चूत एक पहेली -28
अर्जुन की बात सुन कर मुनिया का चेहरा शर्म से लाल हो गया.. ना चाहते हुए भी उसकी नज़र अर्जुन की पैन्ट पर उस जगह टिक गई.. जहाँ उसका लंड था और वो आँखों से मुआयना करने लगी कि अर्जुन का लौड़ा कितना बड़ा होगा..
जवान लड़की को प्रेम प्यार के चक्कर में फांस कर सेक्स का मजा लेने या अपनी अन्तर्वासना शांत करने के लिए चूत चुदवाने वाली कहानियाँ हिंदी में
jwan Ladki Ko Prem Pyar ke chakkar me fans kar sex ka maja lene ya apni antarvasna shant karne ke liye bur chudvane vali kahaniyan
Indian Sex stories of teen girls and Boys
अर्जुन की बात सुन कर मुनिया का चेहरा शर्म से लाल हो गया.. ना चाहते हुए भी उसकी नज़र अर्जुन की पैन्ट पर उस जगह टिक गई.. जहाँ उसका लंड था और वो आँखों से मुआयना करने लगी कि अर्जुन का लौड़ा कितना बड़ा होगा..
पायल के साथ टोनी ने अपने गुण्डों से छेड़खानी करवाई उर खुद उसे बचाने आया। फ़िर उसे बता कर कि उसके भाई दोस्त हैं टोनी पायल को घर छोड़ने आया।
गर्ल्स हॉस्टल में भी सुबह से गहमा-गहमी थी.. आज कुछ और लड़कियाँ अपने घर जा रही थीं.. जिनमें पूजा और पायल भी शामिल थीं। पूजा- अरे पायल, तू अकेली जाएगी या कोई लेने के लिए आएगा? पायल- नहीं यार.. मैंने बताया था ना.. मैं रिक्शा लेकर चली जाऊँगी..
अब तक आपने पढ़ा.. अब मेरा सुपाड़ा उसकी उँगलियों से छिप गया था। फिर उसने एक हाथ की मुट्ठी में लण्ड को पकड़ लिया और मोटाई का अंदाजा लगाने लगी। उसने विस्मय से मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा दी। ‘क्या हुआ.. तू कर क्या रही है..?’ मैंने अधीर होकर पूछा। अब आगे.. ‘नाप रही आपका.. […]
मेरे पापा मुझे और मेरे पड़ोसी लड़के को शहर से पेपर दिला कर गाँव वापिस आ रहे थे बाइक पर.. वो लड़का मेरा यार था. मैं बीच में, वो मेरे पीछे बैठा था, मुझे छेड़ने लगा.
अब तक आपने पढ़ा.. मैं बाथरूम में जाकर बाथरूम का दरवाजा अन्दर से बंद कर बैठी रही। लगभग 15 मिनट अन्दर बैठने के बाद जैसे ही मैं बाहर आई.. अंकल दरवाजे पर ही खड़े थे। उन्होंने मुझे पकड़ कर फिर अन्दर खींच लिया। वैसे मैं आपको बता दूँ मेरी हाइट 5.5 फीट है और उस […]
मैं आरती के कमरे में जाकर पलंग पर पैर नीचे लटका कर बैठ गया, आरती भी कमरे में आ गई और पलंग के पास आकर खड़ी हो गई। मैंने उसकी कमर में हाथ डाल उसके नितम्बों को सहलाता हुआ उसे अपनी गोद में बैठा लिया। वो मेरी तरफ मुँह करके बैठी थी.. उसकी मांसल जांघें मेरी जाँघों पर चढ़ी हुई थीं।
यह बात है मेरी पहली चुदाई की, मेरी कुंवारी चूत की सील पड़ोस के अंकल ने खोली. आंटी को नौवां महीना चल रहा था, अंकल नाईट ड्यूटी पे थे. मैं आंटी के पास सोती थी.
पुनीत और रॉनी मुनिया को उसकी माँ के पास छोड़ कर कुछ पैसे दे कर चले गए, उन्हें जल्दी घर पहुँचना है। गाँव के एक लड़के ने मुनिया को उन दोनों के साथ देख लिया और…
आठ बजे मैं आरती के घर पहुँच गया। उसने गुलाबी रंग की बिना बाँहों वाली सिल्क की नाइटी पहन रखी थी जो सामने से खुलती थी। गीले से बालों का जूड़ा बांध रखा था.. लगता था कि अभी नहाई थी.. नाइटी पारदर्शी तो नहीं थी लेकिन उसमें से उसके मम्मों के साथ साथ घुंडियों का उभार साफ़ दिख रहा था.. लगता था जैसे उसने नीचे कुछ नहीं पहन रखा था।
मेरी जान तेरी गाण्ड की सील खुल जाने दे.. उसके बाद तू खुद दोनों को एक साथ बुलाएगी.. क्योंकि तुझे आगे और पीछे एक साथ मज़ा मिलेगा और हो सकता है तीसरा भी माँग ले.. मुँह के लिए हा हा हा हा..
आरती के शीलभंग की स्मृति मानसपटल पर धारण किये मैं घर पहुँचा और यथाशीघ्र आरती के घर पहुँच गया. उससे मिल कर उसे खुश देख कर जो आत्मसन्तुष्टि मुझे मिली, बता नहीं सकता!
रिश्तेदारी में एक लड़की से काफी साल बाद मिला तो वो माल बन चुकी थी. बातचीत से लगा कि वो चालू है.. फोन पर बातें होने लगी और एक दिन मैंने उसकी चूत की खुशबू ले ही ली !
बाज़ार में घूमते वक्त मेरे टूअर की दो लड़कियाँ मेरे पास आई और कहने लगी- सोमू यार तुम तो आजकल कॉलेज में छाए हुए हो.. जल्दी ही उन दोनों ने अपनी चूत चुदाई की मंशा जाहिर कर दी.
एक गाँव के एक कार्यक्रम में मैंने मंच संचालन किया और एक पहचान वाले कार्यकर्ता को कहा कि मैं उसके घर सोऊँगा. मैं देर से पहुंचा तो सभी सोये हुए थे. मेरे भाग्य में क्या था वहाँ?
डबल बेड पर साथ सोते हुये मैन दिव्या के बदन के मज़े लेने लगा तो उसकी अन्तर्वासना भी जाग गई, चूमाचाटी का मज़ा लेने लगी। उसके बाद पहले मैंने गान्ड मारी फ़िर उसकी चूत चुदाई की!
हमारे पड़ोस में एक बड़ी ही मादक लड़की दिव्या रहती है, उसके हिलते हुए चूतड़ों को देख कर तो मेरा दिल करता था कि उसको जाकर पीछे से ही पकड़ कर उसकी गाण्ड में अपना लंड डाल कर अच्छी तरह से चोद दूँ..
मैंने एक दोस्त से पैसे लेने थे, वो दे नहीं रहा था. उसकी बहन बहुत सेक्सी थी. वो काबू नहीं आ रही थी. एक दिन मैं उसके घर गया तो वो काबू आई लेकिन दोस्त आ गया! उसके बाद क्या हुआ इस कहानी में पढ़ें !
जेठ की उस तपती दुपहरी में चारों ओर सन्नाटा पसरा था.. दूर-दूर तक कोई नहीं था। मैंने जी कड़ा करके अपने लण्ड को जरा सा पीछे खींचा और दांत भींच कर.. पूरी ताकत और बेरहमी से आरती की कमसिन कुंवारी चूत में धकेल दिया।
दिन भर घूमने के बाद शाम को कमरे में आये तो पूनम आ गई, उसे खुश किया और जेनी के बारे में बता कर रात कार्यक्रम का तय किया. रात को जेनी का नम्बर पहले लगा.