मामी का कमर दर्द मालिश और चुदाई
(Mami Ka Kamar dard Malish Aur Chudai)
हैलो फ्रेन्ड्स, मेरा नाम अजय है. मैं अन्तर्वासना की देसी सेक्स स्टोरीज का बहुत बड़ा फैन हूँ. दस साल से में अन्तर्वासना से जुड़ा हुआ हूँ. मैं अपनी मामी की चुदाई की कहानी लिख रहा हूँ. उनकी कमर दर्द ने मामी को मुझसे कैसे चुदवा दिया. इस देसी सेक्स स्टोरी का मजा लीजिएगा. चूंकि मैं स्टोरी पहली बार भेज रहा हूँ. तो गलतियों को नजरअंदाज कीजिएगा.
मैं और मेरे मामा बहुत ही खास दोस्त हैं. मेरी उम्र बत्तीस साल है और मामा की उम्र ब्यालीस साल है. मेरे और मामा के बीच दस साल का अन्तर है. लेकिन बचपन से ही हम दोस्त की तरह बड़े हुए है. कहीं पे भी जाना, जैसे कि किसी फंक्शन में जाना, शादी में जाना, घूमने जाना हो … मैं और मेरे मामा साथ ही होते हैं. ऐसी दोस्ती है हमारी.
हफ्ते में दो तीन दिन मामा के घर पे जाना रहता ही है.
मामा की शादी हुए सत्रह साल हो गए. मेरी मामी की उम्र चालीस साल है. मुझे तो मामा के घर पे तो जाने का मूड हमेशा रहता ही है. पिछले कई साल से मामी के मुँह से सुनता आया हूँ कि उन्हें कमर दर्द रहता है, काफी सारे डाक्टर से इलाज करवाया, लेकिन ठीक नहीं हुआ, तो प्रॉब्लम तो वैसे की वैसी ही थी. मामी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें.
एक दिन उसने मेरी बीवी को भी बताया कि मैं क्या करूँ. ऐसा सब कुछ चल रहा था, लेकिन कुछ समझ में नहीं आ रहा था.
बात आई गई होती रही, फिर बात एक दिन ऐसी बनी कि मामी की कमर बहुत ही दर्द कर रही थी, तो उस दिन मामी ने मेरी बीवी को पूछा- तुम्हारी कमर दर्द करती है, तो तुम क्या करती हो?
तो मेरी बीवी ने बताया कि मेरी कभी भी कमर दर्द होती है, तो मैं आपके भांजे अजय को बोल देती हूँ, तो वो मालिश करके दर्द को दूर कर देते हैं.
यह बात मामी के मगज में बैठ गई. ये बात मामी ने मामा को बताई- तुम्हारा भांजा, तुम्हारी भानेज बहू की कमर का दर्द ठीक कर देता है और तुम उसके साथ ही रहते हो, फिर भी तुम्हें नहीं आता.
इस बात को लेकर उनके बीच चिकपिक हुई. फिर मेरे मामा ने मुझे इसे बताया. फिर बात दिमाग में आई कि मामा की दिक्कत कैसे दूर करूँ. प्रॉब्लम का सोल्यूशन लेकर मेरे दिमाग में कीड़ा घूम रहा था और ऐसे ही दिन कट रहे थे.
तभी इस प्रॉब्लम का सोल्यूशन मुझे अन्तर्वासना ने दिया.
अब इधर पहले मैं आपको अपनी मामी के बारे में बता देता हूँ. मुझे मेरी मामी के लिए ऐसे ख्याल कभी नहीं आये थे, लेकिन प्रॉब्लम खत्म करने के लिए मामी के नाम का ख्याल मन में आने शुरू हो गए थे. मेरी बीवी ने जब से मेरे बारे में कमर दर्द का इलाज बताया था, तब से मेरी मामी का नजरिया मेरी ओर कुछ अलग ही नजर आने लगा था. मेरी मामी बिल्कुल नयी जनरेशन की हैं, वो गजब के हुस्न की मालकिन थीं. उनके छोटे छोटे चूचे, छोटे छोटे चूतड़, पतली सी कमर.. आह.. मैं उनको देखता तो मेरा मन करने लगता था कि उसको अभी अपने दबा के चोद दूँ.
लेकिन अभी मैं ये चाहता था कि पहले शुरूआत मामी करें. मेरी और मेरी मामी की बहुत जमती थी. एक दिन में और मेरी मामी बैठ कर बात कर रहे थे. तो हमेशा की तरह बातों के बीच में मामी ने कमर दर्द की बात शुरू कर दी.
तो उन्होंने बताया- तुम जैसे तुम्हारी बीवी का कमर दर्द का इलाज करते हो, ऐसे मेरा भी इलाज कर दो.
मैं बोला- मैं वो सब आपके साथ कैसे कर सकता हूँ.
मामी मेरी तरफ सवालिया नजरों से देखने लगीं.
मैंने कहा- मैं क्या डाक्टर हूँ कि मैं तुम्हारा इलाज करूँ?
मतलब मैंने मामी को मना कर दिया. जब मामी ने फिर कहा, तो मैंने उन्हें बताया कि मामा क्या सोचेंगे. मैं ये नहीं कर सकता.
मामी बोलीं- तुम तुम्हारे मामा की क्यों टेंशन लेते हो, उसकी परमीशन में ले लेती हूँ.
फिर भी मैं उनसे ना बोलकर वहां से निकल गया.
उसके दो दिन बाद मामा का फ़ोन आया कि क्या हुआ तुझे … तूने घर पे आने क्यों बंद कर दिया??
मैंने बोला- जरा काम में बिजी हूँ, इसलिए नहीं आ पाया.
मामा बोले कि इतने साल में कभी बिजी नहीं हुआ और दो दिन में इतना बिजी हो गया?
मामा का ये कहने का मतलब इसलिए भी था कि छोटे से बड़े साथ में हुए थे. फिर घुमा फिरा के बात क्यों कर रहे हो.
फिर बाद में मामा सीधे मुद्दे पे आ गए कि यार तेरी मामी का प्रॉब्लम खत्म कर दे, वो मेरा दिमाग खा गयी है.
मैंने बोला- क्या सच में?
तो बोले- हां … तेरी मामी ने ही मुझे बताया कि तुम्हारी दो दिन पहले बात हुयी थी, लेकिन तूने ना बोल दिया.
तो मैंने भी मामा से भाव खाते हुए कहा कि मैं कैसे मामी को हाथ लगाऊं?
मामा बोले- चल मैं तुझे परमीशन देता हूँ कि तू अपनी मामी का इलाज कर दे.
मामा इस झंझट से पक गए थे, तो मामा ने हरी झंडी दे दी.
मामी ने तो पहले से ही झंडी दे रखी थी और मामी ने मेरी बीवी से भी परमीशन ले ली थी, तो मेरी परेशानी एकदम से खत्म हो गई थी.
फिर इलाज का दिन आ गया, तो मैंने वापस मामा को फ़ोन किया- आप कब घर पे आ रहे हैं?
मामा ने पूछा- क्यों पूछ रहा है?
मैं बोला- मामी का मालिश का काम शुरू करना है ना.
मामा बोले- मेरी टेंशन मत ले.. तू शुरू कर दे.
मैंने ना बोल दिया.
मामा बोले- ठीक है, मैं आ जाता हूँ. बाद में करना.
जब मामा आये, उसके बाद हम सब खाना खाके रेडी हो गए. इसके बाद मैंने मामी की मालिश करना शुरू कर दिया. इसी तरह से तीन दिन तक मालिश चला तो मामी को बड़ी राहत महसूस हुई.
इस बात से सबसे पहले मामा खुश हो गए. मामी तो खुश होने वाली ही थीं.
लेकिन दर्द पुराना था तो अभी मालिश का काम लम्बा चलना था.
मामा बोले- अब इसका इलाज तुझे ही करना है. मामा तीन दिन साथ में रहे, तो उनको भी भरोसा हो गया कि भांजा सही कर रहा है. और तो और मामा ने बोल भी दिया कि अब मुझे आने की जरूरत नहीं है, तू अपने हिसाब से इलाज कर दे. यानि पूरा का पूरा रास्ता साफ हो गया था.
बाद में शुरू हुआ मेरा और मामी का खेल. अब मैं और मामी अकेले ही बेडरूम में रहते थे. मैं उनकी मालिश भी करता जाता और हम दोनों बातें भी करते रहते थे. छह-सात दिन हो गए थे, अब मामी को दर्द खत्म होने लगा था तथा मजा आने लगा था. मामा की समस्या भी दूर हो रही थी.. तो मामा भी खुश थे.
मामा ने भी बोल दिया- जब तक इलाज न हो जाए, तब तक तुझे ही मालिश करना है.
मुझे भी मामी के बदन पर हाथ फेरने में मजा आ रहा था. इस मालिश में मुझे मामी कमर पर हाथ फेरने के अलावा उनकी टांगों को भी नंगा करके ऊपर तक हाथ चलाना होता था. उनके पेट के नीचे पेड़ू तक हाथ से बदन को टाच करने का सुख मिल रहा था. कभी कभी मामी की झांटें भी टच हो जाती थीं.
दो दिन बाद में मालिश कर रहा था, मामी मालिश के टाइम पे सिर्फ ब्रा और केप्री ही पहनती थीं.
उस दिन मामी ने मजाक मस्ती में मेरा लंड दबा दिया. क्योंकि मैंने उनकी चुत के ऊपर पेड़ू पर हाथ लगाया था. इस तरह मामी ने मेरे लिए पूरे के पूरे दरवाजे खोल दिए.
उन्होंने जब मेरा लंड पकड़ा तो मैंने भी उनकी इच्छा समझ ली. मन तो मुझे भी हो रहा था कि उनको चोद दूँ. क्योंकि हूँ तो मैं भी इन्सान ही.
लेकिन जैसा मैंने ऊपर बताया था कि मैं शुरूआत मामी से करवाना चाहता था, इसलिए मुझे थोड़ी राह देखनी पड़ी. आज काम हो गया था. मामी ने मेरे लंड के साथ छेड़खानी चालू कर दी थी.
मामी ने जब लंड पकड़ने की हरकत की तो मैं खुल गया. मैंने मामी से कहा- अब पूरी मालिश सही से करने का वक्त आ गया है.
मामी बोलीं- मतलब? क्या अभी सही से मालिश नहीं कर रहा था?
मैंने कहा- जैसी मालिश अपनी बीवी की करता हूँ, वैसी तो जब होती है, जब वो मेरे नीचे होती है.
मामी समझ गईं कि मैं उनसे चुदाई की बात कर रहा हूँ. वे बोलीं- तू आज मुझे अपनी बीवी ही समझ कर मेरी वैसी वाली मालिश ही कर दे.
मैंने मामी से कहा- उसमें मुझे आपके अन्दर घुसना पड़ेगा.
मामी मेरे लंड पकड़ कर बोलीं- तो घुसेड़ दे ना.. अब क्या बाकी बचा है.
मैंने भी आव देखा न ताव.. कमरे के दरवाजे को बंद किया और मामी से कहा कि अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ.
मामी तो न कब से इसी इन्तजार में थीं. उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए और वो मेरे सामने नंगी हो गईं.
मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतारे और उनके सामने लंड हिलाता हुआ आ गया. मामी कपड़े उतारने के लिए बेड से नीचे आकर खड़ी हो गई थीं. मैंने उनको अपने नीचे बैठने का कहा, तो मामी समझ गईं. वे मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगीं और फिर मेरे इशारे पर लंड को मुँह में भरके चूसने लगीं.
मुझे तो समझो जन्नत मिल गई थी. अगले बीस मिनट में मेरा लंड मामी की चूत में घुस चुका था और उनकी कमर मेरे लंड का मजा लेने के लिए पूरी मस्ती से हिलने लगी थी. ऐसे ही मामी की मालिश भी होने लगी और मैं उनकी चूत में लंड पेल कर उनके दूध के ऊपर हाथ लगाता हुआ उनको चोदने लगा.
अब मामी मस्ती से मुझे और दूसरे आसन में चोदने का कहने लगीं. मैंने उनको अपने लंड की सवारी करवाई, जिससे उनकी कमर की मालिश भी होती रहे और चूत चुदाई भी होती रहे.
आधे घंटे के बाद हम दोनों फारिग हो चुके थे. मामी को बहुत मजा आया था और मुझे उनकी चूत का स्वाद मिल गया था.
इसी तरह मामी की चुदाई करते हुए कैसे तीन महीने निकल गए, पता भी नहीं चला. जिस दिन मामा सामने होते, उस दिन हम दोनों सादा मालिश करते और बाकी दिन चुदाई वाली मालिश होती. अब मामी भी खुश थीं और मामी के खुश होने के कारण मामा भी खुश थे.
फिर हमने धीरे धीरे मालिश करना कम कर दिया क्योंकि भविष्य में कभी दिक्कत न आये. हालांकि मेरी बीवी को और मामा को कोई एतराज नहीं था, क्योंकि मामी ने ही मामा और मेरी बीवी को मनाया था.
अब पहले की तरह वापस हफ्ते में तीन चार बार मैं मामा मामी से मिलता हूँ. सब ठीक ठाक चल रहा है. अब तो मामी मुझे उसी वक्त बुलाती हैं जब उनको चुदाई का मजा लेना होता था.
फिर मामी ने मुझ पर मेहरबान होकर मुझसे अपने बगल की एक आंटी और एक भाभी की मालिश भी करवाई और चुदाई भी करने को मिली. अपने बगल की आंटी के साथ तो मामी ने एक बार मुझे लेकर थ्री-सम भी करने को कहा था. उस पर मैं बस मुस्करा दिया था.
ये थी मेरी मामी की चुदाई की सेक्स स्टोरी, अच्छी लगे तो मुझे जरूर बताना. आपके मेल मिलने के बाद मैं दूसरी सेक्स स्टोरी भाभी और आंटी के बारे में डिटेल में भेजूँगा.
मेरा ईमेल है [email protected]
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