पापा मम्मी की दूसरी सुहागरात -6
मम्मी की बातों को सुनकर मैं अचम्भे में पड़ गया कि हमेशा इतनी सभ्य और शालीनता से रहने वाली मेरी मम्मी आज फ़ूहड़ भाषा का इस्तेमाल कर रही थी पर शायद मज़े और उत्तेजना की लिए।
छिप कर या अनजाने में किसी नर नारी को सेक्स, चूत चुदाई, प्रेमालाप करते देखने की कहानियाँ
Chhip kar kisi ko sex karte dekhne ki kahaniyan
Antarvasna Voyeur stories – Sometimes it is more pleasing to see it then do it!
मम्मी की बातों को सुनकर मैं अचम्भे में पड़ गया कि हमेशा इतनी सभ्य और शालीनता से रहने वाली मेरी मम्मी आज फ़ूहड़ भाषा का इस्तेमाल कर रही थी पर शायद मज़े और उत्तेजना की लिए।
पापा का हाथ मम्मी की कमर से होता हुआ उनके पेटीकोट पर जा टिका, पापा ने एक झटके में ही मम्मी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और मम्मी से बोले- सुरभि, थोड़ा कमर उठा ना!
अब पापा ने फिर से मम्मी के गालों को, कभी कोमल अधरों को, कभी उरोजों की घाटी, कभी मम्मी की नरम बाँहों को चूमना चूसना शुरु कर दिया। मम्मी भी अब पापा के सुर सुर मिला रही थी और उनका पूरा साथ दे रही थी, कभी वो पापा के गालों को पुचकारती, तो कभी उनके माथे को चूम लेती।
जहाँ पापा मम्मी के गुलाबी अधरों का रस पान कर रहे थे, वहीं मम्मी पापा के मुँह का रस पी रही थी और रोमाँच के कारण उनके मुँह से केवल उम्म... उम्ह... उम्ह की सिसकारी रूपी आवाजें निकल रही थी। अब पापा के हाथ मम्मी के ब्लाउज पर आ गए, पापा अपने हाथ मम्मी के उरोजों पर ब्लाउज के ऊपर से ही फिराने लगे।
मुझे मम्मी पापा की उस रात की बात याद थी कि वो दोनों इस बार अकेले और सुहागरात वाली रात की तरह सेक्स करना चाहते हैं। मैं पापा मम्मी को उनकी दूसरी सुहागरात मनाने और उन लोगो को उसका पूरा आनंन्द लेने का मौका देना चाहता था और उन्हें सुहागरात मनाते देखना चाहता था।
मम्मी पापा और मैं एक ही बेडरूम में सोते थे तो जब भी पापा मम्मी की चुदाई की कोशिश करते तो मम्मी कभी मेरे जाग जाने तो कभी बिना कंडोम के गर्भ ठहरने के डर से चुदाने से मना कर देती थी , मैं यह सब देखता था.
'वाउ.. गुरूजी और रत्ना मैडम.. हम सोच रहे.. आप कहाँ रह गए हो.. और इधर आप दोनों तो यहाँ जंगल में नंगा दंगल कर रहे हो।' सब लोग हमें चुदाई में मस्त और व्यस्त देख कर ताली बजाने में लग गए और मुझे शर्म आ गई, मैंने अपनी गर्दन नीचे कर ली।
मैं और मेरी सहेली एक स्कूल में पढ़ाती थी। प्रिंसीपल की नजर मेरे ऊपर थी, मेरी सहेली भी कहती थी कि प्रिंसीपल मुझे घूरता है। आखिर एक दिन मैं उसके हत्थे चढ़ ही गई!
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जुबैदा और अमित को लव मेकिंग यानि चूत चुदाई करते देख मैं खुद पर काबू नहीं रख पाई। ऐसा लग रहा था कि बस इस आग को कोई बुझा दे। खुद-ब-खुद मेरे हाथ मेरी उस जगह पर पहुँच गए
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मैं अपनी बीवी को गैर मर्द से चुदते देखना चाहता था. एक बार मैं आधी रात को घर पहुंचा तो एक ऑडी गाड़ी मेरे घर के नीचे खड़ी थी. मैंने दूसरी चाबी से दरवाजा खोला तो
एक बार कामरीश राजा के राज्य भूमि में ऐसी महिला का आगमन हुआ.. जिसकी चूत में हमेशा आग लगी रहती थी। उसकी सदैव एक ही इच्छा रहती थी कि उसकी चूत में दिन-रात मोटा और तगड़ा लंड डला रहे..
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एक दिन मैं स्कूल से जल्दी घर आ गई तो देखा कि मम्मी के कमरे का दरवाजा बंद था... मैं दरवाजा खोलने पास गई तो अंदर से आह आह... की आवाजें सुन कर ठिठक गई... उत्सुकतावश मैंने खिड़की से अन्दर झाँका.. तो मम्मी और पापा के एक दोस्त... कहानी पढ़ कर मज़ा लें !
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मेरी मम्मी एकदम माल दिखती थी. पड़ोस में एक अंकल रहते थे, माँ अक्सर दोपहर में उनके यहाँ चली जाती थी... मैं भी जाता था और अंकल की बेटी पिंकी संग खेलता था... लेकिन पिंकी भी कुछ कम नहीं थी, वो अपने बड़े भाई से चुदवाती थी... एक दिन पिंकी और उसके भाई ने मुझे मेरी माँ की गांड चुदाई दिखाई.. कहानी पढ़ कर देखिये…
मेरी मम्मी दिखने में एकदम माल दिखती थी, पड़ोसी मम्मी को लाइन मारते थे, मम्मी जान बूझकर नाभि से नीचे साड़ी पहनती थी... मैं छोटा था, हमारे पड़ोस में एक अंकल रहते थे, माँ अक्सर दोपहर में उनके यहाँ चली जाती थी... कहानी पढ़ कर देखिये…