सगी चाची की कामुकता जगाकर की चूत चुदाई
(Sagi Chachi Ki Kamukta Jaga Kar Ki Chut Chudai)
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं हार्दिक आप सबके सामने अपनी कहानी लेकर आया हूँ. मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ और चंडीगढ़ में रह कर अपनी स्टडी कर रहा हूँ. मैं एक पहलवान हूँ, मुझे कुश्ती और कबड्डी खेलना बहुत पसंद है. मेरा शरीर भी अच्छा ख़ासा है. न केवल मेरा शरीर बलिष्ठ है बल्कि मेरा लंड भी पूरे 8 इंच लंबाई का है और मोटा भी किसी लड़की की कलाई जितना है. आप यकीन मानिए कि मेरा मूसल लंड जब भी एक बार किसी चुत के अन्दर चला जाता है तो समझो कि वो लड़की स्वर्ग की सैर करने लगती है.. ये मेरी गारंटी है.
मैं अब तक करीब 21 आंटी और लड़कियों को चोद चुका हूँ और वो सब मेरी फैन बन चुकी हैं. मेरी एक खासियत ये भी है कि मैंने अब तक जितनी चुतों को अपने लंड का मजा दिया है, उन सभी की गोपनीयता भी बना कर रखी है. मेरी इसी खासियत के चलते आंटियां भाभियां और लड़कियां, सबकी सब बिंदास मेरे लंड का मजा लेने आ जाती हैं.
यह स्टोरी मेरी चाची की है, वो बहुत ही सुडौल और सेक्सी शरीर की मालकिन हैं. उनकी मदमाती 36-34-38 की फिगर को कोई भी देखेगा तो बस देखता ही रह जाएगा.. देखने वाले का लंड एकदम से खड़ा होकर उनकी चुत में घुसने को मचल उठेगा. मैं भी उनको बहुत टाइम से चोदना चाहता था.
मैं आपको अपनी चाची की जवानी के बारे में बताना चाहता हूँ ताकि आपके लंड को भी मेरी चाची का जलवा समझ में आ सके. मेरी चाची की उम्र लगभग 32 साल की होगी. लेकिन वो एकदम मस्त आइटम गर्ल सी लगती हैं. उनकी छलकती जवानी को देख कर मैं अपना लंड दबा कर बैठ जाता था.
हम दोनों का घर बिल्कुल साथ साथ ही है. उनका एक बेटा भी है, जो अभी 10 साल का है. मेरे चाचा बहुत शराब पीते हैं, उस कारण से उनकी और चाची की ज्यादा नहीं बनती है.
एक दिन चाचा जी को कहीं शादी में जाना था तो वो रात वहां रुकने वाले थे. चाची अपने बेटे के एग्जाम की वजह से नहीं जा पाईं.
जिस दिन चाचा जी को जाना था, तो उन्होंने मेरे घर फोन किया कि आज घर पर चाची और बेटा अकेले हैं तो आज हार्दिक को बोल दो कि वो इधर ही सो जाएगा.
जब मुझे मालूम हुआ कि मुझे उधर सोने जाना है तो मैं बहुत खुश हुआ, मैं तो पहले ही अपनी चाची को चोदने के मौके की तलाश में था. मैं झट से मान गया और शाम को उनके घर चला गया.
मैंने चाची के घर जाकर जैसे ही घन्टी बजाई तो चाची ने दरवाजा खोला. आज वैसे ही चाची को चोदने का मूड बना हुआ था. उनको दरवाजे पर देखा तो बस मैं तो देखता ही रह गया. उन्होंने ब्लैक कलर का एक टाइट और लो नेक सलवार कमीज़ पहना हुआ था. चाची की चुची शर्ट के गले से दिख रही थी तो मेरी नज़र सीधी उनके मम्मों पर गई थी.
यह देख कर मेरे लंड में हरकत होने लगी.. और ये सब चाची ने भी देख लिया, हालांकि उन्होंने कुछ नहीं बोला.
उन्होंने मुझे अन्दर बुलाया और बैठने को बोला. मैं उनके बेटे के पास बैठ गया. वो अपना होमवर्क कर रहा था. चाची भी वहीं आकर बैठ गईं और हम दोनों बातें करने लगे. बातें करते करते खाने का टाइम हो गया तो चाची ने खाना लगाया.
अब मैं जानबूझ कर चाची के सामने बैठ गया और उनके तने हुए मम्मों को ताड़ने लगा. चाची की तरफ देख देख कर ही मेरा पूरा लंड खड़ा हो गया. आप समझ सकते हैं, मेरी हालत उस वक्त कितनी खराब रही होगी. चाची ने मुझे उनके मम्मों को देखते हुए कई बार नोटिस किया, उनके लबों पर हल्की सी मुस्कान थी लेकिन कुछ नहीं बोली, बस अपना दुपट्टा ठीक कर लिया. उनके दुपट्टे को ठीक करते ही मैं समझ गया कि वो क्या कहना चाहती हैं.
अब मैं अपना खाना खाने लगा लेकिन मेरा सोच उनकी उठी हुई गांड के बारे में ही था. जैसे ही मेरा खाना हुआ, मैं जानबूझ कर ऐसे ही खड़ा हो गया. जब मैं खड़ा हुआ तो मेरा लंड पूरा खड़ा हुआ था और चाची मेरे खड़े लंड की तरफ़ देख कर थोड़ी हैरान सी हो गईं. मैं चाची की तरफ देखता हुआ हाथ धोने चला गया.
अब सोने का टाइम हुआ तो हम सभी मतलब चाची उनका बेटा और उनका लम्बे लंड वाला आशिक़.. यानि मैं.. हम सब हॉल में टीवी देख रहे थे. टीवी पर कुछ ख़ास नहीं आ रहा था. तभी उनका बेटा अपने बिस्तर में सोने चला गया लेकिन चाची को अभी नींद नहीं आ रही थी. मुझे तो आनी ही किधर थी, मेरा तो मूड बन चुका था.
चाची ने मुझसे बोला कि अगर थोड़ी देर और टीवी देख़ना है तो मेरे रूम ही देख लेना.. इधर कहीं बेटे की नींद खराब ना हो जाए.
मैं अन्दर ही अन्दर बहुत खुश हो गया और हम दोनों चाची के रूम में चले गए.
वहां टीवी चलाया और हेट स्टोरी 3 देखने लगे. उसमें वो सिड्यूसिंग वाला सीन आ रहा था तो अचानक मैं चाची की ओर देखने लगा. चाची भी मेरी तरफ़ देख रही थीं.
तभी चाची बोलीं- हार्दिक मुझे पता है कि तू मुझे किस नज़र से देखता है और ये सब बिल्कुल सही नहीं है. ये बहुत गलत है, मैं तेरी चाची हूँ.
वो मुझे समझाने लगीं लेकिन मैं कुछ नहीं बोल रहा था और ना नहीं मेरे ऊपर उनकी किसी बात का कोई असर हो रहा था. मैं तो बस उनके मम्मों को ही देख रहा था. इस वजह से चाची थोड़ा गुस्सा भी हो गईं, वो अचानक खड़ी होकर रूम से जाने लगीं.
तभी मुझे नहीं पता कि मुझे क्या हुआ. शायद मेरे सिर पर उनकी गांड का भूत सवार था. मैंने उनको पीछे से कस कर पकड़ लिया और बोला- जानेमन, तुझे जबसे देख रहा हूँ बस ऊपर वाले से यही माँगता हूँ कि तेरी गांड मारने को मिल जाए और आज मौका मिला तो आप जाने लगीं.
चाची मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं, मुझे धक्के देने लगीं और बोलीं- ये सब गलत है.
लेकिन अब मैं कहां रुकने वाला था. मैं एक हाथ से उनके मम्मों को दबाने लगा. उन्हें दर्द होने लगा, वो बस मुझसे छूटना चाहती थीं. लेकिन मेरे सिर पर बस सेक्स का भूत सवार था.
अचानक मैंने अपने 8 इंच का तना हुआ लंड उनके चूतड़ों के बीच में लगाया और गांड की दरार में गाड़ने लगा. लंड की मजबूती महसूस करके चाची और भी अधिक झटपटाने लगीं.
तभी मैंने उनको बिस्तर पे गिरा दिया और उनके ऊपर आ गया. मैं उनकी टाँगों के बीच में था और उनके होंठों पर होंठ रख कर ज़ोर से चूसने लगा.
अभी तक चाची मेरा बिल्कुल भी साथ नहीं दे रही थीं, लेकिन मैं कहां छोड़ने वाला था.
धीरे धीरे वो शिथिल हो गईं और मेरा साथ देने लगीं. मैंने तभी उनकी हाथ छोड़े और एक हाथ से अपने लंड को चाची की चुत पर रगड़ने लगा. वो अब कामुकता से सीत्कार करने लगी थीं और साथ भी दे रही थीं.
अब मैं खड़ा हुआ और उनकी कमीज़ को उतार दिया. साथ ही मैंने अपने कपड़े भी हटा दिए. अब मैं चाची के मम्मों को रगड़ने लगा. चाची भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं. उन्होंने मुझे धक्का दिया और मेरे ऊपर आ कर मेरे लंड पर बैठ गईं.
चाची पूरी चुदासी हो चुकी थीं. उन्होंने मेरा लंड पैंट से बाहर निकाला और लंड देखते ही चाची की आँखें फटी की फटी रह गईं.
चाची बोलीं- इतना बड़ा लंड..
“हाँ चाची… आपके लिए ही तो तड़फ रहा है.. प्लीज़ लंड चूसो न..”
वे मेरा लंड चूसने लगीं. मुझे चाची की लंड चुसाई में बहुत मजा आ रहा था क्योंकि मेरा बरसों का सपना आज पूरा हो रहा था. मैं चाची की गांड को दबाने लगा. वो भी पागलों की तरह मेरा लंड चूस रही थीं. तकरीबन दस मिनट बाद मेरा लंड का पानी छूट गया और वो सारा लंड रस पी गईं.. चाची ने एक बूँद भी नहीं छोड़ी थी.
अब मेरी बारी थी. मैं उनके ऊपर आ गया और उनकी सलवार उतार दी. चाची ने नीचे वाइट कलर की पेंटी पहनी हुई थी. वो इस वक्त एकदम परी जैसी लग रही थीं. वैसे ही उनका हुस्न बड़ा जबरदस्त था, एकदम सांचे में दहला हुआ था. मैं उनको नंगा देख कर और भी अधिक गरम हो गया. मैं उनकी टाँगों के बीच में आ गया और चाची की चुत सूंघने लगा फिर चाटने लगा. अब आंटी बड़ी जोर से मोन करने लगीं. मेरा सर चुत के अन्दर की तरफ दबाने लगीं. मैं भी चाची की चुत को चूसता रहा और साथ में फिंगरिंग भी करता जा रहा था.
तकरीबन 10 मिनट में वो भी छूट गईं. मैं भी चाची के मदन रस को पी गया और उनके मम्मों को रगड़ने लगा.
कुछ ही देर में चाची फिर से गरम होने लगीं और कहने लगीं- चोद दे मुझे.. अब नहीं सहा जाता.. जल्दी से पेल दे.. नहीं तो मैं मर जाऊंगी.
मैं अपने लंड को उनकी चुत पर रगड़ने लगा. वो मेरी पीठ पर नाख़ून मार रही थीं. मैंने एक झटका मारा, मेरा आधा लंड चाची की चुत में अन्दर घुस गया. मूसल लंड के कारण उनकी आँखों में से पानी निकलने लगा. उनकी तेज आह निकल गई और वे चिल्ला पड़ीं- आह साले फाड़ दी कमीने.. धीरे कर हरामी.
मैं आधा लंड पेले हुए ही चाची के ऊपर धीरे धीरे हिलने लगा. इस समय चाची को दर्द के कारण रोना आ रहा था. वे लंड से चुदना भी चाहती थीं और दर्द के कारण मुझे हटा भी रही थीं. आखिरकार चुदास की जीत हुई और चाची ने मेरे लंड को थोड़ा जज्ब कर लिया.
मैंने धीरे धीरे हिलना चालू रखा और इसी तरह पूरा लंड चाची की चूत के अन्दर चला गया. कुछ पल की पीड़ा के बाद चाची की चुत ने मेरे लंड को अपना भाग्य विधाता मान लिया था और वे अपनी गांड उठा कर लंड से चुदने को मचलने लगीं. चाची अब तेज आवाज में सीत्कार करने लगीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… चोद दे.. मुझे रंडी बना ले मुझे अपनी.. आह फाड़ डाल ये चुत.. इसका भोसड़ा बना दे..
चाची को मजा आने लगा था और वे गालियां देने लगीं.
मैं भी पूरे ज़ोर ज़ोर से हिलने लगा और चाची की चुत का भुरता बनाता रहा, लगभग 15 मिनट बाद मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और पीछे से लंड डाला. लंड घुसा कर ज़ोर ज़ोर से पेलने लगा. वो आहें भर रही थीं और तेज तेज चोदने का कह रही थीं.
कुछ मिनट बाद मैं छूट गया, मैंने उनके अन्दर ही रस छोड़ दिया, उनका इतने में ही दो बार हो चुका था.
मैं झड़ने के बाद साइड में लेट गया. वो मेरे ऊपर आ गईं. उनके चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी. वो मुझसे बहुत खुश थीं. बाद में मैंने उनकी गांड भी मारी.
मेरी चाची की चूत की चुदाई कहानी कैसी लगी? मुझे मेल कीजिएगा.
लम्बे लंड वाला
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