घर आई बुआ के साथ मजेदार चुदाई

(Bua Ki Desi Bur Chudai)

राहुल 12 2024-05-27 Comments

बुआ की देसी बुर चुदाई कहानी में रिश्ते में लगती एक बुआ मेरे घर आई कुछ दिन के लिए. हम दोनों अकेले थे. मैं बुआ को चोदना चाहता था. मैंने कोशिश की तो …

मैं आपको इस कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी जवान और गर्म बुआ को शादी के पहले चोदा और उनको शादी के बाद बच्चे का भी सुख दिया।

दोस्तो, सभी लंड चूत को मेरा सलाम!

मेरा नाम राहुल है।
मेरी उम्र 23 साल है।
मैं दिल्ली में रहता हूँ।

यह मेरी पहली कहानी है।
अगर कोई गलती हो तो माफ़ कर देना।

मेरे पिता जी की मौसी की 2 लड़कियाँ हैं। वे मेरी बुआ लगी रिश्ते में!
मौसी की बड़ी लड़की की शादी हमारे घर के पास ही हुई है और उनकी एक बच्ची है।

मौसी की जो छोटी लड़की है उनकी शादी अभी-अभी हुई है।
यही छोटी लड़की इस कहानी की नायिका है।
इनका नाम कोमल है।

अब मैं सीधे बुआ की देसी बुर चुदाई कहानी पर आता हूँ।

यह उस समय की बात है जब मैं बारहवीं कक्षा में था।
उस दौरान मैं अपने माता-पिता के साथ घर पर रहता था।

बड़ी वाली बुआ मतलब मेरे पापा की मौसी की बड़ी बेटी हमारे घर आती-जाती रहती थीं।
लेकिन कोमल बुआ कभी नहीं आती थीं तो मैं भी उनके घर नहीं जाता था।

एक बार की बात है, वे अपने पिता जी के साथ हमारे घर आई हुई थीं।

मैं तो उन्हें देख कर हैरान रह गया। मैं उनकी सुंदरता से अनजान था।
उनके बड़े-बड़े स्तनों और बड़े-बड़े नितंबों ने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया था।

वे लोग आए और बैठे तब पता चला कि बुआ के घर सभी लोग कहीं बाहर जा रहे हैं इसलिए कोमल बुआ एक सप्ताह के लिए हमारे साथ रहने वाली हैं।

यह जानकर मुझे बहुत खुशी हुई।
पहले दिन तो हमारी कोई बात नहीं हुई और रात में हम सब बाहर ही सो गए थे।

ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।
अगले दिन मेरे पापा ने हमें बताया कि घर के सभी‌ लोग गाँव में एक शादी में शरीक होने के लिए कल गाँव जाने वाले हैं।
बुआ ने जाने से मना कर दिया तो मैं भी उनके साथ रुक गया।

मैं और बुआ सारा दिन घर पर अकेले थे।
पर मेरे में हिम्मत नहीं हुई कि मैं उनके साथ मैं कुछ करुँ।

हमने पूरा दिन बातें करते हुए बिताया।
मैं बहुत निराश था कि मैं उनके साथ कुछ नहीं कर पाया।
हालाँकि, रात में मेरी क़िस्मत खुली और बुआ मेरे पास वाली पलंग पर आकर लेट गई।

मैं बहुत ही खुश था।
मैंने तो सोच लिया था कि आज कुछ न कुछ ज़रूर करके रहूँगा।

हमने रात में खूब बातें की।
थोड़ी देर बाद बुआ को नींद आने लगी तो वे सो गई।
फिर मैं भी सो गया।

करीब रात के 12 बजे मेरी आंखें खुली।
मैंने बुआ को देखा तो उनके मम्में बहुत सेक्सी लग रहे थे।

बुआ गहरी नींद में सो रही थी तो मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना एक हाथ उनके एक चूची पर रख दिया।
मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं बुआ जाग गई तो?

फिर भी थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत करके उनकी एक चूची को दबाने लगा।

2-3 मिनट बाद ऐसा लगा कि वो जाग गई।
मैं रुक गया, डर के कारण मेरे पसीने छूट गए और गांड भी फट गई।

लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला बस मेरे हाथ पर अपना एक हाथ रख दिया।

मैंने हिम्मत करके उनके चूची को फिर से दबाने लगा।
मुझे पता चल गया था कि बुआ को भी मज़ा आ रहा है।

थोड़ी देर बाद उन्होंने अपनी आंखें खोली और मेरी ओर देखा।
बुआ बोलीं- तुम्हें पता है? मैं तुम्हारी बुआ हूँ। यह क्या कर रहे हो?

मैंने भी हिम्मत करके बोल दिया- आप स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा हो! मैं कैसे खुद पे नियंत्रण करूँ?
बुआ- अच्छा यह बात है।
इतना कहते ही वो मेरे पास आ गई और मैंने उनके होंठों से अपने होंठ मिला लिए।

क्या अहसास था वह!
बुआ पूरा मेरा साथ दे रही थी जैसे कि वे मुझे खा जाएंगी!

मेरा लंड पूरे उफान पर था।
मैं उनके होंठों को चूमते हुए अपने हाथों से उनके मम्मों को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा।
वे और भी गर्म होती गई।

फिर मैंने अपना हाथ उनके पेट से लेते हुए उनकी चूत तक ले गया।
चूत पूरी गीली हो चुकी थी।

मैंने उनकी चूत के अंदर अपनी उंगली डालनी शुरू कर दी।
बुआ मेरे से कस के लिपट गई और मजे लेने लगी।
बुआ सिसकारियाँ लेने लगी- आह, ओ, आह! मैं मर गई! राहुल तुम पहले कहाँ थे?

हम दोनों भूल गए थे कि अभी सब लोग घर में ही हैं।

बुआ ने मेरा लंड ज़ोर से पकड़ रखा था और हिला रही थी।
इधर मेरी उंगलियों ने बुआ की चूत से पानी निकाल दिया।

बुआ थोड़ा होश में आई और वे कहने लगी- यह सही जगह नहीं है राहुल!
मैंने उन्हें चूमते हुए कहा- मालूम है जान! कल सारा दिन हमारा होगा, तुमने शादी में जाने से मना कर ही दिया है।

हमने एक दूसरे के होंठों को चूमना शुरू कर दिया।
10 मिनट चूमने के बाद बुआ सो गई.

लेकिन मुझे कहाँ नींद आने वाली थी।
मैंने मुठ मारी और बुआ के हाथ के ऊपर अपना सारा वीर्य छोड़ दिया और सो गया।

सुबह करीब 8 बजे मैं उठा।

कुछ देर बाद बुआ चाय लेकर आई और बोली- सब लोग जाने ही वाले हैं। तुम बाहर से अपना सामान ले आना।
मैं समझ गया कि बुआ कॉण्डम की बात कर रही है।

जब सभी लोग गाँव के लिए चले गए तब मैं बाज़ार से कॉण्डम लाने चला गया।

जैसे ही मैं अंदर आया तो देखा कि बुआ अभी-अभी नहा कर बाहर निकली है।
मैं उनके पीछे से जाकर उन्हें ज़ोर से पकड़ लिया और गर्दन को चूमने लगा।

बुआ- सब्र करो मेरी जान! सारा दिन हमारा है।
मैं- सब्र ही तो नहीं है जान!

बुआ- हम कल भी तो अकेले थे, तब तो तुम कुछ नहीं बोले?
मैं– क्या करता बुआ आपसे डर भी लग रहा था नहीं तो चोद तो आपको पहले दिन ही देता।

बुआ– अच्छा, इतनी जल्दी है। मैंने जब तुम्हें देखा था तब तुम बहुत भोले लगे रहे थे लेकिन तुम तो बहुत बड़े वाले हरामी हो।

इतना कहते ही मैंने उनके होंठ पकड़ लिए और उन्हें चूमने लगा।
वे भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं।

मैंने धीरे-धीरे बुआ के सारे कपड़े उतार दिए और हर जगह उन्हें चूमने लगा।
बुआ गर्म हो चुकी थी, मैंने उनको पलंग पर लिटाया और उनके पेट और मम्मों पर चुम्बन करने लगा।

तब बुआ बोली- जल्दी कर राहुल प्लीज … मैं मर जाऊंगी! कर ले आज अपने मन की … आज मैं बस तेरी हूँ।

मैं उनकी चूत पर किस करने लगा।
क्या चूत थी यार … एकदम नमकीन!

जैसे ही मैंने उनकी चूत पर मुंह रखा, बुआ उत्तेजित होने लगी।
वे कहने लगी– अअह्ह … राहुल मैं तेरी हूँ! चाट राहुल चाट! खा जा इस चूत को! साली बहुत परेशान करती है। अअह्ह … मर गई! अब और नहीं रुका जाता! फाड़ दे इसको मेरी जान!

करीब 5 मिनट बाद बुआ का पानी निकल आया।
मैंने सारा उनका रस पी लिया।

तब बुआ कहने लगी– प्लीज राहुल लंड डाल दे। बुझा दे मेरी प्यास को!

बुआ की चूत देख के लगता था बस एक दो बार से क्या होगा?
फिर मैं बोला- बुआ, अब मुझे भी मज़ा दो!

मैंने अपना लंड निकाल के उनके मुंह के पास कर किया।
पहले तो वे मना करने लगी पर मेरे ज़ोर डालने पर मान गई और मेरा लिंग लौलीपॉप की तरह चूसने लगी।
क्या मज़ा आ रहा था यार!

मैं- जान चूसो … बहुत मज़ा आ रहा है। आज से तू मेरी रण्डी है।
बुआ और ज़ोर से चूसने लगी।

फिर वे थक गई और कहने लगी– अब मेरी जान निकल रही है। प्लीज डाल दो लंड और फाड़ दो मेरी चूत को!

मैंने उनकी चूत पर थूक लगाया और टांगें उठा ली।
मैं उनके चूत के ऊपर ही लंड रगड़ने लगा।
वे मछली की तरह तड़पने लगी और कहने लगी- अअह … हाँ डाल दो ना जान … क्यों तड़पा रहे हो?

इतना सुनते ही मैंने अपना लंड आधा अन्दर घुसा दिया।
उनकी आंखें बाहर आ गई।
वे कहने लगी– निकालो प्लीज, मैं मर जाऊंगी!

मैंने एक न सुनी और पूरा लंड अंदर पेल दिया।
मैं उनके मुंह को बंद करने के लिए उनके होंठों को चूमना शुरु कर दिया।

थोड़ी देर बाद जब माहौल शांत हुआ और बुआ गांड उठाने लगी तब मैं समझ गया कि बुआ को मजा आना शुरु हो गया है.
तो मैंने पेलना शुरू कर दिया।

बुआ ज़ोर–जोर से गाली देने लगी– बहनचोद फाड़ दे! अअह्ह … मेरे राजा और तेज़ बहुत मज़ा आ रहा है। मैं तेरी हूँ। इह्ह उच्च … और तेज़ हरामी ओर ज़ोर से!

मैंने और ज़ोर से चूत को पेलना शुरू कर दिया.

पूरे 15 मिनट तक हमारा सेक्स चला।

इतनी देर में बुआ का 1 बार पानी निकल चुका था।
मेरा भी निकलने वाला था।

मैंने पूछा– कहाँ निकालना है बहन की लौड़ी?
बुआ ने जवाब दिया– बहन के लौड़े, चूत में निकाल दे और अब बस कर … मैं मर जाऊंगी।

पांच मिनट बाद मेरा रस निकल गया।
इस चुदाई से बुआ बहुत खुश थी।

हमने उस दिन 4 बार बुआ की देसी बुर चुदाई की, फिर दोनों सो गए।

शाम को देखा तो बुआ से ठीक चला भी नहीं जा रहा था।
मैंने शाम को दवाई ला के दी।

उस दिन के बाद बुआ 2 दिन और रुकी पर हम सेक्स तो नहीं कर पाए लेकिन रोज़ चूमा चाटी हो जाती थी।

उसके बाद बुआ चली गई तो हमारी फ़ोन पर बात होने लगी।

बुआ की शादी तक हम दोनों एक दूसरे से नहीं मिल पाए।

शादी के बाद हमने फिर से सेक्स शुरू कर दिया क्योंकि पता चला कि उनका पति नामर्द है।
कई बार बुआ के घर जाकर भी सेक्स किया और उन्हें बच्चे का सुख दिया।

कैसे मैंने बुआ के घर जाकर शादी के बाद उनके साथ सेक्स किया और कैसे बुआ ने अपनी सहेली को भी मेरे से चुदवा दिया।
यह मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा।

बुआ की देसी बुर चुदाई कहानी कैसी लगी जरूर मुझे बताएं?
धन्यवाद!
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top