घर में चुदाई का खुल्लम खुल्ला खेल- 1
(Hot Mami Fuck Kahani)
हॉट मामी फक कहानी में मेरे चचरे भाई का भानजा, जो मेरा हमउम्र था, मामा के घर रहता था और मामी की चुदाई करना चाहता था. मैं भी अपनी भाभी की चूत का मजा लेना चाहता था.
दोस्तो,
मैं रवि 21 साल का हूँ.
जो कहानी मैं अब प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, वह सच्ची घटना पर आधारित है.
कहानी में पात्रों के नाम बदल दिये गये हैं.
यह हॉट मामी फक कहानी आज से दो साल पहले घटित हुई है
मेरी बहन कविता, उम्र 23 साल, पाँच फ़ीट चार इंच, चूची का साइज 36″, कमर 28″ पीछे की तरफ़ गांड निकली हुई!
कहानी का तीसरा इन्सान दीपक है, दीपक की उम्र 22 साल है. वह मेरे ताऊ जी की बेटी का बेटा यानि मेरा भानजा है.
और इस कहानी की चौथी पात्र हैं दीपक की मामी यानि मेरी भाभी मीरा … इनकी उम्र 30 साल है.
मीरा भाभी का 1 बेटा 2 साल का है.
इनके पति सोनू विदेश में कमाते हैं. भैया तीन साल में एक बार घर आते थे 3 महीने के लिए!
तो मेरी भाभी (दीपक की मामी) सेक्स की प्यासी रहती थी.
अब मैं अपनी कहानी आता हूँ.
हमारा घर गाँव से बाहर बना है और ताऊ जी का घर मेरे घर से लगा हुआ है.
दीपक अपने नाना के घर में ही रहता था और मेरे दोस्त की तरह था.
मैं और दीपक एक दूसरे से सब बात करते थे.
दीपक और मैंने मिलकर दीपक की मामी चोदने का प्लान बनाया.
दीपक अपनी मामी को नहाते वक़्त मोबाइल से रिकॉर्ड करने लगा.
हम लोग साथ में वीडियो देखते थे और रिकॉर्डिंग देख देख हिलाने लगे.
इस दौरान तीन चार महीने बीत गए लेकिन हमें कामयाबी नहीं मिल रही थी.
धीरे धीरे टाइम निकल रहा था पर हम लोगों का काम नहीं हो रहा था.
हम लंड हिलाकर शांत हो रहे थे लेकिन हमारा काम पूरा नहीं हो रहा था
लेकिन एक दिन ऐसा हुआ कि वीडियो बनाते वक़्त मीरा जो मेरी भाभी लगती है और दीपक की मामी, ने दीपक को देख लिया और बोली- कौन है?
दीपक तुरंत भाग कर मेरे पास आया और पूरी बात बताई.
हम दोनों डर गए कि अब क्या होगा.
दीपक डर रहा था तो घर से बाहर निकल चुका था.
मीरा भाभी नहाकर जब बाहर आयी उन्होंने मुझसे पूछा- दीपक कहाँ है?
मैं बोला- यहीं तो था … लगता है कि बाहर गया है.
वे मुझसे बोली- उसे काल करो और बुलाओ!
मैंने उसे कॉल करके बुलाया.
वह बहुत हिम्मत करके आया.
भाभी उसे अपने घर में ले गयी.
दीपक डरते डरते गया.
मीरा भाभी ने उससे पूछा- तुम क्या कर रहे थे?
दीपक डरते हुए बोला- मुझसे गलती हो गई है.
मीरा भाभी बोली- मैं तुमको दो तीन महीने से नोटिस कर रही हूँ. मैं तुमको अच्छी लगती हूँ क्या?
कहते हुए उसने दीपक का हाथ पकड़ लिया और बोली- तुमको जो चाहिए, मुझे पता है. लेकिन एक बात ध्यान रखना … यह बात बाहर कहीं नहीं जानी चाहिए!
दीपक की तो बांछें खिल गयी, उसने अपनी मामी की चूची पर हाथ रख दिया और ब्लाउज़ का बटन खोलने लगा.
मीरा भाभी ने भी दीपक के लंड पर अपना हाथ रख दिया.
दीपक का लंड खड़ा हो चुका था.
मीरा ने अपना हाथ दीपक के लोअर में डाल दिया और लोअर नीचे करने लगी.
मौक़ा अच्छा था घर पर कोई नहीं था.
तब दीपक ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया.
मीरा की 38″ साइज़ की चूची को दीपक अपने हाथों से मसलने लगा.
भाभी उसका लंड हिलाने लगी.
धीरे धीरे मीरा भाभी पूरी नंगी हो चुकी थी.
दीपक ने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपने लंड को मीरा की चूत में डाल दिया और हिलने लगा.
लगभग पाँच मिनट हिलने पर दीपक झड़ गया लेकिन मीरा की वासना अभी नहीं उतरी थी.
लेकिन तुरंत दोनों लोग कपड़े पहनने लगे.
दीपक तुरंत मेरे पास आ गया, उसने सारी घटना मुझसे बतायी.
अब दीपक रोज़ अपनी मामी को चोदने लगा.
लगभग तीन महीने यही सब होता रहा.
अब मैंने ज़िद की कि मुझको भी भाभी की चूत चाहिए.
दीपक मुझे कहने लगा कि कोई प्लान बनाओ!
ऐसा अवसर मिला कुछ ही दिन बाद जब हमारे रिलेशन में शादी थी.
सभी लोग शादी में गए थे, मैं और दीपक और भाभी नहीं गए थे.
भाभी को लंड की जरूरत थी तो वे दीपक के साथ रुक गयी थी.
आज का दिन मेरे लिए स्पेशल था क्योंकि आज मुझे चूत मिलने की पूरी आशा थी.
अब तक किसी लड़की को चोदा नहीं था.
दीपक और उसकी मामी का प्रोग्राम तय हो चुका था.
उसने मुझे अपना प्रोग्राम बताया तो मैंने दीपक से बोल दिया- तुम मीरा को छोड़ने अंदर जाना और दरवाज़ा बंद मत करना! मैं 20 मिनट बाद आ जाऊँगा!
दीपक प्लान के अनुसार अंदर गया और 20 मिनट बाद ही मैं अंदर गया.
देखा तो मेरा लंड खड़ा हो गया.
भाभी पूरी नंगी लेटी हुई थी, उनकी विशाल चूचियां हिमालय के माउंट एवरेस्ट के समान दिख रही थी.
दीपक भाभी की चूत को नदी में पानी पीने आये प्यासे जानवर की तरह चाट रहा था जैसे उसमें कोई रस निकल रहा हो!
और मीरा भी अपने हाथ से दीपक का सिर अपने चूत मे दाब रही थी.
हॉट मामी फक का यह नज़ारा देख कर मैं पागल हो गया था.
मुझे देखते ही भाभी असफल प्रयास करती हुई अपने शरीर को छिपाने लगी.
लेकिन मैंने बिना देरी करते हुए अपने सारे कपड़े निकाल दिए और अपने हाथों को मीरा की विशाल चूचियों पर रख दिया.
वह इससे पहले कुछ समझ पाती या कह पाती … मैंने अपने होठों को उनके होंठों पर रख दिया.
उनको समझ में नहीं आ रहा था कि यह क्या हो गया.
उनकी बड़ी बड़ी चूचियां देख कर मुझे यक़ीन हो गया कि इसीलिए गाँव के नौजवान इनके पीछे चोदने की चाहत में थे!
भाभी अभी भी आश्चर्य की स्थिति में थी, वे कुछ समझ नहीं पा रही थी.
इतने में मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया और धक्का देने लगा.
एक हाथ से मैंने उनकी चूचियों को दबोच लिया और दीपक ने दूसरी सूची को अपने मुँह में भर लिया.
मैं धक्के मार रहा था.
पाँच छह मिनट बाद ही मैंने अपना पानी अंदर गिरा दिया.
अब दीपक का लंड भाभी की चूत की सैर करने लगा.
मैं उनकी चूचियों को मसलने लगा.
15 मिनट बाद दीपक और भाभी दोनों ने अपना अपना पानी छोड़ दिया.
हम तीनों कपड़े पहनने लगे.
कमरा शांत हो गया.
हम सब एक दूसरे को देख रहे थे.
मीरा बोली- दीपक, तुम लोग पहले से मिले हुए थे ना?
दीपक बोला- नहीं ऐसा कुछ नहीं था!
उन्होंने कहा- कोई बात नहीं! मुझे पता है. अब तो और मज़ा आएगा!
कहती हुई वे मुस्कुराने लगी.
हम दोनों ने दोबारा उनको पकड़कर उसको चूमने लगे.
उस दिन हम लोगों चार चार बार भाभी की चोदाई किया.
इस तरह भाभी 8 बार चुदी तो वे चल नहीं पा रही थी.
ऐसे ही मौक़ा पाकर चुदाई करते करते कई महीने बीत गए.
जब मौक़े मिलते, हम लोग चोदाई करते.
लेकिन जिसका डर था वही हुआ!
इश्क़ मुश्क और अवैध सम्बन्ध कभी छिपते नहीं!
मेरी बहन कविता को हम लोगों पर शक होने लगा.
वह हम लोगों पर ध्यान देने लगी.
अब मौक़ा मिलते ही दीपक तो अपना काम कर ले रहा था लेकिन मुझे भाभी की चूत मारने का मौक़ा नहीं मिल रहा था.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था.
दो महीने बीत गए थे भाभी की चूत और मेरे लंड को मिले हुए!
भाभी जी ने प्लान बनाया कविता को सुधारने के लिए!
उन्होंने जो बात कही, जानकर हम लोग दंग रह गए.
मुझे यक़ीन नहीं हो रहा था, मैं विश्वास नहीं कर रहा था.
लेकिन मुझे प्रमाण भाभी ने दिखाया.
तो मैं सोचने लगा कि इतनी शरीफ लड़की, जिसको पूरा गाँव शराफ़त की देवी मानता है, हमारे सारे परिवार वाले जिन भाई की शराफ़त की मिसाल पेश करते हैं, वे ऐसे हो सकते हैं.
लेकिन यह सच्चाई है.
भाभी ने अपनी मोबाइल का कीप सेफ फोल्डर ओपन किया.
उसमें चार वीडियो और लगभग 20 फ़ोटो रखे थे.
उनमें भाभी के पति यानि दीपक के मामा और हमारे ताऊ के बेटे सोनू भैया, जो विदेश रहते हैं, उनके साथ कविता की चोदाई के वीडियो और फोटो थे.
मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था.
भैया कविता से सात आठ साल बड़े थे और विदेश में रहते थे.
लेकिन उन्होंने कविता को अपने जाल में फंसा लिया.
मेरी बहन वीडियो में भैया से उछल उछल चुद रही थी और उनके लंड को अपने मुँह में भर कर चूस रही थी.
इसके बाद भाभी से हमने पूरी कहानी पूछी.
भाभी ने पूरे विस्तार से बताया:
यह कांड, जब आपके भैया एक साल पहले आए थे न, तब हुआ.
उन्होंने कविता को बहुत सारे गिफ़्ट चोरी से दिए थे कि मुझे पता ना चले.
पर मैंने देख लिया था और मैंने सोचा कि उनकी चचेरी बहन है इसलिए दिए होंगे.
लेकिन मैंने उनके मोबाइल में देखा तो कई बार 20 हज़ार, 25 हजार … ऐसे करके कई बार पैसे भेजे थे.
मैंने उनसे लड़ाई भी की लेकिन वे सही बता नहीं रहे थे, बोल रहे थे कि चाचा ने मंगवाये थे, उधार लिया है.
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था.
मैं चाचा से पूछ भी नहीं सकती थी.
लेकिन अगर पैसा दिया है तो मुझे पता होना चाहिए और चाचा जी ने कोई ऐसा काम किया भी नहीं इतना पैसा लगा हो!
ये कुछ नहीं बता रहे थे.
पर कविता बहुत कपड़े और ज़ेवर लायी थी और मुझसे बोल रही थी जेवर नकली हैं. सोने के नहीं हैं.
लेकिन जेवर असली सोने का दिख रहा था.
उस समय मैंने विश्वास कर लिया.
लेकिन जब सारा मामला मेरे सामने आया तो मैं समझ गई थी कि तुम्हारे भाई ने जो पैसा दिया है, उसी का कमाल है सब!
मैंने इनसे बहुत लड़ाई की पर तुम्हारे भाई बोले कि ऐसा कुछ नहीं है.
लेकिन एक दिन मैंने इन दोनों भाई बहन को आगे पीछे जाते हुए देख लिया था.
दोनों खेत की तरफ़ जा रहे थे.
मैंने पीछा किया लेकिन नहीं पकड़ पाई.
पर मेरा शक साफ़ हो गया था तो मैं जान रही थी कि इस तरह मैं इनको कभी नहीं पकड़ पाऊंगी.
ये अगले महीने में चले जाएंगे और दोबारा तीन साल बाद ही आयेंगे और सरा पैसा फिर उसी को भेजेंगे.
फिर मैंने इनसे खुलकर बोला कि मैं जानती हूँ कि आप उसे रोज़ मिलते हैं. आप एक काम करो, बाहर ना मिलो. नहीं तो किसी ने देख लिया तो बहुत बदनामी होगी. मुझे आप दोनों के सेक्स पर कोई ऐतराज़ नहीं है. बस आप उसे कोई पैसा नहीं देना और मुझसे रोज कम से कम दो बार सेक्स करना!
पहले तो उनको मेरी बात का विश्वास नहीं हुआ.
फिर मैंने कहा कि आप खुलकर अपनी बहन चोद सकते हैं. घर में मैं देख कर लूँगी.
तब ये राज़ी हो गए.
तब मैंने पूछा कि अब अपने मुँह से बता दो कि कितने दिन से अपनी बहन की चूत मार रहे हो?
उन्होंने बताया कि जब वह 12वीं में पढ़ रही थी!
तब मुझे ग़ुस्सा तो बहुत आया था.
मैंने भाई बहन की चुदाई के सबूत अपने पास जमा करने थे.
फिर उस दिन वे खेत में चले गये.
उन्होंने बोल दिया था कि कविता को पता नहीं चले.
बीस मिनट बाद कविता भी पहुँच गई.
5 मिनट बाद मैं भी पहुँच गई.
मुझे सबूत चाहियें थे इसलिए मैं बाहर से बने छेद में से मोबाइल से वीडियो बनाने लगी.
इस तरह मैं रोज़ वीडियो बनाती थी.
परन्तु ये लोग रोज शाम सात आठ बजे के बीच ही चोदाई करते थे इसलिए वीडियो सही नहीं बन रहा था.
लेकिन फिर भी मुझे चार पाँच बार ही मौक़ा मिल ही गया दिन में चुदाई की वीडियो बनाने का!
आपको अब तक की हॉट मामी फक कहानी कैसी लगी?
मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
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हॉट मामी फक कहानी का अगला भाग: घर में चुदाई का खुल्लम खुल्ला खेल- 2
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