मेरी चाहत मेरी मामी मुझे मिल ही गई
(Meri Chahat Meri Mami Ki Chut Mujhe Mil Hi Gai)
दोस्तो, मेरा नाम गौरव है। मेरी उम्र 19 साल है दिखने में अच्छा हूँ और काफ़ी फ्रेंड्ली हूँ।
बात उन दिनों की है जब मेरी 12 वीं कक्षा की परीक्षा हुई थी और मैं घर पर परीक्षा के रिज़ल्ट का इन्तजार कर रहा था.. जो कि जून में आने वाला था।
तब तक मेरे पास 2 इन महीनों में कुछ भी करने के लिए नहीं था।
एक दिन मैं घूमने के लिए अपने मामा जी के घर पर गया था और मुझे तीन दिन तक वहीं पर रुकना था।
मैं बहुत खुश था क्योंकि मैं अपनी मामी को बहुत पसंद करता था। जब मैंने उन्हें पहले दिन से देखा था.. तब से ही मैं उन्हें लाइक करने लगा था मगर मैं कुछ नहीं कर सकता था। उनकी शादी हो चुकी थी और वे अब मेरी मामी थीं।
मैं खुश इसलिए था क्योंकि मैं अपनी मामी से मिलने वाला था और मैं बड़ी खुशी से उनके घर गया था।
मैं सबसे पहले उनसे ही जाकर मिला और उन्हें ‘हैलो’ कहा.. मामी ने भी ‘हैलो’ कहा। हम दोनों ने हैण्डशेक किए और मैं घर में अन्दर आ गया।
घर में उस वक्त कोई नहीं था.. मामा ऑफिस गए थे और नानी जो कि उनके साथ रहती थीं.. वो मार्केट गई थीं।
मैं बता दूँ कि मेरी मामी मुझसे बहुत बातें करती थीं.. क्योंकि मैं उनके फ्रेंड की तरह था। वो बहुत खूबसूरत थीं और उनकी उम्र मात्र 23 साल की थी। इसी वजह से मैं उन्हें बहुत लाइक करता था।
मेरे दिल का हाल शायद मेरी मामी जानती थीं.. मगर वो भी कुछ नहीं कर सकती थीं।
खैर.. मैं उनके घर गया और काफ़ी देर तक उनसे बात करता रहा। उन्होंने मेरे स्कूल लाइफ के बारे में बात की और मैंने भी सब कुछ बता दिया।
तब तक मेरी नानी आ गई थीं.. मैंने उनके पैर छुए और आशीर्वाद लिया और आराम करने चला गया।
शाम को मेरे मामा जी भी आ गए और मैंने उनसे भी थोड़ी बातचीत की और फिर रात को डिनर किया और सोने चला गया।
रात को मैं पानी पीने के लिए उठा और मामी और मामा के कमरे से कुछ आवाज़ सुनी। शायद मामी की आवाज थी.. मैंने की-होल से देखा कि मामी रो रही हैं।
मुझे यह देख कर बहुत बुरा लगा और मैं दुखी मन से सोने चला गया।
मैं सुबह उठा और ब्रेकफास्ट किया और टीवी देखने लगा। मामा रोज की तरह अपने समय पर ऑफिस चले गए और नानी मेरे आने के खुशी में मार्केट से कुछ खाने के लिए लाने चली गईं।
मैं तब तक टीवी देख रहा था। मामी मेरे पास आकर बैठीं और मुझसे पूछने लगीं- क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं कार्टून देख रहा हूँ।
मामी ने हँसते हुए मुझे एक धौल जमाई और कहा- इतने बड़े होकर कार्टून देखते हो।
मैंने भी हँसते हुए कहा- हाँ।
फिर मुझे रात वाली बात याद आई.. मैंने मामी से पूछा- मामी आप रात को रो क्यों रही थीं?
मामी ने कहा- तुम्हें कैसे पता चला?
मैंने कहा- मुझे आपकी रोने की आवाज़ आई थी।
मामी चुप हो गईं और मैंने फिर ज़ोर देकर पूछा.. तो मामी ने बताया- मैं तुम्हारे मामा के साथ खुश नहीं हूँ। वो रोज शराब पीकर आते हैं और बुरा भला कहते हैं।
इतना कह कर वो रोने लगीं।
मैंने कहा- चुप हो जाओ मामी.. और मैंने उन्हें अपनी बाँहों में भर लिया। उनको इस तरह लेने से मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
वो फिर थोड़ी देर बाद चुप हुईं और वैसे ही मेरे बाँहों में लिपटी रहीं।
थोड़ी देर फिर उन्होंने धीरे से कहा- गौरव, आई लव यू!
मैंने पूछा- क्या?
उन्होंने कहा- मैं तुम्हें लाइक करती हूँ।
उन्होंने मेरी तरफ देखा और मुझसे पूछा- तुम भी मुझे पसंद करते हो.. मुझे पता है।
मैंने कुछ नहीं कहा.. क्योंकि मुझे डर लग रहा था।
फिर दोबारा उन्होंने मुझसे पूछा- तुम मुझे पसंद करते हो ना?
मैंने बहुत हिम्मत करके कहा- हाँ..
और मैं नीचे देखने लगा।
उन्होंने कहा- गौरव तुम्हारे मामा मेरा बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते.. हमेशा बिज़ी रहते हैं और मुझे इग्नोर करते रहते हैं.. मैं बहुत दुखी हूँ।
मैंने उनकी तरफ देखा और कहा- मैं हूँ ना.. मामी आपके लिए।
हमारे बीच में ‘आई-कांटेक्ट’ हुआ और हम एक-दूसरे को यूँ ही देखते रहे। वो मेरे करीब आईं और उन्होंने मुझे मेरे लिप्स पर धीरे से एक किस किया और फिर मेरे आँखों में देखने लगीं।
मुझे तब शायद अपनी मामी से बहुत ज़्यादा प्यार हो गया.. जब उन्होंने मुझे किस किया, मैंने भी किस का जबाव दिया और उनको किस करना चालू कर दिया।
हम दोनों यूँ ही काफी देर तक चूमते रहे।
फिर उन्होंने मुझसे कहा- गौरव, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।
मैंने कहा- मैं भी मामी!
उन्होंने कहा- मामी नहीं.. मुझे सिर्फ अनिता कहो।
उनका नाम अनिता था।
मैंने फिर से उन्हें किस किया और किस करते-करते हम दोनों बेडरूम में चले गए। मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटा कर किस करने लगा और वो भी उत्तेजित होने लगीं, वो मुझे पागलों क़ी तरह चूमने लगीं।
मैं उन्हें किस करते-करते उनके गले तक आया और वो मुझे अपने मम्मों तक ले आईं।
उन्होंने कहा- मेरे ब्लाउज को उतारो।
मैंने कहा- नहीं मामी.. मैं ये नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा- कोई बात नहीं.. करो मेरा और तुम्हारा रिश्ता अब मामी और भांजे का नहीं रहा।
मैंने उनका ब्लाउज उतारा और फिर ब्रा को भी उतार दिया।
ओ माई गॉड.. अब उनके मम्मे ओपन मेरे सामने थे और मुझे यकीन नहीं हो रहा था.. बिल्कुल गुलाबी निप्पल थे और एकदम इरेक्ट थे।
मैंने मम्मों को पकड़ कर थोड़ा दबाया.. आह्ह.. मुझे इतना अच्छा लगा कि क्या कहूँ।
वो भी मस्ती में आ गई थीं.. उन्होंने मेरा सिर अपने मम्मों में दबा दिया और मैं समझ गया कि मुझे क्या करना है।
मैंने उनके मम्मों के निप्पलों को जीभ से छुआ और होंठों में दबा कर चूसने लगा। साथ ही दूसरे हाथ से दूसरे मम्मे को मसलता रहा।
सच कहूँ तो इतना मज़ा आ रहा था कि क्या बताऊँ.. शायद ये मेरा फर्स्ट एक्सपीरियेन्स था.. इसलिए मैं मस्त हो गया था।
खैर.. हम यूँ ही एक-दूसरे को प्यार करते रहे और फिर मामी ने मुझे कपड़े उतारने को कहा।
मैंने बिना देर किए सब कुछ उतार दिया और सिर्फ़ अंडरवियर में रहा गया था।
तभी मामी ने मेरे अंडरवियर से मेरा खड़ा लण्ड निकाला और हाथ में लेकर कहा- गौरव आज तक मुझे तुम्हारे मामा ने इतना प्यार नहीं किया.. जितना तुमने मुझसे आज किया।
वो मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगीं और फिर सीधा लेट गईं और अपनी टाँगें फैला कर बोलीं- मेरी पैन्टी उतारो।
मैंने उतार दी.. उनकी बिल्कुल साफ़ चूत मेरे सामने आ गई और मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने थोड़ा उसे सहलाया और फिर मामी के ऊपर आ कर उन्हें किस किया.. उनके मम्मों को दबाया।
उनसे रहा नहीं जा रहा था और उन्होंने कहा- प्लीज़ अब अन्दर कर दो।
मैंने उठ कर अपने लण्ड उनके चूत पर रखा और थोड़ा झटका दिया। पहली बार में मेरा लण्ड फिसल गया।
उन्होंने कहा- धत पागल.. क्या पहली बार कर रहे हो?
मैंने कहा- हाँ..
वो उठीं और मुझे अपने ऊपर खींच लिया, मेरे होंठों पर किस करके कहा- जानेमन, आज मैं तुम्हें सिखाती हूँ।
उन्होंने मेरा लण्ड अपनी चूत पर रखा और कहा- अब धक्का मारो।
मैंने धक्का मारा और लण्ड थोड़ा सा अन्दर घुस गया, मुझे पहली बार चूत का मज़ा पता चला, वो बिल्कुल गर्म गर्म लग रहा था। मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि मैंने अपनी मामी को कहा- आई लव यू जान..
मैं उनके ऊपर लेट गया और किस करते हुए थोड़ा और धक्का मारा.. तो लण्ड थोड़ा और अन्दर चला गया।
इस बार मामी को थोड़ा दर्द हुआ क्योंकि वो काफ़ी दिनों बाद सेक्स कर रही थीं। मैंने उन्हें प्यार से किस किया और मम्मों को हौले से दबाया.. उन्हें अच्छा लगा।
वो कहने लगीं- आह्ह.. अब जल्दी करो नहीं तो नानी आ जाएंगी।
मैंने फिर थोड़ा ज़ोर से धक्का मारा.. इस बार मेरा पूरा लण्ड चूत के अन्दर चला गया।
उफ़.. क्या मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के तेज कर दिए और हम दोनों मज़े में पागल से हो गए। दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह प्यार कर रहे थे।
आप हमारे सेक्स को सॉफ्टकोर सेक्स कह सकते हो.. क्योंकि हम एक-दूसरे के अन्दर खो चुके थे और ये भूल गए थे कि हमारा कोई रिश्ता भी है।
हम तो बस एक गर्लफ्रेंड और ब्वॉयफ्रेंड की तरह सेक्स कर रहे थे।
कुछ देर बाद मेरा निकलने वाला था और मैंने कहा- अनिता, मेरा निकलने वाला है।
उन्होंने कहा- मेरे अन्दर ही निकाल दो.. तुम्हारे मामा तो मुझे माँ बनने का सुख दे ही नहीं पा रहे हैं.. तो वो सुख मैं तुमसे लूँगी।
उनके यह कहते ही मैंने उनके अन्दर अपना वीर्य निकाल दिया।
वो ‘उईईई.. ईईईई..’ करते हुए सिहर गईं और मुझे कसके पकड़ लिया और मुझे किस करने लगीं- आःह.. कुछ देर और करो प्लीज़..
अब मेरा लण्ड भी जवाब देने लगा, मुझसे बस अब और नहीं हो रहा था, फिर भी मैंने कुछ और धक्के मारे.. तो मामी का भी निकल गया।
मैं उनके ऊपर गिर गया और उनको अपने बाँहों में भर कर उनकी आंखों में देखते हुए कहा- आई लव यू..
मैंने एक किस कर दिया और वो मुस्कुरा कर मुझसे लिपट गईं।
तभी डोरबेल बजी और नानी ने आवाज़ लगाई- अनिता, गेट खोलो।
मामी डर गईं और जल्दी-जल्दी साड़ी पहनने लगी और मैं भी जल्दी-जल्दी कपड़े पहनने लगा।
मैं टीवी ऑन करके बैठ गया और मामी ने गेट खोल दिया और अपना काम करने लगीं।
नानी ने कहा- अनिता, गौरव के लिए आज मटर पनीर बना लो।
वो खुशी-खुशी बनाने चली गईं।
उसी दिन से हम दोनों को रिश्ता बदल गया और हम एक-दूसरे को इन दिनों में जब मौका मिला.. हम दोनों ने खूब प्यार किया और चुदाई की।
फिर मेरे जाने का समय आ गया.. मामी बहुत दुखी थीं और मैं भी उदास हो गया था।
मैंने कहा- मैं फिर जल्द ही आऊँगा। उन्होंने थोड़ा स्माइल किया और मैंने उनसे विदा ली।
सो दोस्तों कैसी लगी आप लोगों को मेरी ये रियल स्टोरी.. मैं आज भी अपनी मामी से उतना ही प्यार करता हूँ और आज उनका एक बच्चा भी है.. जो कि मेरा है.. लेकिन नाम मामा का है।
आप लोग प्लीज़ मेरी ग़लती को माफ़ करना.. जो मैंने स्टोरी लिखने में की होगी।
आपकी मेल का इन्तजार रहेगा।
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