बड़ी चाची की चुदाई देख छोटी को चोदा-3

(Badi Chachi Ki Chudai Dekh Chhoti ko Choda- Part 3)

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अभी तक आपने पढ़ा कि मुझे छोटी चाची ने बड़ी चाची की चुदाई देकते पकड़ लिया और अपने कमरे में ले गयी. वहां मैं छोटी चाची की प्यासी जवानी को शांत कर रहा हूँ.
अब आगे:

चाची फुंफकार मारते हुए बोले जा रही थीं- ओह … आह … चोद … चोद मुझे … अपनी छिनाल चाची को चोद मेरे राजा भतीजे … मेरे चूत की आग मिटा मेरे चोदू भतीजे … तेरे लंड ने मेरी चूत की गहराई की आग को और बढ़ा दिया रे … चोद जोर जोर से.

मैं- अब और कितना जोर से चोदूँ … अपनी पूरी ताकत लगा कर ही तो चोद रहा हूँ.
चाची- और ताकत लगा … चूत फाड़ दो मेरी … दो साल से लंड के लिये तरस रही थी मेरे चूत … फाड़ दो चूत को … चोद … और चोद.

अब चाची मानो पागल हो गयी थीं. उन्होंने अपने दोनों पैरों को आसमान के तरफ और उठा लिया. मेरा लंड शान्ति चाची की बच्चेदानी तक को छू रहा था. चाची की आंखें वासना से एकदम लाल हो गयी थीं. उनकी साँसें बिल्कुल उखड़ चुकी थीं. चाची नथुने फैलाकर और अपनी शक्ल को बिगाड़ बिगाड़ कर मेरे आंखों में आंखें डाल कर सिसकारी भरे जा रही थीं.
चाची- चोद न रे … अपनी चाची को चोद …
मैं- अभी चोद चोद कह रही हो लेकिन जब चाचा आ जाएंगे, तब आप नहीं चुदवाओगी मुझसे.
चाची- नहीं रे … अब तो मैं तुमसे चुदवाए बिना नहीं रह पाऊंगी. चाचा आ भी जाएंगे तो भी चुदवाऊंगी तुमसे. अभी तेरे चाचा को रिहा होने में पाँच साल बाकी हैं. पाँच साल तक कम से कम जी भर के चोदना मुझे.
मैं- चाची मैं भी अब आपको चोदे बिना नहीं रह पाऊंगा. मुझे जिन्दगी भर आपकी चूत चाहिए. जब तक आप जिन्दा रहोगी, तब तक चोदूँगा आपको.
चाची- हाँ रे मेरे चोदू भतीजे, मैं अब उम्र भर तुमसे चुदवाऊंगी.

तभी मैंने चाची को बैठ कर चुदवाने को कहा. चाची बैठ गईं और अपने दोनों पैरों को मेरे कमर के दोनों बगल से पीछे कर लिए. मैंने एक बार फिर से अपना लंड चाची की चूत में घुसाया और अपने दोनों हाथों से उनकी भारी भरकम चूतड़ों को पकड़ कर चोदना शुरू किया.

चाची भी अपनी गांड को जोर जोर से आगे पीछे करने लगीं. मैं चाची की एक चुची को मुँह में भर कर चोदने लगा. चाची का जोश बढ़ गया, वो बेहताशा अपने चूतड़ों को चलाने लगीं. दो तरफी चूतड़ चलने लगे. एक बार फिर से चाची की चूत से फचर फचर की आवाज आने लगी.

चूत से फचर फचर की आवाज ने मेरे जोश को और तेज कर दिया. मैं चाची को और जोर से चोदने लगा. चाची ने भी अपनी चूतड़ों की रफ्तार को और तेज कर दिया. मेरा सुपारा चाची की चूत को चीरते हुए बच्चेदानी तक ठोकर मारने लगा. चाची की चूत से जैसे आग उगलने लगी हो. मेरे लंड को चूत की गहराई तक चूत की गर्मी महसूस हो रही थी. मैं और अधिक उतावला हो गया था और जोर जोर से लंड को चूत में ठेलने लगा था.

चाची बोले जा रही थीं- आह … चोद … चोद … चोद … और चोद … चोद न रे … चोद मेरी चूत … आह … चोद … चोद … चोद अपनी चाची को … कितना बड़ा चोदू है रे तू … कितना मजा देता है रे मेरी चूत को … चोद मेरी चूत … हाय रे मेरी चूत … हाय रे तेरा लंड.
चाची ताबड़तोड़ चूतड़ों को चलाए जा रही थीं. तभी चाची की चूत से ढेर सारा पानी मेरे लंड को भिगोता हुआ बिस्तर तक बहने लगा.
मैं- चाची आप झड़ गईं क्या?

चाची उसी अंदाज में चूतड़ चलाती हुई बोलीं- हां दूसरी बार झड़ रही हूँ. तुम चोदते रहो … जब तक तेरा वीर्य नहीं निकलेगा, तू मुझे चोदता रह … मैं पीछे नहीं हटूंगी. अभी भी चूत की प्यास नहीं बुझी है … तू चोदता रह.

मैं उसी अन्दाज में चाची की चूत में अपना लंड पेल रहा था. तभी मैं लेट गया. चाची ने अपने दोनों हाथ पीछे करके मेरे दोनों पैरों पर टिका दिए और रगड़ रगड़ कर लंड से चूत चुदवाने लगीं.

चाची की मोटी मोटी गदरायी हुई जांघों के बीच मोटी और झांटों से भरी चूत में मेरा लंड घुसता और निकलता साफ़ दिखाई देने लगा था. चाची की चूत की मोटी फांकों के बीच से मेरा लंड अन्दर बाहर हो रहा था. मैं ये देख कर गनगना उठा और चाची की चूत के फांक में अपना अंगूठा रगड़ रगड़ कर चाची को बेहाल करने लगा.

चाची की झांटें बुरी तरह भीग चुकी थीं, जिसे देख कर मैं और पगला गया था. उनकी चूत पुचर पुचर बज रही थी. चाची उसी अंदाज में अपनी चूत से मेरे लंड को चोद रही थीं.

मैं- चाची क्या मस्त चुदवाती हो आप … आह्ह … कसम से आप जैसी चुदक्कड़ औरत इस दुनिया में नहीं होगी. आपकी चूत बहुत चुदासी है. मुझे नहीं पता था कि आप इतनी चुदक्कड़ होगी.
चाची- अब तो पता चल गया न … तो चोद साले कितना चोद पाता है तू मुझे.
मैं- एक बार और चोदूँगा.
चाची- आज तो सारी रात चोदना होगा. तू जितनी बार चोद सकता है, चोद लेना. मैं पीछे नहीं हटूंगी. आज बरसों बाद लंड मिला है. मेरी चूत भी एक बार की चुदाई से मानने वाला नहीं है.

तभी मैंने चाची को बिस्तर पर पटक दिया और चित्त करके दोनों पैर को हाथों से पकड़ कर फैला दिया. चाची की चूत फूल और पिचक रही थी … चूत की फांकें लाल हो गई थीं … पूरी चूत पानी से भीग गई थी.

मैंने देर न करते हुए फिर से अपने लंड को चाची की चूत में पेल दिया. गप से पूरा लंड घुस गया. चाची फिर से गनगना उठीं.
मैं- चोदूँ?
चाची- हां चोद!
मैं- ये लो … ये लो … ये लो!

बस यही बोलते हुए मैं फिर से चाची को चोदने लगा. मैं चाची के ऊपर छा गया. दोनों हाथों से दोनों चुचियों को पकड़ कर जोर जोर का धक्का लगाने लगा. चाची भी चूतड़ों को उछालने लगीं.
चाची- मेरी चूची को चूस ना रे!
मैं- चाची, चुची चुसवाने में मजा आता है?
चाची- चुदाई के वक्त चुची की चुसाई से चूत में ज्यादा से ज्यादा गुदगुदी पैदा होती है. चुची चूसते हुए चोदो.

मैं चाची की दोनों चुचियों को बारी बारी से चूस चूस कर उनको चोदने लगा. चाची अपने मोटे चूतड़ उछाले जा रही थीं और मैं चुची चूसते हुए चाची की चूत में लंड पेल रहा था. मेरे लंड में एक अजीब सी गुदगुदी शुरू हो गई थी. मैं समझ गया था कि मेरा वीर्य अब निकलने वाला है.

मैं- चाची मेरे लंड में बहुत तेज गुदगुदी शुरू हो गई है. अब मेरा वीर्य निकलने वाला है.
चाची ने अपनी पैरों को और फैला दिया और मुझे अपनी बांहों में जोर से जकड़ कर चूतड़ों की उछाल और तेज करते हुए बोलीं- मेरी चूत में भी गुदगुदी तेज हो गयी है … मै भी झड़ने वाली हूँ.
मैं- कहाँ झडूं … चूत के अन्दर ही या बाहर?
चाची- अन्दर ही झाड़ दे … तेरा वीर्य अन्दर गिरेगा तब ही तो चूत की गर्मी शांत होगी.

मैं जोर जोर से चोदने लगा. चाची भी जोर जोर से चूतड़ों को उछालने लगीं. थप थप की आवाज से कमरा गूंज उठा.
मैं- चाची बहुत मजा आ रहा है आह … आह!
चाची- जल्दी से झड़ जा … मैं अब झड़ने वाली हूँ. चूत में तेज गुदगुदी हो रही है.
मैं- मेरे लंड में भी गुदगुदी तेज हो गयी … मुझे जोर से अपनी बांहों में कस लो.

चाची ने जोर से मुझे कस लिया. मेरी रफ्तार बढ़ती ही गई. चाची के चूतड़ों की रफ्तार भी बढ़ गई. लंड की गुदगुदी भी तेज होती जा रही थी. चाची की चूत में भी गुदगुदी बढ़ गई. हम दोनों का कसाब भी बढ़ता गया.
मैं- आह … चाची!
चाची- स्पीड बढ़ाओ … मैं झड़ रही हूँ.
मेरी स्पीड और बढ़ गई.
मैं- चाची मेरा भी निकल रहा है.
चाची- आह … निकाल ले आह … आह!
मैं- आह … आह!

हम दोनों जोर जोर से आह भरते हुए एक दूसरे को चोदने लगे. दो तरफी सिसकारियां तेज होती गईं. अगले ही पल चाची जोर से एक लम्बी सिसकारी भरते हुए मुझे जोर से अपने बाहुपाश में कस लिया और अपने बदन को ऐंठने लगीं. मेरा लंड भी पिचकारी छोड़ने ही वाला था. तभी चाची और जोर से लिपटती हुई एक लम्बी सीत्कार के साथ बोलीं- मैं गई रे … चोद … जोर से आह … आह!

तभी चाची की चूत एक साथ ढेर सारा पानी उगलने लगी.
मैं- मेरा भी निकल रहा है … आह … चाची … आह आपकी चूत!
इतने में ही मेरा लंड भी पिचकारी मारने लगा. हम दोनों एक दूसरे को कचकचा कर चिपक गए. दोनों एक साथ झड़ गए. मेरा लंड से पिचकारी छूट रही थी और चाची की चूत से पानी निकल रहा था.

मैं लंड को जोर जोर से ठेलने लगा. चाची भी अपनी चूत को सिकोड़ सिकोड़ कर मेरे लंड को निचोड़ने लगीं. मेरा वीर्य इतना ज्यादा निकला कि चाची की पूरी चूत ऊपर तक भर गयी और लंड रस बिस्तर तक बहने लगा.

हम दोनों हांफते हुए एक दूसरे से चिपक गए … एक दूसरे को चूमने लगे.
चाची- तुम्हारा वीर्य बहुत ज्यादा निकलता है रे … पूरा छेद अन्दर तक भर गया.
मैं- क्यों मजा नहीं आया क्या?
चाची- पहली बार चुदाई का असली मजा आया. तुम्हारे वीर्य ने मेरी चूत को एकदम ठंडा कर दिया.
मैं- आई लव यू चाची.
चाची- आई लव यू मेरे राजा … आई लव यू!

हम दोनों निढाल हो कर कुछ देर यूं ही पड़े रहे. फिर मैं चाची के ऊपर से हटा. मेरा लंड बाहर निकला. चूत के पानी और वीर्य से मिश्रित भीगा हुआ लंड अभी भी झटके खा रहा था.

लंड के निकलते ही चाची ने झट से अपनी नाइटी से चूत को पौंछ कर मेरे लंड को भी साफ कर दिया. मेरा लंड अभी भी तमतमाया हुआ था. उसकी नसें उभरी हुई थीं और लंड बिल्कुल लाल हो गया था. चाची लंड को सहलाते हुए बोलीं.

चाची- बहुत मस्त है तुम्हारा लंड. मोटा लम्बा और तगड़ा. सर्वगुणसम्पन्न है तेरा लंड.
मैं- क्यों फिर चुदवाने का मन है क्या?
चाची- चुदवाना तो आज सारी रात है. पहले थोड़ा आराम कर लो.
मैं- इस बार गांड मारूँगा.
चाची- ठीक है.
मैं- आप आराम करते हुए पेट के बल सो जाओ. तब तक मैं आपकी गांड को मसलूँगा.
चाची- कितना पागल है रे तू मेरी गांड के लिए.

इतना कह कर चाची पेट के बल लेट गईं. मैं चाची की गांड सहलाते और मसलते हुए आराम करने लगा.

आपको यह कहानी कैसी लग रही है?. सभी पाठकों से अनुरोध है कि नीचे दिये गए ईमेल पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें. कहानी के अगले भाग में बताऊँगा कि कैसे छोटी चाची की गांड की चुदाई की और कैसे बड़ी चाची को भी चोदने के लिए गरम कर डाला.
धन्यवाद.
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