चालू मौसी की मस्त चुदाई- 1
(Hot Pussy Story)
हॉट पुसी स्टोरी में मैं मामा के दूसरे घर में रहकर पढ़ रहा था. मेरी अविवाहित मौसी मेरे साथ रहने आई. उसकी जवानी मेरे लंड को हिला देती थी. तो मौसी कैसे चुदी मुझसे?
दोस्तो, मैं अक्की आपके सामने हाजिर हूँ.
मैं एक चोदू लड़का हूं, मुझे तो बस चूत चाहिए चाहे वह किसी की भी हो.
मेरी मौसी का नाम वंदना है.
उनकी उम्र 24 साल है लेकिन अभी तक उनकी शादी नहीं हुई है. उनका साइज 34-28-36 का है.
मैंने मौसी को याद करके बहुत बार मुठ मारी थी.
शायद उस दिनों मेरी किस्मत काफी मेहरबान थी.
वे अकेली ही लखनऊ घूमने आई थीं और मैं भी अकेला था.
हमारे बड़े मामा लखनऊ में एक बड़ा सा प्लाट लिए हुए हैं, उसके चारों तरफ बाउंड्री बना कर बीच में दो कमरे का घर बनाया हुआ है. बाकी की खाली जगह में हम लोग सब्जी लगा कर छोड़ देते हैं.
मैं अकेले ही उसी घर में रह कर अपनी पढ़ाई कर रहा था.
जब मौसी आईं तो मैं उन्हें देख कर बहुत खुश हुआ.
मौसी एक हफ्ते तक रुकने वाली थीं.
मैंने तो मन बना लिया था कि यहां से उन्हें चोदे बिना जाने नहीं दूंगा.
रात को खाना खाने के बाद हम लोग बाहर बैठ कर बातें करने लगे.
बात करने के बीच में, मैं बार बार उनकी चूचियों को निहारे जा रहा था.
उस वक्त मौसी सफेद कुर्ती और लाल कलर की लैगी पहनी हुई थीं.
शायद वे मेरे अन्दर चल रही भावनाओं को समझ गई थीं.
मौसी मुस्कुराती हुई बोलीं- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैं कामुकता में खो गया था, उनकी चूचियों को देखते हुए बोला- आप बहुत खूबसूरत हो.
मेरी बात सुन कर वे एक बार फिर से मुस्कुराती हुई बोलीं- आखिर इरादा क्या है?
इतना बोल कर अब वे भी मुझे कामुक नजरों से देखती हुई कमरे के अन्दर जाने लगीं.
मैं समझ गया कि मौसी भी मुझसे चुदवाना चाहती हैं.
मैं भी उनके पीछे पीछे जाने लगा.
जैसे ही वे कमरे के अन्दर घुसीं, मैं उनकी कमर को पकड़ कर उन्हें दीवार से चिपकाते हुए बोला- इरादा तो आप से बहुत प्यार करने का है!
वे एक लंबी सास लेती हुई मुस्करा कर बोलीं- सिर्फ प्यार करने का या और कुछ?
मुझे अपने कान पर यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी मौसी इतनी बड़ी छिनाल हैं कि इतनी जल्दी लंड लेने के लिए राजी हो जाएंगी.
मैंने बोला- आपकी इजाज़त हो और भी कुछ कर सकता हूं.
उफ्फ … उनके बदन की गर्मी से ही मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मेरे कड़क होते लौड़े का अहसास पाते ही मौसी हंसती हुई बोलीं- साले, तू इतना बड़ा हो गया है कि अपनी मौसी की ही लेना चाहता है!
अब बात साफ हो गई थी.
तो मैं बोला- प्लीज मौसी, एक बार देकर तो देखो, आपको जन्नत की सैर न करा दूं तो कहना!
उन्हें भी चुदवाने का मन था इसलिए वे भी कुछ नहीं बोल रही थीं.
मेरी बात के उत्तर में उन्होंने अपनी नजरों को नीचे झुका लिया.
मैंने समझ लिया कि झंडी हरी हो गई है.
तो ज्यादा देर न करते हुए मैंने अपने होंठ उनके लाल गुलाबी होंठों पर रख दिए और बेताबी से चूसने चूमने लगा.
वे दीवार में अपनी गांड चिपकाई हुई थीं और मेरे दोनों हाथ उनकी कमर पर थे.
जबकि उन्होंने अपने हाथ नीचे किए हुए थे और वे बिल्कुल सावधान की मुद्रा में खड़ी थीं.
पहले तो उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, फिर वे धीरे धीरे अपने होंठ चलाने लगीं.
हम दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे को धीरे धीरे बेकाबू किए जा रही थीं.
दो मिनट तक होंठ चूसने के मौसी अपना मुँह थोड़ी दूर करती हुई बोलीं- किसी को पता तो नहीं चलेगा न!
मैंने न में अपना सर हिला दिया.
उन्होंने झट से अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ते हुए जोर जोर से किस करना चालू कर दिया.
वे बड़ी प्यासी लग रही थीं.
मैं भी अपने दोनों हाथों को उनके चूतड़ों पर रख कर दबाते हुए किस करने लगा.
हम दोनों बिल्कुल एक कपल की तरह एक दूसरे को चूसे जा रहे थे.
मैं उन्हें किस करते हुए उनकी लैगी के अन्दर हाथ डाल कर उनकी गांड को सहलाने लगा.
उनके मुँह से गर्म सिसकारियां निकलने लगीं- आह आह … आईई आईईईई सईई सीईई!
अब मेरा लंड उफान मारने लगा था और मैं उन्हें जल्दी से जल्दी चोद देना चाहता था.
मैं किस करते हुए उनकी लैगी को नीचे सरकाने लगा.
मौसी ने मेरा हाथ पकड़ लिया.
मैंने कहा- क्या हुआ मौसी?
मौसी ने कहा- इसे निकालने से पहले आह … एक शर्त है मेरी!
मैं- उम्म … आपकी की सारी शर्त मंजूर है.
वे क्यूट सा फेस बनाती हुई बोलीं- तुझे मेरी चूत चाटनी पड़ेगी.
उनके चूचियों को मसलते हुए मैंने कहा- ना भी बोलतीं, तब भी मैं चाटता.
अपनी चूचियों से मेरा हाथ हटाती हुई अपनी गांड पर रखवा कर मौसी बोलीं- तब देर किस बात की है … मेरे राजा … खोल दे … मैं तो कब से उतावली होती जा रही हूँ अपनी चूत चटवाने के लिए!
मैं घुटनों के बल बैठ कर धीरे धीरे लैगी सरकाने लगा.
लैगी के अन्दर मौसी की पिंक कलर की डिज़ाइनर पैंटी और पैंटी से आती उनकी चूत की खुशबू … आह … मन पागल हो रहा था.
मैं अपने हाथों से धीरे धीरे चूत को सहलाते हुए पैंटी के ऊपर से ही किस करने लगा.
मौसी भी अपने होंठों को दांतों से चबाती हुई अपनी उत्तेजना जाहिर कर रही थीं और उनकी मादक सी आवाज मुझे मदहोश कर रही थी.
उसके बाद मैंने उनकी लैगी और पैंटी को घुटनों तक सरका दिया.
आअह … क्या चूत थी मौसी की!
हल्के भूरे रंग की चूत पर एक भी बाल नहीं था … बिल्कुल सफाचट पकौड़ी सी फूली हुई मुनिया थी.
मैंने झट से अपने मुँह को उनकी चूत पर रखा तो उनके मुँह से ‘आह …’ की आवाज निकल गयी.
मौसी ने जोर से मेरे बालों को पकड़ लिया.
वे पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं और मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी थीं.
मैंने अपनी जीभ को मौसी की चूत पर रगड़ा तो मौसी ने सिसकारी भरी- आई ईईई … सीईईई.
पहले मैंने जीभ को चूत के चारों ओर घुमाया, फिर चूत को चाटने लगा.
मौसी उत्तेजना में कांपने लगीं और तड़पने लगीं- आह … अक्की आह … आई … सीईई …
उनकी कामुक आवाजें निकलने लगीं.
मैं मौसी की चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा और सारे कमरे में सुड़प सुड़प की आवाज गूँजने लगी.
मौसी लगातार सिसकारियां भरे जा रही थीं.
फिर मैंने मौसी की चूत के दाने को अपने दांतों से पकड़ लिया और उसे अपनी जीभ से रगड़ने लगा.
मौसी चिल्लाईं और मुझे गाली देने लगीं- ओह रंडी के चोदे … साले भोसड़ी के आईईई मार डालेगा क्या … अहह …!
मैं मौसी के दाने को बेरहमी से चाटने लगा, मौसी मछली की तरह तड़पने लगीं और अपने मुँह को इधर उधर घुमाने लगीं.
करीब 5 मिनट बाद मौसी मुझसे बोलीं- अब तो छोड़ दे साले, मैं झड़ने वाली हूँ!
मैं उनकी बात को अनसुना करते हुए, उनके चूत के दाने को होंठों से चबाते हुए खींचने लगा.
थोड़ी ही देर में मौसी ने अपनी गांड उठाई और मेरे मुँह को कस कर चूत पर दबाने लगीं- आह … आह … आईईईई … सीईई … सीईई!
और वे झड़ने लगीं.
मैं मौसी की चूत का सारा पानी गट गट करके पी गया और पूछा- मजा आया मौसी, चूत चटाई में?
मौसी ने आह भरते हुए कहा- हां इसमें मुझे बहुत मजा आया … आज पहली बार किसी ने मेरी ऐसी चूत चाटी है. सच में जन्नत का मजा आ गया.
फिर उन्होंने मुझे खड़ा करने की कोशिश की, तो मैं उठ गया.
उधर मौसी अपनी लैगी और पैंटी पहनती हुई बोलीं- अब मेरी बारी, चल मैं तुझे अपनी जन्नत की सैर करवाती हूं.
उन्होंने किस करते हुए वहीं मुझे बगल के सोफे पर पटक दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर रंडी की तरह मेरे होंठों को चूमने लगीं.
मेरा लंड बिल्कुल उनकी लैगी के नीचे था.
मैं दोनों हाथों से उनकी गांड पकड़ कर उनको अपने लंड से रगड़ने लगा.
वे खुद भी अपनी चूत मेरे लौड़े पर घिसने लगीं.
धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के सारे कपड़े को उतार कर फेंक दिए.
अब मौसी सिर्फ पैंटी और ब्रा में थी और मैं नेकर में.
मुझे होंठों से मेरे सीने तक किस करती हुए मौसी नीचे सरकती गईं और मेरे नेकर तक आ गईं.
मौसी ने धीरे से अपने दांतों से दबा कर मेरी नेकर को निकाल दिया.
नेकर से बाहर निकलते ही मेरा लंड सांप की तरह फनफनाता हुआ खड़ा हो गया.
मौसी लंड देख कर बोलीं- हाय दैया इतना लंबा और इतना मोटा लंड … आज तो मजा आ जाएगा, अगर ये मेरी चूत में घुस गया तो मेरी चूत के दो टुकड़े कर देगा!
यह बोलते हुए उन्होंने सीधा मेरा लौड़ा अपने मुँह में भर लिया और आईसक्रीम की तरह सुड़प सुड़प करके चूसने लगीं.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
‘अहह उफ्फ!’
मैं बोलने लगा- उफ्फ मौसी … और जोर से चूसो … उफ्फ … यार बहुत मस्त चूसती हो तुम!
वे भी गप्प गप्प करके लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगीं.
उनके थूक से मेरा लौड़ा गीला होकर और भी टाइट हो गया.
जोश में मैंने 2-3 झटके मार कर पूरा लौड़ा उनके मुँह में घुसेड़ा, तो वे खाँसने लगीं.
मेरा लंड मुँह से बाहर निकालती हुई बोलीं- मन तो पूरा खा जाने का है लेकिन अभी चूत में आग लग गई है … पहले जल्दी से मुझे एक बाद चोद दो.
मैं भी उनकी चूत में अपना लंड डालने के लिए पागल हुआ जा था.
मैंने तुरंत मौसी को लिटाया और उनकी टांगों के बीच बैठ कर दोनों टांगों को खोल दिया.
उनकी चुत लपलप कर रही थी, तो मैंने एक ही झटके में उनकी पैंटी को निकाल कर फेंक दिया.
मौसी की चूत गीली हो चुकी थी.
मैंने अपना लंड मौसी की चूत पर रखा और रगड़ने लगा.
मौसी बेचैन होने लगीं और बोलीं- अक्की डाल दे जल्दी से!
मैं लंड चूत के छेद के पास ले गया और अपने टोपे को चूत पर जमा कर एक तेज धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड मौसी की चूत में घुसता चला गया.
मौसी बहुत तेज चिल्लाईं- आईईईई … मर गई भोसड़ी के … रंडी के जने कुत्ते … निकाल इस लंड को बाहर!
मैं रूका और मौसी के होंठों को चूमने लगा.
थोड़ी देर बाद मौसी शांत हो गईं.
मैं अपना लंड आगे पीछे करने लगा.
जैसे ही वे थोड़ी संयत हुईं, मैंने एक और जोर से धक्का मारा. इस बार मेरा पूरा लंड मौसी की चूत में समा गया.
मौसी ने अपनी सांसें रोक लीं और दांत भींच कर तड़पने लगीं.
वे मुझे धक्का देने लगीं, लेकिन मैंने मौसी को कसके पकड़ रखा था.
थोड़ी देर बाद मौसी जोर जोर से रोने लगीं और कहने लगीं- निकाल ले रंडी के चोदे अपना लंड … फाड़ दी इसने मेरी चूत … आई ईईई…!
मैं मौसी के ऊपर लेटा रहा और मौसी की चुच्ची को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा, उनकी गर्दन को चूमने लगा.
करीब एक मिनट बाद मौसी शांत होने लगीं और मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
मेरा लंड चूत में बिल्कुल कसा हुआ अन्दर जा रहा था.
थोड़ी देर बाद मेरे लंड ने चूत में जगह बना ली और लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा.
अब मौसी को भी चुदने में मजा आने लगा और वे अपनी गांड उठाती हुई कहने लगीं- अक्की, जोर जोर से चोद मुझे … फाड़ दे मेरी चूत को … आह!
मैं मौसी की चूत में तेज तेज धक्के मारने लगा.
मौसी भी नीचे से अपनी गांड को उठा उठा कर मेरे धक्कों का साथ देने लगीं.
पांच मिनट बाद ही मौसी ने मुझे जकड़ लिया और कहने लगीं- अक्की जल्दी जल्दी धक्के दे … मेरी चूत फाड़ दे. मेरी चूत झड़ने वाली है!
मैंने अपने धक्कों की गति और तेज कर दी.
तभी मौसी नीचे से धक्के मारती हुई एकदम चिल्लाईं- आईई … ईई मर गई.
करीब 10 मिनट बाद मौसी बोलीं- अक्की, अब दूसरी पोजीशन में चोदो.
मैंने तुरंत चूत से लंड निकाला और मौसी को उलटा लेटा दिया.
उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिससे उनकी गांड ऊपर की तरफ़ उठ गई.
फिर उनकी चूत के छेद पर अपना लंड रख कर मैंने एक ही धक्के में अपना पूरा लंड चूत में उतार दिया और धक्के मारने लगा.
मैंने मौसी के बाल पकड़े और घोड़े की तरह धक्के लगाने लगा.
मौसी ‘आह … आह …’ करती रहीं और कहने लगीं- अक्की तू तो खिलाड़ी निकला … और तेज तेज चोद मेरी चूत को … आज इसका भोसड़ा बना दे.
मैं मौसी को लगातार चोदता रहा.
थोड़ी ही देर में मौसी कांपने लगीं और ‘आह … आह … करके झड़ने लगीं. मौसी का पानी हॉट पुसी से बाहर टपकने लगा.
करीब 5 मिनट बाद मैं बोला- मौसी, मैं झड़ने वाला हूँ, रस कहां निकालूँ?
मौसी बोलीं- अपने लंड की धार मेरी चूत में ही छोड़ दे, कई दिनों से मेरी चूत प्यासी है … आज अपने वीर्य से इसकी प्यास बुझा दे.
मेरा वीर्य आने लगा, मैं मौसी की चूत में तेज तेज धक्के बजाने लगा.
मेरे धक्कों से मौसी पूरी मचल रही थीं.
मैं झटके मार कर चूत में झड़ने लगा.
मेरे वीर्य से मौसी की चूत की गुल्लक भर गई.
मैं निढाल होकर लेट गया.
मौसी मेरे बगल में अपना एक पैर मेरे ऊपर रख कर लेट गईं.
हम दोनों काफी थक गए थे और पसीने से भीगे हुए तेज तेज हांफ रहे थे.
मैंने पूछा- कैसा लगा?
मौसी- बहुत मजा आया. भाभी ने सच ही कहा था कि तू मस्त चोदता है.
मैं चौंकते हुए- मतलब!
मौसी मुस्कुराती हुई बोलीं- साले, तुझे क्या लगता है, तू मुझे पटा कर चोद रहा था. अरे राजा … मैं खुद तुमसे चुदने आई थी.
फिर मेरे बालों को सहलाते हुए बोलीं- यार … जब से भाभी ने मुझे बताया ना कि उस रात वह तुमसे कैसे चुदी थी. तब से मैं तुम से चुदने के लिए बेताब थी. इसलिए छुट्टियों का बहाना बना कर एक हफ्ते के लिए तेरे पास आ गई, बिल्कुल अच्छे से चुदने के लिए. बस मुझे यह नहीं पता था कि तुम भी मुझे चोदने के लिए बेताब हो.
(आपको बता दूँ कि मैंने अपनी मामी को चोद कर पहले सेक्स का मजा लिया था.)
उनकी बातों को सुन कर मैं उनकी गांड को सहलाते हुए बोला- पता नहीं था कि तुम इतनी बड़ी रंडी हो. नहीं तो कब का चोद दिया होता!
मौसी- बेटा, तुमने अभी मेरा रंडीपना देखा कहां है!
मैं- तो दिखा ही दो कि तुम कितनी बड़ी रंडी हो?
मेरी इतनी बात सुनते ही मौसी उठीं और मेरे मुँह पर बैठ गईं.
उनकी चूत मेरे मुँह पर आ गई और मैं मौसी की चूत को चाटने लगा.
मौसी सिसकारी भरने लगीं- आह … आह …
अपने बालों में हाथों को फंसाती हुई मौसी उत्तेजित होने लगीं और अपनी हॉट पुसी को मेरे पूरे मुँह पर रगड़ने लगीं.
वे तेज तेज आगे पीछे करती हुई चूत घिसने लगीं.
मैंने अपनी जीभ मौसी की चूत में उतार दी और मौसी मेरी जीभ को लंड समझ कर उस पर कूदती हुई कहने लगीं- चाट साले … इस रंडी चूत को!
मैं अपनी जीभ चूत में अन्दर बाहर करने लगा. साथ ही अपने एक हाथ से मौसी भी अपनी चूत के दाने को रगड़ने लगीं.
वे चिल्लाने लगीं- आईईई … आ हहहह … सीईईईई!
अब तक मेरा लंड एक बार पुनः खड़ा हो गया.
मैंने मौसी से कहा- मौसी, अब तू मेरे लंड पर बैठ जा और इसे अपनी चूत के अन्दर खपा ले.
मौसी ने मेरे लंड पर अपनी चूत रख दी और बैठने लगीं.
हल्का सा दबाव पड़ते ही मेरा लंड पूरा का पूरा चूत में घुस गया.
मौसी चिल्ला दीं- आह .. आह … आई.
कुछ ही समय में वे ऊपर नीचे कूदने लगीं और कहने लगीं- अक्की, तेरे लंड का जवाब नहीं!
मैं नीचे से धक्के मारता रहा, मौसी को अब मजा आने लगा था.
मौसी अपनी गांड को बेखौफ तेज तेज मेरी जांघों पर पटक रही थीं और पूरे कमरे में पट पट पट पट की आवाज आ रही थी.
मैंने मौसी को अपनी बांहों में भर लिया और नीचे से तेज तेज धक्के लगाने लगा.
मौसी ‘आह … आह …’ करने लगीं और मेरे होंठों को काटने लगीं.
करीब 10 मिनट बाद मौसी की रफ्तार धीमी होने लगी और वे कहने लगीं- अब मैं थक गई हूँ … तू ही ऊपर आ जा और चोद ले मुझे!
मैं- नहीं … आप कुतिया बन जाओ.
वे मान गईं.
मैंने मौसी को कुतिया बनाया और चूत में लंड डाल कर धक्के मारने लगा.
मौसी चुदती हुई कराह रही थीं- आह अक्की … अह्ह्ह्ह् … मेरी गांड पर थप्पड़ मार जोर जोर से उम्मम्म …!
मैंने मौसी की गांड पर थप्पड़ मारा, तो वे एकदम से उचकने लगीं और बोलीं- और जोर से मार कमीने!
अब मैं दोनों हाथों से मौसी की गांड पर थप्पड़ मारने लगा.
मौसी ‘आह … आह …’ करती रहीं और अपनी गांड को हिलाने लगीं.
मौसी भी अपनी गांड आगे पीछे करती हुई लंड को धक्के मारने लगीं.
थोड़ी ही देर में मौसी की चूत ने पानी छोड़ दिया.
वे बोलीं- मेरा हो गया, जल्दी से अपना भी गिरा ले.
उनकी बात सुन कर मैं मौसी की कमर पकड़ कर बहुत तेजी से पट पट पट पट धक्के मारने लगा.
मौसी का शरीर हिलने लगा और वे ‘आई … आई … उहह .. उम्म्म’ करने लगीं.
करीब 2 मिनट बाद मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ.
मैंने मौसी से कहा- मौसी मैं झड़ने वाला हूँ, फिर से अन्दर लेगी?
मौसी ने मुझे हटने को कहा, मैं सोफे से उतर कर खड़ा हो गया.
वे तुरंत घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड की मुट्ठी मारने लगीं.
कुछ ही समय में मेरे लंड ने एकदम से पिचकारी मारी.
मौसी ने पिचकारी अपने मुँह में ले ली और मेरे वीर्य से मौसी का मुँह भर गया.
मौसी में मेरे पूरे वीर्य को पी लिया और चाट कर मेरे लंड को साफ किया.
दोस्तो, मौसी को चोद कर मुझे बड़ा मजा आया था और मौसी को भी मेरे लौड़े की परफ़ोर्मेंस पसंद आ गई थी.
अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको मौसी के साथ चुदाई की कहानी को आगे बढ़ाऊंगा.
साथ ही इसमें एक ट्विस्ट भी आएगा … जो आपको फोरसम सेक्स का मजा भी देगा.
आप बस मुझे मेरी इस हॉट पुसी स्टोरी के लिए अपनी राय प्रेषित करें ताकि मैं आपको और भी मजा दे सकूँ.
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हॉट पुसी स्टोरी का अगला भाग: चालू मौसी की मस्त चुदाई- 2
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