चूत चुदाई के हसीन सपने- 3
(Hard Sex In Family)
हार्ड सेक्स इन फॅमिली की कहानी में मैंने अपनी मामी के घर में उनकी छोटी बहन को पटाकर मामी की जानकारी में चोद दिया. मैंने उससे मामी की चूत की बात भी कर ली.
कहानी के दूसरे भाग
मामी और मौसी की चुदाई की योजना
में आपने पढ़ा कि
मैं जल्दी से शॉवर लेकर बाथरूम से केवल चड्डी में बाहर निकला और दरवाजे की तरफ पीठ करके अपने जिस्म को पौंछने का नाटक करने लगा।
मौसी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया।मैं हड़बड़ाने का नाटक करते हुए बोला- कौन?
लड़खड़ाती आवाज से बोली- मैं कल्पना!
अब आगे हार्ड सेक्स इन फॅमिली:
मैंने उनके हाथ को पकड़ा और अपनी तरफ खींचते हुए बोला- आप तो कल्पना नहीं, हकीकत हो।
मौसी केवल ब्रा और पैन्टी में थी।
तो मैं आश्चर्य का नाटक करते हुए बोला- मौसी, आप तो नंगी हो?
मुझे चिकोटी काटते हुए वह बोली- चल बदमाश … नंगी कहां हूँ, पैन्टी ब्रा तो पहन रखी है। नंगी तो तू मुझे करेगा।
“मैं आपको नंगी क्यों करूँगा?”
अपनी लाल-लाल और मदमस्त आंखों से मुझे देखते हुए बोली- बस मेरी आग बुझाने के लिये!
“आग बुझाने के लिये? मैं कुछ समझा नहीं.” मैंने अनजान बनते हुए कहा।
मेरे पेट में चिकोटी काटते हुए बोली- अनजान बन रहे हो, सुबह जब तुमने मेरे यहां उंगली की, तब समझ में नहीं आया। अब आग लगी है तो इसकी आग बुझाओ।
अपनी चूत पर हाथ फेरती हुई मौसी बोली।
“अच्छा, तो आपको अपनी चूत चुदवानी है।” मैं पलंग पर बैठते हुए बोला- लेकिन मैं चूत के साथ गांड भी मारता हूँ।
मेरे नाक को पकड़ते हुए बोली- जरूरी है इनको बोलना? तुम बिना बोले भी मेरी आग बुझा सकते हो!
“नहीं बुझा सकता! इसको बोलने पर चुदाई को जो मजा है, वह बिना बोले नहीं। लगता है मौसा जी कायदे से मजा नहीं दिये हैं।”
थोड़ा सा अधीर होते हुए मौसी बोली- मत तड़पाओ, मैं तो तैयार हूँ!
“पर मेरी एक शर्त है।”
“क्या?” मौसी बोली।
“मैं जैसा बोलूंगा और जैसा कहूँगा, वैसा ही तुमको करना है।”
“ठीक है बाबा, बोलो मुझे क्या बोलना है?”
“मौसी वैसे तो तुम बहुत सुंदर हो। बस चुदाई के समय जो मैं बोलूँ उसे बोलते हुए तुम और सुंदर और सेक्सी बन जाओ।”
बस इतना कहना था कि मौसी इठलाती हुई बोली- मेरा राजा जैसा कहेगा, वैसा मैं करूँगी।
“तब ठीक है मौसी … अब चुदाई का मजा लो।”
मौसी असहज तो थी लेकिन मेरी बात मानने को तैयार थी, अधीर होती हुई बोली- मुन्ना अब जल्दी से बोल, क्या करना है?
मैं मौसी के होंठों पर उंगली फिराते हुए बोला- बस कुछ ज्यादा नहीं करना है। मेरे को पीछे से पकड़ो और मेरी चड्डी के अन्दर अपने दोनों हाथों को डालकर मेरे लंड को मसलते हुए बोलो ‘रवि, इस लौड़े से मेरी चूत चोदो।’
मौसी चड्डी के अन्दर हाथ डालकर मेरे लौड़े को मसलने लगी लेकिन बोल नहीं रही थी।
“मौसी बोलो … नहीं तो तुम्हारी चूत चुद नहीं पायेगी।”
मौसी हकलाती हुई बोलने का प्रयास करते हुए बोली- रवि, अपने लौ …
यहाँ अटक गयी।
“मौसी मजा नहीं आ रहा है। खूब तेज मसलो और बोलो ‘मेरी जान रवि, अपने इस लौड़े से मेरी चूत चोदो।’
इस बार मौसी ने मेरे लौड़े को मसला और जांघ के आस-पास हाथ चलाते हुए बोली- रवि, तुम्हारे इस लौड़े से चुदने के लिये मरी जा रही हूँ। जल्दी से अपने लौड़े से मेरी चूत की गर्मी को शांत करो।
जब मैंने उनकी बातों का कोई जवाब नहीं दिया तो बोली- रवि तुमने जो बोलने के लिये बोला था, वह बोल दिया।
“कहां पूरा बोला?”
“अब क्या बोलना है?” अधीर होती हुई मौसी बोली.
“बोलो, मेरी गांड भी मार लेना।”
“अरे बाबा, मार लेना मेरी गांड भी!”
“बस एक बात और मौसी करनी है।”
“अब क्या करना है?”
मेरी चड्डी थोड़ा सा नीचे सरकाओ और मेरे पुट्ठे को प्यार करो और गांड के छेद में अपनी जीभ डालो।
“छी: … मैं गांड नहीं चाटूंगी।”
“कल्पना डार्लिंग!” मैंने अब नाम लेना उचित समझा- मैं भी तुम्हारी चूत और गांड चाटूंगा। बहुत मजा आता है। झिझक हटाओ, अगर चुदाई का मजा लेना चाहती हो।
“रंडी बना कर छोड़ेगा!” कहते हुए मौसी ने मेरी चड्डी उतारी और मेरे पुट्ठे को काट लिया.
“आउच, कल्पना डार्लिंग, प्यार से … रण्डी और कुत्ता बनकर ही तो चुदाई का मजा आता है।”
मेरी बात को समझते हुए बिना कुछ कहे बड़े प्यार से मेरे पुट्ठे पर अपनी जीभ चलाने लगी और मेरी गांड को खोलकर उसके अन्दर जीभ चलाने लगी।
“मौसी मजा आ गया … बस ऐसे ही प्यार से!”
मौसी को भी मजे आने लगे, वह अब प्यार से मेरी गांड को चूम रही थी, अन्दर जीभ चला रही थी और मेरे लौड़े को मसल भी रही थी।
अब मैंने मौसी के हाथ को पकड़ा और गोदी में उठाकर शीशे के सामने लाकर उनको खड़ा किया और उनको पीछे से पकड़कर उनके चूचे दबाते हुए बोला- मौसी, तुम्हारी हाईट छोटी जरूर है। पर हो गजब की सेक्सी। देखो तुम्हारी चूची कितनी बड़ी और मुलायम है।
कहते हुए मैंने उनके ब्रा को ऊपर की तरफ उठा दिया, उनकी चूची बाहर आ गयी।
मैं उनके मुलायम चूचे दबाने लगा और उनके कानों को को चबाने लगा।
आह-ओह करते हुए मौसी बोली- रवि, तुम चूची बाद में दबा लेना, पहले मुझे चोदो। मैं चुदने के लिये बहुत बैचेन हूँ। मेरी चूत काफी गीली हो गयी है।
“अल्ले मेरी प्यारी मौसी की चूत गीली हो गयी है।”
मैं मौसी के आगे आ गया और नीचे बैठकर उनकी पैन्टी उतार दिया.
मौसी ने भी जल्दी से पैन्टी को अपने से अलग कर दिया।
मैंने पैन्टी उठायी और सूंघने लगा और फिर अपनी जीभ लगा दी।
मौसी मुझसे पैन्टी छीनते हुए बोली- पगले ये क्या कर रहे हो?
मैं बोला- मौसी, अपनी चूत को जितना तड़पाओगी, वह उतना ही मजा देगी!
इतना कहने के साथ ही मैंने उनकी चूत पर अपनी जीभ चलाना शुरू कर दिया और उनके लहसुन के दाने को चबाने लगा।
उफ्फ, ओफ करते हुए मौसी बोलने का प्रयास करने लगी।
बड़ी ही मुश्किल से मौसी बोला पायी- रवि, पहले मुझे चोदो. उसके बाद मैं तुमसे अपनी चूत भी चटवाऊँगी और तेरा लंड भी अपने मुँह में लूंगी, तेरी गांड भी चाटूंगी। सब करूंगी, सब अब मुझे चोद दे, तेरा लंड मेरी चूत में डाल दे।
मैंने मौसी को उठाया और पलंग पर लेटाकर उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया।
मौसी की चूत थोड़ी कसी हुयी थी।
दो चार धक्के में चूत खुल गयी और चुदाई शुरू हो गयी।
मौसी बड़बड़ाने लगी- तुम्हारा लौड़ा बहुत बड़ा है, मेरे बच्चेदानी से टकरा रहा है। और जोर से चोदो रवि मजा आ गया।
धक्के से उनकी चूची हिल रही थी।
मेरा जोश बढ़ाते हुए मौसी बड़बड़ा रही थी- और जोर से मेरे राजा … तेरे मौसा इस तरह नहीं चोद पाते। मजा आ गया, चूत की सब नसें ढीली कर दो।
करीब दस मिनट की हार्ड सेक्स इन फॅमिली का खेल चला।
मौसी झड़ गयी और ढीली पड़ गयी।
“क्या हुआ मौसी?”
“कुछ नहीं, तू चोद कर फारिग हो जा!”
“मौसी, चुदाई का मजा आया?” बोल कर मैं रूक गया।
“हाँ बहुत मजा आया, पर तू रूक क्यों गया?”
“अब मुझे भी मजा चाहिये।”
“हाँ बोल … क्या करना है?”
“तुम ऐसे ही लेटी रहो, मैं तुम्हारे मुंह को चोदूंगा।”
“अभी नहीं।”
“नहीं, अभी ही चोदना है, तुमको मजा मिल गया अब मेरी बारी!” कहते हुए मैं उनकी छाती पर चढ़ गया और अपने लंड को उनके मुंह के अन्दर डालने लगा।
“रवि … नहीं मुंह में मत डाल, नहीं तो उल्टी हो जायेगी।”
“हो जायेगी तो कर लेना लेकिन मैं तुम्हारा मुंह चोदूंगा।”
थोड़ा नखरे करने के बाद मौसी ने लंड को मुंह में ले लिया.
बस फिर क्या था, मैंने मौसी के सिर को पकड़ा और मुँह चुदाई करने लगा।
माल बाहर निकलने वाला था लेकिन मैं मौसी को बताने के मूड में नहीं था।
पिचकारी छूटी और मौसी के मुंह के अन्दर माल गिरने लगा।
गूँ-गूँ करके मौसी मुझे अपने ऊपर से हटाने का प्रयास करने लगी लेकिन असफल हो गयी।
जब मेरा पूरा माल उनके मुंह के अन्दर गिर गया तो मैं उनके ऊपर से हट गया।
जैसे ही हटा वैसे ही मौसी ने मुझे बहुत तेज चमाट मारी।
मेरे गाल झन्ना गये।
“क्या हुआ मौसी?”
“तुझे मना किया था ये सब करने को!” अपने मुंह को साफ करते हुए बोली.
“मौसी, मजा तो इसी चीज का है। मैंने तुम्हारी बात मानी तो तुम्हें भी तो मेरी बात माननी होगी।”
“बात मानने का मतलब ये सब नहीं होता है।”
मैंने उनको पकड़कर अपनी गोदी में बैठाया और उनकी जांघों को फैलाकर बोला- मजा तो इसी में है!
कहकर मैंने उनकी चूत के अन्दर उंगली डाल दी और बाहर निकालकर उनको दिखाते हुए बोला- तुमने मेरी मलाई का मजा लिया है। लो मैं तुम्हारी मलाई का मजा लेता हूँ।
इतना कहकर उंगली को मुंह में डाल दिया।
थोड़ा डाउन होते हुए मौसी बोली- कभी किया नहीं है, इसलिये थोड़ा घिन आती है।
“अब नहीं आयेगी!” मैंने फिर से उनकी चूत में उंगली डाली और फिर से उंगली चाटने लगा।
फिर उनकी चूचियों से खेलते हुए बोला- सॉरी मौसी।
मौसी मेरे गाल पर हाथ फेरते हुए बोली- मैं भी सॉरी, ज्यादा तेज तो नहीं लगी।
मैं उनके हथेली को चूमते हुए बोला– इस हाथ से दो-चार और थप्पड़ खा सकता हूँ।
हल्का सा चपत लगाते हुए वे बोली- चल बदमाश!
और बोली- अब मैं तेरी रंडी हूँ तू मुझे कल्पना बोला कर
“तुम कल्पना कहां हो अब तो हकीकत हो। इतना मजा दे रही हो!”
“मजा तो तेरे लंड ने भी दिया है।”
अब मौसी खुल कर बोल रही थी।
“कल्पना, अब लंड शंड, गांड बोलने में मजा आ रहा है न?”
“हां मुझे नहीं मालूम था कि चुदाई के समय, इन शब्दों को भी बोलने का एक अलग मजा है।”
“चलो फिर कल्पना!” अपनी गोदी से उनको उतारते हुए बोला.
“कहां?”
“आओ शीशे के पास चलते हैं। तुम अपनी चूत चटवाते हुए शीशे में देखना। जब शीशे में अपनी चटती चूत देखोगी तो खुद ही अपनी चूची दबाने लगोगी.
हम दोनों शीशे के पास आ गये।
मौसी शीशे के सामने खड़ी हो गयी और जबकि मैं घुटने के बल बैठकर उनकी चूत के और करीब आ गया।
उनके चूतड़ों को पकड़कर उनकी चूत को चूमते हुइ मैंने पूछा- बताओ कैसा लगा?
“ऐसा लगता है कि जन्न्त की सैर करा रहे हो। मुझे नहीं मालूम था कि चूत केवल लंड लेने के लिये नहीं है, इसके और भी मजे हैं। मैं तो निहाल हो गयी तेरे जैसा भानजा पाकर!”
मैं उनके लहसुन पर जीभ घुमाते हुए बोला- फिर मुझे ईनाम चाहिये।
“पगले, मैं अब तो तेरी हूँ जो मांगेगा वो दूंगी।”
मैंने उनकी गांड को उंगली से कुरेदते हुए कहा- मुझे तुम्हारी गांड भी मारनी है।
“हाँ, रात में मार लेना!”
यही मौका था कि मैं छोटू के लिये भी बात कर लूं।
“मौसी, मुझे अभी मारनी है। तुम्हें तो पता ही है कि पहली बार किसी छेद में लंड जाता है तो कितना दर्द होता है, अभी गांड में लंड डलवाने में तुम दर्द होने पर चिल्ला सकती हो कोई सुनने वाला नहीं है।”
“चिन्ता मत कर तू, मैं भले ही दाँत भीच लूंगी, पर चिल्लाऊंगी नहीं!”
“मौसी, मुझे अभी तेरी गांड का मजा लेना है।”
“अरे बाबा, पीछे ही पड़ गये. जब मैंने रात में देने का वादा कर लिया तो मैं तुझसे अपनी गांड मरवा लूंगी। तो अभी की जिद मत कर!”
मैं उनकी चूत की फांकों के बीच उंगली रगड़ते हुए बोला- मौसी …
जैसे ही मैं बोला, मुझे टोकते हुए बोली- देख जिद मत कर, रात में मेरी गांड मार लेना। बस इसी तरह उंगली फांकों के बीच रगड़!
मैं उनकी उत्तेजना को और बढ़ाने के लिये उनके लहसुन को मसलने के साथ-साथ जीभ से केवल टच कर रहा था।
“कहाँ से सीखा है यह सब मेरे राजा?”
मैं खड़ा हो गया और मौसी ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया.
तब मैं उनके बालों को पकड़कर और हल्का-हल्का धक्का लगाते हुए बोला- मौसी, मुझे मामी के दूध और चूत का मजा लेना है।
“गूं गूं!”
मुझसे अपने को छुड़ाते हुए बोली- हे भगवान, बड़े हरामी हो गये हो तुम? तेरी मामी है और उम्र भी देखो उसकी? अच्छा लगेगा क्या?
अपने लंड को एक बार फिर से उनके मुँह में देते हुए बोला- वाह मौसी, तुम बड़ी स्वार्थी हो, अपनी चूत की गर्मी मिटाने के लिये मामी को पटाकर उसको बाहर भेज दिया लेकिन उसकी चूत के बारे में नहीं सोच रही हो।
थोड़ा अचंभित होकर मुझे देखकर बोली- तुम्हें कैसे पता लगा?
“मौसी तुम सयानी और हम लोग डेढ़ सयाने हैं।”
तब मौसी मुझे घूरते हुए खड़ी हो गयी और लंड को हाथ में पकड़कर बोली- हम लोग से क्या मतलब है? और तुम्हें मेरी और दीदी की बातें कैसे पता चली?
अपने से और चिपकाकर और उनके चूतड़ सहलाते हुए बोला- बाथरूम में जब तुम दोनों एक-दूसरे के जिस्म की आग पानी से शांत करने की कोशिश कर रही थी।
“हाय दय्या! तुमने कब देखा?” कहते हुए मौसी ने मेरे निप्पल पर कस कर अपने दांत गड़ा दिये।
दोस्तो, आगे की कहानी अगले भाग में!
आप सब मेरी हार्ड सेक्स इन फॅमिली कहानी पर कमेंट्स करते रहें और मुझे मेल से भी बताएं कि कहानी में मजा आ रहा है.
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हार्ड सेक्स इन फॅमिली कहानी का अगला भाग: चूत चुदाई के हसीन सपने- 4
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