफ देखा, तो उसने खेद जताने के अंदाज में कहना शुरू किया.
अनंग- सॉरी चाची मैंने इतनी जल्दी खुद को झाड़ दिया और आपके अन्दर ही रस डाल दिया, इससे कोई दिक्कत तो नहीं होगी न … आप प्रेग्नेंट तो नहीं होंगी ना?
मैंने कहा- नहीं, क्योंकि मैं कभी प्रेग्नेंट हो ही नहीं सकती और इसी लिए तुम्हारे चाचा मुझे इतना नहीं चोदते थे. पर अब तुम मिल गए हो न, तो अब कोई टेंशन नहीं है. बाकी जल्दी झड़ने की बात छोड़ो, मेरी खुजली भी खत्म हो गई है. अब कल तुम मुझे पूरी मस्ती से चोदना!
उसने मुझे एक जोरदार किस किया और अपने रूम में चला गया.
सुबह सुबह सोनिया ने मुझे उठाया और कहा- हम दोनों जा रहे हैं, अब तुम दोनों घर की देखभाल करना. मैंने अनंग को सब कह दिया है. अब हम चलते हैं.
ये कहकर वो दोनों गाड़ी में बैठे और चले गए.
फिर मैं खुश होकर अन्दर आई तो देखा कि अनंग उधर नहीं था.
मैंने उसे आवाज लगाई और ढूंढा, पर वो कहीं नहीं मिला.
उसे ढूंढती हुई मैं हॉल में आ गयी.
तभी वो पीछे से आया और उसने मेरी साड़ी को ऊपर उठा कर मेरी पैंटी को नीचे कर दिया.
मैं कुछ समझ पाती कि उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद में लगा कर एक जोरदार धक्का दे दिया.
चूंकि उसने अपने लंड में तेल लगाया था इसलिए गांड में आसानी से लंड चला गया.
मैं बिल्कुल ही रोने की हालत में आ गयी.
तभी उसने मेरे ब्लाउज के ऊपर से मेरे बूब्स को पकड़ा और जोर जोर से दबाने लगा.
कुछ देर बाद उसने मुझे सोफे के सहारे से कुतिया बना कर दिया और पोर्न वीडियो में जैसा होता है वैसे ही मुझे चोदने लगा.
मेरी गांड बिल्कुल लाल पड़ गयी थी और बेहद दर्द दे रही थी.
उसने तेल की शीशी सेंटर टेबल पर रखी हुई थी. उसे हाथ में उठाया और मेरी गांड में तेल टपकाने लगा.
कुछ देर बाद मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी उसका साथ देने लगी.
कुछ देर बाद उसने मेरी चूत में अपना लंड डाला और धकापेल चुदाई आरम्भ हो गयी.
अब मैं कामुक सिसकारियां लेने लगी- आह अनंग आह … आई माँ … मार डाला मर गयी ओह ओह.
कुछ देर तक वो मेरी चूत का भोसड़ा बनाता रहा.
उसके बाद मुझे उसने डॉगी बनने के लिए कहा.
मैं डॉगी बन गयी और उसने अपना लंड फिर से मेरी गांड में डाल कर चुदाई शुरू कर दी.
कभी वो गांड में तो कभी सेक्सी चाची की चूत को चोदता रहा.
कुछ देर बाद वो नीचे चित लेट गया और मुझे अपने लंड के ऊपर बिठा कर ऊपर नीचे होने को कहा.
मैं मस्ती से उसके लौड़े पर झूला झूलने लगी.
उसी समय उसने मेरी आधी लटकी ब्रा को उतार दिया और मेरे मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.
कुछ समय बाद उसने कहा- अब मेरे लंड पर अपनी गांड को सैट करो. मैं ऐसे ही गांड में लंड पेलूँगा साली रंडी की औलाद … कुतिया भैन की लौड़ी मेरी रखैल.
ये कहकर उसने मुझे गांड में लंड पेल कर चोदना शुरू कर दिया.
फिर मैंने उससे पूछा- अच्छा बोलो तुमने मेरी फ़ोटो अपने फ़ोन में क्यों लगाई है?
अनंग- मैं पहले से ही तुम्हारा दीवाना था … तुम्हें चोदना चाहता था, पर आज तुमने मुझे मौका दिया, तो मैं कैसे तुम्हें छोड़ देता. कल रात से ही मैं पोर्न वीडियो देख रहा हूँ और तुम्हें चोदने के नए नए तरीके सीख रहा था.
मैं हंस कर बोली- ओ तो ये बात है. अच्छा तुम ये बताओ कि तुम कब तक मुझे ऐसे ही चोदोगे?
अनंग- फिक्र मत करो मेरी जान, आज तुम्हें मैं वो मज़ा दूंगा कि कोई मर्द तुम्हें ऐसा मज़ा नहीं दे पाएगा क्योंकि मैंने आज तुम्हें चोदने के लिए एक टेबलेट खाई है और मैं अभी एक घंटा तक थकूंगा ही नहीं.
ये कहने बाद उसने मुझसे कहा- अब तुम अपनी चूचियों को जकड़ लो और मैं तुम्हारे मम्मों के बीच में अपना लंड डालूंगा.
मैंने अपनी चूचियों को टाइट करके पकड़ लिया और उसने मेरे मम्मों के बीच में लंड घुसा कर आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
कुछ समय के बाद उसने कहा कि अब लंड चूसो.
मैंने तुरंत लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया.
कुछ समय बाद उसने लंड मेरे मुँह से निकाल कर मेरे सामने हिलाना शुरू कर दिया और करीब दस झटकों में उसके लंड का सारा माल मेरे मम्मों और मुँह के ऊपर फिंक गया.
मैं वो सब माला चाट कर पी गयी.
फिर हम दोनों चाची भतीजा साथ में नंगे नहाये.
कुछ देर बाद हम दोनों बाहर घूमने के लिए गए.
उसने मेरे लिए कुछ ब्रा पैंटी खरीदीं और हम वापस आ गए.
हमने उस दिन बहुत मज़ा किया.
अब हम दोनों घर में नंगे ही घूमने लगे थे.
दस दिन तक कोई चिंता ही नहीं थी.
उसके बाद अनंग के मम्मी पापा आ गए थे.
अब लगभग हर रात को वो मुझे मेरे कमरे में आकर चोद देता था.
उसके साथ चुदाई करने से मेरी साइज़ बढ़ गई थी. अब मेरी चूचियां 36 इंच की हो गई हैं और गांड 40 इंच की हो गई है.
अनंग के बाद उसकी मम्मी यानि जेठानी ने मेरा साथ लेस्बियन सेक्स किया था.
फिर हम दोनों लुगाइयों ने मिलकर चुदाई का धमाल भी किया.
अगर आप मेरी और मेरी जेठानी की एक साथ वाली चुदाई के बारे में जानना चाहते हैं, तो कमेंट में जरूर बताएगा.
मैं वो सब आपको लिख कर बताऊंगी.
सेक्सी चाची की चूत में लंड की कहानी कैसी लगी? मुझे मेल कीजिएगा ताकि मैं आपके लिए मेरे जीवन में घटित सेक्स स्टोरीज को लिखती रहूँ.
आपके लंड की प्यासी
अदिति शर्मा
[email protected]
What did you think of this story??
Comments