भतीजे ने मिटाई चूत की प्यास- 3
(Chachi Ki Full Chudai)
चाची की फुल चुदाई की कहानी में मैंने अपने सौन्दर्य और जवानी के जाल में अपने भतीजे को फंसा लिया था. उसने मुझे खूब चोदा, घर में हर जगह चोदा, बीवी की तरह चोदा.
प्रिय पाठको,
आपने कहानी के पहले भाग
मैं अपने जेठ के जवान बेटे से चुद गयी
में पढ़ा कि मेरे भतीजे के साथ अकेली रहते हुए मेरे सेक्स सम्बन्ध उससे बन गये और हम दोनों खूब मजा लेकर चुदाई करते थे. उसने मेरी गांड भी मारी.
अब आगे चाची की फुल चुदाई की कहानी:
रात में देर तक चुदाई के चलते सुबह दस बजे मेरी नींद खुली.
मैं उठकर हॉल से अपने रूम की तरफ जाने लगी.
तभी आदित्य जाग गया.
मैं उसे देख डर गई क्योंकि मुझे पता था अब वह मेरी फिर से लेगा.
और हुआ भी वैसा ही!
उसने हर रोज की तरह आज भी सुबह सवेरे मुझे चोद दिया.
अब मैं अपने रूम में गई, नहाई और गुलाबी सिल्की हाफ पजामी पहनी जो मेरे घुटनों तक ही थी.
वह मेरी जांघों से पूरी तरह कसी हुई थी जिससे मेरे चूतड़ बाहर निकले हुए साफ़ दिख रहे थे.
इस पजामी में अंदर मैंने चड्डी नहीं पहनी थी तो मेरी चूत का आकार भी साफ़ दिख रहा था.
ऊपर मैंने एक सैंडो टॉप पहना था जो मेरे विशाल उरोजों पर कसा था और मेरे पेट पर नाभि तक ही आ रहा था.
मेरी पजामी और टॉप के बीच करीब पाँच इंच सफ़ेद कमर दिख रही थी जो मुझे बहुत सेक्सी बना रही थी।
10 बज रहे थे तो मैं खाना बनाने के लिए सीधा किचन में चली गई.
मैं खाना बना रही थी.
तभी आदित्य ने पीछे से आकर मुझे पकड़ लिया और बोला- चाची, आपको मालूम है कि मेरी इस हालत की जिम्मेदार आप हैं!
“कैसी हालत?”
उसने अपने लंड की तरफ इशारा किया और बोला- ये हालत!
“कुछ भी बोलता है, तेरी इस हालत का जिम्मेदार खुद तू है. इसका दोष मुझे मत दे!”
“आपको नहीं तो और किसे दूं, आप हर रोज ऐसे सेक्सी कपड़े पहन कर मुझे उकसाती हो!”
मैं हंसने लगी.
अब वह मेरे जिस्म के साथ खेल रहा था, कभी मेरी पीठ चूमता, कभी मेरे कंधे!
मैं बोली- अभी नहीं आदित्य … अभी मुझे खाना बनाने दो!
“आपको खाना बनाने से किसने रोका है, आप खाना बनाइए मैं अपना खाना खाता हूं.”
पिछले 15-20 दिन से हर रोज लगातर चुदने के बाद भी मेरी चूत ही गर्मी शांत नहीं हो रही थी.
वह कितनी बार चुदाई के लिए पूछता मेरा दिमाग ना कहता लेकिन चूत हमेशा तैयार रहती थी.
अब उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया और खड़े खड़े मुझे चूमने लगा.
मेरी हाइट उससे कम होने की वजह से उसे झुकना पड़ रहा था.
तो उसने अपने दोनों हाथों से मुझे कमर से उठा कर किसी छोटी बच्ची की तरह किचन टेबल पर बिठा दिया और जोर जोर से किस करने लगा.
मैं भी अपने हाथ उसके बालों मैं घुमा रही थी, मैं अपने नाखून उसकी पीठ में गाड़ने लगी.
मेरे होठों की लिपस्टिक पूरी तरह से गायब हो चुकी थी.
वह थी तो होठों के आस पास और आदित्य के होठों पर!
करीब आधे घंटे तक चूमने के बाद वह मुझसे अलग हुआ.
और फिर वह मेरे एकदम कठोर स्तनों को जोर जोर से मसलने लगा और मेरे निप्पल उँगलियों के बीच लेकर मरोड़ने लगा.
उसके हाथ अब मेरे 34″ की गांड की गोलाइयों का माप ले रहे थे.
हम पिछले एक घंटे से चूमा चाटी कर रहे थे.
तब मुझे उठाकर वह हॉल में ले गया और मुझे सोफे पे पटक दिया.
अब वह पजामी के ऊपर से ही मेरी चूत के ऊपर अपना नाक फेरने लगा और मेरी चूत की खुशबू सूंघने लगा.
उसने देरी ना करते हुए एक ही झटके में पजामी उतार कर फेंक दी और अपना मुंह मेरी चूत पर रखा.
मैं तो जैसे बिन पानी मछली की तरह तड़प रही थी.
अब वह आराम से मेरी चूत, जांघों को चूमने लगा.
मेरी हालत बद से बदतर हो रही थी.
कामुकता के मारे मेरे मुंह से “ऊ … आ …” की आवाजें जोर जोर से निकल रही थी.
अब उसने मेरी चूत में अपनी उंगली डाल कर खेलना शुरू किया.
फिर दोनों हाथों से मेरी चूत की फांकें फैलाकर जीभ से चूत चाटने लगा.
उसकी जीभ का टोक मेरी चूत की अंदर तक जा रहा था.
कुछ मिनट की चुसाई के बाद वह रुक गया.
चुदाई का मोर्चा संभालने की बारी अब मेरी थी.
मैंने उसको सोफे पर लेटने के लिए कहा और मैं मादरजात नंगी उसके लंड पर बैठ कर चड्डी के ऊपर से ही अपनी चूत उस पर रगड़ रही थी और आगे की तरफ नीचे झुककर उसे किस कर रही थी.
अब मैंने उसकी टीशर्ट निकाल कर फेंक दी और उसकी छाती को किस करते हुए नीचे की तरफ आ गई.
तब मैंने उसका बॉक्सर भी निकाल दिया.
अब बारी थी लंड चुसाई की!
मैंने पहले अच्छी तरह से चाट चाट कर लंड गीला कर दिया और अब धीरे धीरे उसे मुंह में लेने की कोशिश करने लगी.
लंड का टोपा तो आराम से मुंह में चला गया.
अब मैं जितना हो सके, उतना लंड मुंह में लेने की कोशिश करने लगी. लेकिन पूरा लंड अंदर गया ही नहीं.
लम्बे लंड की वजह से मेरी सांस अटक रही थी, पूरा जाता तो मैं मर जाती.
अब मैंने काफी देर तक उसके लंड को चूसा.
मैं अब तक झड़ चुकी थी लेकिन वह झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था.
अब उसने मुझे सोफे पर लिटा दिया और खुद मेरे दोनों पैरों के बीच आकर बैठ गया और अपने लंड को मेरी चूत पर सेट करने लगा.
मेरे घुटने मुड़े हुए थे.
उसने धक्का लगाया तो लंड फिसल गया.
तब उसने मुझे लंड को पकड़ कर रखने के लिए कहा.
मैं अब एक हाथ से उसका लंड अपने चूत पर पकड़े हुए थी.
उसने एक जोर का धक्का लगाया तो आधा लंड अंदर घुस चुका था.
लगातार चार पांच जोर के धक्कों के बाद लंड पूरी तरीके से अंदर था.
मेरी चूत अब खुल चुकी थी तो लंड आसानी से अंदर बाहर होने लगा.
उसने धक्कों की गति बढ़ा दी और मेरी टांगें पकड़ कर तेजी से अपनी चाची को चोद रहा था.
अब मैं मस्त होकर बड़बड़ाने लगी- हाँ राजा चोदो … ऐसे ही अपनी चाची को चोदो … फाड़ दो उसकी चूत! “कम ऑन माय बॉय … फक योर आंटी मोर हार्डर!
“यस बेबी, आई विल नोट स्टॉप अनटिल आई टियर योर पुसी!”
” ओ यस कम ऑन आह … हा … जोर से … और जोर से … फाड़ दो इसे … बहुत सताती है साली मुझे … हमेशा तुम्हारे लंड के लिए तड़पती है.”
“मोर हार्डर बेबी आई एम कमिंग!”
मैं फिर एक बार झड़ चुकी थी.
अब आदित्य ने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और कहा कि उसका आने वाला है.
मैंने उसे माल अंदर ही डालने के लिए कहा क्योंकि मैं उसकी गर्मी अंदर तक महसूस करना चाहती थी.
7-8 तेज धक्कों बाद मेरी चूत में मुझे गर्म लावा जैसा महसूस हुआ और उसका लंड मुरझा कर अपने आप बाहर आ गया.
वह मुझे तीन बार चोद चुका था.
अब उसने मुझे उठाया और अपने बेडरूम में ले गया.
उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और खुद भी मेरे पास आकर सो गया.
मैंने टाइम देखा तो शाम के 5 बजने वाले थे.
मैं उसी के रूम के बाथरूम में गई, नहाई.
मेरी चूत अच्छे से गर्म पानी से साफ की जो थोड़ी थोड़ी दर्द कर रही थीं.
और मैं वापस आकर लेट गई.
हम दोनों की आंख कब लग गई, पता ही नहीं चला.
जब मेरी नींद खुली और मैंने टाइम देखा तो 7:30 बज रहे थे.
मैंने आदित्य के गाल पर एक किस करके उसे उठाया और कहा- आराम हो गया हो तो फ्रेश होकर नीचे आ जा, खाना बनाती हूं.
आदित्य- रहने दीजिए ना चाची … आप भी थक गई होंगी. चलिए हम होटल से खाना खाकर आते हैं.
मैंने उसे हाँ कहा और तैयार होने के लिए बोल दिया और मैं अपने रूम में चली गई.
मैं तैयार हो कर नीचे हॉल में आई.
तभी मेरे फोन की घंटी बजी देखा तो मेरे पति का फोन था.
उन्होंने हमें कल यानि 22 मार्च को लगने वाले ‘जनता कर्फ्यू’ के बारे में बताने के लिए कॉल किया और अपना ध्यान रखने के लिए कहा.
फिर मैंने टीवी में न्यूज चैनल चलाया तो मुझे डिटेल में पता चला कि क्या होने वाला है.
अब मैंने और आदित्य होटल जाने का प्लान कैंसल किया और घर पर ही खाना ऑर्डर किया.
खाना आने में 40 मिनट का टाइम था तो मैंने अपनी जेठानी से बात की- मैं और आदित्य पूरी तरह से सेफ हैं. चिंता करने की जरूरत नहीं है और हम 25 मार्च को सुबह जल्दी ही निकल जायेंगे.
आदित्य अपनी मां से बोला- आप चिंता मत कीजिए मम्मी, चाची मेरा ‘अच्छे’ से ध्यान रख रही हैं.
और उसने मेरी तरफ देखकर आंख मारी.
करीब 9 बजे के आस पास हमने खाना खाया और हॉल मैं बैठ कर हम न्यूज देख रहे थे.
10:15 के आज पास हम सोने के लिए रूम में गए.
मैंने अपने कपड़े चेंज किए और आदित्य के पास आकर लेट गई.
वह मुझे गर्म करने के लिए धीरे धीरे मेरे मम्मे दबाने लगा.
मैं दिनभर की चुदाई से कुछ ज्यादा ही थक चुकी थी लेकिन मेरी चूत उसका लंड लेने के लिए तैयार थी.
हमारे बीच चुदाई का एक और दौर चला.
शायद यह दिन का चौथा या पांचवा राउंड था.
अब रात का एक बजने वाला था.
हम दोनों लिपट कर सो गए.
सुबह 10 बजे आंख खुली.
मैंने बालकनी में जाकर देखा तो ‘जनता कर्फ्यू’ के कारण गली के कुत्ते छोड़ कर कोई बाहर नहीं था.
पूरा एरिया एकदम सुनसान लग रहा था.
आदित्य अब तक सो रहा था लेकिन उसका लंड सलामी दे रहा था.
मेरा तो मन हुआ कि कपड़े निकालकर उस पर बैठ जाऊं.
लेकिन मैंने खुद को समझाया और किचन में सुबह के काम करने चली गई.
10 बजे तक सारे काम खत्म करके वापस रूम में आई और नहाने चली गई.
मैं बाथरूम का दरवाजा खुला छोड़ कर नहा रही थी.
अब आदित्य की नींद खुल गई.
शावर के पानी की आवाज सुनकर वह समझ गया कि मैं नहा रही हूं.
वह उठकर वह सीधा बाथरूम मैं चले आया और पहले ब्रश करने लगा.
मैं समझ गई थी कि ये क्यों ब्रश कर रहा है.
और मैं भी अपना बदन दिखा दिखा कर उसे उत्तेजित कर रही थी.
कभी अपने मम्मे मसलती तो कभी उसके ऊपर पानी छिड़कती.
ब्रश करने के बाद वह सीधा अंदर घुस गया और मेरे साथ साथ शावर लेने लगा.
मैं उसकी तरफ पीठ करके खड़ी थी. अब मैं अपनी पीठ उसकी छाती को रगड़ने लगी और उसका लंड मेरे गांड की दरार के बीच में धंस रहा था.
उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया और किस करने लगा.
मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी.
कभी मेरी जीभ उसके मुंह में होती तो कभी उसकी मेरे मुख में!
करीब काफी देर हमने चुम्बन किया.
अब मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गई और उसके खड़े लंड को हाथ से सहलाने लगी, प्यार करने लगी.
मैंने उसे शावर बंद करने को कहा.
तब मैंने जीभ से चाट चाट कर लंड को पूरा गीला कर दिया.
अब वह मेरे मुंह में जाने के लिए तैयार था.
आदित्य मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुंह को चोद रहा था और मेरे मुंह से ‘गुगु … उग … उग ..” की आवाज आने लगी.
उसका लगभग पूरा लंड मेरे मुंह में था इस वजह से मेरी आंखें लाल हो गई और सांस अटकने लगी.
इस बीच मैं एक बार झड़ चुकी थी.
उसने लंड मुंह से बाहर निकाला तो वह पूरी तरह से मेरी लार से सना हुआ था.
लंड बाहर निकलते ही मैं जोर जोर से खांसने और हाम्फने लगी.
इतना चूसने के बाद भी वह झड़ा नहीं था.
मैं खड़ी हुई तो हमारे बीच 5 मिनट लंबा चुम्बन हुआ जिसके बीच आदित्य कभी मेरे मम्मे दबा रहा था तो कभी चूत सहला रहा था.
वह नीचे बैठ गया और मेरा एक पैर कमोड के ऊपर रख दिया, फिर वह मेरी चूत चाटने लगा.
उसने करीब 20 मिनट तक मेरी चूत चाटी और मैं फिर से झड़ गई.
मैं अब तक दो बार झड़ चुकी थी लेकिन उसका लंड अभी तक शान से खड़ा था.
अब मैं नीचे बैठ गई और उसका लंड अपने दोनों मम्मों के बीच दबाकर रगड़ना चालू किया.
उसको इससे कितना मजा आ रहा था, यह मैं उसका चेहरा देख कर समझ गई.
10 मिनट मम्मे चोदने के बाद वह मेरे मम्मों पर ही झड़ गया.
अब हम दोनों ने अच्छी तरह से एक दूसरे को नहलाया.
नहाना होने तक उसका लंड फिर से उफान मारने लगा और अपने विकराल रूप में आ गया.
जब मैंने उसके लंड को देखा तो मुझे भी रहा नहीं गया, मैं फिर से चुदने के लिए तैयार थी.
अब उसने मुझे चूमना शुरू किया ताकि मैं और गर्म हो जाऊं.
आदित्य ने पूछा- चाची तैयार हो शावर सेक्स करने के लिए?
मैंने ‘हां’ में सिर हिलाया.
उसने मुझे दीवार के सहारे झुका दिया और मेरा एक पैर वहां रखे एक छोटे स्टूल पर रख दिया.
पीछे से मेरी कमर पकड़ एक ही झटके में पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया.
मैं दर्द के मारे चिल्लाने लगी.
वह थोड़ी देर तक धीरे धीरे धक्के लगाकर मेरी चुदाई करने लगा.
उसने धक्कों की गति अब बढ़ा दी अब उसका लंड मेरे चूत को फाड़ने लगा.
काफी देर से खड़ी होने की वजह से मेरे पैरों मैं दर्द शुरू हो गया.
मैंने आदित्य को पोजिशन चेंज करने के लिए कहा.
उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया और लंड चूत में घुसा दिया और चोदने लगा.
मैंने कहा- मैं आज तुम्हारा वीर्य का स्वाद चखना चाहती हूं, अपना माल मेरे मुंह में निकालना!
आदित्य- ठीक है चाची, जैसा आप कहो!
उसने मुझे अपनी गोद से उतारा.
मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गई, 2 मिनट मुंह की चुदाई करके उसने सारा माल मेरे मुंह में निकाल दिया.
मैंने एक बूंद भी वेस्ट नहीं होने दी, पूरा का पूरा माल पी गई.
अब मुझे नहाना था तो मैंने आदित्य को बाहर जाने के लिए कहा.
मैं नहा कर बाहर आई और टाइम देखा तो 12:30 बज चुके थे.
उसके बाद हमने खाना खाया.
मेरा शरीर बुरी तरह से दर्द करने लगा था तो मैं सो गई.
शाम 5 बजे बाहर से आती हुई आवाजों की वजह से मेरी नींद खुली.
आदित्य बालकनी में खड़ा रहकर बाहर के दृश्य देख रहा था.
मैं भी बालकनी में चली गई.
लोग पूरे उत्साह से अपने घरों के बाहर खड़े होकर थालियाँ पीटने लगे.
अगले दिन याने 23 को थकान के कारण मैंने उसे दिनभर हाथ तक नहीं लगाने दिया.
लेकिन रात को सोते समय मुझे बहला फुसलाकर चोद ही दिया.
24 मार्च को सुबह से लेकर शाम तक उसने मुझे चार बार चोदा और गांड भी मारी.
हमें लगा कि कल जयपुर जाने के बाद हमें चुदाई का मौका नहीं मिल पाएगा इसलिए हम दिन भर सिर्फ चुदाई करते रहे.
लेकिन हमें क्या पता था कि कुछ और होने वाला है.
हम दोनों थके हुए बेड पर थे कि तभी मुझे अपने पति का फोन आया.
उन्होंने मुझे तुरंत टीवी चालू करने के लिए कहा.
मैं वैसे ही नंगी नीचे हाल में चली गई और टीवी पर देखा कि कोरोना के केस बढ़ने के चलते सरकार ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है.
21 दिन के लिए सभी राज्यों की सीमाएं बंद कर दी गई.
अब हम जयपुर नहीं जा सकते थे.
यह खबर सुनते ही हम दोनों खुश हुए और एक दूसरे को चूमने लगे.
और 21 दिन साथ रहने की खुशी में आदित्य ने मुझे फिर से चोद दिया.
कोरोना से बचने के लिए घर वालों की कहने पर हम अपने फार्म हाउस चले गए और वहां भी ढेर सारी मस्ती की.
उसके बारे में आपको अगली कहानी में बताऊंगी.
शायद ही घर की कोई ऐसी जगह होगी जहाँ आदित्य ने मुझे चोदा ना हो! चाची की फुल चुदाई हुई.
फिर चाहे वह कोटा का फ्लैट हो या ग्वालियर का हमारा अपना घर!
पूरे चार महीनों तक हम एक दूसरे के साथ थे.
उन चार महीनों में आदित्य ने लगभग हर रोज अलग अलग तरीके से मेरी चुदाई की.
वे चार महीने मेरी जिंदगी के सबसे हसीन पल थे.
लगातार चुदाई की वजह से मेरे शरीर में बदल होने लगे, मेरी गांड और ज्यादा बाहर निकल आई और स्तन भी बड़े हो गए जिसकी वजह से मैं और सेक्सी लगने लगी.
अपने भतीजे का लंड पाकर मैं धन्य हो गई.
अब हम जब भी मिलते हैं तो कैसे भी करके चुदाई का जुगाड़ कर ही लेते हैं.
तो दोस्तो, यह थी चाची की फुल चुदाई की कहानी!
नीचे दिए गए मेल पर अपने राय अवश्य लिखें.
धन्यवाद.
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