चुदक्कड़ बुआ की लंडखोर चूत खूब बजायी

(Porn Porn Family Sex)

निन्जा 2025-02-08 Comments

पोर्न पोर्न फॅमिली सेक्स कहानी में मेरी बुआ अक्सर मुझसे चिपकने की कोशिश करती थी। एक रात को जब मैं सो रहा था तो उसने मेरी पैंट की जिप खोल कर मेरा लंड पकड़ लिया.

दोस्तो, मेरा नाम ऋषभ है। मेरी उम्र 26 साल है और मेरे लंड का साइज 6 इंच से कुछ ज्यादा है।
मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं।

आज मैं आपको अपनी सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूं।
यह पोर्न पोर्न फॅमिली सेक्स कहानी मेरे और मेरी बुआ के बीच की है।

दरअसल वह मेरी सगी बुआ नहीं है लेकिन रिश्ते में बुआ लगती है।
मेरी बुआ का नाम कोमल है।

जिस वक्त की ये घटना है उस वक्त उसकी उम्र 20-22 साल के करीब रही होगी।
बुआ काफी चुदक्कड़ किस्म की लड़की थी।

कई बार जब वो हमारे घर रुकने आती थी तो मुझसे अक्सर चिपकने की कोशिश करती थी।

एक रात की बात है कि मैं छत पर सो रहा था।
बुआ भी छत पर सो रही थी।

मुझे रात में महसूस हुआ कि कोई मुझे छेड़ रहा है।
जब मेरी नींद टूटी तो अहसास हुआ कि कोई मेरे लंड को छेड़ रहा है।

मेरी आंखें खुलीं तो देखा कि बुआ मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड को छेड़ रही थी।

मैंने बुआ को रोकना चाहा तो उसने एकदम से मेरे होंठों पर उंगली रख कर मुझे चुप करवा दिया।
उसने लंड को सहलाना जारी रखा।

मैं कुछ सोच नहीं पा रहा था कि ये सब चल क्या रहा है।

लेकिन लंड तो आखिर लंड है ना … उसे तो खड़ा होना ही था।
मेरा लंड देखते ही देखते तन गया।

बुआ ने जिप नीचे करके पैंट खोली और नीचे करके जांघों तक ला दी।
अब अंडरवियर में मेरा मूसल तना हुआ था जो साइड में एक तरफ फंसा हुआ था।

बुआ ने ललचाई नजरों ने से पहले मेरे लंड की तरफ देखा और फिर मेरी आंखों में देखते हुए मुस्कराते हुए लंड पर हाथ फिराने लगी।

मेरे लंड में झटके लग रहे थे।
इतने में ही बुआ ने मेरे अंडरवियर की इलास्टिक को हटाकर लौड़े को बाहर निकाल लिया।
मेरा गर्म लंड अब बुआ के हाथ में आ चुका था।

इससे पहले कि मैं कुछ सोच पाता बुआ ने मेरे लंड को मुंह में भर लिया।
वो मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी।
मुझे तो एकदम से जैसे जन्नत का मजा आने लगा।

बुआ का मुंह बहुत गर्म था … ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड किसी की गर्म चूत में घुसा हुआ है।

मैं तो पागल सा हुआ जा रहा था लेकिन साथ में डर भी लग रहा था कि ये सब हो क्या रहा है।

फिर बुआ ने एकदम से मेरे लंड को मुंह से बाहर निकाल लिया।
वो साइड में होकर अपनी कुर्ती निकालने लगी।
मैं हैरान हो गया।

इतने में बुआ ने कुर्ती निकाल फेंकी।
वो ब्रा में थी।
उसकी चूचियां ब्रा में कसी हुई थीं।

फिर वो ब्रा को भी खोलने लगी।
उसने ब्रा को खोलकर एक तरफ डाल दिया।
अब उसकी नंगी चूचियां मेरे सामने थीं।

उसने हाथ पकड़ कर मुझे ऊपर की तरफ खींचा और फिर खुद नीचे लेटते हुए मुझे अपने ऊपर लिटा लिया।
मेरी छाती बुआ की नंगी चूचियों से जा सटी।

बुहत कामुक पल था वो।
उसके कसे हुए अमरूद के साइज के चूचे बिल्कुल गोरे थे।
उनके निप्प्ल जैसे गुलाबी से थे।

इतनी रसीली चूचियां देखकर मुझसे भी रहा न गया।
मैं बुआ की चूचियों पर टूट पड़ा, उनको जोर जोर से दबाने लगा।

मैं दोनों हाथों से कोमल बुआ की सख्त चूचियों को भींच रहा था।
वो भी कसमसा रही थी और मुझे अपने ऊपर खींच रही थी।

फिर उसने मेरे सिर को पकड़ा और बालों से खींचते हुए मेरे होंठ अपनी चूचियों पर सटा दिए।

मुझे भी समझते देर न लगी कि बुआ चूची पिलाना चाहती है।
मैं बुआ के सफेद चूचों को पीने लगा, दबा दबाकर जैसे उनका दूध निकालने की कोशिश करने लगा।

इतने गोरे और रसीले चूचे भला कोई कैसे न पीता!

मैं जोर जोर से उसकी चूचियों को पीने में लगा हुआ था।
वो कभी मेरे सिर पर बालों में हाथ फिरा रही थी तो कभी नीचे हाथ ले जाकर मेरे लंड को सहलाने लगती थी।

कई मिनट तक चूचियां पिलाने के बाद उसने मुझे अपने ऊपर से हटाया और फिर सलवार का नाड़ा खोलने लगी।
उसने जल्दी से नाड़ा खोलकर अपनी सलवार को निकाल दिया।

नीचे से बुआ ने पैंटी पहनी हुई थी।
उसकी पैंटी मुझे कुछ गीली सी लग रही थी।

शायद बुआ की चूत गीली हो चुकी थी जिसका निशान उसकी पैंटी पर भी आ गया था।

मुझसे भी रुका न गया और मैंने एक हाथ बुआ की पैंटी के अंदर डाल दिया।
मैं पैंटी में हाथ देकर चूत को छेड़ने लगा।

बुआ की चूत सच में ही गीली हो चुकी थी।
मेरा भी मन कर गया कि मैं चूत में उंगली करके देखूं।
इसलिए मैंने बुआ की चूत में उंगली दे दी। मैं उंगली को अंदर-बाहर चलाने लगा।

जैसे ही बुआ की चूत में उंगली अंदर गई वो एकदम से सिसकार पड़ी- आह्ह ह्ह्ह!

मैं तेजी से चूत में उंगली चलाने लगा तो बुआ मुझसे चिपकने लगी।
वो लगातार आवाजें करने लगी- आह्ह … इस्स् … आह्ह।

मैंने चूत में उंगली चलाने की अपनी स्पीड और तेज कर दी।
जैसे-जैसे मेरी उंगली की स्पीड तेज होती जा रही थी बुआ मुझसे चिपकती जा रही थी।
वो तेजी से मेरे लंड को फेंटने में लगी हुई थी।

मुझे लगने लगा था कि बुआ का मन अब बहुत जोर से चुदने का कर रहा है।
फिर हुआ भी वही … जब बुआ से रुका न गया तो उसने अपनी पैंटी टांगों से निकाल कर एक तरफ फेंक दी।
फिर टांगें खोलकर मुझे अपने ऊपर खींच लिया।

मेरा लंड अभी भी पूरी तरह से तना हुआ था।
बुआ ने मुझे अपने ऊपर लिटाते हुए मेरा लंड अपनी चूत के मुख पर सेट करवा दिया।

मैं भी जानता था कि मुझे क्या करना है।
मैंने एक धक्का मारा तो मेरा लंड बुआ की चूत में फिसल कर अंदर चला गया।
लेकिन अभी पूरा लंड नहीं गया था।

फिर मैंने एक और धक्का मारा तो आधा लंड अंदर चला गया।
वो चिल्लाई- आह्ह बस!

लेकिन अब कौन बस करने वाला था।

मुझे तो चूत में लंड देकर मजा आ गया था।
मेरे लिए अब चुदाई को रोकना या लंड को वापस बाहर निकालना संभव नहीं था।

मैंने बुआ की नहीं सुनी और लगा उसे चोदने।

तब मैंने एक और धक्का मारा और बुआ की चूत में पूरा लंड समा गया।
अब वो कराह रही थी लेकिन मुझे तो गर्म चूत में लंड फंसा कर बड़ा आनंद मिल रहा था।

वो रोने लगी तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों से चिपका दिए।
मैंने उसके दोनों हाथों को अपने हाथों से दबा लिया और कसकर पूरा लंड उसकी चूत के अंदर पेल दिया।
मैं तेजी से चूत के अंदर-बाहर लंड को करने लगा।

कुछ देर में बुआ का दर्द कम होने लगा।
अब वो आराम से चुदवाने लगी।
मुझे भी चोदने में बड़ा मजा आ रहा था।
क्या गर्म चूत थी उसकी।

फिर कुछ देर में वो मुझे अपने ऊपर खींचकर चुदवाने लगी।
बुआ ने अपनी टांगें मेरी गांड पर लपेट लीं और मेरे होंठों को चूमते हुए चूत खोलकर चुदने लगी।

अब उसकी चूत को लंड का पूरा स्वाद मिल रहा था और मेरे लंड को उसकी चूत का पूरा मजा मिल रहा था।
दोनों ही चुदाई के आनंद में जैसे खोते चले गए।

मैं चोदता रहा और बुआ चुदती रही।
लगभग 10 मिनट तक मैंने बुआ को खूब जोश में पेला।

फिर मेरा माल छूटने को हो गया।
मैंने सारा माल उसकी चूत में ही निकाल दिया।

उस रात को हम दोनों ने चुदाई के मजे लिए।
उस दिन के बाद कुछ दिनों तक सब कुछ सामान्य रहा।

उसके बाद हमारा घर बनने वाला था।
फिर घर में मिस्त्री आ गए।
घर का सारा सामान बिखर गया था।
मेरा मन चुदाई का कर रहा था।

मैंने दिन में ही बुआ को इशारा कर दिया था कि आज रात को मिलना है।

तो फिर जब सब लोग सो गए थे तो रात के 2 बजे बुआ मिलने आई।
हम दोनों एक कमरे में घुस गए जहां पर सारा सामान ही सामान भरा हुआ था।

फिर मैंने बुआ को जल्दी से नीचे लेटा लिया।
जल्दी से उसकी पजामी उतारी और सूट को ऊपर कर दिया।
मैं बुआ के बूब्स को चूसने लगा।

उसके बाद मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और अंदर-बाहर करने लगा।
बुआ भी गर्म होने लगी।
फिर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया।

वो मुझे जोर से किस करने लगी।
हम दोनों काफी देर तक होंठों को चूसते रहे।

फिर वो बोली- अब जल्दी से डाल दो प्लीज!

मैंने उसके पैरों को ऊपर उठा लिया। मैंने पैरों को अपने हाथों में पकड़ा और अपने लंड को चूत पर सेट कर दिया।
इसमें बुआ ने भी मेरी मदद की।

लंड को चूत पर सेट करते हुए बुआ ने अपने मुंह पर खुद ही हाथ रख लिया।
मैंने झटका मारा तो पहले ही झटके में लंड चूत में जा घुसा।

वो छटपटाने लगी लेकिन मुंह पर हाथ रखे हुए ही ऊं … ऊं … कर रही थी।
लेकिन मैंने बुआ को नीचे दबा रखा था।

कुछ देर मैं ऐसे ही रहा।
मैंने अभी तक चुदाई शुरू नहीं की थी।

फिर जब वो नॉर्मल होने लगी तो मैंने लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया।

कुछ ही पलों में बुआ के मुंह से आह्ह … ऊह्ह जैसे शब्द निकलने लगे।

मैं भी बुआ को कसकर चोदने लगा।
बुआ लगातार सिसकारियां लेती हुई कहने लगी- आह्ह और जोर से … आह्ह और तेज … आह्ह … चोदो मुझे। प्लीज फाड़ दो।

फिर मैं भी कई मिनट तक उसको ऐसी ही स्पीड से चोदता रहा।
वो झड़ने के करीब पहुंची तो मुझसे चिपकने लगी।

फिर एकदम से उसकी जोर जोर की आवाजें निकलने लगीं- आह्ह … आह्ह … करते हुए वो झड़ने लगी।

बुआ की चूत से खूब सारा पानी निकला जिससे मेरे लंड को गर्म गर्म मजा मिला।
मैं भी पूरी ताकत लगाकर उसकी चूत में धक्के लगाने लगा।

वो बोली- अंदर मत गिराना अबकी बार, मुंह में गिराना।

मेरा माल छूटने को हुआ तो मैंने एकदम से लंड को बाहर निकाल दिया।
मेरे वीर्य की पिचकारी बुआ के चेहरे पर लगने लगी।
उसका माथा, नाक, होंठ सब मेरे वीर्य में भीग गए।

फिर हम जल्दी से वहां से उठे।
उसने कपड़े से अपना चेहरा साफ किया और हम वहां से निकल आए।

हम दोनों अपनी-अपनी जगह पर आकर सो गए।

घर बनने के दौरान हमें काफी मौका मिला चुदाई करने का।
हर दूसरे या तीसरे दिन हम चुदाई कर लेते थे।

उसके दो-तीन साल बाद बुआ की शादी हो गई।

शादी के बाद कभी-कभी ही बुआ से मिलना होता था।
लेकिन जब भी मौका मिलता था हम चुदाई करते थे।

आज भी जब कभी कभार बुआ के साथ अकेले में मौका मिलता है तो हम दोनों सेक्स के मजे लेते हैं।

एक बार वो किसी की शादी में गई थी।
वहां भी वो कई लोगों से चुदकर आई थी।
कुल मिलाकर मेरी बुआ शुरू से ही चुदक्कड़ रही है।

बुआ की चूत मारकर मुझे बहुत मजा आता था।
शादी के अब उसकी चूत काफी ढीली हो चुकी है।
लेकिन सेक्स करने में उसके साथ अब भी बहुत मजा आता है।

कोमल बुआ लंड चूसने की बहुत शौकीन है।
वो लंड चूसकर मुझे बहुत मजा देती है।

मुझे लगता है रिश्तों में चुदाई का मजा कभी न कभी सबने लिया होगा।

दोस्तो, आपको मेरी यह स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
पोर्न पोर्न फॅमिली सेक्स कहानी पर आप सबकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।
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