चाची की चूत का दर्द और सिसकारियां

(Chachi Ki Chut Ka Dard Aur Siskariyan)

अंशुल मथुत 2018-11-26 Comments

नमस्कार दोस्तो, यह मेरी पहली धमाकेदार सच्ची कहानी है जिसे मैं खुद अगर याद करूं तो लंड फूल जाता है, हाथ खुद व खुद चड्डी में घुस जाता है और पजामा ऊपर सरक जाता है.

ज्यादा वक्त खराब न करते हुए में बताना चाहूंगा कि मेरा नाम सोनू है और आगरा का रहने वाला हूं। मेरा लंड 8 इंच का है और उम्र 18 साल, मैं गोरा चिट्ठा गबरू जवान जिस पर कई लड़कियां मरती हैं. मगर मैं तो अपनी चाची पर फिदा हूँ। आहा क्या मजा आता है सोचते हुए ही … लंड खड़ा हो गया। फिगर तो ऐसा की दूध खरबूजे हों, कमर ऐसी की ‘हो ही ना…’ और गांड ऐसी कि चार हाथों में भी ना आये!
सम्हाल के दोस्तो … कहीं तुम्हारी चूत गीली और लंड फट ना जाये!

चाची का गोरा बदन, नशीली आंखें, कुदरत की ऐसी कारिस्तानी है वो कि नपुंसक का भी लंड खड़ा होकर सलामी देने लगे।
मेरी चाची के दो बच्चे हैं, एक 3 साल का और एक 1 साल की!

चलो दोस्तो, एक हाथ मोबाइल पर हो और दूसरा अपनी चड्डी में!

बात करवाचौथ के एक दिन पहले की है, क्या बताऊँ दोस्तों क्या हुआ मेरे साथ … करवाचौथ के बाद दीवाली भी आने वाली थी त मैं अपनी परी (चाची) के घर पर ही था उनकी मदद के लिए। चाचा गाँव गए हुए थे दादाजी को लाने। तो घर पर में, चाची और बेटी ही थे क्योंकि मैं चाची के तीन साल के लड़के को अपने घर छोड़कर आया था ताकि वो परेशान न करे।

हाँ तो दोस्तो सुनो … उस दिन चाची ने मैक्सी पहन रखी थी और ऊपर से उनके दूध तो ऐसे बाहर आना चाह रहे थे जैसे कि जबरदस्ती बंद करके रखें हों! क़रीब आधे से ज्यादा बाहर ही थे मेरा तो क़ुतुब मीनार सलामी दी रहा था उस वक़्त।
आपको बता दूं कि मैं और मेरी चाची काफी फ्रैंक रहा करते थे। तो मैंने उनके साथ काम करवा दिया था सुबह 7 बजे से 11:30 तक … काम हो गया था, फिर चाची ने थैंक यू बोलकर मुझे चाय पिलाई।

फिर चाची नहाने चली गयी और मैं उनकी बेटी को खिला रहा था, वो जग रही थी। मेरे मन में कहीं भी ऐसा विचार नहीं था कि चाची की चूत मारूं।
चाची नहा कर आ गयी कुछ देर बाद और वहीं आलती पालथी मारकर बैठ गयी दूसरी मैक्सी में और बेटी को ले लिया.

तब तो भेनचो … मेरी आँखें फट गई जब मैंने देखा कि चाची के आँखों में पानी आ गया है बाल गीले होने के कारण … तो उन्होंने अपनी मैक्सी उठाकर अपनी आंखें पौंछी तो उनकी लाल चड्डी मेरे सामने थी और पूरी नंगी टांगें … वाह … क्या किस्मत थी मेरी!
और मैं तो घूर ही रहा था कि उन्होंने मुझे देख लिया और झट से अपनी चूत ढक ली … और अपनी बेटी को दूध पिलाने लगीं. तो मैं उठ ही रहा था तो उन्होंने मुझसे कहा- सोनू, ज़रा निशा को बुला ला!
चाची की पड़ोसन निशा को मैं बुलाकर दुकान पर चल गया और उनकी चूत का दृश्य सोचने लगा। मैं लौट कर आया तो निशा दीदी जा चुकी थी। उन्हें चाची ने मेहंदी लगाने के लिए बुलाया था दोनों हाथों में।
तो मैं वहीं बैठ गया और उनकी बेटी भी सो गई थी।

मैं मोबाइल चला रहा था तो तभी अचनाक वो हुआ जो लंड खड़ा कर दे।
चाची लेटी हुई थी और पता नही क्यों … वो मदहोश कर देने वाली सिसकारियां लेने लगीं और बेड पर लेटे लेते ही हिलने लगीं। मेरा तो लंड पाजामे से बाहर आने वाला ही था। उनकी आवाज़ें तेज होने लगीं- ह्म्म्म ममम सोऊनन्ननन आह अआआआह आह!
चाची की सांसें तेज होने लगी और मेरी धड़कनें भी … पर वो बड़ी बेचारी लग रही थी मानो बेबस हों!

मैं देख रहा था कि वो अपना शरीर उठा उठाकर पटक रहीं थी, उनके दूध बाहर निकलते ही जा रहे थे।
पर मैं डर हुआ था कि हुआ क्या ह उनको।
यही सोचते सोचते धड़ाम से उनके दोनों दूध बाहर आ टपके. मेरी तो फट गयी भेनचो क्या करूं क्या न करूं?
चाची की आंखों से आंसू निकल गए। वो चिल्लाती जा रही थी दर्द से और अपनी चूत को बार बार उठा रहीं थी, अपनी टाँगों को बुरी तरह रगड़ रही थीं।

सोचो दोस्तो … आपके सामने ये हो रहा हो?

चाची के दूध हिल रहे थे और उन्हीं के मुंह पर पड़ रहे थे।
मैं तो पागल हो गया था यह नजारा देख कर … चाची बहुत गर्म हो चुकी थी। मैंने उनका चेहरा पकड़ा और कहा- क्या हुआ चाची?
वो तो सिसकारियां लिये जा रही थी और चिल्लाये जा रही थी।

नज़ारा तो ऐसा था कि कोई 10 इंच मोटा लंड चाची की चूत में हो।

मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उन्होंने अपनी चूत की तरफ इशारा करते हुए दर्द भरी आवाज में कहा- खोलो।
तो मैं तो चौंक गया। वो अपने हाथों को हिला भी नहीं रही थी चाहते हुए भी।

मैंने उनकी मैक्सी खोली तो उनसे ज्यादा मेरी गांड फट रही थी।

यहां से मेरी पहली चुदाई की दास्तां शुरू हुई।

मैंने उनकी नीली चड्डी के ऊपर से हाथ फेरा तो वह सहम उठी। मैंने चड्डी उतारी तो मुझे विश्वास नहीं हुआ जो मैंने देखा।
बहनचो … झांटों में एक लाल चींटी चिपकी हुई थी।

मेरी तो ऐसी तैसी हो गयी देख कर … और मैं समझ गया क्या हुआ था।

चाची तो अभी भी इतनी दर्द में थी कि कुछ चाहकर भी कह न पायी। तो मैंने सीधे उनकी झांटों में अपनी उंगली पेल दी और चींटी को हटा कर फेंक दिया.
पर चाची दर्द में थी और चिल्लाये जा रही थी।

तो मैंने कुछ न सोचते हुए सीधे उनकी चूत चाटने लगा और बेरहमी से चाटते हुए उनके मुंह पर हाथ रख दिया और चुप कराने की कोशिश की।
वो तो सहम उठी और हिलने लगी।

मैंने फिर उनके दूध दबाए जो कि हाथ में आ ही नहीं रहे थे।
उफ्फ … वो मजा चूत चाटते चाटते काटने का।

चाची की चूत सख्त हो चुकी थी और दूध भी। उनका दर्द कम होने के बाद मैंने उनके दूध चाटे चूसे … इतने मुलायम की मखमल जैसे हों। फिर उनके लबों पर अपने होंठ रख दिये। इतनी देर में चाची झड़ चुकी थीं।

फिर मैंने कहा- मुझे माफ़ कर दो चाची! ये सब अनजाने में हुआ.
और मैं चाची को किस करके जाने लगा तो उन्होंने कहा- ओये मादरचोद … रुक भोसडी के … चूत चाट के मर्द बन रहा है? अभी तो मैं दर्द में थी. तूने अभी जंगलीपन देखा कहाँ है. इधर आ और निकाल अपना लंड। अभी तूने मेरा देखा ही क्या है।

मैं डर गया और चुपचाप उनके पास खड़ा हो गया. उनके हाथ में मेहंदी लगी थी, तो बोली- अब क्या घूरता रहेगा या मिलवाएगा अपने लंड से?
मैंने अपना लंड निकाल कर उनके मुंह में दे दिया, उनके मुंह में पूरा ही नहीं आया।
पर मैं उनके मुंह की चुदाई करने लगा … मैं झड़ गया उन्हीं के मुंह में।

फिर चाची ने अपने कपड़े उतरवाए। चाची का पूरा नंगा शरीर तो ऐसा था कि समझ नही आ रहा था क्या देखूँ। माँ चोद दी मेरे दिमाग की नंगी चाची ने!

मानी चाची को कहा- लेटो!
तो वो टांगें फैला कर लेट गयीं और उनकी उभरी हुई चूत तो मस्त थी यारों!
मैंने चाची की चूत पर लंड रखा तो वो डर गयीं की आज तो उनकी चूत गयी।

मैंने हल्का धक्का मारा तो कुछ नहीं हुआ। उन्होंने होंठ दबा लिए। मैंने जोश जोश में गांड तक का दम लगा दिया और पूरा लंड एक ही बार में पल दिया।
उनकी आवाज तो ऐसे आयी कि किसी ने कान पर खड़े होकर चिल्ला दिया हो।
उनके आंसू निकल गए, वो बोली- साले आखिरी बार नहीं चुद रही हूं, आगे भी तो मुझे तुझसे चुदना है. बाहर निकाल अपने हथौड़े को!

मगर मैं तो हवस का पुजारी बन गया था उस वक़्त और चोदता गया चोदता गया अपनी चाची को!
वो चिल्ललाने लगी- बस्सस्स … रुकक … हहहह …. हूहूहूह मम्मम मम्मी ईई!
मैं रुकने वाला नहीं था और 15 मिनट के बाद मैं झड़ गया।

और फिर भी मैं रुका नहीं … मैं चाची को प्यार करता रहा, चूमता रहा. आधे घण्टे चुम्मा चाटी के बाद मैं चाची की बड़ी और मुलायम गांड पर पहुँच गया और उसे चूमने चाटने लगा. चाची मेरी मंशा समझा गयी और बोली- नहीं सोनू … गांड नहीं!
पर मेरा तो मन था चाची की गांड मारने का … मैंने उनको उल्टा लिटा दिया और लंड टिका दिया उनकी गांड में।

इतना तो चाची चूत चुदाई में भी नहीं डरी थीं। मैंने चाची की गांड चोदने से पहले उनके चूतड़ों पर जोरदार 4-5 तमाचे जड़ दिए और वो बहुत जोशीली हो गयी फिर मैंने मस्त गांड चुदाई करी।

बाद में दो बार और चोदा उसी दिन। मुझे 8 बज गए वहां से निकलते निकलते। अब तो मैं जब चाहे तब चाची की चूत और गांड चुदाई कर लेता हूँ. चाची ने कभी मना नहीं किया!

दोस्तो, और भी कई किस्से हैं मेरे और मेरी चाची के साथ। वैसे चाची का नाम सुनीता है।
उम्मीद है लड़कियों की चूत गीली हो गयी होगी और लड़कों का लंड पूरा तैयार होगा चुदाई के लिए!
आप सभी के ईमेल का मुझे इंतजार रहेगा।
[email protected]

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