घर की इज्जत और मामी की कुर्बानियाँ-2
(Ghar Ki Ijjat Aur Mami Ki Kurbaniyan-2)
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keyboard_arrow_left घर की इज्जत और मामी की कुर्बानियाँ-1
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मुझे ज्यादा पीने नहीं दिया गया क्योंकि मेरा पहला मौका था और पीने के बाद पता चला कि यह शराब है।
मैंने मामी के तो नहीं पर एनी और शालू के बूब्स पानी में खूब दबाए और किस भी किया, उन्होंने भी मेरे लंड को खूब प्यार दिया और दोनों ने ही जम कर चूसा। और शायद दोनों ने ही मेरे लंड़ का पानी भी पिया क्योंकि मेरे तो वैसे भी बर्दाश्त के बाहर था तो कुछ समझ ही नहीं पाया।
बहरहाल, करीब रात 10.30 के लगभग हम लोगों ने वापसी यात्रा शुरू की।
मामी और शालू कुछ पहले कार की तरफ गईं, मैं और एनी थोड़ी देर के बाद गए और इस बीच एक पेड़ का सहारा लेकर हम दोनों ने खूब एक दूसरे को किस किया, अगली बार एनी के घर में मिलने का वादा करके फिर कार की ओर चले और देखा कि पिछली सीट पर शालू और मोना 69 की पोजिशन में एक दूसरे को बुरी तरह से जीभ से चूस रहे हैं, गनीमत यह थी कि कार एक कोने में पीछे की तरफ खड़ी थी और सभी कम से कम समय में दा से जादा अपनी इच्छाओं को पूरा करने में लगे हुए थे।
शालू को देख कर लग रहा था कि जैसे वो मामी को जीभ से चोद चोद कार फाड़ डालेगी। यह देख कर एनी ने फिर से मुझे अपने से चिपका लिया और किस करने लगी और एक हाथ पैंट के अंदर डालकर लंड पकड़ कर हिलाने लगी।
एनी और शालू की हाइट 5’3″/5’4″ थी, मामी की 5’7″ थी और मेरी 6′ तो आप समझ सकते हैं कि झुकने से कितना कमर पर ज़ोर पड़ता है अगर देर तक मज़ा लेना हो तो।
खैर, एनी ने मुझसे कहा कि अपनी मामी को होश में लाओ, 11 बज रहे हैं, बाकी आज तुम भी मामी की खूब चुदाई कर देना क्योंकि तेरा मामा कुछ खास नहीं है, इसीलिए मैं तुमसे उसको नंगी उठाने के लिए कह रही हूँ। तुमने देख लिया है कि वो सालों से भूखी है मजबूत लंड के लिए। तुमने उसको खुश कर दिया तो वो तुमको राजकुमार की तरह रखेगी। जाओ मेरे लाल, जाओ और उसको कपड़े पहनाओ, शालू को मैं उठा लूँगी।
कार की चाभियाँ मेरे पास थी, कार का गेट खोल कर मैंने शालू को अलग किया और मामी को गोद में उठा कार उसकी टांगों में नेकर डाली और शर्ट पहनाई और एनी ड्राइविंग सीट पर बैठी, शालू भी आगे बैठी और हम घर चल पड़े।
रास्ते में मोना को वोमिट करवाया क्योंकि उसने बहुत पी ली थी, तब जाकर वो घर पहुँच पाई।
चूँकि पर्सनल लिफ्ट थी इसलिए घर घुसने में कोई परेशानी नहीं हुई और मैंने मोना को गोद में उठा कर उसके बिस्तर पर लिटा दिया, एक गिलास नींबू पानी पिलाया तब मामी बेहतर हुई।
मुझे अब बीयर की तलब हो रही थी तो मैंने मामी के बेडरूम वाले फ्रिज से बीयर निकाली और जैसे ही ढक्कन खोला, मोना उठ गई और मुझसे बोली कि वो भी पिएगी।
मैं बोतल लेकर उसके पास पहुंचा तो कहने लगी कि उसको मैं वाशरूम पहुंचा दूँ।
वाशरुम भी क्या शानदार फिल्मी स्टाइल का था, बस देखते ही रह जाओ। मैं उसका हाथ पकड़ कर अंदर ले गया और जैसे ही बाहर आने लगा फिर उसने पकड़ लिया कि उसे बाथ टब में लिटा कर पानी चला दूँ।
मैं खुद बहुत थक चुका था और बियर पीकर सोना चाहता था पर मामी मुझसे भी ज्यादा थकी दिख रही थी और हम पहले ही दिन इतने नजदीक आ चुकेंगे ऐसा तो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था, इसलिए अब वो मेरी पहले से भी ज्यादा सगी हो चुकी थी सो मना नहीं कर सका।
मैंने मोना को बोतल पकड़ाई और प्यार से उसको संभाल कर 4X4 के गोल बाथटब में एयर पिलो का सहारा देकर लिटाया।
बाथरूम में चारों तरफ शीशे लगे थे, जिसके पीछे अलमारी थी, मेकअप का सामान था और शराब और सेक्स का भी सामान था, टीवी भी वीसीआर के साथ लगा हुआ था।
बाथ टब और दिवार के बीच की 2X5 फुट की चौड़ी जगह पर मैट्रेस बिछी हुई थी और थोड़ी दूर पर सीट और कमोड वाली लैट्रिन्स भी थी।
मतलब क्या नहीं था वहाँ… सभी कुछ कल्पना से परे था।
कमोड देख कर मुझे शु-शू लग आई और मैंने मोना से कहा- जरा शु-शू कर आऊँ और बियर भी ले आऊँ तो मोना ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा- यहीं सब इंतजाम है, कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है।
और टब से बाहर आने की कोशिश में गिरने लगी तो मैंने दोनों हाथों से पकड़ लिया और वो मुझ पर लटक सी गई।
फिर संभल कर खड़े होने पर फिर मेरे ही हाथों पर गिरी, अगर छोड़ दिया होता तो बहुत चोट लग सकती थी, तब उसने कहा कि उसे लिटा दूँ।
जब उसे लिटाया तो उसने मुझे पकड़ कर खूब किस किया और मेरे लंड को भी सहलाया, यानि जो शाम से अब तक नहीं हुआ था वो भी हो गया और हमारे बीच कि बची-खुची शरम भी शर्मा गई और उसने अपने और मेरे कपड़े भी उतार दिए।
फिर बोली कि तुम्हें शु-शू आ रही है, अगर बुरा न मानो तो हम एक खेल खेलते हैं – तुम मेरे ऊपर और मैं तुम्हारे ऊपर शु-शू करें?
मैंने कभी भी ऐसा नहीं किया या देखा था पर आज तो दिन ही गज़ब दिखा रहा था सो मैं मान गया और मैंने उसको अपने लंड से बहुत अच्छी तरह से नहलाया फिर उसने मुझे पर शु-शू की।
क्या आवाज निकल रही थी उसकी शुशू की जगह से।
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मोना ने ही बताया कि इस तरह शुशु से नहाने को गोल्डेन-शावर कहते हैं।
बहुत अच्छा अनुभव रहा।
उसके बाद हम लोग पानी में बैठ कर व्हिस्की मिला कर बियर पीते रहे और बातें करते रहे, चूसते-चूमते रहे और नशे में होते चले गए। तभी एनी का फोन आया कि वो दोनों कार वापस करने आई हैं, चाभी ले लो।
मामी ने कहा- ऊपर कमरे में आ जाओ, दरवाजा खोल देते हैं।
मुझसे बोली- आज बेटा, सो नहीं सकोगे, फिर वो दोनों चुदने के लिए आ रही हैं, जाओ, 2 गिलास, कुछ फ्रिज से खाने का सामान भी निकाल लेना और उनके बाथरूम में आने के बाद ही सिर्फ लुंगी पहन कर अंदर आना, उन्हें यह न महसूस हो कि हम कुछ कर रहे थे।
मैं बाहर निकल कर फ्रिज वाले कमरे में घुस गया।
कुछ देर बाद दोनों ने चुपचाप दरवाजा खोला और मोना के कमरे में चली गईं।
जब देखा होगा वो कमरे में नहीं है तो आवाज लगाई और बाथरूम की तरफ गईं, फिर तो खूब आवाजें आने लगीं।
जब मुझे लगा कि अब मुझे अंदर जाना चाहिए तब मैं मामी के बाथरूम में गया जैसे मुझे मालूम ही नहीं कि वहाँ क्या हो रहा था और उसके बाद तो उन लोगों की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा, मुझे तो पकड़ कर लिपटा लिया और चूमना शुरू कर दिया, कब मेरी लुंगी खुल गई और मैं नंगा हो गया, मुझे पता ही नहीं चला।
फिर मैंने खाने-पीने की व्यवस्था की और प्यार-मोहब्बत में कब सुबह हो गई पता ही नहीं चला।
लेकिन हाँ, चुदी फिर तीनों ही थी रात में, जम के चुदीं, खूब एंजॉय हुआ, शायद बाथ टब भी पहली बार ही जश्न में शामिल हुआ होगा।
मेरा तो कोलकाता आना सफल हो गया।
मेरी दुआ है कि आप को भी ऐसे मौके मिलें।
तारीफ सुनना सबको अच्छा लगता है लेकिन आप तारीफ या कमी कुछ भी लिख कर मुझे प्रेरणा दे सकते हैं।
धन्यवाद।
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