जवान लड़के के घर की सम्भोग लीला- 4
(Hot Mausi Want Sex)
हॉट मौसी वांट सेक्स विथ मी. मौसी और उनकी बेटी मुझसे मिलने आई तो मुझे देख कर वे खुश हुई और मैं मौसी का सेक्सी बदन देख गरमा गया.
दोस्तो, मैं समीर आपको अपने परिवार की औरतों की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के तीसरे भाग
युवा घरेलू नौकरानी की चूत पेली
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मैं अपनी बहन के साथ बिस्तर में था और उसके दूध मसल रहा था.
वह मुझसे चुदने के लिए राजी थी मगर सील पैक बुर होने के कारण मैं उसकी चुदाई पूरी तसल्ली से करना चाहता था.
अब आगे हॉट मौसी वांट सेक्स:
मैंने कहा- शर्मिला, मुझे तो तेरी गांड और चूचे बहुत अच्छे लगे. मैंने जब तुझे गले लगाया तो मेरे शरीर में एक आग सी लग गयी थी.
यही सब बातें करते करते मैंने शर्मिला का ब्लाउज उसके शरीर से अलग कर दिया और अब मैंने उसके पेटीकोट को उसकी नाभि तक उठा दिया था.
शर्मिला ने नीचे कुछ भी नहीं पहना था.
मेरी छोटी बहन की बुर एकदम क्लीन थी, जिसे देख कर मेरा लंड एकदम से टनटना गया.
मैंने कहा- शर्मिला, तूने नीचे कुछ नहीं पहना है?
शर्मिला- भैया, जब मैं पैंटी पहनती हूँ तब मुझे बहुत गर्मी लगती है.
मैंने कहा- मैं तेरे लिए इंपोर्टेड जाली वाली पैंटी लाया हूँ, जिससे तुझे गर्मी नहीं लगेगी.
शर्मिला ने बातों बातों में मेरे बॉक्सर को मेरे पैरों से अलग कर दिया.
शर्मिला- भैया, मुझे आपका लिंग चूसना है. मेरी सहेलियां बोलती हैं कि उन्हें लिंग तब चूसने में बड़ा मज़ा आता है, जब वे अपने भाई का लिंग मुँह में लेकर चूसती हैं!
मैंने कहा- मुझे भी तेरी बुर चाटनी है. मैंने भी मेरे दोस्त की बहन की बुर चाटी है और उसकी बुर का रस भी पिया है.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और मैंने जैसे ही शर्मिला की बुर पर अपनी जीभ लगाई तो उसका बदन एकदम से काम्प गया.
उसी वक्त उसके मुँह से सिसकारी निकल गयी- आह आह …
शर्मिला की बुर बहुत छोटी थी और उसकी बुर पर अभी तक बाल भी नहीं आए थे.
मैंने शर्मिला की बुर के दोनों होंठों को खोल कर उसके बीच में अपनी जीभ को धीरे से फेरना शुरू कर दिया.
शर्मिला भी मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.
कुछ समय बाद शर्मिला का शरीर अकड़ने लगा, मैं समझ गया कि शर्मिला झड़ने वाली है.
मैंने उसकी बुर चाटना और तेज कर दिया.
कुछ ही क्षणों में शर्मिला झड़ गयी.
अब मेरा भी लंड एकदम कड़क होने लगा था और शर्मिला भी मेरे लंड को तेज तेज चूसने लगी.
कुछ ही क्षणों में मेरे लंड से पिचकारी निकली और शर्मिला का पूरा मुँह मेरे माल से भर गया.
उसने वह सारा माल अपने गले से नीचे उतार लिया और अपनी जीभ से अपने होंठों पर लगे माल को चाट कर साफ करने लगी.
शर्मिला- भैया आज बहुत मज़ा आया!
मैंने कहा- मज़ा तो आज अधूरा रहा है!
शर्मिला- क्यों भैया?
मैंने कहा- जब मेरा लंड तेरी बुर में जाएगा और तेरी सील तोड़ेगा तब पूरा मज़ा आएगा!
शर्मिला- मेरी एक सहेली भी यही बोलती है कि जब बुर में पहली बार लंड जाता है तो कष्ट तो बहुत होता है … पर कुछ ही क्षणों के बाद मज़ा भी बहुत आता है. भैया, मुझे भी आपसे ही अपनी बुर का उद्घाटन करवाना है, पर कल मेरी आखरी परीक्षा है उसके बाद!
मैंने कहा- कल रात तो सबके सोने के बाद मेरे कमरे में आ जाना, हम चुदाई करेंगे … और हां इस बार में तुझे कली से फूल बना ही दूंगा.
शर्मिला- मेरी एक सहेली है, जो रोज मुझे एक ही बात पूछती है कि तू कब अपने भैया से चुदेगी.
मैंने कहा- उससे बोल देना कि जल्द ही मेरे भैया मुझे कली से फूल बना देंगे.
मैं और शर्मिला हम दोनों बेड में पूरे नंगे थे.
मेरी बहन शर्मिला का दूध जैसा गोरा और नर्म बदन मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था.
शर्मिला अपने हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी.
उसी वजह से कुछ क्षणों में मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.
मैं भी अपने दोनों हाथों से शर्मिला के बूब्स दबा रहा था.
हम दोनों एक दूसरे में एकदम से खो गए थे.
कि अचानक मां की आवाज सुनाई दी- समीर कहां है? कब उठेगा? नीचे आ जा … शिल्पा मौसी ओर सीमा दीदी तुझ से मिलने आई हैं!
मैंने कहा- हां मां आता हूँ.
मां- शर्मिला कहां गयी, उसे भेजा था तुझे उठाने के लिए … पर अभी तक उसका कोई पता ही नहीं है.
मैंने जोर से कहा- मां पता नहीं, यहां तो आई ही नहीं.
शर्मिला चुपचाप कपड़े पहन कर पीछे के द्वार से अपने कमरे की ओर चली गयी.
कुछ ही समय मैं अपने कपड़े बदल कर ट्रैक और टी-शर्ट पहन कर नीचे हॉल में पहुंच गया.
हॉल में मां, शिल्पा मौसी और सीमा दीदी बैठ कर चाय पी रही थीं.
शिल्पा मौसी, मां से छह साल छोटी थीं और सीमा दीदी उनकी एकलौती बेटी थीं.
सीमा की 18 महीने पहले ही शादी हुई थी.
शिल्पा मौसी- समीर, तू तो बहुत बदल गया है!
मैंने कहा- कहां मौसी, वैसे का वैसा ही तो हूँ.
शिल्पा मौसी- तू थोड़ा गोरा, तगड़ा और जवान भी हो गया है.
मां- हां आजकल बहुत मेहनत करता है मेरा बेटा!
सीमा- तुम न्यू दिल्ली में हो या ओल्ड दिल्ली में?
मैंने कहा- मैं गुड़गांव इंडस्ट्रियल एरिया में जॉब करता हूँ.
सीमा- तुम्हारी पोस्ट क्या है?
मैंने कहा- ऑपरेशन एंड वेयरहाउस सुपरवाइजर.
शिल्पा मौसी- वहां का रहन-सहन कैसा है?
मैंने कहा- मौसी गुड़गांव बहुत साफ सुथरी जगह है. वहां हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं.
शिल्पा मौसी- हर तरह की?
मैंने कहा- हां मौसी, हर तरह की सुविधा उपलब्ध हैं.
मां- समीर का बॉस तो हर वीकेंड पर समीर को अपनी फैमिली के साथ घुमाने ले जाता है.
मैंने कहा- सीमा, तुम्हारा हज़्बेंड भी दिल्ली में बिजनेस करता है?
सीमा- हां, वे ओल्ड दिल्ली में हैं और उनकी प्लास्टिक के बर्तनों की दुकान है.
सीमा उठ कर शर्मिला के कमरे की ओर चली गयी.
जब सीमा चल कर जा रही थी तो मेरी आंखें उसकी गांड को निहार रही थीं.
जिस समय मैं उसकी गांड निहार रहा था, तत्काल मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे लंड के उभार को मां व शिल्पा मौसी दोनों देख रही थीं.
शिल्पा मौसी- समीर, तू तो एकदम गबरू जवान बन गया है. गुड़गांव में कोई गर्लफ्रेंड बनाई या नहीं?
मैंने कहा- गुड़गांव में लड़की कौन पटाता है, वहां तो भाभी जल्दी पटती है.
शिल्पा मौसी- भाभी … कौन सी भाभी?
मैंने कहा- मौसी वहां ढेर सारी विवाहित महिलाएं होती हैं, जिनके मर्द उन्हें शारीरिक सुख नहीं दे पाते हैं. वे हम जैसे जवान लड़कों से शारीरिक सुख प्राप्त करती हैं.
शिल्पा मौसी- अच्छा, तो तेरा कहना है कि तू किसी भी विवाहित महिला को संतुष्ट कर सकता है?
मैंने कहा- हां क्यों नहीं?
शिल्पा मौसी- तुझे देख कर तो नहीं लगता है? तुझे इतना समय मिलता है!
मैंने कहा- ऑफिस के बाद फ्री टाइम रहते हैं. मेरा एक दोस्त है, मैं उसके साथ रोजाना जिम जाता हूँ.
शिल्पा मौसी- दोस्त लड़का है या लड़की है?
मैंने कहा- अरे कहां मौसी, वह लड़का है … पर हां कभी कभी उसकी बहनें भी साथ में जिम करने आती हैं.
शिल्पा मौसी- अच्छा, कोई अच्छी लगी उनमें से?
मैंने कहा- नहीं मौसी, तुम्हारे जैसी कोई भी खूबसूरत नहीं है.
शिल्पा मौसी- अच्छा मक्खन लगा रहा है?
मैंने कहा- मैं आपको क्या मक्खन लगाऊंगा … आपका तो पूरा शरीर ही मक्खन जैसा ही है.
शिल्पा मौसी- अच्छा, मेरे पूरे शरीर को तूने देख परख भी लिया!
मैंने कहा- मौसी मैं तो एक ही नजर में मक्खन जैसे शरीर को पहचान लेता हूँ.
मां- तुम लोग भी क्या बातें कर रहे हो?
शिल्पा मौसी- मेरा शरीर मक्खन का है और क्या क्या मक्खन का है?
मैंने कहा- मुझे क्या पता, क्या क्या मक्खन का है?
शिल्पा मौसी- अभी तो बोल रहा था कि मेरा पूरा शरीर मक्खन का बना हुआ है.
मैंने कहा- मौसी जितना दिख रहा है, वह तो मक्खन से भी ज़्यादा मुलायम और स्वादिष्ट लग रहा है.
मेरी नजरें मौसी के उरोजों के बीच की लाइन पर थी जो साड़ी का पल्लू हटने से दिख रही थी.
शिल्पा मौसी- अच्छा तो तेरी नजरें यहां तक पहुंच गईं?
फिर मौसी ने धीरे से अपने पल्लू को अपने बूब्स से कुछ और हटाते हुए मुझे ललचाया- अब ठीक से देख कर बोल, मक्खन है या उससे भी स्वादिष्ट?
मैंने कहा- यह तो चखने के बाद ही पता चलेगा कि मक्खन कितना स्वादिष्ट है!
इस समय हॉल में कोई नहीं था और सिर्फ़ हम तीनों हॉल में बैठे हुए थे.
मां- समीर, तुझे अगर चखना है, तो शिल्पा ने तुझे कहां रोका है?
इतना बोल कर मां ने मौसी के एक दूध को उनके ब्लाउज से बाहर निकाल दिया.
मैं भी जल्दी से मौसी के निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा और बूब्स चूसते चूसते मैं मौसी की गोद में लेट गया.
अब मौसी बोल पड़ीं- अभी तेरे उम्र गोद में लेटने की नहीं, लिटाने की है
मैंने कहा- ऊपर बेडरूम और बेड दोनों ही आपके लिए खाली है.
शिल्पा मौसी- अच्छा बच्चू, हम पर ही अपना हथियार यूज कर रहे हो, जरा नजर इधर भी डाल दे.
यह बोल कर मौसी ने मेरा एक हाथ मां के एक बूब्स पर रख कर अपने हाथ से दबा दिया.
मां एकदम से सिसक पड़ीं- आह!
मैंने कहा- कभी हमारे हथियार को भी चान्स देकर देखो!
शिल्पा मौसी मां की ओर देख रही थीं.
मां भी मौसी की ओर देख कर मुस्कुरा दीं और उन्होंने आंख को दबा दिया.
मां उठीं और रसोई की ओर जाने लगीं- मैं रसोई में जाती हूँ, तुम दोनों बैठ कर बातें करो. ससुर जी और तेरे पिताजी के लिए रात खाना खेत पर भेजना है.
मैंने कहा- मौसी चलो मेरे कमरे में, उधर टेरेस पर बैठ कर चाय का मज़ा लेते हैं.
शिल्पा मौसी- चाय का मज़ा लेते हैं या और किसी चीज का मज़ा लेते हैं?
मैंने कहा- अरे मौसी तुम तो ऐसे डर रही हो, जैसे अभी कच्ची कली हो?
शिल्पा मौसी- मैं कहां डर रही हूँ?
मैंने कहा- तो फिर चलो मेरे कमरे में, वहीं बैठ कर चाय पीते हैं.
शिल्पा मौसी- हां चलो!
मैं और शिल्पा मौसी दोनों मेरे कमरे की ओर चल पड़े.
हम दोनों जैसे ही कमरे में पहुंचे, मौसी सामने पड़ी कुर्सी पर बैठ गईं और कुछ ही समय में नैना, मेरी और मौसी की चाय लेकर कमरे में आई.
मौसी ने नैना को चाय टेबल पर रखने को कहा.
चाय रखते समय नैना का पल्लू नीचे गिर गया और उसकी छातियां जो आधे से अधिक ब्लाउज से बाहर थीं व मेरी और मौसी की नजरों के सामने आ गईं.
मैंने कहा- नैना, चाय मांगा है दूध नहीं!
नैना- सब कुछ आपका ही है, जब चाहे मांग लेना.
नैना इतना बोल कर अपनी साड़ी का पल्लू ठीक करके कमरे से बाहर चली गयी.
इधर मैं अपने दाएं हाथ से अपने लंड को सीधा करने लगा.
शिल्पा मौसी- बड़ा जल्दी तनाव आ जाता है तुझे और तेरी इस लुल्ली को?
मैंने कहा- मौसी, यह अब लुल्ली नहीं है. हाथ में लोगी तो पता चलेगा!
शिल्पा मौसी- अच्छा बच्चू … तो अब यह क्या ताड़ का झाड़ हो गया है?
मैं अपनी कुर्सी से उठा और बेडरूम के द्वार को बंद करके मौसी के पास गया.
मौसी भी नीचे सिर झुका कर मुस्कुरा रही थीं.
मैं मौसी की कुर्सी के पीछे गया और उनके कंधे पर हाथ रख दिया.
मौसी ने अपना सिर ऊपर उठाया और मैंने अपने दोनों हाथ मौसी के कंधे से नीचे की ओर सरकाते हुए ब्लाउज के अन्दर डाल दिए.
मैंने मौसी के दोनों बूब्स को अपने हाथों में लेकर भरे … और धीरे धीरे मसलने लगा.
मौसी भी मेरी हरकत का पूरा आनन्द ले रही थीं.
कुछ समय पश्चात जब मौसी बहुत उत्तेजित होने लगीं, तो अपने दाएं हाथ से अपने ब्लाउज के बटन खोल दिए और उसके बाद तो एक ही झटके में अपनी ब्रा का हुक खोल कर टॉपलैस हो गईं.
मैं भी खूब आनन्द ले रहा था.
अब मौसी ने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और ट्रैक पैंट के ऊपर से ही उसे सहलाने लगीं.
कुछ ही समय के बाद मौसी ने मेरी पैंट को नीचे की ओर खींच दिया.
अब मौसी ने मुझे अपने सामने आने का इशारा दिया.
मैं भी तुरंत मौसी के सामने आ गया और मौसी मेरे खड़े लंड को देख कर आश्चर्यचकित रह गईं.
शिल्पा मौसी- अरे बाप रे … तेरा लंड तो घोड़े के लंड जैसा है!
मैंने कहा- मौसी कभी घोड़े का लंड भी पकड़ा है क्या?
शिल्पा मौसी- पकड़ा तो नहीं है, पर देखा जरूर है.
मैंने कहा- अब जैसा भी है … आपका है. अगर पसंद नहीं है, तो मैं इसे वापस अपनी पैंट में रख लेता हूँ.
शिल्पा मौसी- कौन कहता है कि पसंद नहीं. ऐसे लंड को देखने के लिए तो आंखें बेचैन रहती हैं.
मैंने कहा- तो फिर किस की प्रतीक्षा कर रही हो? मुँह में लेकर इसका वेलकम करो!
शिल्पा मौसी- मैं सोच रही थी कि काश ऐसा मूसल लंड मेरी सीमा को मिल जाता, तो वह भी आनंदित होती.
मैंने कहा- मौसी तुम कहो तो सीमा को भी अभी यहीं तुम्हारे सामने अपने लंड से चोद दूँ!
शिल्पा मौसी- मैंने ऐसा कहां कहा, अभी तो पहले मेरी फुद्दी में लगी आग को शांत कर … फिर सीमा बेटी की चुदाई बाद में करते रहना!
मैंने कहा- फिर क्यों सोच सोच कर समय नष्ट कर रही हो?
शिल्पा मौसी- बड़ा प्यारा है तेरा लौड़ा!
मैंने मौसी के सिर पर हाथ रखा और अपने लंड के एकदम करीब ले आया.
मौसी ने भी अपना मुँह खोला और लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं और मौसी के मुँह को चोदने लगा.
कुछ समय तक मौसी के मुँह को चोदने के बाद मौसी ने मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाला और वे मेरे गोटे चाटने, चूसने लगीं.
मैंने कहा- अरे वाह मौसी तुम तो इस खेल की एकदम पक्की खिलाड़ी हो!
शिल्पा मौसी- मौसी हूँ तेरी!
मैं भी पूरा आनन्द ले रहा था.
मैंने मौसी को अपने बेड पर लिटा दिया और उनकी दोनों टांगों के बीच में बैठ गया.
मौसी अपनी चूत को अपने हाथ से छुपा रही थीं.
मैंने अपने हाथ से मौसी की चूत के दोनों होंठों को खोला और अपनी जीभ उनकी चूत में डाल दी.
मौसी की चूत पानी छोड़ रही थी.
अब मैं अपने लंड का सुपारा मौसी की चूत पर रगड़ने लगा, तो इससे मौसी और बेचैन होने लगीं.
हॉट मौसी वांट सेक्स- समीर अब अपना लंड डाल दे चूत में और इसकी तड़प को शांत कर दे.
मैंने कहा- मौसी, अभी थोड़ा समय बाकी है!
मौसी- क्यों तड़पा रहा है मेरी चूत को … कोई दुश्मनी है का बुर से तेरी!
मैंने कहा- काहे इतना व्याकुल हो रही हो मौसी … आज तुम्हें मैं हर हाल में चोद कर मजा लूँगा!
दोस्तो, मैं अपनी मौसी की बुर पर लंड रखे हुए था और अन्दर पेलने से पहले उनकी तड़फ का मजा ले रहा था.
हॉट मौसी वांट सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको चूत चुदाई की धार में भिगोऊंगा.
आप बस अपने कमेंट्स जरूर भेजते रहें.
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हॉट मौसी वांट सेक्स कहानी का अगला भाग: जवान लड़के के घर की सम्भोग लीला- 5
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