चाची की चूत का स्वाद चखा– 1
(Desi Chachi Ka Nanga Badan)
देसी चाची का नंगा बदन तब देखा जब मैं चाची के घर गया और चाची आंगन में बैठ कर नहा रही थी. चाची का नंगा बदन भीगा हुआ था। जिसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैं रोहित … चूत और लंड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम।
मैं 21 साल का नौजवान लौंडा हूं। मेरा हथियार 7 इंच लम्बा है जो किसी भी चूत की गहराई में उतर कर उसका पानी निकाल सकता है।
अभी मैं कॉलेज में हूं और कॉलेज में मैंने लंड की प्यास बुझाने की कोशिश की लेकिन मेरे लन्ड को चूत नसीब नहीं हुई।
मेरा लन्ड चूत में घुसने के लिए बुरी तरह से तड़प रहा था।
मैं लंड का पानी निकाल निकालकर काम चला रहा था।
तभी मैं दीपावली से पहले मेरे गांव आ गया।
गांव में दीपावली की तैयारियां चल रही थी, सभी घरों में साफ सफाई का काम चल रहा था।
हमारे घर के पास में ही मेरी सबसे छोटी चाची रहती है।
मेरी छोटी चाची गोरी चिकनी बिंदास माल है लेकिन मैंने कभी चाची को चोदने के बारे में नहीं सोचा।
मैं उनके घर पर ऐसे ही आता जाता रहता था।
चाची अपने कामों में लगी रहती थी।
कभी कभी मुझे बूब्स का नज़ारा देखने को मिल जाता था लेकिन मैं सिर्फ नज़ारा देखकर ही रह जाता था, आगे कुछ करने की मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई।
एक दिन दोपहर में मैं ऐसे चाची के घर गया।
जैसे ही मैंने गेट खोला तो चाची का नज़ारा देखकर मैं एकदम से ठहर गया और मेरा लन्ड बुरी तरह से तन गया।
उस टाइम देसी चाची ब्लाउज उतारकर नहा रही थी। ऊपर से चाची पूरी नंगी थी, उनके बड़े बड़े बूब्स लटके हुए थे। चाची का पूरा बदन भीगा हुआ था।
चाची के नंगे बदन के इस नजारे ने मेरे लन्ड में आग लगा दी।
तभी चाची की नजर मेरे ऊपर पड़ी और मुझे उनके पास देखकर हक्की बक्की रह गई।
मुझे देखकर चाची के चेहरे की हवाइयां उड़ चुकी थी, उन्होंने अपने बूब्स को ढक लिया।
फिर बड़ी मुश्किल से चाची ने खुद को सम्हाला।
चाची– तू कब आया?
मैं– मैं तो अभी ही आया हूं। वो गेट खुला हुआ था तो मैं सीधा अंदर ही आ गया।
चाची– हां वो मैं गेट अंदर से बंद करना भूल गई थी।
तभी मेरा दिमाग दौड़ा और मैंने सोचा अगर देसी चाची का नज़ारा और देखना है तो बेशर्म होकर यही बैठ जा! साला कम से कम देखने को तो मिलेगा।
तभी मैंने चाची से कहा– चाची, आप नहा लो, मैं यही बैठ जाता हूं। घर पर भी मैं बोर हो रहा हूं।
मैं बेशर्म होकर बरामदे में बैठ गया और चाची कुछ नहीं कह पाई।
अब चाची ने मजबूर होकर मुंह गेट की तरफ कर लिया और पीठ मेरी तरफ कर दी।
चाची नहाने लगी।
मैं चाची की नंगी पीठ को देख देखकर लंड मसलने लगा।
चाची को नहाते हुए देखने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची के जिस्म पर पानी की बूंदें टपक रही थी।
थोड़ी देर बाद चाची नहा चुकी थी।
देसी चाची का नंगा बदन देखने में मेरे लन्ड की हालत खराब हो रही थी।
अब चाची को कपड़े बदलने थे।
चाची ने ऊपर से पेटीकोट पहना और गीले पेटीकोट को खोल दिया।
अब चाची ने ब्रा पहनकर ब्लाउज पहन लिया फिर चाची ने साड़ी पहन ली।
चाची ने कपड़े धोकर मेरे सामने तार पर उनकी पैंटी और ब्रा सुखाई।
मेरा दिल करने लगा इस ब्रा और पैंटी को मैं ही ले लूं लेकिन फिलहाल इतनी हिम्मत नहीं थी।
फिर चाची अंदर गई और पैंटी पहन कर बाहर आई।
चाची मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी।
वे इधर उधर का काम करने लगी लेकिन मेरी नज़र अब चाची पर ही टिकी हुई थी।
मेरा लन्ड बुरी तरह से तना हुआ था।
चाची और मैं हम दोनों ही चुप थे।
अब मुझसे लंड कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था.
तभी मेरे लन्ड का माल निकल गया और मैं ढीला पड़ गया।
चाची बिल्कुल चुप थी।
तभी मैं बात को सम्हालते हुए चाची से बातचीत करने लगा– चाची, अगर आपको बुरा लगा हो तो सॉरी!
चाची– अरे ऐसे बात नहीं है रोहित! तू अच्छा लड़का है मैं अच्छी तरह से जानती हूं।
मैं– लेकिन फिर भी चाची …
चाची– अरे यार कुछ नहीं, बस आगे से गेट खटका कर आना।
मैं– ठीक है चाची।
फिर चाची ने हमारे लिए चाय बनाई और मैं चाय पीकर घर आ गया।
घर आने के बाद रात में चाची के जिस्म का नंगा नज़ारा मेरे सामने घूमने लगा।
मैं बार बार चाची को चोदने के बारे में सोच रहा था लेकिन दिल गवाही नहीं दे रहा था।
चाची के जिस्म का नज़ारा मेरे लन्ड को चैन नहीं लेने दे रहा था।
तभी मैंने पक्का इरादा कर लिया कि अब चाची को चोदना ही है।
मेरी योगिता चाची लगभग 36 साल की है। चाची का सेक्सी जिस्म बहुत ही ज्यादा कातिल, मज़ेदार है।
चाची बहुत ज्यादा गोरी चिकनी है, उनके जिस्म पर भरपूर जवानी चढ़ी हुई है। उनके जिस्म का कतरा कतरा रस से भरा हुआ है।
वे ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी फूल की तरह फूली हुई है। चाची के बड़े बड़े बूब्स लगभग 34″ के हैं। उनके बूब्स बड़े बड़े चिकने है। चाची के बूब्स देखकर मैं चाची पर मर मिटा था। कोई भी अगर चाची के बूब्स का नज़ारा देख लेता तो चाची को वहीं के वहीं चोद देता।
चाची की कमर लगभग 32″ से कम नहीं है।
उनकी कमर पर खूब सारी चर्बी छाई हुई है।
चाची की सेक्सी गांड लगभग 34″ की है। उनकी मोटी गांड मेरे लन्ड में कई बार आग लगा चुकी है।
चाची के मस्त चूतड़ बहुत ही ज्यादा मजेदार हैं।
रातभर चाची के सेक्सी जिस्म का नज़ारा मेरी हालत खराब करता रहा।
मैं अगले दिन फिर चाची के पास गया।
चाची आज भी घर में अकेली थी। बच्चे स्कूल गए हुए थे।
अब मुझे कैसे भी करके चाची को पटाना था।
चाची काम कर रही थी। मैं चाची के सेक्सी जिस्म को ताड़ रहा था। चाची को देख देखकर मेरा लन्ड पजामे में तूफान मचा रहा था।
तभी मैंने सोचा ऐसे बैठे रहने से काम नहीं चलने वाला … अगर चाची की चूत लेनी है तो चाची को पटाना ही पड़ेगा।
अब मैं किसी न किसी बहाने से चाची के सेक्सी जिस्म को टच करने लगा।
धीरे धीरे चाची मेरे इरादे भाम्पने लगी।
चाची को टच करने से मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी।
ऐसे ही दो तीन दिन निकल गए।
एक दिन मैं चाची के घर पर था। चाची साफ सफाई कर रही थी।
तभी चाची ने हेल्प करने के लिए मुझे अन्दर बुलाया।
चाची को पलंग उठाना था।
मैं पलंग उठाकर चाची की हेल्प करने लगा।
तभी चाची की साड़ी का पल्लू नीचे गिर पड़ा और मुझे चाची के बूब्स के दर्शन हो गए।
अब मेरा लन्ड और ज्यादा तन गया।
तभी चाची की नजर मेरे खड़े लंड पर पड़ी लेकिन चाची कुछ नहीं कर सकती थी।
चाची पलंग को पकड़कर बाहर निकाल रही थी।
कुछ देर बाद चाची ने पल्लू ठीक किया।
चाची मेरे खड़े लंड के दर्शन कर चुकी थी। अब चाची की नजरें कुछ भड़की भड़की नजर आ रही थी।
मैं बाहर बैठ गया और चाची रूम में झाडू लगाने लगी।
मेरा लन्ड बहुत ज्यादा भड़क रहा था। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था।
इधर मेरे लन्ड को देखकर चाची भी बहकी बहकी नजर आ रही थी लेकिन वो कुछ नहीं कह रही थी।
अब मैं रूम में जाकर चाची के पीछे खड़ा हो गया तभी चाची झाड़ू लगाती हुई पीछे सरकी और चाची की गांड मेरे लंड से टकरा गई।
मेरे लन्ड की टक्कर से चाची चौंक गई।
इधर चाची की गांड के करंट से मेरा लन्ड और ज्यादा खतरनाक हो गया।
चाची– रोहित तू बाहर बैठ यार, अभी मेरे लग जाती।
मैं– ठीक है चाची।
मैं दूसरे रूम में चला गया और वहां जाकर लंड हिलाने लगा।
तभी मुझे चाची की पैंटी दिखी और मैं लंड हिलाते हुए चाची की पैंटी सूंघने लगा।
आह! क्या मस्त शानदार खुशबू आ रही थी!
मैं तो चाची की पैंटी की खुशबू से पागल होने लगा, सोचने लगा कि जब चाची की पैंटी की खुशबू इतनी अच्छी है तो चाची की चूत की महक कितनी शानदार होगी!
तभी मैंने चाची की पैंटी को मेरे लन्ड पर रगड़ा और लंड का माल चाची की पैंटी में भर दिया।
बड़ी मुश्किल से मेरा लन्ड शांत हुआ।
जैसे ही मैं पीछे मुड़ा तो चाची हाथ में झाड़ू लेकर गेट पर खड़ी थी।
चाची को देखकर मैं घबरा गया और मैंने लंड तुरंत पजामे में अंदर कर लिया।
मैं– चाची सोरी यार … मुझसे रहा नहीं गया।
चाची– रोहित, देख मैं तेरी हालत समझती हूं। इस उम्र में ऐसा होता है। लेकिन अच्छा ये रहेगा तू बाहर कहीं पर तेरा जुगाड़ भिड़ा।
मैं– चाची, बस यही तो मुझसे नहीं हो पा रहा है।
चाची– जितनी हिम्मत तू यहां दिखा रहा है ना, उतनी हिम्मत कहीं और दिखा, सब हो जाएगा।
मैं– चाची, बाहर हिम्मत नहीं होती है। बदनामी का डर लगता है। मैं इतना बड़ा हो गया हूं फिर भी मैंने आज तक कुछ नहीं किया है।
चाची– तो यार, कुछ पाने के लिए हिम्मत तो करनी ही पड़ेगी ना!
मैं– चाची मुझसे बस एक हिम्मत हो पा रही है!
चाची– क्या?
मैं बहुत ज्यादा डर रहा था; डर से मेरी गांड फट रही थी लेकिन अब हिम्मत दिखाने का मौका मिल चुका था– चाची, बुरा मत मानना। मुझे आपकी चीज चाहिए।
चाची मेरी बात सुनते ही झेंप गई।
वो थोड़ी देर रुकी फिर बोली– तू जो कह रहा है ना, वो नहीं हो सकता। इससे अच्छा है मैंने तुझसे जो कहा है तू वो कर!
मैं– चाची मैं नहीं कर पाऊंगा। आप बस एक बार मुझे मौका दो।
चाची– पागल हो गया क्या तू? मैं तेरी चाची हूं। तुझे सही सलाह दे रही हूं वो तो तू मान नहीं रहा है और मुझ पर ही डोरे डाल रहा है।
मैं– तो चाची क्या हुआ? आप सुंदर हो, जवान हो और बहुत ज्यादा सेक्सी भी हो। और रही बात रिश्ते की तो आप मेरी चाची लगती हो और मैं आपकी चूत ले सकता हूं।
चाची– थोड़ा कम बोल!
मैं– इसमें कम बोलने वाली क्या बात है? आप हो ही सही सेक्सी, जवान, शानदार माल। अब अगर आप नहीं मानो तो मत मानो।
मेरी बात सुनकर चाची चुप हो गई, उनसे मेरी बात का जवाब नहीं दिया गया।
मैं– बोलिए ना चाची? नहीं हो क्या आप?
चाची– चुप रह यार तू तो, मैं तो तुझे सही सलाह दे रही थी और तू ना जाने क्या क्या …
इतना कहकर चाची काम करने लग गई।
अब मैं चाची के पीछे पीछे चिपकने लगा।
फिर थोड़ी देर बाद मैं घर आ गया।
रात में मुझे चाची को चोदने के सपने आने लगे।
मैं रातभर चाची को चोदने की चाहत में लंड पकड़े रहा।
जैसे तैसे सुबह हुई और बच्चों के स्कूल जाने के बाद मैं चाची के पास पहुंच गया।
चाची वही साफ सफाई का काम कर रही थी।
मैं– चाची यार, मेहरबानी कर दो ना!
चाची– नहीं, मैं कोई मेहरबानी नहीं करूंगी। और यार तू हमारे रिश्ते के बारे में तो थोड़ा सोच?
मैं– चाची, मैंने सब कुछ सोच रखा है। अगर आप तैयार हो जाओ तो सबकुछ हो सकता है।
चाची– मैं कभी तैयार नहीं होऊंगी। अब तू चुपचाप बैठ मुझे नहाना भी है।
मैंने सोचा कि चलो अच्छा है आज फिर से चाची का मस्त नज़ारा देखने को मिलेगा।
चाची रूम में से कपड़े निकाल कर लाई और चाची ने साड़ी खोल दी।
अब चाची उनके जिस्म को मसलने लगी और फिर चाची ने मुंह आगे करके ब्लाउज और ब्रा खोल फेंकी।
चाची नहाने लगी तभी मैंने चालाकी दिखाते हुए चाची का ब्लाउज, पैंटी और पेटीकोट उठा लाया।
जैसे ही चाची नहाकर निपटी तो उनके कपड़े गायब थे।
चाची तुरंत समझ गई– रोहित, मेरे कपड़े दे।
मैं– मेरे पास तो आपके कपड़े है ही नहीं।
चाची– मुझे सब पता है तेरे पास ही हैं यार, कपड़े दे।
तभी मैंने चाची को मेरे जाल में फंसाने की सोची– चाची, मैं कपड़े दे तो दूंगा लेकिन मेरी एक शर्त है।
चाची– कैसी शर्त?
मैं– आपको कपड़े मैं ही पहनाऊंगा।
चाची– नहीं, मुझे शर्त मंजूर नहीं है, तू मेरे कपड़े दे।
मैं– ऐसे तो मैं कपड़े नहीं दूंगा।
चाची– अरे यार दे ना … क्यों लेट कर रहा है, मुझे और भी काम करने हैं।
मैं– मैं तो दे रहा हूं बस आप ही नहीं मान रही हो चाची।
चाची– अरे यार …
भीगे बदन में गीले कपड़े पहन कर चाची ऐसे ही बैठी रही। वो बार बार मुझसे कपड़े मांग रही थी लेकिन मैं चाची को कपड़े देने के मूड में नहीं था।
आज कैसे भी करके मुझे चाची को नंगी करना था।
फिर बड़ी मुश्किल से चाची मानी– अच्छा चल ठीक है. लेकिन तू मुझे बिल्कुल भी टच नहीं करेगा।
मैं– हां, मैंने आपकी बात मानी।
चाची– चल अंदर चल।
अब चाची बूब्स को ढककर भीगे पेटीकोट में रूम में चली आई।
चाची चुपचाप खड़ी हो गई तभी मैंने चाची के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और चाची का गीला पेटीकोट नीचे गिर पड़ा।
चाची की पैंटी देखते ही मेरे मुंह में पानी आ गया, मेरा लन्ड बुरी तरह से तन गया।
अब मैं चाची की पैंटी खोलने लगा तभी चाची ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
चाची– ज्यादा चालाकी नहीं, पहले पेटीकोट पहना।
मैं– अरे चाची, सीधे सीधे काम करने दो ना!
चाची– नहीं, जैसे मैंने कहा वैसे कर!
अब मैं ज्यादा जिद भी नहीं कर सकता था।
चाची जितना दिखा रही थी इतना ही खूब था।
मैंने चाची को दूसरा पेटीकोट पहनाया और पेटीकोट का नाड़ा बांध दिया।
अब मैं चाची की पैंटी खोलना चाहता था लेकिन चाची ने साफ साफ मना कर दिया।
चाची ने मेरी तरफ गांड कर दी और पीछे से ब्रा पहनाने को कहा।
अब मैंने चाची के बड़े बड़े बूब्स पर ब्रा रखी और ब्रा को सेट करते हुए चाची के बूब्स दबा दिए।
चाची फिर से नखरे करने लगी।
फिर मैं चाची को ब्लाउज पहनाने लगा।
इधर मेरे लन्ड की हालत खराब हो रही थी। मेरा लन्ड बार बार चाची की गांड में घुसने की कोशिश कर रहा था।
चाची को मेरा लन्ड चुभ रहा था लेकिन चाची सबकुछ जानते हुए भी अनजान बन रही थी।
मैं चाची को धीरे धीरे ब्लाउज पहना रहा था।
तभी मेरा दिमाग दौड़ा ‘रोहित ये ही सही मौका है चाची को चोदने का, ठोक दे लंड!’
बस फिर क्या था … मौका मेरे हाथ लग चुका था।
अब बस मुझे हिम्मत दिखानी थी।
तभी मैं चाची के बड़े बड़े बूब्स को मसलने लगा।
आह! क्या मस्त बूब्स थे चाची के … मज़ा आ गया था यारो!
चाची– रोहित ये क्या कर रहा है तू?
मैं– चाची सोरी, अब मैं नहीं रुक सकता।
चाची– मैंने तुमसे पहले ही कहा था।
मैंने चाची की बात का कोई जवाब नहीं दिया और अब मैं ज़ोर ज़ोर से चाची के बूब्स दबाने लगा।
चाची बार बार मुझे दूर हटाने की कोशिश करने लगी.
लेकिन अब माहौल गर्म हो चुका था।
मुझे चाची के बूब्स मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
जिंदगी में पहली बार मैं बूब्स दबा रहा था।
चाची– रोहित यार, प्लीज ऐसा मत कर!
मैं– चाची, बस एक बार करने दो, आपका कुछ नहीं बिगड़ेगा।
तभी मैंने चाची के एक हाथ को पीछे खींचा और चाची को मेरा गरमागरम लंड पकड़ा दिया।
चाची ने वापस हाथ हटाने की कोशिश की लेकिन मैंने फिर से चाची के हाथ में लंड दे दिया।
इधर मैं ज़ोर ज़ोर से चाची के बूब्स मसले जा रहा था।
धीरे धीरे चाची गर्म हो रही थी।
चाची– ऊंह आह … ओह ओह आह आह!
मैं चाची के बूब्स को कसकर दबाने लगा।
चाची– ओह आईईईई ओह रोहित मत दबा।
मैं– ओह चाची … बहुत मस्त बूब्स हैं, आज तो मुझे मत रोको।
चाची के बूब्स दबाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
इधर मेरा लन्ड चाची की गांड फाड़ने की कोशिश कर रहा था।
तभी मैंने चाची के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।
चाची का पेटीकोट खुलने ही वाला था कि चाची ने पेटीकोट पकड़ लिया।
मैं चाची के हाथ में से पेटीकोट छुड़ाने की कोशिश करने लगा लेकिन चाची ने पेटीकोट को पकड़ लिया।
तभी मैंने चाची को उठाकर पलंग पर पटक दिया.
आपको मेरी ये देसी चाची का नंगा बदन कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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देसी चाची की कहानी का अगला भाग: चाची की चूत का स्वाद चखा– 2
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