खुशबू मामी की चूत चुदाई
साहिल मक्कड़
मेरा नाम साहिल है, मैं अमृतसर, पंजाब से हूँ। मेरी उम्र बीस साल है।
मुझे बस दो ही चीजों का शौक है, एक तो सेक्स और दूसरा खूबसूरत जिस्म।
आपको तो पता ही है कि इस उम्र में सेक्स भावना पूरे जोरों पर होती है।
मैं भी हर लड़के की तरह हर खूबसूरत लड़की को चोदना चाहता था, पर इस कहानी में जिसको मैं चोदना चाहता था, वह खुशबू नाम की मेरी मामी थी।
वो सिर्फ नाम से नहीं बल्कि अंग-अंग से भी बहुत ही खुशबूदार है।
मेरी मामी एक खूबसूरत दिलकश हसीना है, जो भी उसको एक बार देख ले, तो उसको चोदने के बारे में सोचने लगेगा।
मेरे मामा अमृतसर से कुछ ही दूरी पर बटाला में रहते हैं। वे एक बहुत बड़े व्यापारी हैं और अपने व्यापार के कारण उन्हें अक्सर काम से बाहर जाना पड़ता है।
उनका कोई अपना बच्चा नहीं है। वह जब भी बाहर जाते थे, तो मामी के पास मुझे छोड़ जाते थे।
लेकिन एक डर की वजह से मैं कुछ नहीं कर पाता था कि मेरी किसी गलत हरकत की वजह से मामी नाराज हो गईं, तो मुझे मामी को देखना भी नसीब नहीं होगा। इस कारण मैं केवल मामी के नाम की मुठ ही मार लेता था।
वो कहते हैं न कि किस्मत एक मौका सबको देती है।
कुदरत ने मुझे भी एक मौका दिया, हुआ यह कि मामा को किसी काम से एक महीने के लिए मुंबई जाना पड़ा और उन्होंने फ़ोन कर के मुझे बुला लिया।
उनके बुलाने पर जब मैं मामा के घर पहुँचा और मैंने दरवाजे की घंटी बजाई, तो मामी काली साड़ी में मेरे सामने आ गईं।
मैंने आव देखा न ताव और उनको सीधे गले लगा लिया।
मुझे बड़ा ही आश्चर्य हुआ कि इस बार मामी ने भी मुझे कस के पकड़ लिया, जिससे मेरा सात इंच का लौड़ा खड़ा हो गया।
मामी को भी लगा कि मेरा लौड़ा उनको छू रहा है तो उन्होंने मुझे छोड़ दिया, पर मुझे बहुत अच्छा लगा।
फिर हम बातें करने लगे।
मामी घर पर सब का हाल पूछने लगीं और मुझसे कहा- तुम टीवी देखो, मैं नहा कर अभी आई।
मैंने कहा- जी, ठीक है।
कुछ देर बाद बाथरूम से आवाज आई- साहिल, मैं अपना तौलिया बाहर भूल गई हूँ, प्लीज़ जरा पकड़ाना..!
मैंने जसे तौलिया पकड़ाने के लिए हाथ आगे किया, तो बाथरूम का दरवाजा खुल गया, मामी मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थीं।
उनके गोल-गोल मम्मों पर ही मेरी नज़रें गड़ कर रह गईं और मेरा लौड़ा भी खड़ा हो गया। मामी ने भी यह सब देख कर जल्दी से दरवाजा बंद कर लिया।
मामी जब नहा कर बाहर आईं तो मैं उनसे नजरें नहीं मिला पा रहा था।
मामी ने कहा- साहिल क्या हुआ..!
मैंने कहा- कुछ नहीं मामी जी।
मामी ने कहा- कभी उस हालत में लड़की को नहीं देखा क्या?
मैंने कहा- नहीं मामी जी..!
“क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?”
मैंने कहा- नहीं मामी जी।
मामी ने मुस्कुरा कर कहा- चलो आज से मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन जाती हूँ..!
मैं हतप्रभ था।
मामी ने कहा- अब तो मत शर्माओ !
मैंने कहा- ठीक है मामी जी !
मेरे तो दिल फिल्म का वो गाना चलने लगा:
तूने मारी एंट्रियां रे.. दिल में बजी घंटियाँ रे.. टन..टन..टन..टन..!
अरे तूने मारी एंट्रियां रे दिल में बजी घंटियाँ रे टन..टन..टन..टन..!
दिल की सुन कमेंटरियां रे, प्यार की गरंटियां रे, टन..टन..टन..टन..!
मेरा मन बहुत ही खुश था, पर मुझे नहीं मालूम था कि इतनी जल्दी मौका मिल जाएगा।
रात को मामी ने मेरा बिस्तर, एक ही पलंग पर लगा दिया। रात को सोते समय मुझे लगा कि कोई मेरे लौड़े को हिला रहा है, तो मैंने देखा मामी मेरे लौड़े को चूस रही हैं।
मेरा लौड़ा सख्त होने लगा लेकिन मैंने सोने का नाटक जारी रखा।
वो शायद ये समझ गई थीं, मुझे सताने के लिए मामी भी सोने लगीं।
तो मैं बोला- मामी और करो ना..!
मामी ने कहा- तुम भी साथ दो ना..!
मैं खड़ा हुआ और मामी के होंठों को चूसने लगा। मामी भी पूरे दिल से मेरे होंठों को निचोड़ रही थीं। मैंने मामी के सारे कपड़े धीरे-धीरे उतार दिए और मामी ने मेरे कपड़े उतार फेंके।
फिर मैं मामी के खरबूजों को चूसने लगा।
मामी के मुँह से ‘आहा..अह..आहा..’ की आवाजें आने लगीं।
मैं मामी की चूत में उंगली करने लगा, जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
फिर मैं उस गुलाबी सी चूत को चूसने लगा, मामी मेरे लौड़े को मुँह में भरे थीं।
फिर मामी ने कहा- डाल दे अपना लौड़ा.. मेरी चूत में.. कब से प्यासी है.. तुम्हारी जान..!
मैंने कहा- मामा नहीं चोदते तुम्हें..!
मामी ने कहा- जब से तुम्हारे मामा का चक्कर मुंबई की एक लड़की से हुआ है, उन्होंने मुझे हाथ तक नहीं लगाया, इसलिए तो मैं कब से प्यासी फिर रही हूँ.. अब तू बुझा दे मेरी प्यास..!
मैं मामी की दोनों टाँगों के बीच आ कर बैठ गया और अपना लौड़ा सीधे उनकी चूत में डाल दिया।
मामी की चीख निकल गई, फिर धीरे-धीरे झटके देने लगा। कुछ ही पलों में मामी भी मेरा साथ देने लगीं।
करीब तीस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए।
फिर कुछ देर बाद मैंने मामी की रजामंदी से उनकी गांड भी मारी और सुबह तक हम नंगे ही सोए रहे और लण्ड-चूत का खेल खेलते रहे। जब तक मैं वहाँ रहा, मामी को जी भर कर चोदता रहा और मामी की प्यास बुझाता रहा।
अब भी जब भी मामा जाते हैं मामी और उनकी सहेलियों को जी भर कर चोदता हूँ और उनकी सहेलियां मुझे खूब रुपए भी देती हैं।
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