मादक मामी के साथ चूत चुदाई का मजा

(Rain Sex Hot Kahani)

आशु झा 2 2022-07-28 Comments

रेन सेक्स का मजा मैंने लिया अपनी सेक्सी हॉट मामी के साथ जब मैं उनके घर रहने गया था. वे मेरे साथ खुली हुई थी, मैं उन्हें अपनी गर्लफ्रेंड बनने को कहता था.

यह सेक्स कहानी पढ़ने वाले सभी दोस्तों सहेलियों और भाभियों को मेरा नमस्कार!
मेरी पहली सेक्स कहानी है.

मेरा नाम आशु है. मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं.

रेन सेक्स कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी मामी के बारे में बता देता हूं.
उनका नाम आरती है और वो दिल्ली की रहने वाली हैं.
मामी की हाइट 5 फुट की है और एकदम कसा हुआ जिस्म है.

उनकी उम्र यही कोई 35 साल की होगी.
आपको तो पता ही है, इस उम्र में आते आते औरतों की सेक्स करने की इच्छा कितनी ज्यादा बढ़ जाती है.

मुझे मेरी मामी की उभरी हुई गांड बहुत पसंद थी.
मेरी और मामी के बीच अच्छी खासी दोस्ती थी. हम दोनों एक दूसरे से सब तरह की बातें शेयर कर लिया करते थे.

वह मुझे हर बार कहती थीं- तू कितना अच्छा दिखता है, तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
मैं उन्हें हर बार कह देता था- मामी कोई आप जैसी मिलती ही नहीं, आप ही बन जाओ न!
इस पर वो मुस्कुराकर चली जाती थीं.

हम दोनों एक दूसरे से इतना खुले हुए थे कि मैं उनसे सेक्स के बारे में भी पूछ लिया करता था.

मेरे मामा पेशे से ठेकेदार थे.
एक दिन मेरे मामा जी को किसी बड़ी साइट का ऑर्डर मिला जो शहर से दूर था … इसलिए उन्हें कुछ दिन वहीं रहना था.

मामी अकेली ना रहें, इसलिए उन्होंने मेरी मम्मी को फोन करके कहा- दीदी आप आरती के पास जाकर कुछ दिन रुक जाओ.
मम्मी ने मुझसे कहा- क्या तुम मामी के यहां जाकर कुछ दिन रह सकते हो? मेरे घुटनों में दर्द है, तो मैं वहां नहीं जा सकती. तुम्हारी मामी को अकेले में डर लगता है.

मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था कि जिनसे मैं सेक्स की बातें किया करता था, आज मुझे उनके साथ ही रहने का मौका मिल रहा है. शायद मेरी किस्मत का ताला खुल जाए और मुझे मेरी मामी के साथ सेक्स करने का मौका मिल जाए.

अगले ही दिन अपना सामान लेकर मामी के घर चला गया.
मामी भी मुझे देख कर खुश हुईं.

पहला दिन तो जैसे तैसे निकल गया, मैं कुछ नहीं कर पाया.
जब वो काम करती थीं तो मैं बस उनको तिरछी नजरों से देखता रहता था.

मामी गहरे गले की मैक्सी पहनती थीं, जब वो झुकतीं, तो उनके मम्मे दिखाई दे जाते थे.
वो सीन देखकर मेरी पैंट में तंबू बन जाता था.
उसे कई बार मामी ने भी देखा था और वो एक कातिल मुस्कान चेहरे पर ले आती थीं.

अगली रोज सुबह से ही काली घटा छाई हुई थी जो दिन होते होते जोर से बरस गई.
मैं और उनका बेटा बारिश में नहाने चले गए.

मैंने उनसे भी कहा- चलो मामी, बारिश में नहाते हैं.
पर उन्होंने कहा- तुम जाओ, मुझे थोड़ा काम है.

थोड़ी देर बाद मैंने मामी छत पर अपने बेटे को लेने को आईं, वो ठंड से कांप रहा था.
उनकी नजर मेरे लोवर में बने उभार पर चली गई.

उन्होंने कहा- चल अब नीचे आ जा, बहुत नहा लिया.
मैंने तुरन्त कहा- आप मौका ही नहीं दे रही नीचे आने का.

मामी मेरी बात समझ गईं और बोलीं कि वो मौका तो नहीं मिलेगा.
मैंने कहा- मैं मौक़ा लेकर रहूँगा.

वो मुस्कुरा दीं और बोलीं- हां, अपनी गर्लफ्रेंड के साथ ऊपर नीचे होने का मौका ले लेना.
मैं भी हंस कर कह दिया- मैं तो आपको ही अपनी गर्लफ्रेंड मानता हूँ.

वो बोलीं- ये ख्वाब देखना छोड़ दे.
मैंने कहा- मामी, अब ये ख्वाब तो आप देखोगी.

वो हंसने लगीं- ऐसा होना जरा मुश्किल है.
मैंने कहा- आप ठान लेंगी तो कुछ भी मुश्किल नहीं है.

मामी हंसती हुई नीचे चली गईं.

मैंने मन में कहा कि चोद कर तो आपको रहूंगा ही.
वो नीचे चली गईं, मैं बारिश में नहाता रहा.

मैं सोच ही रहा था कि मामी को ऊपर कैसे बुलाऊं कि तभी मुझे एक तरकीब सूझी जिससे मैं रेन सेक्स का मजा लेने की कोशिश कर सकता था.

मैंने गिरने का नाटक किया, जिसकी आवाज सुनकर मामी तुरन्त छत पर आईं और उन्होंने सवालों की झड़ी लगा दी- क्या हुआ … क्यों चिल्ला रहे थे?
मैंने कहा- मुझे तो आपको बुलाना था, इसलिए नाटक किया.

तब तक वो बारिश में भीग गई थीं.
शायद उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी जिस कारण उनके निप्पल कड़े होकर अलग ही दिख रहे थे.

मैंने कहा- आज तो मेरी गर्लफ्रेंड बड़ी हॉट लग रही है.
वो हंसने लगीं और बोलीं- किधर से हॉट लग रही हूँ.

मैंने कहा- हाथ लगा कर बता दूँ?
वो कुछ नहीं बोलीं, बस मुस्कुराती रहीं.

मैंने मामी को पकड़ कर अपने पास खींच लिया.
वो बोलीं- क्या कर रहा है?

मैंने कहा- गर्लफ्रेंड किधर से हॉट है, उसे ये बता रहा हूँ.
मामी ने कुछ नहीं कहा.

मैं उनके और करीब आ गया.

उस वक्त हम दोनों इतने करीब आ गए थे कि उनके निप्पल मुझे मेरी छाती पर महसूस हो रहे थे.
हमारी सांसें गर्म हो चुकी थीं और एक दूसरे के चेहरे पर महसूस हो रही थीं.

मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और एक हाथ उनकी उभरी हुई गांड पर रख कर हल्का सा दबा दिया.
कुछ मिनट के किस के बाद वो मुझसे अलग हो कर नीचे चली गईं.

वो दिन भी खाली निकल गया और मैं फिर मुठ मार कर रह गया.

अब मुझसे और नहीं सहा जा रहा था.
अगले दिन हिम्मत करके मैंने उस वक्त मामी को पीछे से पकड़ लिया जब वे किचन में खाना बना रही थीं.

मैंने उनके गले के पीछे हल्का सा किस किया और उनकी नाभि में हल्के से हाथ फिराने लगा.
उन्होंने कहा- आशु, यह सब ठीक नहीं है, मैं तुम्हारी मामी हूं.

पर मैंने मामी की एक नहीं सुनी. मैंने अपना एक हाथ धीरे से उनके स्तन पर रख दिया और हल्के हल्के दबाने लगा.
मेरा दूसरा हाथ उनकी उभरी हुई गांड को दबा रहा था. मेरा खड़ा लंड मामी की गांड में दबाव बना रहा था.

कुछ देर बाद उन्होंने पीछे हाथ करके मेरे लौड़े को हाथ में पकड़ा और सहलाने लगीं.

मैंने कहा- कैसा है?
वो बोलीं- इतना टाइम लगा दिया तुमने … कब से मैं इसके लिए तड़प रही थी. क्या तुम्हें अपनी मामी पर जरा भी तरस नहीं आया, जो तुम मुझे इसके लिए इतना तड़पा रहे थे.

मैंने उन्हें अपनी ओर घुमाया और जोरदार किस करने लगा. मैंने उनका ब्लाउज दोनों हाथों से खींच दिया.

हम दोनों करीब दस मिनट तक किस करते रहे.
मैं उनके मुँह में जीभ डाल कर घुमा रहा था, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

मामी मस्ती से मेरे साथ चुम्मी का मजा ले रही थीं.
मैंने कहा- किचन में ही पूरा मजा लेना है क्या?

वो कुछ नहीं बोलीं, बस मेरे साथ चिपकी रहीं.
मैंने पूछा- बेटू कहां है?

उन्होंने मादक आवाज में कहा- वो बगल में खेलने गया है.
बस फिर क्या था, मैं उन पर ऐसे टूट पड़ा, जैसे किसी भूखे को कई दिनों बाद खाना मिला हो.
मैं उनके होंठों का रसपान कर रहा था.

मैंने पीछे हाथ डाल कर ब्रा का हुक भी खोल दिया.
अब उनके कबूतर आजाद हो गए थे.

क्या मस्त दूध थे यार … ब्राउन रंग के निप्पल और बिल्कुल रूई की तरह मुलायम दूध.

मैंने एक दूध को मुँह में भर लिया और जोर से चूसने लगा जिससे मामी की आह निकल गई.

मैं उनके दूसरे दूध को हाथ से दबाने लगा. कभी निप्पल को अपनी दो उंगलियों में फंसाता, तो कभी उसको खींच देता.

मामी आंख बंद करके बस मज़े लिए जा रही थीं.
उनकी मादक आवाज निकल रही थी- आंह और चूसो … कसके चूसो … सारा दूध पी लो आज … आह और दबाओ इन्हें … साले बहुत मचलते हैं.

अब मैं उन्हें गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया और एक बार फिर से उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें किस करने लगा.
वो मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

अब मैं उनके चिकने से पेट पर जीभ फिरा रहा था.
मामी को इसमें बहुत अच्छा लग रहा था.

फिर मैं उनके पैरों की तरफ आ गया, उनकी जांघों पर किस करने लगा और चाटने लगा.
मामी का हाल बहुत बुरा हुआ जा रहा था.
वो अपने मुँह से लगातार आवाजें निकाल रही थीं- आह अह आह …

मामी की काली झांटें काफी बड़ी थीं, शायद उन्होंने काफी दिन से बनाई नहीं थीं.
मैंने कहा- मामी, इन्हें साफ तो कर लिया करो, मुझे पसंद नहीं हैं.
उन्होंने कहा- किस के लिए करती … तेरे मामा तो बस चूत में लंड डाल कर पेलना जानते हैं, मेरी चूत से खेलना उन्हें पसंद ही नहीं है.
मैं- मैं तो हूं खेलने के लिए … अब से मैं इसके साथ खेला करूंगा.

ऐसा कहकर मैंने अपनी जीभ को मामी की गर्म चूत पर रख दिया जिससे वो एकदम से सिहर गईं.
उनको शायद इसकी उम्मीद ही नहीं थी.

मैं आइसक्रीम की तरह उनकी चूत चाट रहा था और उनकी कामुक आवाज मुझमें अलग ही जोश भर रही थी.

तब मैं अपनी जीभ और तेजी से चलाने लगा था जिस कारण से उनका शरीर अकड़ने लगा और एकदम से उनकी चूत का लावा मेरे मुँह में फूट पड़ा.
चूत की मलाई का स्वाद कसैला सा था, फिर भी मैंने उसे चाट चाट कर साफ़ कर दिया.

मामी कहने लगीं- आशु अब और ना तड़पाओ … जल्दी से चोद दो मुझे … अपने लंड से फाड़ दो मेरी चूत को … मुझे अपना बना लो.

पर मैं उन्हें अभी और तड़पाना चाहता था.
मैं अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा, पर अन्दर नहीं डाल रहा था.

मैं उनको किस करने लगा, दूध मसल रहा था.
मामी बस सी सी कर रही थीं.

तभी एकदम से उन्होंने अपना रूप बदला और गाली देते हुए कहा- मादरचोद चोद दे ना … क्यों तड़पा रहा है?
मैंने अपना लंड चूत पर लगाया और एक ही झटके में जड़ में उतार दिया. जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी.

वो एकदम से चिल्ला पड़ीं और गाली देने लगीं- आंह मर गई … मुझे नहीं करना … निकाल साले बाहर … फाड़ दी मेरी चूत को … साले कुत्ते हरामजादे.

मैंने उनकी एक न सुनी और धक्के लगता रहा. कुछ देर में उनको भी मजा आने लगा था.
वो नीचे से गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी थीं.

कोई पन्द्रह मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं उन्हीं की चूत में झड़ गया.
इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थीं.

फिर बाथरूम में जाकर हम दोनों ने एक दूसरे को साफ़ किया.
मैं वहीं उनकी चूत फिर से चाटने लगा.

वो फिर से गर्म होने लगीं और मेरे चूत चाटने की वजह से वो एक बार फिर से मेरे मुँह में झड़ गईं.
इस बार भी मैंने पूरा रस पी लिया.

दोस्तो, इस तरह से मामी मेरे लंड की मुरीद बन गईं.

उनकी चुदाई में आगे क्या हुआ. उनकी वजह से मुझे कितनी नई चूत मारने को मिलीं, वो भी मैं आपको बताऊंगा.
तब तक के लिए आप अपना प्यार देते रहना. मुझे बताना कि आपको मेरी रेन सेक्स कहानी कैसी लगी?
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