चिकनी चाची और उनकी दो बहनों की चुदाई-2

(Chikni Chachi Aur Unki Do Bahano Ki Chudai- Part 2)

This story is part of a series:

दोस्तो, मैं जीशान कहानी का दूसरा भाग लेकर आया हूँ.

अब तक आपने पढ़ा कि कैसे मैं अपनी चाची को दो साल तक चाहता रहा और कैसे पटाया. आज मैं उनको चोदने की स्थिति में उनके ऊपर चढ़ा हुआ था.

चाची- और कितना तड़पाएगा, डाल दे रे जीशान, रहा नहीं जा रहा है.

ये बात सुनते ही मैं और नीचे पैंटी पे आ गया. नीले रंग वाली पैंटी को अपने हाथों से निकाला. मैंने चाची की झांटों वाली चूत को बड़ी तन्मयता से देखा. उस पर काले घने बाल उगे थे, तब भी चाची की लाल चूत साफ दिख रही थी.

मैंने अपने कपड़े उतारे, जिसमें चाची ने भी सहयोग किया. मेरे मर्दाना जिस्म को देख कर चाची खुश हो गईं.

चाची अब मुझे नीचे करके चूमने लगी थीं. इसके बाद उन्होंने मेरा लंड अंडरवियर के ऊपर से ही हाथ में पकड़ लिया और बोलने लगीं.

चाची- ये क्या है. मेरा बेटा इतना बड़ा और जवान पट्ठा हो गया है.

अब आगे पढ़िए.

मैं- आपने मुझे दो साल पहले देखा था. अब मैं पूरा जवान हो गया हूँ.
चाची- हां … तुम पर कुछ ज़्यादा ही जवानी चढ़ आई है.

यह कहते हुए चाची ने मेरे अंडरवियर को निकाल दिया और वे मेरे कड़क लंड को देखकर चौंक गईं- अरे जीशान. … ये इतना बड़ा कैसे है?
मैं- इतना भी बड़ा नहीं है … पोर्न स्टार्स का तो 10 इंच होता है.
चाची- मैंने तो इतना बड़ा ही नहीं देखा है. मैंने तो तेरे चाचा के अलावा किसी और का देखा ही नहीं है. साले तू बदमाश आज मुझे इतने बड़े लंड से चोद कर रंडी बना रहा है.

चाची की इन कामुकता भरी बातों से मैं उत्तेजित हो गया. मैं चाची को अपने पास खींच कर बोलने लगा.

मैं- रंडी नहीं रानी.
चाची- हाँ वही … तेरे लिए रानी लेकिन अगर किसी को पता चल गया, तो सबको रंडी ही दिखूंगी.
मैं- ये किसी को पता नहीं चलेगा.

मैं ये कहते हुए उनकी चूत में उंगली डालने लगा. चाची मचल उठीं और सिसकारने लगीं- आआह … डाल दे जल्दी से अन्दर.

मैंने चाची को नीचे खींचा और उनकी चूत चाटने लगा. अब तो मेरी जीभ का कमाल दिखने लगा. चाची की आहें बढ़ने लगीं.
चाची- अरे ये तू क्या करने लगा है … उठ ऊपर.
मैं- मैं चूत को चाट रहा हूँ … मजा आएगा.
चाची- उसको भी कोई चाटता है क्या? कैसी अजीब अजीब हरकतें करने लगा है तू ? पहले तो तूने नाभि को चाटा और अब चूत? बिल्कुल पागल हो गया है.

मैं- क्या चाचा ने आपकी चूत और नाभि को कभी नहीं चाटा चाची?
चाची- नहीं … वहां भी कोई चाटता है क्या?
मैं- अरे चाची जान, आपने अभी तक ज़िन्दगी की असली मज़ा नहीं लिया है. ये सब करने से ही असली मज़ा आता है.

ये कह कर मैं और ज़ोर से जीभ अन्दर डालने लगा. मेरी जीभ चाची की चूत की दीवारों को चीरती हुई अन्दर आ जा रही थी.

चाची- उम्म्ह… अहह… हय… याह… अपनी चाची को नए नए मज़े दे रहा है और चाची को अपना बना रहा है … शाबाश बेटा.

अपने हाथों से चाची मुझे और ज़ोर से पकड़ने लगीं. मैं और ज़ोर से चाची की चूत को चाट रहा था और चाची गांड उछाल कर चूत चुसाई के मज़े ले रही थीं. उनकी चूत काफी गीली हो चुकी थी. एक घंटा से रोमांस जो हो रहा था, लग रहा था कि चाची एक बार झड़ चुकी थीं.

चाची- अब लंड भी तो डाल दे साले … और कितना तड़पाएगा … जल्दी डाल.

अब मैं ऊपर उठ गया और अपना लंड चाची के मुँह के पास लेकर गया.
चाची- क्या कर रहा है? चुत में डाल दे.
मैं- पता है … तुम लंड को चूसो ना चाची, मेरा लंड गीला हो जाएगा और आसानी से अन्दर घुस जाएगा.
चाची- ये सब मुझसे नहीं होगा … तुम्हारे चाचा भी एक बार कहा था, मैंने मना कर दिया था. अब तू चुपचाप अन्दर डाल दे.

मैं ये सब सुनने को तैयार नहीं था. चाची बात कर रही थीं और तभी मैंने लंड उनके मुँह में डाल दिया और उनका मुँह चोदने लगा. चाची निकालने की कोशिश करने लगीं, पर मैंने लंड निकलने ही नहीं दिया. इससे उनकी सिसकारियां अन्दर ही रह गईं और उनके मुँह से ‘ऊऊंऊह. … गूं गुयं … की आवाज निकलने लगी. चाची ने मुझे ज़ोर से धक्का दे दिया और मेरे लंड को बाहर निकाल दिया.

चाची- मादरचोद … साले बोला न … मुझसे नहीं होगा ये सब … अब तू लंड हिला कर झाड़ ले, मैं जा रही हूँ.

यह कह कर चाची उठने लगीं. मैंने उनका हाथ पकड़ कर उन्हें बेड पर गिरा दिया और उनके ऊपर आक्रमण करते हुए अपना लंड उनके चुत के ऊपर रगड़ने लगा.

चाची अपनी चूत पर लंड की रगड़ से मीठी मीठी सीत्कार निकालने लगीं.
मैं- अब चाची आपका गुस्सा कहां गया. … गायब हो गया न?
चाची- साले अब डाल भी दे अन्दर. अब मुझे तेरा मोटा लंड अन्दर लेना है.

ये सुनते ही मैं लंड को एक ज़ोर के धक्के से अन्दर डालने लगा. मेरा लंड मोटा होने के कारण सिर्फ टोपा ही चाची की चूत के अन्दर जा पाया.
लंड से हुए दर्द से चाची की चीख रूम में गूंजने लगी. उनकी लंबी चीख निकल गई- आआआआह … साले भोसड़ी के मार देगा मुझे … निकाल इस मूसल को … मेरी चुत फट रही है.
मैं- इसीलिए बोला था, थोड़ा लंड चूस लो, आसानी से अन्दर चला जाएगा.
चाची- तू धीरे से अन्दर डाल.

मुझे उनकी बात से गुस्सा आ गया कि अब चाची को दिखाना ही पड़ेगा.

इस बार मैंने फिर से ज़ोर का झटका दे मारा. मेरा आधा लंड अन्दर चला गया और चाची की चीख तेज़ हो गयी- आआआहह … माँ … मर गई … आह … ऊऊह.
मैंने उनकी चीख पर कोई ध्यान नहीं दिया.
“साले आज तू मुझे जान से मारने वाला है … मादरचोद मेरी चुत को फाड़ देगा तू!”

उनकी चीखें सुनकर मैं और जोर से अन्दर पेलने लगा. मैंने एक और ज़ोर से झटका से मारा. अब पूरा लंड अन्दर जा चुका था. चुत काफी टाइट हो गयी थी. चाची अब और ज़ोर से चीखने वाली हो गई थीं. तभी मैंने अपने हाथ से उनका मुँह बन्द कर दिया. ताकि चाची की आवाज कहीं बाहर सुनाई न दे जाए. उनकी ‘आआआह …’ गले में ही रुक गयी.

अब मैं भी मज़े लेने लगा. चाची ने मेरे हाथ को मुँह से हटा दिया- आह साले … तेरा लंड कितना बड़ा है … और इतना मोटा … मैं तो मर गई … तेरे चाचा का तो इसके सामने बेकार है … उई … फट गई रे मेरी चुत … चुद गयी रे मैं … आआह ऊऊह … कमीने धीरे धीरे चोद.

चाची अब लाइन पर आ गयी थीं. अब उनका दर्द मज़े में बदल गया था.

मैं- ये लो … और ये लो … आह कैसा है बेटे का लंड चाची जान … आपकी चुत पर अब मेरा कब्जा है..
चाची- हां रे चोद दे जीशान … मेरे हाथ से खाना खाता था … आह और अब मेरी चुत मार रहा है. … आह बड़ा मज़ा दे रहा है … मेरी जान ये चुत अब तेरी है … तू जब चाहेगा, तुझे तब मिल जाएगी … आह और ज़ोर से चोद अपनी चाची को … आह मादरचोद.

मैं एक हाथ से उनके मम्मों को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उनके मुँह में उंगली कर रहा था- चाची तू मेरी है … और तेरी चुत भी मेरी है.
लंड के ज़ोर ज़ोर के धक्कों से ‘पच पच..’ की गूंज और हम दोनों की चुदास भरी सिसकारियों से कमरा गूंज रहा था. मेरा लंड पहले ही एक बार बाथरूम में पानी छोड़ चुका था, इसलिए काफी देर तक चुदाई चलने वाली थी.

हम दोनों के धकापेल चुदाई करीब 10 मिनट तक चली. फिर चाची ने मुझे ज़ोर से जकड़ लिया और एक लंबी चीख मारते हुए झड़ गईं- आआहह … आआह … मैं गई.
“मजा आया चाची?”
चाची- हां … ये मेरी ज़िंदगी की सबसे यादगार चुदाई थी और सबसे मजेदार … तेरी बीवी लकी होगी जीशान … उसे हर दिन जन्नत दिखाएगा तू.

चाची के झड़ने के बाद मेरा भी होने वाला था. मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू कर दिए और चाची की चुत के अन्दर ही झड़ गया. झड़ने के बाद मैं उनके ऊपर ही लेट गया.
मैं- चाची कैसे लगा?
चाची- बहुत मस्त लगा जीशान … मुझे इतना मज़ा कभी नहीं मिला.

ये बोलकर चाची ने मेरे माथे पे किस किया.
मैं- चाची … चाचा ने आपकी चुत कभी नहीं चाटी क्या?
चाची- नहीं … वे इतना समय कहां देते हैं मुझे. बस 5 मिनट लंड अन्दर डाल कर चोदते हैं … और अन्दर झाड़ कर सो जाते हैं.
मैं- इसीलिए ही तो आपको मज़े नहीं मिले हैं. आपको अब मैं सब मज़े दूंगा. आपको पता है … ये सब क्यों करते हैं?
चाची- नहीं … क्यों?

मैं- औरत ज़्यादा देर तक झड़ती नहीं है. लेकिन मर्द दस मिनट में ही झड़ जाते हैं. जबकि औरत बीस मिनट तक नहीं झड़ती है. इसकी वजह से पूर्ण संतुष्ट करने के लिए पहले ज़्यादा टाइम रोमांस और चुत चाटना, नाभि चाटना, मम्मों को दबाना … ये सब करते हैं ताकि फिर चुदाई में दोनों एक बार में ही झड़ जाएं.
चाची- वाह रे मेरे बेटे, इतना सब कुछ जानता है … किसने बताया ये सब? सच बता, तू पहले भी सेक्स किया है ना?

मैंने थोड़ी शर्म से हां कह कर सर हिलाया.

मैं अपनी पहली बार की चुदाई की कहानी आपको इस सीरीज खत्म होने के बाद बता दूंगा.

चाची- कौन है वो? कोई गर्लफ्रेंड?
मैं- लगभग ऐसे ही … लेकिन अब उससे मेरा कोई सम्पर्क नहीं है.
चाची- उसको ये सब पता था?
मैं- हां मतलब … उसकी माँ को पता था.
चाची- उसकी माँ को भी?
मैं- वो विदेशी थी … उनके यहां ये सब कॉमन होता है.
चाची- अच्छा … और क्या क्या सिखाया तुझे, उस विदेशी गर्लफ्रेंड और उसकी माँ ने?

ये कह कर चाची हँसने लगीं.

मैं- चाची, बस करो. अभी बहुत कुछ सीखा हुआ हूँ. औरत को कैसे संतुष्ट करते हैं … ये सब मुझे मालूम है.
चाची- मुझे भी संतुष्ट कर दो न.
मैं- अभी किया नहीं क्या?
चाची- हां अभी तो पूर्ण संतुष्ट हूँ. लेकिन तेरी कला को अच्छे से देखना चाहती हूँ.
मैं- हां ज़रूर क्यों नहीं … आप थोड़ा पीछे मुड़ कर लेट जाओ.

चाची पीछे मुड़ कर लेट गईं.

मैं- चाची तुम्हारी गांड बहुत मस्त है और मोटी भी है.
उनके चूतड़ दबाने लगा मैं और गांड के छेद में उंगली डालने लगा.
इस पर चाची मुझे रोकने लगीं- ये क्या कर रहा है? वो गंदी जगह है.
मैं- मुझे वो चाहिए.
चाची- मतलब?
मैं- मतलब गांड मारना चाहता हूँ.
चाची- कैसी कैसी अजीब अजीब बातें करने लगा है तू?
मैं- प्लीज चाची … आपको और भी मज़ा आएगा.
चाची- ओके बाद में देखेंगे.

अचानक दरवाजे की घंटी बजने लगी. चाचा को तो आने में देर थी … ये अभी कौन आ गया है?
चाची- कौन है?
बाहर से आवाज आने लगी- मैं परवीन और हिना आई हैं. (नाम बदले हैं)
ये दोनों चाची की बहनें हैं.

चाची के परिवार के बारे में बता देता हूं. चाची के 3 बहनें हैं. चाची को मिलाकर कुल 4 बहनें हुईं. पहली परवीन आंटी, दूसरी हिना आंटी और तीसरी चाची रेशमा और चौथी जस्मीन.

परवीन आंटी के बारे में बताता हूं. परवीन आंटी का कद चाची से कम है. उनका कद 5 फुट ही होगा. उनका उभरा हुए शरीर है. उनके चूचे 40 के होंगे, कमर 38 की होगी और गांड 42 की होगी. देखने में वो मस्त माल दिखती हैं … काफी सुंदर भी है.
वे स्कूल में टीचर का जॉब करती हैं. उनकी उम्र लगभग 42 साल की होगी.

दूसरी बहन हिना आंटी हैं.
वो भी एक गदराया हुआ माल थीं. उनका शरीर काफी फिट था. उनके चूचे 38 के, कमर 34 की और गांड 40 की थी. उम्र लगभग 40 साल होगी.

उनके बाद जस्मीन आंटी थीं, वे काफी लंबी थीं … कोई 5 फुट 10 इंच की होंगी. वे मेरे से भी लंबी थीं. उनका फिगर मैं मुझे पसंद नहीं था.

ये तीनों बहनों उसी टाउन में रहती थीं. उनका हमेशा ही चाची के यहां आना जाना लगा रहता है. जब मैं चाची के घर में पढ़ रहा था, तब भी मैं उन्हें चाची के घर में बहुत बार देख चुका था. वो मुझसे बहुत अच्छे से बात करती थीं.

देखने की बात की जाए … तो वो तीनों बहनें सेक्स बॉम्ब थीं.

जब मैं बारहवीं में था, तभी से मेरी उनके ऊपर निगाह थी. लेकिन क्या करता, चाची ही नहीं मिली थीं, तो उनकी बहनें कहां से मिल जातीं.

खैर अब तो चाची मेरी हैं. अब उनकी बहनों पे ट्राय करना था.

अपनी बहनों की आवाज सुनी, तो चाची ने जल्दी से ब्रा और पैंटी पहनी और नाइटी पहन कर दरवाजा खोलने चली गईं. मैं भी अंडरवियर और सब कपड़े पहन कर हॉल में आ गया.

परवीन- अरे जीशान बेटा … कब आए तुम? काफी बड़े हो गए हो … कैसे हो?
हिना- और पढ़ाई कैसी चल रही है?
मैं- सब ठीक चल रही है आंटी … और आप सब कैसे हैं?
परवीन- हां हम सब ठीक हैं.
हिना- तुम आगे क्या करने वाले हो?
मैं- अभी सोचा नहीं … एंट्रेंस एग्जाम देकर आया हूँ … रैंक पर डिपेंड करता है.
हिना- इस साल आलिया (उनकी बड़ी बेटी का नाम) का भी डेंटल खत्म हो गया. उसकी शादी भी तय हो गयी है.
मैं- अरे इतनी जल्दी?
परवीन- अंजू (उनकी बड़ी बेटी अंजुमन) की तो 22 में शादी कर दी थी मैंने.
चाची- मैं सबके लिए चाय बना कर लाती हूं.

चाची किचन में चली गईं. मैं भी पानी पीने के बहाने से उनके पीछे चला गया.
चाची का किचन छोटा सा था. अगर कोई एक खड़ा होता था, तो दूसरे को पास करना मुश्किल पड़ता था.

चाची चाय बना रही थीं. मैं उनको पकड़ कर पास होने लगा. मेरा लंड उनकी गांड को छू रहा था.

चाची- साले, तेरा लंड तो अभी भी खड़ा है.
मैं- अभी तो ये आपको दोनों बहनों को देख कर खड़ा हो गया है.
चाची- साले और कितनी चुत चाहिए तुझे मादरचोद.

मैं चाची के पास जाकर बोलने लगा- मुझे वो दोनों चाहिए … आप ही कुछ करो … नहीं तो यहीं चोद दूंगा.
यह बोल कर मैंने उनके चूचे दबा दिए.

चाची- ये इतना आसान नहीं है. तू मेरी नाक कटवाएगा कमीने.
मैं- आप बस कुछ भी कर लो … मुझे उनके साथ अकेले में रहने का इंतज़ाम करो. बाकी सब मैं संभाल लूंगा.
चाची- मैं कोशिश करती हूं … लेकिन तू मुझे पहले चोदेगा, फिर उनको. तेरी पहली पसंद मैं ही रहूंगी.
मैं- वो तो आप हमेशा रहोगी … मेरी जान … चाची जान.

मैंने चाची की गांड कैसे मारी … और उनकी बहनों को कैसे चोदा, ये सब अगले भाग में जानिए.

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चुदाई की कहानी जारी रहेगी.

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