अकेली चाची की ताबड़तोड़ चुदाई

(Indian home Xxx kahani)

इंडियन होम Xxx कहानी में मैं घर गया तो चाची मुझसे मिलने आई. उन्होंने मुझे उनके पास सोने को कहा क्योंकि चाचा घर पर नहीं थे. रात को हम साथ सोये तो क्या हुआ?

दोस्तो, मेरा नाम राज है, मैं जयपुर का रहने वाला हूँ.

मेरी उम्र 23 साल है, मैं बचपन से ही हॉस्टल में रहा हूं.
मैंने कई रंडियों को चोदा है.

यह इंडियन होम Xxx कहानी घर में हुए मेरे पहले संभोग की कहानी है.

मुझे बचपन से ही अपना लंड बड़ा करने की तमन्ना थी इसलिए मैं हमेशा अपने लंड की ‌मालिश करता रहता था.
उसी के चलते मेरा लंड काफी बड़ा हो चुका था.

मैं अपनी पढ़ाई खत्म करके घर आ गया.
वहां मैंने सबसे पहले अपनी मां से मिला.
मां ने मुझसे हाल चाल पूछा, फिर उन्होंने कहा कि तुम आराम कर लो, मैं अपना काम निपटा लेती हूँ. उसके बाद बात करेंगे.

मैं अपने कमरे में चला गया.
थोड़ी देर बाद मां मेरे कमरे में खाना लेकर आईं.

उन्होंने कहा- आज मैं तुम्हें अपने हाथ से खाना खिलाती हूँ.
खाना के बाद मैं और मां बातें कर रहे थे, इतने में वहां मेरी चाची आ गईं.

चाची ने मुझे देखा और बोलीं- कैसे हो राज, कब आए?
तो मां ने ‌कहा- आज सुबह ही आया है.

फिर चाची मां से बोलीं- आज आपके देवर घर पर नहीं हैं, तो आप रात को सोने आ जाना, मुझे अकेले डर लगता है.
मां ने कहा- ठीक है.

फिर चाची चली गईं.
रात को हम खाना खाने बैठे, तो मैंने मां से पूछा कि पापा कहां गए हैं .. अभी तक आए ही नहीं?

तो मां ने कहा- वे शहर से बाहर गए हैं. उन्हें आने में दो तीन लगेंगे.
मैंने कुछ नहीं कहा.

फिर मां बोलीं- मैंने तेरी चाची को भी हां कर दी है. एक काम कर ना, तू चाची के यहां सोने चला जा.
मैंने मना कर दिया.

फिर मां ने कहा कि देख ना हमारे यहां भी कोई नहीं है. मुझे तो अकेले सोने की आदत है, अपने घर को मैं अकेला नहीं छोड़ सकती वर्ना मैं भी तेरे साथ ही चली चलती. चला जा बेटा, अपनी मां का कहना नहीं मानेगा?

जब मां ने यह कहा तो मैं मान गया.

थोड़ी देर बाद मैं चाची के यहां चला गया.
चाची ने दरवाजा खोला और बोलीं- मां नहीं आईं?

मैंने कहा- मां ने मुझे भेजा है. वहां हमारे घर पर भी कोई नहीं है. इसलिए उन्होंने मुझे जाने का कहा है.
यह सुनकर चाची चुप हो गईं.

एक पल रुकने के बाद मैंने पुनः कहा- मैं अन्दर आऊं या वापस चला जाऊं?
चाची हंस कर बोलीं- अरे नाराज़ क्यों हो रहा है, मैं तो बस ऐसे ही पूछ रही थी.

मैंने कहा- कितने दिनों के बाद आया हूं और आप मुझे अन्दर ही नहीं आने दे रही हैं!
चाची मुझे अन्दर आने का बोलीं.

मैं अन्दर आ गया तो बोलीं- अच्छा बैठ जा पहले और बता क्या खाएगा?
मैंने कहा- कुछ नहीं, मैं खाना खाकर आया हूं.

फिर हम दोनों टीवी देखने लगे.
थोड़ी देर बाद मैं सोने चला गया, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं जाग रहा था.

उतने में चाची भी वहां आ गईं.
मैंने कहा- आप भी यहां सोने वाली हो?

उन्होंने कहा- हां, मुझे अकेले में डर लगता है.
मैंने कहा- ठीक है.

फिर हम दोनों एक ही बेड पर लेट गए.

चाची को भी नींद नहीं आ रही थी तो उन्होंने कहा कि कुछ बातें करते हैं. वैसे भी नींद नहीं आ रही है.

मैंने कहा- कैसी बातें करनी है आपको?
चाची ने कहा- जैसी तुझे करनी हो, वैसी करते हैं.

मैंने कुछ सोच कर कहा- नॉनवेज बातें करते हैं.
चाची मुझे घूर कर देखती हुई बोलीं- मुझसे ऐसी बातें करेगा?

मैंने कहा- नहीं करना है, तो फिर आप सो जाओ.
चाची ने कहा- अच्छा ठीक है, बोल!

मैंने कहा- मैं तो खुल कर बात करूंगा.
चाची ने कहा- हां ठीक है.

मैंने कहा- चाचा जी आपकी कितने दिन में एक बार लेते हैं.
चाची बोलीं- क्या?
मैंने कहा- आपकी फुद्दी .. और क्या?

चाची बोलीं- महीने में एक बार.
मैंने कहा- बस एक बार .. एक बार से आप का काम चल जाता है?
वे कुछ नहीं बोलीं.

फिर मैंने कहा- वे आपकी चुत चाटते हैं क्या?
चाची बोलीं- छी: कैसी बातें कर रहा है!

मैंने कहा- वे आपकी गांड तो मारते ही होंगे?

वे बोलीं- कभी नहीं, तू कैसी बातें करना सीख कर आया है!
मैंने उनकी बात को नजरअंदाज करते हुए कहा- अच्छा मतलब आप को आज तक चुदाई का असली मजा नहीं मिला है!

चाची चुप रहीं.
मैंने कहा- अरे यार चाची आप बातें करो न, बातों में क्या जाता है!

वे मेरे समझाने पर मान गईं और अब वे भी इसी तरह की बातें करने लगी थीं.

वे बोलीं- तू बता, तूने ली है किसी की!
मैंने कहा- मेरी बातों से आपको क्या लगता है?

वे बोली- हां लगता तो है कि तुमने किसी की ली है.
मैंने कहा- आप दोगी?

वे बोलीं- पागल है क्या .. अभी तू छोटा है, तेरी छोटी सी नुन्नू होगी!

मैंने कहा- वह तो जब आप देखोगी तो आपको पता चलेगा ना!
वे बोलीं- तेरा तो हो जाएगा, पर मुझे गर्म करके छोड़ देगा‌ तू.

मैंने कहा- मैं बीच रास्ते में छोड़ने वाला नहीं हूँ, आप भीख मांगोगी चोदने के लिए.
चाची ने कहा- अच्छा ऐसी बात! और जो न कर पाए तो?

मैंने कहा- अरे चाची लेकर तो देखो, मुता मुता कर चोदूंगा!
इस बात पर चाची हंसने लगीं.

मैंने कहा- क्यों विश्वास नहीं हो रहा है क्या?
चाची ने कहा- बेटा दस साल से चुदवा रही हूं, तुझे निगल जाउंगी और पता भी नहीं चलेगा!

मैंने कहा- चलो देखते हैं कौन किसको निगलता है!
वे भी मूड में आ गईं और बोलीं- चल आ जा देखते हैं.

मैं चाची के ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों को चूसने लगा.
वे भी मेरे होंठ चूसने लगीं.

मैं आपको बता नहीं सकता दोस्तो, कितना मज़ा आ रहा था.

करीब दस मिनट तक हम दोनों ऐसे ही किस करते रहे.
फिर उन्होंने अपने आपको अलग किया और मुझे अजीब सी नजरों से देखती रहीं.

मैंने अपनी एक उंगली उनके होंठों पर घुमाई और अन्दर डाल कर उनके थूक से भिगो कर निकाल ली.
वे मुझे देखने लगीं और मैंने उन्हें दिखाते हुए अपनी उंगली चूस ली.

मैं उन्हें फिर से लिप किस करने लगा.
इस बार मैंने करीब दस मिनट तक उन्हें चूमा और उसके बाद ही उन्हें छोड़ा.

वे हांफने लगी थीं.

इतने में मैं उनके बूब्स पर टूट पड़ा.
मैंने उनके कपड़े भी फ़ाड़ दिए.
उनके दोनों आम मेरे सामने नंगे थे.

मैं उन्हें बारी बारी से चूसता रहा और मसलता रहा.

वे अपने एक दूध को पकड़ कर मेरे मुँह में देने का इशारा करने लगीं.
मैं उनके निप्पल को अपने दांतों से पकड़ कर काटने लगा.

वह आह आह करती हुई कहने लगीं- आह आराम से कर न .. दर्द होता है!
पर मैं कहां उनकी कुछ सुनने वाला था, मैं तो उन्हें निचोड़ता रहा.
वे बस मादक आहें भर रही थीं.

मैंने एक हाथ चाची की नाभि पर रखा और थोड़ी देर यूं ही घुमाता रहा.

फिर मैंने अपना एक हाथ उनके पेटीकोट से अन्दर घुसा दिया.
उन्होंने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी.

उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे.
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया, पर मैंने हाथ नहीं हटाया.

फिर थोड़ी देर तक मैं उनकी चुत सहलाता रहा.
इतने में मैंने अपनी एक उंगली चाची की चुत में डाल दी.

वे चिहुँक गईं.
मैं उंगली को उनकी चुत में आगे पीछे करने लगा.
वे पिघल गईं और चुदास से तड़पने लगीं.

अब मैंने अपनी दूसरी उंगली भी चुत में घुसेड़ दी.
इससे चाची ज़ोर जोर से आहें भरने लगीं.

थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा.
फिर मैंने चाची का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट उतार दिया.

चाची मेरे सामने बिल्कुल नंगी थीं.

मैं उठा और चाची की चुत को सूंघने लगा.
क्या मस्त सुगंध थी यार .. मेरा तो जी कर रहा था कि चुत को खा जाऊं.

मैंने चाची के दोनों पैर फैला दिए और मैं झुक कर उनकी चुत चाटने लगा.

चाची एकदम से मचल गईं और वे मेरा सर अपनी चुत पर दबाने लगीं.
मैं चाची की चुत को खाता रहा.

थोड़ी ही देर में चाची के पांव कांपने लगे और उन्होंने पानी छोड़ दिया.
मैं पूरा रस पी गया.

उसके बाद मैंने अपना कच्छा उतार दिया और चाची मेरा लंड देखते ही एकदम से हतप्रभ हो गईं.

वे बोलीं- राज, तेरा इतना बड़ा कैसे हो गया है?
मैंने कहा- आपके लिए किया है चाची.

वे बोलीं- इतना बड़ा लंड घुसवाया तो मैं तो मर ही जाउंगी!
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा चाची!

यह बोल कर मैंने चुदाई की पोजीशन बना ली और लंड का टोपा चुत की फाँकों में रख दिया.
चाची लंड की गर्मी महसूस करते ही मचल गईं और अपनी गांड उठाने लगीं.

मैंने थोड़ा जोर लगाया और सुपारा अन्दर अन्दर घुसेड़ दिया.
चाची कराह उठीं और वे लगभग चिल्लाती हुई बोलीं- आह राज छोड़ दे .. तेरा नहीं जाएगा अन्दर!

मैंने एक झटका मारा तो मेरा आधा लंड अन्दर घुसता चला गया.
चाची की आंख से आंसू आने लगे.

मैंने चाची से कहा- इतना दर्द हो रहा है क्या?
वे कुछ नहीं बोल रही थीं बस दर्द से तड़फ रही थीं.

इतने में मैंने एक जोरदार झटका लगाया और अपना पूरा लंड अन्दर चुत की जड़ में घुसेड़ दिया.
चाची चीखने लगीं. वे मुझे मार भी रही थीं.

मैंने कहा- मेरा लौड़ा कैसा लगा चाची?
वे कलपती हुई बोलीं- तेरी मां की चुत साले भोसड़ी के .. तूने मेरी चुत फाड़ दी.

चाची रो रही थीं.
मैंने कहा- मेरी गुड़िया रानी, इतने में मत रो अभी तो आपको सारी रात चुदना है.
वे ना में सिर हिलाने लगीं.

कुछ देर बाद मैंने फिर से कहा- चाची तैयार रहना.
यह कह कर मैंने फिर से एक जोरदार झटका दे मारा और चाची चिल्ला पड़ीं.

इस बार उनसे सहन नहीं हुआ और वे मुझे जोर जोर से मारने लगीं.
मैं किसी गधे की तरह उन्हें चोदता रहा वे रोती रहीं, पर मुझे उनके रोने से कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था.

कुछ ही देर में चाची की चुत से पानी निकल चुका था और मेरे लंड को अन्दर आने जाने में सहूलियत होने लगी थी.
इससे चाची चुप हो गई थीं मगर उनकी चुत वापस साथ देने को राजी नहीं हो रही थी.

चाची ने कराहते हुए कहा- अब तो छोड़ दे बेटा, मुझसे अब और नहीं होगा.
मैंने उनके दूध दबाते हुए कहा- नहीं, मेरी रानी .. अभी तो सारी रात चोदूंगा.

मैंने अपना लंड उनकी चुत से निकाला और मुँह में दे दिया.
चाची ना ना करती रहीं .. पर मैंने अपना हथियार चाची के मुँह में घुसा ही दिया.

थोड़ी देर बाद मैं वापस चाची की चुत पर आ गया.
इस बार मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड चाची की चुत में उतार दिया.

चाची वापस चिल्लाने लगीं और कहने लगीं- आह मर गई .. छोड़ दे मादरचोद भोसड़ी के .. आह छोड़ दे.

अब मुझे चाची की गालियां सुनकर और जोश आ गया और मैं चाची को और जोर से चोदने लगा.
चाची और चिल्लाती रहीं और मैं उन्हें चोदता रहा.

बस अब मेरा भी पानी निकलने वाला था, तो मैंने चाची से पूछा- कहां निकालूं भोसड़ी की बोल लौड़े का रस?
तो चाची ने कहा- अब क्या पूछ रहा है बहन के लौड़े आह मेरी भोसड़ी में ही निकाल दे. अगर मेरी कोख में तेरा बच्चा ठहर गया, तो जब चाहे तब मुझे चोद लेना.

मैंने कहा- क्यों चाची चाचा चोदते हैं तो बच्चा नहीं होता क्या?
चाची बोलीं- वह नल्ला है भोसड़ी का, उससे तो कुछ नहीं होता है. तुझे देखती हूं .. तुझसे होता है या नहीं!

फिर मैंने चाची की चुत में अपना रस छोड़ दिया.

कुछ देर बाद मैंने चाची से कहा- मुझे आपकी गांड भी मारनी है.
चाची ने कहा- पागल हो गया है क्या! तेरा इतना बड़ा लंड मेरी गांड में जाएगा तो मेरी फट कर हाथ में आ जाएगी!

मैंने कहा- नहीं चाची कुछ नहीं होगा, मेरा भरोसा करो. मुझे आपकी गांड मारने ही है आज!
चाची ने कहा- नहीं, जितनी मारनी है मेरी चुत मार ले. साले तूने तो चुत का भी तो भोसड़ा बना दिया है. अब गांड दूंगी तो चल भी नहीं पाऊंगी. तेरे चाचा को भी पता चल जाएगा कि किसी से चुदवाकर आई है. गांड तुमको फिर कभी दे दूंगी. अब तुम सो जाओ और मुझे भी सोने दो.

मैं नहीं माना क्योंकि मेरा लंड अभी भी खड़ा था और मैं पुनः चाची की चुत पर टूट पड़ा.

मैं चाची को जोर जोर के झटके मारता रहा, चाची चिल्लाती रहीं.

वे रोने लगी थीं और कहने लगीं- भोसड़ी की कुत्ते की तरह चोद रहा है, मैं कोई रंडी नहीं हूँ, आराम से चोद मुझे भोसड़ी के .. और कितना चोदेगा, अब तो छोड़ दे भोसड़ी के .. मर जाऊंगी मैं!

मैंने नहीं सुना और गपागप चाची को चोदता रहा.
चाची चिल्लाती रहीं और कहती रहीं कि अब तो छोड़ दे हरामी .. बंद कर दे चोदना!

कुछ मिनट में मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने चाची की कमर को पकड़ा और एक जोरदार झटका मार कर चाची को लगभग लंड पर टांग लिया.
वे पूरी ऊपर को हो गईं.
फिर मैं ऐसे ही धीरे-धीरे करके झटके मारता रहा.

चाची ने कहा- ये क्या कर रहा है .. ऐसे भी कोई करता है क्या?
मैंने कहा- चाची चुप रहो, मेरा होने वाला है बस 5 मिनट दे दो.
चाची ने कहा- तू 5 मिनट में तो मुझे मार ही डालेगा.

मैं ताबड़तोड़ झटके देता रहा और फिर मेरा रस निकल गया.
इंडियन होम Xxx करके मैं चाची के ऊपर ही निढाल होकर गिर गया.

चाची ने मुझे कसके पकड़ लिया और कहने लगीं- आज तो तुमने पूरा बदन ही तोड़ दिया. मुझे तो पता ही नहीं था कि ऐसी भी चुदाई होती है!

मैंने कहा- आप मेरी रानी हैं चाची, अब रोज ऐसे ही चुदाई होगी.
उन्होंने कहा- पर कल तो तेरे चाचा आ जाएंगे, फिर चुदाई कैसे होगी?

मैंने कहा- चाचा की मां का भोसड़ा, मैं तो चोदूंगा!
चाची हंसने लगीं और उन्होंने कहा- ठीक है.

फिर मैं और चाची दोनों सो गए.
कब सुबह हो गई मुझे पता नहीं चला.

चाची ने मुझे सुबह जल्दी जगा दिया और कहा- अब तू चला जा तेरे घर .. नहीं तो तेरी मां सोचेगी कि पता नहीं क्या कर रहा है.
मैंने चाची को वापस अपने साथ बिस्तर में खींच लिया और उन्हें पेलने की तैयारी करने लगा कि तभी दरवाजे पर दस्तक की आवाज आई.

हम दोनों जल्दी से अलग हुए और चाची दरवाजे खोलने चली गईं, मैं बाथरूम में चला गया.
दोस्तो, यह सेक्स कहानी अभी बाकी है, इसमें आपको आगे और भी मजा आने वाला है.
प्लीज मुझे मेल व कमेन्ट करके जरूर बताएं कि आपको यह इंडियन होम Xxx कहानी कैसी लगी.
[email protected]

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