चाची की काली चूत

Chachi Ki Kali Choot

अन्तर्वासना के प्रिय पाठकों.. नमस्कार, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है.. आशा है आपको पसंद आएगी।
मेरा नाम राहुल है और मैं लुधियाना से हूँ। मेरी उम्र 19 साल है और मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ। मेरे लंड का साइज़ 6 इंच और मोटाई 2 इंच है।

यह कहानी मेरी और मेरी चाची की है। मेरी चाची की उम्र 35 साल के करीब है। वो दिखने में थोड़ी सांवली हैं.. पर बहुत सेक्सी हैं। वो एक बार दिखने में ही किसी का भी लंड खड़ा कर सकती हैं। उनकी गाण्ड बहुत बाहर को उभरी हुई है.. जिसे देख कर मेरा लण्ड एकदम से खड़ा हो जाता है।

तो बात तब की है.. जब मैं 12 वीं कक्षा में पढ़ता था और अपने हाथ से ही अपने लंड को मुठिया कर शांत करता था। मेरी चाची के मम्मे काफी मस्त हैं और जब वो झुकती हैं तो साफ़ नज़र आ जाते हैं।
उन्हें भी पता था कि मैं चुपके-चुपके उनके चूचे देखता हूँ।

एक दिन घर पर जब मुझे और चाची को छोड़ कर.. कोई नहीं था.. तो मैं अपने कमरे में बैठा टीवी देख रहा था.. तभी चाची मेरे कमरे में आईं और बोलीं- मैं नहाने जा रही हूँ.. तुम घर का ध्यान रखना।

जब वो नहाने गईं.. तो मुझे उन्हें देखने का मन हुआ.. और मैं उन्हें छुप कर देखने लगा। उसे नहाता देखकर मेरा लंड 90 डिग्री पर खड़ा हो गया और न जाने कब.. मैं उसे हिलाने लगा। चाची ने अपनी ब्रा उतारी हुई थी और बदन पर सिर्फ एक नीले रंग की पैंटी डाली हुई थी।

मैं तो उसे देखता ही रह गया.. वो अपने बदन पर साबुन लगा रही थीं और अपनी चूचियों पर हाथ फेर रही थीं। वो दिखने में थोड़ी काली हैं.. पर 5 मिनट में ही किसी का भी माल निकलवा सकती हैं। मैंने सोचा कि क्यूँ न इनकी फोटो खींची जाए.. और मैं अपने फोन से उनकी फोटो खींचने लगा।

तभी वो एकदम से मुड़ी और उन्होंने शायद मुझे देख लिया.. पर अंजान बनते हुए बोली- कौन है वहाँ पर..??

मैंने कोई जवाब नहीं दिया.. मैं चुपचाप अपने कमरे में आकर टीवी देखने लगा और मैं कुछ डर भी रहा था।

थोड़ी देर बाद वो मेरे कमरे में आई तो उनके बदन से बहुत अच्छी खुश्बू आ रही थी। मैं उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहा था.. वो मेरे पास आकर बैठ गईं और टीवी देखने लगीं।

थोड़ी देर बाद मुझसे पूछा- तू मुझे नहाते हुए देख रहा था क्या?

उस समय मेरी तो फट गई.. मैं बोला- नहीं चाची.. मैंने नहीं देखा।

तो वो थोड़ा गुस्सा होने लगीं।

मैं डर गया और उनसे माफ़ी मांगने लगा.. तो वो बोलीं- ऐसा क्या है मुझमें.. जो तुझे पसंद है।

तो मैं बोला- मुझसे गलती हो गई.. मुझे माफ़ कर दो।

वो बोलीं- नहीं.. पहले बता मुझे..

तो मैंने उन्हें बता दिया- आप मुझे बहुत खूबसूरत लगती हो।

फिर वो बोलीं- तेरे चाचा को तो मुझमें कुछ नहीं अच्छा लगता.. तो तुझे क्या अच्छा लगता है?

तो मैंने उन्हें मम्मों की तरफ देखते हुए कहा- मैं आपके इन उभारों का दीवाना हूँ।

वो जोर-जोर से हँसने लगीं। मेरा भी जोश बढ़ गया और मैंने उनके गालों पर एक चुम्बन कर दिया।

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वो थोड़ा हैरान हुईं.. पर फिर एक कातिल सी मुस्कान देकर मुझे अपने होंठों से चिपका लिया।

मैं तो जैसे सातवें आसमान पर था.. उनके होंठ बहुत ज्यादा रसीले थे, मैं उन्हें चूसता हुआ कहीं और ही पहुँच गया था.. वो मेरे बालों में हाथ फिरा रही थीं और मैं उनकी पीठ पर अपने हाथ फेर रहा था।

आह्ह.. क्या मस्त नज़ारा था दोस्तों.. मैं बता नहीं सकता।

फिर मैंने धीरे-धीरे उनके मम्मे दबाने शुरू किए.. तो वो ‘आहें’ भरने लगीं और मुझे बोलीं- और जोर से दबा.. राहुल बेटा.. आज मुझे शांत कर दे.. तेरे चाचा तो मुझे शांत ही नहीं कर पाते.. दिखा दे आज मुझे.. अपने लौड़े का दम..।

मैं भी उनको पागलों की तरह चूम रहा था और उनके मम्मे दबा रहा था। उनका हाथ धीरे से मेरे लण्ड पर पहुँच गया और वो पैन्ट के ऊपर से मेरा लण्ड दबाने लगी।

मैंने उनके सूट की कमीज़ उतारी और उनकी काली ब्रा के ऊपर से उनके मम्मे चूसने लगा.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था..

काली ब्रा में वो एकदम क़यामत लग रही थीं.. मैं उन्हें उठा कर बाथरूम में ले गया और उन्हें एक शेल्फ पर बिठा कर चूमता रहा।

वो ‘आआ.. आह्ह.. और जोर से मेरे बच्चे..’ ऐसे करती रहीं।

फिर मैंने उनकी सलवार का नाड़ा धीरे से खोला और उसे नीचे कर दिया।

चाची ने धीरे से मेरे कान में बोलीं- बहुत शैतान हो गया है तू अब..
उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार कर मेरी छाती पर हाथ फिराने लगीं।

मैंने उनकी ढीली सी ब्रा भी उतार दी और उनके चूचे चूसने लगा..

वो और ‘आआअह्ह.. आआआह्ह्ह्ह..’ कर रही थीं और दूसरे हाथ से उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा।

फिर उन्होंने मेरी पैन्ट का बटन खोला और मेरे लंड को कच्छे के ऊपर से ही जोर से दबा दिया। मेरी भी हल्की सी चीख निकल गई और मैंने उनकी एक चूची को जोर से दांतों से काट लिया और हम दोनों हँसने लगे।

मैंने उनकी पैन्टी उतारी और मुझे उनकी काली चूत के दर्शन हुए.. जो झाँटों के घने जंगले में कैद थी। मेरा मन उसे चाटने का हुआ तो मैं नीचे हो कर उसकी चूत चाटने लगा.. वो तो बहुत मज़े से चूत मेरे मुँह पर लगाने लगीं।

पहले तो मुझे चूत का स्वाद अच्छा नहीं लगा.. पर बाद में अच्छा लगने लगा। चूत बहुत गीली हो गई थी.. दस मिनट तक उनकी चूत चाटने के बाद वो एकदम से अकड़ सी गईं और अब वे झड़ चुकी थीं।

फिर उनने मुझे ऊपर बैठने को बोला और मेरे कच्छे से मेरा लंड निकाल कर पहले उसे मस्त निगाहों से देखा.. मेरी तरफ देख कर मुस्कुराईं फिर मेरे लौड़े पर एक चुम्मी की और धीरे से अपनी होंठो से उसे पूरा चाटा और अपने मुँह में लेकर उसे चूसने लगीं।

आह्ह.. क्या चूसती थीं.. मेरी चाची.. मज़ा आ गया.. मुझे तो ऐसे लग रहा था.. जैसे किसी बहुत ही सॉफ्ट और गर्म चीज़ में मेरा लंड चला गया हो। मैं धीरे-धीरे ‘आहें’ भरने लगा।

कुछ ही मिनट चूसने के बाद एक बार तो मेरा पानी निकल गया और उन्होंने थोड़ा पानी पी भी लिया और थोड़ा सा माल अपने मम्मों पर भी लगा लिया। उन्होंने मेरे लण्ड से ही मम्मों पर माल लगाया था तो मुझे बड़ी सनसनी हुई।

फिर हम दोनों कमरे में आए और मैं बिस्तर पर चित्त लेट गया। उन्होंने मेरी छाती पर अपना सर रख लिया और हम प्यार में खो गए।

थोड़ी देर बाद मेरे लंड में फिर से जोश आने लगा और मैंने चाची का एक चूचा दबाना शुरू कर दिया।
चाची भी धीरे-धीरे ‘आअह्ह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्ह..’ करने लगीं।

मैंने उनकी चूत में अपनी एक ऊँगली डाल दी और हाथ से चुदाई करने लगा।

मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था। उसके बाद चाची बोलीं- मेरे बेबी.. अब रहा नहीं जाता.. तू डाल दे.. अपना मोटा लण्ड.. मेरी चूत में।

उनकी इस कामुक भाषा से मेरा लौड़ा फनफना गया, मैंने भी देर न करते हुए लण्ड को उनकी चूत पर रखा और धीरे से धक्का दिया जिससे लण्ड का टोपा चूत के अन्दर चला गया।

चाची थोड़ा सा चीखीं.. पर फिर बोलीं- डाल दे.. अन्दर.. पूरा.. मेरे राजा।

मैंने भी फिर एक ज़ोरदार धक्का मारा और मेरा आधा लण्ड चूत में अन्दर चला गया।
फिर शुरू हुआ हमारा ‘चुदाई-युद्ध’..
मैं पहले चाची के ऊपर चढ़ कर उन्हें चोद रहा था.. पर पाँच मिनट बाद वो मेरे ऊपर आ गईं और मुझे चोदने लगीं। मेरे लौड़े पर झूलते समय उनके मम्मे ऊपर-नीचे होने लगे।

वो लगातार ‘आहें’ भी भर रही थीं और मुझे देख कर मुस्कुरा भी रही थीं।

मैंने एकदम से उन्हें अपने नीचे खींच कर चूम लिया और उनके मम्मे दबा दिए।

अब तक वो झड़ चुकी थीं। अब मैं भी झड़ने वाला था और मैंने उनकी चुदाई तेजी से करनी शुरू कर दी। करीब 20 धक्कों के बाद मैं भी उनके अन्दर ही झड़ गया और शांत होकर उनके साथ ही लेट गया।

उस दिन हमने 3 बार चोदन किया और फिर जब भी मौका मिलता है.. तो चुदाई कर लेते हैं। आज भी चाची की चूत बहुत ज्यादा खुली नहीं है.. और अब हम दोनों अलग-अलग तरीके से चुदाई करते हैं।

तो यह थी मेरी और मेरी चाची की चुदाई की मदमस्त कहानी।

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