आठ साल बाद मिला चाची से-3
प्रेषक : संदीप शर्मा
अचानक चाची ने धक्के लगाना बंद कर दिया, उनका पूरा बदन ऐंठने लगा तो मैं समझ गया कि चाची आने वाली हैं, पर ऐसी हालत में चाची का धक्के लगाना ना मुमकिन था जो कि मैं पहले से ही जानता था, इसीलिए मैंने अपनी जांघों का इस्तेमाल करते हुए चाची की तरफ के धक्के लगवाने शुरू किए और अगले कुछ सेकंड में चाची की चूत से अंदर से जैसे कोई झरना फूट गया जिससे मेरा पूरा लण्ड भीग गया और चाची, वो तो लगभग बेहोश ही हो चुकी थी और पूरी तरह से मेरे ऊपर गिर चुकी थी ….
अब की बार उनके मुँह से कोई आवाज नहीं निकली थी.. मैंने लण्ड को बाहर निकाले बिना चाची को अपनी बाँहों में लिया और मैं सीधा लेट गया और चाची को मेरे ऊपर लिटा लिया।
चाची पूरी तरह से थक चुकी थी और वो लगभग सो गई थी लेकिन मैं नहीं सोया था….
चाची को अपने ऊपर लिटाने के बाद मैंने उनके बालों में हाथ फिराना शुरू कर दिया उनके नंगे कंधों को अपने होंठों से काटने लगा, उनकी नंगी पीठ पर अपनी उंगलियाँ चलाने लगा और मुझे यह करते हुए 5 मिनट भी नहीं बीते होंगे कि चाची के शरीर में फिर से ताकत आना शुरू हो गई और चाची ने मेरे चुम्बनों का जवाब देना शुरू कर दिया।
अब चाची मुझे और मैं चाची को चूम रहा था, मैं उनके बालों से खेल रहा था उनकी पीठ पर मेरे हाथ चल रहे थे और वो मुझे अपनी बाँहों से पकड़ कर मेरे लण्ड पर उछल रही थी।
अगर चाची इसी तरह से उछलती रहती तो चाची को फिर से खत्म होने में 5 मिनट भी नहीं लगते जबकि मैं इस बार चाची को अच्छे से चोदना चाहता था इसलिए मैंने चाची को पलट कर नीचे कर लिया और उनकी दोनों टांगों को घुटने के अंदर से हाथ डाल कर फ़ैलाते हुए पूरी तरह से चूत को खुलवा दिया और दोनों हाथो से उनके बोबे दबाने लगा, साथ ही साथ मेरे होंठों से उनके रसीले होंठों को पीने लगा।
लण्ड को चूत में पेल कर औरत की जांघों के नीचे से हाथ डाल कर पूरी तरह से टाँगें ऊपर करते हुए बोबे दबाना या कंधे पकड़ कर चोदना ऐसा आसन है जो मुझे बहुत पसंद है क्योंकि उसमें औरत के शरीर के हर हिस्सा का पूरा मजा लिया जा सकता है और इस आसन में मजा इसलिए ज्यादा मिलता है कि जितना भी ताकत से चोदो आपके पास चोदने के लिए पूरी जगह होती है और जल्दी झड़ने का डर नहीं होता।
चाची को इसी तरह से मैं उनके बोबे दबा दबा कर उनको चोदने लगा और उनके होंठों से को होंठों से मिला कर उनके होंठों का शरबत पीने लगा और पूरी ताकत से उनकी चूत में अपने लण्ड को अंदर-बाहर करते हुए उनको चोदने लगा।
इस सब के साथ भी मेरे हाथ उनकी दोनों बड़ी बड़ी चूचियों को मसल रहे थे और मेरे होंठ उनके होंठों को चूसते जा रहे थे और जैसे ही मेरे होंठों से उनके होंठ आजाद होते, उनके मुँह से आह उह की आवाजें निकलना शुरू हो जाती थी।
मैं चाची को ऐसे चोद ही रहा था कि उनका बदन फिर से अकड़ने लगा और चाची ने अपने दोनों हाथों से मुझे कस कर पकड़ लिया, मैं कुछ करता इसके पहले ही चाची की चूत ने एक झरना छोड़ दिया जो की मेरे लण्ड को पूरी तरह से भिगो गया।
इसका असर यह हुआ कि चाची की पूरी चूत गीली हो गई और मैंने चाची की टांगों को छोड़ कर चाची की पीठ को दोनों हाथों से जकड़ कर उनकी एक चूची को मुँह में भर लिया और उनको तेजी से चोदने लगा। चाची ने भी पूरा साथ देते हुए अपनी दोनों टाँगें मेरी पीठ पर जकड ली और अपनी बाहें मेरे कंधो पर लपेट ली।
मैं चाची को धक्के लगा लगा कर जोर जोर से चोद रहा था और चाची हर धक्के पर वाह मेरे राजा …. और जोर से …. और जोर से …. चोद दो…. आज आग बुझा दी तुमने मेरे राजा मेरी चूत की जैसी बातें बोल रही थी।
हर धक्के पर चाची के मुँह से आवाज निकल रही थी और मेरा जोश और बढ़ रहा था। तभी चाची ने अपनी चूत का पानी एक बार और छोड़ दिया और मैंने भी अपनी पूरी ताकत से धक्के लगाये और दस-बारह धक्कों में ही मैं भी चाची की चूत में ही झड़ गया।
इसके बाद मैं तो काफी देर तक चाची की चूत में ही लण्ड डाल कर पड़ा रहा जब तक कि मेरे शरीर में थोड़ी जान नहीं आ गई।
इसके बाद जो हुआ उससे चाची मुझ पर ऐसे फ़िदा हुई कि वो जिंदगी भर के लिए मेरी मर्जी की गुलाम हो गई !
इसके बाद क्या हुआ उसे जानने के लिए अगली कड़ी का इन्तजार करिये और तब तक अपने मेल मुझे भेजते रहिये।
मैं फेसबुक पर भी आपको मिल सकता हूँ मेरा फेसबुक ID भी यही है।
संदीप शर्मा
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