चूत चुदाई के हसीन सपने- 2

(Hot Mausi Sex Kahani)

हॉट मौसी सेक्स कहानी में भाभी को नंगी देखने के मम्मी और मौसी दोनों को नंगी देखा और अपनी बुआ के बेटे को भी दिखाया. दिखाया. मेरी बुआ के बेटे ने मेरी मौसी को गर्म करना शुरू कर दिया.

कहानी के पहले भाग
नंगी भाभी को नहाती देखा बाथरूम में
में आपने पढ़ा कि मैं अपनी भाभी को नंगी देखकर किसी भी चूत को पेलने के लिए बेचैन था. तभी एक दिन मैंने अपनी मौसी को नंगी नहाती देखा. उसके बाद अचानक मैंने मम्मी और मौसी को आपस में लेस्बियन सेक्स करते देखा. ये सब बातें मैंने अपनी बुआ के बेटे को बताई. उसने मेरे मन में मौसी को चोदने की बात डाल दी और वह मेरी मम्मी यानि अपनी मामी को चोदने की योजना बनाने लगा.

अब आगे की हॉट मौसी सेक्स कहानी रवि बतायेगा:

दोस्तो, जैसा कि छोटू ने बताया कि मामी ने मुझे झिड़क दिया था, उसके पीछे राज है।

हुआ यह कि मैं जब घर पहुँचा तो मामी रसोई से निकल कर बाहर आ गयी।
वे पसीने से तर बतर थी।
और जैसा छोटू ने मामी और मौसी के बारे में बताया- मेरा भी मन मामी की चूत मारने को करने लगा. इसलिये मैं सुबह ही मामी के घर में आ गया।

उनको इस हालत में देखकर उनके जिस्म की महक लेने की बड़ी इच्छा होने लगी, इसलिये मैं उनसे चिपक गया.
और साला मादरचोद मेरा हाथ पता नहीं कब उनके चूतड़ों में फिसल गया।
इसलिये मामी ने मुझे झिड़क दिया।
लेकिन उतनी देर में मजा मिल गया।

मेरी मामी करीब 50 साल की है। गदराया बदन, बड़ी-बड़ी चूचियों की मालकिन, उनकी चूचियों में अभी भी बहुत दूध भरा हुआ है। उसी दूध को पीने के लिये आया हूँ।
मोटे-मोटे कूल्हे … कुल मिलाकर इस उम्र में भी वे एक ऐसी सेक्सी महिला लगती हैं जो जवान जहान मर्दों को भी निपटा दे और उन पर कोई असर न पड़े।

पूरी तरह से श्योर मैं भी नहीं हूँ लेकिन उनके अंदाज से पता लग गया था कि मामी को उन दो पलों का आनन्द मिल गया था।
क्योंकि मेरे मामा घर में कम और घर के बाहर ज्यादा रहते थे।
वे वह रेलवे में जॉब करते हैं। शायद मामा काफी दिनो से घर के बाहर हैं और मामी के जिस्म पर इतने दिनो बाद कोई मर्द का हाथ पड़ा था। नहीं तो बेचारी मौसी से ही काम चला रही थी।

छोटू पता नहीं क्या बतियाये जा रहा था, मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
मेरे दिमाग में मौसी भी नाच रही थी।

छोटू मेरी मनोदशा को समझ गया था।
उसने कहा- चल भाई, मौसी से मिलकर आते हैं।

मैं और छोटू मौसी से मिलने उनके कमरे में चल दिये।

वे बिस्तर पर लेटी हुई कोई किताब पढ़ रही थी।
मुझे देखते ही मौसी बोली- अरे रवि तू!
कहने के साथ ही उन्होंने अपनी बांहें फैला दी.

फिर पता नहीं क्या सोची, उन्होंने झट से अपने हाथ समेट लिये।
“क्या मौसी, बचपन में मुझे बांहों में भर लेती थी और अब?” कहते हुए मैंने खुद ही उनको अपनी बांहों में भर लिया।

“अब छोड़ेगा भी!” मौसी बोली.
मैं समझ चुका था कि उनको भी करंट लग गया है।

तभी मामी ने हम सभी को नाश्ते के लिये आवाज लगायी।
छोटू ‘हाँ मम्मी’ कहते हुए कमरे से बाहर निकल आया।

उसके कमरे से बाहर निकलते ही मैंने मौसी की तरफ देखा और उनसे बोला- क्यों मौसी, कौन सी कहानी पढ़ रही थी। चल हट पगले … ऐसी कोई कहानी नहीं है। चल चल के नाश्ता कर ले।
उनको गुदगुदी करते हुए मैं बोला- मौसी, आपका चेहरा तो कुछ और बता रहा है।

“चल बदमाश, तेरी मुझे पिटाई करनी पड़ेगी।” कहती हुई वे भी कमरे से बाहर निकली और मैं उनको जाते हुए देख रहा था।
उनकी गांड पेन्डुलम की तरह ऊपर नीचे हो रही थी।

हम सब लोग डायनिंग टेबल पर बैठकर नाश्ता कर रहे थे।

मैं जानबूझकर मौसी के बगल वाली सीट पर बैठा और हल्की-हल्की सीटी बजाने लगा.
यह इशारा मौसी के लिये था कि मैं जान चुका हूँ कि तुम क्या पढ़ रही थी।

चूंकि मामी भी वहीं बैठी हुयी थी, इसलिये मौसी संकोचवश बोल नहीं पा रही थी।
साथ में मौसी और मामी के जिस्म की गर्मी छोटू पहले ही बता चुका था.
एक बार मौसी ने मेरे लंड का मजा ले लिया तो मामी अपने आप मुझसे मजे लेने आ जायेंगी।

इसी बात का मैं अब फायदा उठा रहा था. मैं अपने पैर के अंगूठे से उनके पैरों को सहला रहा था।
छोटू मुझे लगातार घूरे जा रहा था लेकिन मैं उसे अनदेखा कर रहा था।

अब मौसी के कान के पास से पसीना निकलने लगा।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
पर मौसी का क्या हाल हो रहा था, मुझे पता नहीं।
शायद मेरी हरकत मौसी को उत्तेजित कर रही थी, मुझे बस गर्म लोहे पर एक-दो हथोड़े मारने की और जरूरत थी, मौसी पक्का मुझे बुलाकर कहेगी कि ‘राजा, मुझे चोदो और मत तड़पाओ।’

इसी क्रम में मैंने वहीं डायनिंग टेबल पर थोड़ा पानी गिराया और उस पानी से उंगली से चूत की आकृति बनायी. तब मौसी का ध्यान अपनी और आकर्षित करके उसके बीचों बीच अपनी उंगली उसमें ले जाकर हल्का सा रगड़ा और अपनी जीभ से उस उंगली को चाटने लगा।

बस फिर क्या था, मौसी का जिस्म थर्राने लगा था और उनके हाथ से हड़बड़ाहट से चम्मच छूटकर जमीन में गिर पड़ी।

मामी ने मौसी की तरफ देखते हुए पूछा- कल्पना, क्या हुआ?
“अरे कुछ नहीं जीजी!” कहते हुए चम्मच उठाने के लिये झुकी.

मैं मौसी को रोकते हुए चम्मच उठाने के लिये झुका और साथ ही मौसी की चूत को रगड़ दिया और चम्मच देते हुए अपने अंगूठे को चाटने लगा.

मामी मुझे टोकती हुई बोली- अरे, अंगूठा चाट रहा है।
मैं भी बेशर्म होकर बोला- हाँ मामी, नाश्ता ही इतना टेस्टी है कि अंगुली और अंगूठा सब चाटने का मन कर रहा है।

सबकी नजर बचाते हुए मौसी ने मेरे लंड पर चिकोटी काटते हुए बोली- हम्म … तो उंगली और अंगूठा चाटने के साथ-साथ नाश्ता भी कर लो. नहीं तो भूखे रह जाओगे।
पलटकर जवाब देते हुए मैं मौसी से बोला- मौसी चिन्ता मत करो, हफ्ते दस दिन रहूँगा, नाश्ता और खाना सब मजे से करूँगा।

छोटू अभी भी मुझे घूरे जा रहा था।

नाश्ता जैसे ही खत्म हुआ, वैसे ही छोटू मुझे घसीटते हुए कमरे में ले गया और लगभग चिल्लाते हुए बोला- मादरचोद, अबे सब लोग बैठे हुए थे और तू सबके सामने ही मौसी की गांड में उंगली किये जा रहा था।

मैं उसे टोकते हुए बोला- गांड में नहीं, अभी तो चूत में उंगली की है। उनकी गांड में भी उंगली जल्दी ही पहुंच जायेगी।
“अबे, मैं मौसी को पटाने में लगा हुआ हूँ और तूने मौसी की चूत में उंगली भी डाल दी?” थोड़ा अचम्भित होता हुआ छोटू बोला।

“चल झूठा कहीं का, तू झूठ बोल रहा है.” कहते हुए छोटू कमरे से बाहर जाने लगा.
मैंने उसे रोकते हुए कहा- कहाँ जा रहे हो?
“मौसी के पास!” वह मुझे घूरते हुए बोला।

“अबे भोसड़ी के … जा तो ऐसे रहा है जैसे कि मौसी अपनी चूत खोले बैठी है और तुझे देखते ही बोलेगी कि ‘आ मेरे छोटू, आ तू मेरी चूत चोद ले।’ थोड़ा धीरज रख … मौसी की चूत का मजा तू भी लेगा. लेकिन पहले माल तैयार कर लेने दो। कहीं तेरी जल्दी बाजी में बना बनाया काम न बिगड़ जाये।”

थोड़ा समझते हुए छोटू बोला- हाँ यार, कह तो तू सही रहा है।

तभी मौसी की आवाज आई- दीदी, मैं नहाने जा रही हूँ, कुछ काम है तो बता दो, पहले उसे कर लूँ फिर नहाने चली जाऊँगी।
उधर से मामी की आवाज आयी- नहीं कल्पना, कोई काम नहीं है, जाकर तू नहा ले!

हम दोनों के कानों में भी मौसी की आवाज आयी।

मेरा हाथ पकड़ते हुए छोटू बोला- चल आ चलकर देखते हैं!
कहते हुए वह मुझे स्टोर रूम में ले गया, स्टोररूम से बाथरूम अटैच था।

पास पड़ी हुयी स्टूल पर हम दोनों चढ़ गये और अन्दर झांकने लगे।

मौसी अपने कपड़े उतार रही थी।

तभी मामी भी अन्दर आ गयी और मौसी को झिड़कते हुए बोली- तेरे में इतनी गर्मी क्या चढ़ गयी जो तू नहाने को मरी जा रही थी, तेरे चक्कर में सब काम छोड़कर आयी हूँ।

अब तक मौसी ने अपने कपड़े उतार दिये थे, केवल पैन्टी ही उनके जिस्म में बची हुयी थी।

पैन्टी उतारती हुई वे बोली- तेरा रवि नम्बर एक का चोदू लगता है। नाश्ते के समय वह मेरा भी नाश्ता कर रहा था।
“मतलब!?” मामी चौंकते हुए बोली- मतलब क्या किया उसने?

मौसी अपनी पैन्टी मामी को दिखाते हुए बोली- रवि नाश्ता करते समय मेरे जिस्म से खेल रहा था और उसने मेरी चूत में उंगली भी कर दी है। ये देखो जो गीलापन है सब उसी का है।
मामी मौसी के बाल खींचती हुई बोली- साली रंडी, जवान लौड़े को देखा नहीं कि अपनी चूत उसके हवाले कर दी।

मौसी अपने को छुड़ाते हुए बोली- छोटू भी था, उसके सामने क्या बोलती?
मामी ने भी अब तक अपने सारे कपड़े उतार लिये थे।

उनका जिस्म क्या गदराया हुआ था।
इस उम्र में भी वह जवान लड़कियों को मात कर रही थी।

शॉवर खोलकर मामी मौसी को चिपकाती हुई बोली- है तो रवि बहुत फास्ट … आते ही मुझसे चिपक गया और मेरी गांड में हाथ फिराने लगा।
“क्या कह रही हो?” मौसी मामी की तरफ देखते हुए बोली।

“साले की नजर भूखे कुत्ते की तरह है। हाँ जब वह मुझसे चिपका हुआ था, तो उसकी सांसें बहुत तेज चल रही थी। ऐसा लग रहा था कि वह कुछ सूंघ रहा हो।”

फिर थोड़ा रूकती हुई मामी बोली- हम्म! उस समय में पसीने से लथपथ थी, लगता है वह मेरे जिस्म को सूंघ रहा था।

मामी की मनोव्वल करती हुई मौसी बोली- एक बात कहूँ … अगर तू बुरा ना माने?
मौसी को टोकती हुई मामी बोली- मैं समझ गयी, मेरी लाडो रानी चुदासी हो चुकी है। लंड का मजा चाहिये। बता मुझे क्या करना है?
दोनों एक दूसरे के जिस्म से खेलते हुए बातें करती जा रही थी।

मौसी बोली- कुछ नहीं … बस एक-दो घंटे के लिये छोटू को लेकर बाहर चली जा। मैं तब तक उसके लंड को निचोड़ लूंगी।
“ठीक है.” कहते हुए दोनों फिर से एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगी।

मेरी तो बांछें खिल गयी और मेरा काम हो गया।
उनकी बात से मैं तो इतना समझ गया कि इस घर में जितनी चूतें होंगी वह सब मुझे मिल जायेगी।

मैं मन ही मन प्रसन्न होता हुआ स्टूल से नीचे उतर गया.
मेरे पीछे-पीछे छोटू भी आ गया और बोला- भोसड़ी के … तुझे बुलाकर गलत किया आते ही साले सब चूतों में कब्जा जमा कर बैठ गया। मैं कहीं नहीं जाऊँगा। मुझे भी चोदना है।

मैंने उसे समझाते हुए कहा- देख तुझे कुछ नहीं मिलता, लेकिन मेरी बात मानेगा तो मौसी तुझसे जरूर चुदवा लेगी।

छोटू को मेरी बात समझ में आयी और वह मामी के साथ बाहर जाने के लिये तैयार हो गया और मेरे लिये उसने रास्ता साफ कर दिया।

मौसी और मामी को आपस में सेक्स करते देखकर इतना तो समझ में आ गया कि खुलकर दोनों औरतें मजा देंगी, चाहे वह चूत हो या गांड।

थोड़ी देर बाद मामी नहा धो कर आई और छोटू को आवाज दी।
छोटू मेरी तरफ देखकर बोला- देखा मां अपनी बहन को चुदवाने के लिये कितनी मरी जा रही है।

मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया।

“चल मैं जा रहा हूँ. तू मौसी की चूत कायदे से चोदियो. अगर गांड भी मारने का मौका मिले तो मार लियो। साली की गर्मी जरूर निकाल दियो।”
फिर वह मेरे कंधे में हाथ रखते हुए बोला- भाई का भी ख्याल रखना!
“तू बस देखता जा, मौसी तुझसे भी चुदवायेगी।” मैंने उसे हौसला दिया।

छोटू को छोड़ने में भी बाहर आ गया।
मामी गजब की खूबसूरत लग रही थी।

मामी का मेरे प्रति नजरिया बदल गया था, मुझे देखते हुए अपने मुंह को गोल कर एक बरी ही सेक्सी सी मुस्कुराहट बिखेर दी।
मैंने लपककर उसको अपने हाथों में कैद कर लिया और उनको दिखाते हुए चूम भी लिया।
मामी भी मुस्कुराकर इठलाती हुयी चली गयी।

चूंकि मुझे मालूम था कि मौसी की चूत में आग लगी है और वह मुझसे अपनी आग बुझवाने के लिये बेताब है।
इसलिये मैं बाथरूम में शॉवर लेने घुस गया और मौसी के आने की आहट पर ध्यान लगाये हुए था।

मैं जल्दी से शॉवर लेकर बाथरूम से केवल चड्डी में बाहर निकला और दरवाजे की तरफ पीठ करके अपने जिस्म को पौंछने का नाटक करने लगा।
मौसी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया।

मैं हड़बड़ाने का नाटक करते हुए बोला- कौन?
लड़खड़ाती आवाज से बोली- मैं कल्पना!

दोस्तो, आगे की हॉट मौसी सेक्स कहानी अगले भाग में!
आप सब मेरी कहानी पर कमेंट्स करते रहें और मुझे मेल से भी बताएं कि कहानी में मजा आ रहा है.
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हॉट मौसी सेक्स कहानी का अगला भाग: चूत चुदाई के हसीन सपने- 3

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