मौसी की चूत की आग
(Mausi Ki Chut Ki Aag)
हैलो दोस्तो, कैसे हो आप सब..!
मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ। मेरी कहानी शुरू होने से पहले मैं सभी लंडधारियों को प्रणाम करता हूँ और चूत की मालकिनों को नमस्कार करता हूँ।
मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच है और दोस्तों के साथ घूमना मस्ती करना.. पढ़ाई करना.. इन सब में ज़िंदगी बीत जाती है।
मेरी उम्र 22 साल है और मैं पढ़ाई करता हूँ.. हम लोग मुंबई में रहते हैं, मेरे घर में मम्मी डैडी के साथ मैं और मेरी बहन रहती है।
अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ।
यह कहानी मेरी ज़िंदगी की पहली और सच कहानी है.. मैंने अब तक की ज़िंदगी में कभी किसी लड़की को छुआ भी नहीं था लेकिन जब यह घटना हुई.. उस टाइम मेरी उम्र 20 साल थी।
मतलब आज से 2 साल पहले की ये घटना है। मैं कॉलेज गया हुआ था.. मैं कॉलेज से यही कोई 3-4 बजे घर आता हूँ।
घर आया तो मेरी अन्नू मौसी घर आई हुई थीं.. उनकी शादी को 4 साल हो गए थे। वो यहीं मुंबई के पास में ही नासिक में रहती हैं। मैंने मौसी को देखा तो बहुत खुश हुआ.. क्योंकि उनसे मैं उनकी शादी में ही मिला था.. उसके बाद कभी आना-जाना नहीं हुआ।
एक बात यह कि वे मेरी मम्मी की सबसे छोटी बहन थीं.. मतलब आज उनकी उम्र 28 साल है। शादी के वक़्त उनकी उम्र सिर्फ़ 24 साल थी।
चलो अच्छा है। मुझे भी कोई साथ टाइम साथ बिताने के लिए मिल गया था।
मम्मी ने बाद में मुझे कहा- अभी एक महीना तेरी मौसी यहीं घर पर ही रहने वाली हैं.. तेरे मौसा जी एक महीने के लिए विज़िट पर गए हैं, उनके लिए गेस्ट-रूम तैयार कर दे।
मैं भी बहुत खुश था.. क्योंकि मुझे भी मेरी बहन और मौसी के साथ टाइम बिताने के लिए वक्त मिल गया था। मैंने मौसी के लिए गेस्ट-रूम खाली कर दिया और अपनी बहन के साथ मिल कर वहाँ साफ-सफाई कर दी।
ऐसे ही हँसी-मज़ाक में कब मौसी को आए 15 दिन हो गए.. मालूम ही नहीं पड़ा.. फिर मेरी बहन भी अपने हॉस्टल वापस चली गई। अब मैं और मेरी मौसी दोनों ही साथ में हँसी-मज़ाक करते हुए रहने लगे।
एक दिन मैंने बात-बात में मौसी से पूछा- आपकी शादी को 4 साल हो गए.. आपने बच्चे के बारे में क्यों नहीं सोचा?
उन्होंने उस बात को टाल दिया.. फिर कभी मैंने भी दुबारा नहीं पूछा।
दूसरे दिन अचानक मम्मी ने कहा- तू अपनी मौसी को बाइक पर ले जाकर कुछ शॉपिंग करवा ला।
मैंने बोला- ठीक है.. कब जाना है?
तो मौसी बोलीं- आज शाम को चलूँगी।
मैं बोला- ठीक है.. शाम को 6 बजे चलते हैं।
मम्मी की आवाज़ आई- इतनी देर से क्यों.. शाम को 5 बजे चला जा ना..
फिर मौसी भी बोलीं- हाँ 5 बजे ठीक रहेगा।
मैं उस दिन दोस्तो के साथ घूम कर 4 बजे घर आया।
उसके थोड़ी देर आराम करने के बाद मौसी बोलीं- चल मार्केट चलते हैं।
मैं बोला- चलो..
फिर हम दोनों बाइक पर चले गए।
शादी के आज 4 साल बाद भी मौसी की फिटनेस किसी रूप की सुन्दरी से कम नहीं थी। जो भी हमें देखता.. यही सोचता की मियां-बीवी जा रहे हैं।
क्या मालूम उस दिन मौसी को ले कर मेरे दिमाग में अलग-अलग तरह फीलिंग्स आ रही थीं।
जब भी मैं बाइक स्लो करता तो मौसी का स्पर्श पाते ही.. दिल और दिमाग में घंटी सी बजती। जैसे तैसे हम लोग दुकान पर पहुँचे।
वहाँ पर मौसी जी ने मौसा जी के लिए गरम कपड़े लिए, मैं समझ गया कि मौसा जी आने वाले हैं।
वहीं पर मौसी जी कपड़े मुझे पहना कर देख रही थीं.. कसम से वहीं मन कर रहा था.. कि मौसी जी को घर ले जाकर चोद दूँ और कसम से दिमाग में ये बात जैसे ही आई.. मैं मौसी जी को घूरे जा रहा था।
बाद में मौसी जी बोलीं- जनाब कहाँ खो गए।
मुझे भी लगा कि मैं पता नहीं किधर खो गया हूँ, मैं बोला- कहीं नहीं चला गया हूँ.. आपकी हो गई शॉपिंग?
मौसी बोलीं- हाँ चलो मुझे अभी और भी शॉपिंग करनी है।
मुझे मौसी के साथ घूमने में बहुत ही मज़ा आ रहा था।
उसके बाद मौसी एक लेडीज दुकान पर गईं और मुझे बाहर ही रुकने के लिए बोलीं।
काफ़ी देर इन्तजार करने के बाद जब मौसी नहीं आईं.. तो मैं दुकान के अन्दर गया, वो दुकान पर लेडीज चड्डी और ब्रा खरीद रही थीं, मुझे वहाँ देख कर बोलीं- तू इधर कैसे?
मैंने कहा- मेरा बाहर मन नहीं लग रहा था तो आ गया।
मौसी मुस्कुरा दीं।
मौसी जी ने दुकान वाले को ब्रा दिखाने के लिए कहा.. उसने बोला- बहन जी क्या साइज़ दूँ?
मौसी बोलीं- 36 की दिखाओ।
कसम से मौसी का फिगर तो दीपिका को भी फेल कर दे।
उसके बाद हम लोग घर आ गए।
मैंने मौसी को बोला- जो लिया है मौसी.. वो पहन कर तो दिखाओ।
मौसी बोलीं- जो तेरे साथ शादी करके आएगी.. वही दिखाएगी।
मैं बोला- अभी तो आप ही दिखा दो न.. आप भी तो अपनी हो।
मौसी बोलीं- तेरी मम्मी को पता चल गया ना.. तो हम दोनों को दिखा देगी।
मुझे विश्वास नहीं हुआ.. मौसी की यह बात सुन कर मैंने देखा कि लोहा दोनों तरफ से गरम है.. हाथ सेक ही लेता हूँ।
मैं बोला- आप और मैं ही तो हैं.. बस तीसरा कौन है.. बताने वाला।
मौसी बोलीं- क्या बात है मेरा कबीर बड़ा हो गया है।
मैं बोला- कबीर ‘का’ भी बड़ा हो गया है।
मौसी ने मुस्कुरा कर कहा- चल आ जा रात को मेरे कमरे में.. देखती हूँ कितना बड़ा हो गया कबीर का..
रात को खाना खाने के लिए बैठे तो मौसी मेरे सामने वाली सीट पर बैठी थीं। मैं मौसी की पैर से पैर मिला रहा था।
मौसी हल्के से बोलीं- थोड़ा सब्र कर.. मेरे राजा.. रात अपनी ही है..
रात को सबके सोने के बाद मैं बारह बजे मौसी के कमरे में गया, वहाँ मौसी मेरा ही इन्तजार कर रही थीं..
अन्दर जाते ही मैं मौसी के दूध मसलने लगा।
मौसी बोलीं- पहले बता तो.. कौन सी ब्रा पहनूं।
मैं बोला- अब तो सब उतरने वाली हैं..
मौसी हँसने लगीं- अच्छा मेरे राजा आ जा.. अपनी मौसी के पास आ जा.. और ताजा दूध पी ले..
मैं मौसी के चूचों में इतना घुस गया कि वहाँ एक ज़ोर का कट्टू कर लिया।
मौसी सिसिया बोलीं- आह्ह.. आराम से.. पूरी रात अपनी ही है..
उसके बाद मैंने मौसी के एक-एक करके सब कपड़े निकाल दिए और मौसी ने मेरे कपड़े निकाल दिए।
उसके बाद मैं मौसी की चूत को चाटने लगा.. और मैंने उनकी चूत को चाट-चाट कर लाल कर दी। मौसी की चूत ने भी पानी निकाल दिया।
।उसके बाद मौसी ने मेरे खड़े लंड को चूस-चूस कर लोहा कर दिया।
उसके बाद मैंने लंड मौसी की चूत पर लगाया.. तो मौसी बोलीं- आराम से मेरे राजा.. इस कुंए को इतने बड़े पाइप की आदत नहीं है.. घर का पाइप छोटा सा है.. मैं तो उसी में पानी भर लेती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है आ जा मेरी जान.. इतना पानी भरूंगा कि कभी पानी की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा.. मौसी की चिल्लाने की आवाज़ आने लगी- आराम से.. मेरी चूत फाड़ेगा क्या.. आराम से चोद न..
लेकिन बिना सुने मैं ‘गपागप गपागप..’ लौड़ा डालता रहा और मौसी चिल्लाती रहीं- आई.. उई.. उहह.. आहह.. मार दिया रंडवे.. छोड़ दे.. आई उहउई.. आई आई मर गई रे.. तेरी माँ को चोद.. जा कर.. साले..
मौसी को चोदते हुए ये गालियां और गाली के साथ मौसी को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था।
उस दिन मैंने और मौसी ने 3 बार चुदाई की।
फिर एक दिन मौसा का फोन आ गया और मैं उनको छोड़ने चला गया।
मौसी को छोड़ने गया तो मौसी ने मम्मी को फोन करके मुझे वहाँ 5 दिन के रोक लिया।
उसके बाद मुझे मौसी ने कितनी और चूतें दिलाईं.. ये अगली कहानी में लिखूँगा।
आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे ईमेल ज़रूर करना.. आपका अपना
राज कबीर
[email protected]
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