मैं जवान प्यासी लड़की -5
अंकल ने भी मुझे खूब ज़ोर से अपने से भींच लिया और मेरी कमर और मेरे चूतड़ों पर अपने भारी हाथ फेरने लगे। मैं पहली बार किसी मर्द के इतना क़रीब उस के बाजुओं में सिमटी हुई झड़ी थी।
जवान लड़की को प्रेम प्यार के चक्कर में फांस कर सेक्स का मजा लेने या अपनी अन्तर्वासना शांत करने के लिए चूत चुदवाने वाली कहानियाँ हिंदी में
jwan Ladki Ko Prem Pyar ke chakkar me fans kar sex ka maja lene ya apni antarvasna shant karne ke liye bur chudvane vali kahaniyan
Indian Sex stories of teen girls and Boys
अंकल ने भी मुझे खूब ज़ोर से अपने से भींच लिया और मेरी कमर और मेरे चूतड़ों पर अपने भारी हाथ फेरने लगे। मैं पहली बार किसी मर्द के इतना क़रीब उस के बाजुओं में सिमटी हुई झड़ी थी।
पड़ोस की एक लड़की मेरे पास पढ़ने आ जाती थी। एक दिन मैं अकेला था तो वो आ गई और बायोलोजी के प्रश्न पूछने लगी। बहाने से उसने मेरा लंड पकड़ लिया।
अंकल मेरे नंगे मम्मों को देख चुके थे.. उससे पहले अपनी उंगलियों से उसके चूचुकों को भी सहला चुके थे.. अपनी मुठ्ठियों में भर कर उसके मज़े ले चुके थे.. तो अब क्या शरमाना..!
मैं ख़यालों में अंकल के सीने लग गई.. उनकी भरी-भरी गुदाज़ छाती के खूब सुर्ख लाल निपल्स को मुँह में लेकर चूसने लगी.. तो अंकल मुझे ज़ोर से अपने से भींचने लगे।
मैंने पूछा- अंकल आपने बताया नहीं कि अपने बेडरूम में आज तक किसी और को क्यों नहीं जाने दिया.. वहाँ ऐसा क्या है? लेकिन मैं तो आपके बेडरूम में जाऊंगी.. उसे देखने के लिए..
रिया की बाहें मेरे गले का हार बनी हुई थी और मेरे हाथ उसके चूतड़ों के नीचे रखे हुए थे तो रिया अब अपनी मर्ज़ी और मनचाही रफ़्तार से मुझ से चुदवा रही थी या फिर मुझको चोद रही थी।
मैं 20 वर्ष की एक लड़की हूँ। मेरे मम्मे इतने गोल और कसे हुए हैं कि जब मैं टी-शर्ट पहनती हूँ.. तब लगता है कि मेरे सीने पर अलग से पानी भरे गोल-गोल दो गुब्बारे रखे हुए हैं।
मेरी क्लास की एक लड़की मस्त गर्म माल थी। उसके गुलाबी होंठ.. उसके मटकते हुए चूतड़… वो मुझे देखती थी.. मैं हल्का सा मुस्कुरा देता! वो कॉलेज में मुझसे कैसे चुदी, इस कहानी में पढ़िए!
मेरी प्रेमिका मुझसे खूब चुदाती थी. उसकी एक सहेली भी मुझसे चुदाना चाहती होगी, तो उन दोनों ने मिल कर मुझे उसके घर बुलाया. वहाँ क्या हुआ, इस कहानी में पढ़िए !
मैं शमा अपना चुदाई का अनुभव आपके साथ शेयर करने जा रही हूँ। यह मेरी पहली चुदाई नहीं थी.. मेरी ज़िंदगी में आने वाला तीसरा लड़का था। मेरी उम्र उस वक्त 20 साल थी।
मैंने उसकी शॉर्ट्स में हाथ डाला तो झट से मेरा हाथ पकड़ होंठों को दूर करती हुई बोली- आप दिल्ली वाले तो बहुत फ़ास्ट होते हो? न कोई बात न कोई चीत सीधा चुम्मा।
जब मैं 2 साल बाद अपने गाँव गया हुआ था.. तो सुबह मैं गाँव के चौंक पर अपने फ्रेंड से मिलने गया हुआ था.. उसी वक्त गाँव के हैण्डपंप पर मुझे एक खूबसूरत सी लड़की पानी भरते नज़र आई।
मोहिनी के जिस्म में भी हरकत होना शुरू हो गई थी। अब वो भी अपनी गांड उठा रही थी और मेरे लंड को अपनी चूत में लेने की कोशिश कर रही थी।
जसबीर ने कमरा बंद कर लिया और मेरे को बेतहाशा लबों पर चूमने लगी और रिंकू ने मेरी पैंट के बटन खोलने की कोशिश शुरू कर दी लेकिन ऊषा और शशि ने उसके हाथ पकड़ लिए.
चौकड़ी घर पहुँची तो वहाँ घर में लोगों की भीड़ देख उनका जोश ठण्डा पड़ गया। आए थे मस्ती करने… यहाँ तो आपस में बात करने का भी मौका नहीं… लेकिन कुछ तो होगा ही…
दौड़ते-दौड़ते मैं बिस्तर पर जा गिरा.. वो भी बिस्तर पर आकर मुझसे उलझ गई। लड़ते-लड़ते मेरा हाथ उसकी चूची को टच हो जाता.. मैंने उसको अपने बांहों में दबोच लिया।
हाथ तंग होने के कारण मैंने पार्ट टाईम जॉब ली। शाम 6 बजे से 10 बजे रात तक घर पर काम करना था। घर में रहने वाले मात्र तीन लोग थे, एक बॉस.. उसकी वाईफ और तीसरी सदस्य उसकी बेटी मोहिनी थी।
मेरी नंगी चूत भीगी हुई थी, चूत पर एक भी बाल नहीं था.. हल्का सा रोंया ही आया था। मेरी चूत पावरोटी की तरह फूली हुई थी। अंकल ने मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया।
कण्ट्रोल तो मुझ से भी नहीं हो रहा था, मैं उठा और उसकी टाँगें चौड़ी करके बीच में बैठ कर जब मैंने मेरे लंड का लाल लाल सुपाड़ा उसकी चूत पर टिकाया तो उसने मुझे रोका।
अंकल ने मुझे मुँह के बल बिस्तर पर लिटा लिया और मेरे ऊपर लेट मेरी जालीदार कुर्ती की ज़िप खोल कर मेरी पीठ पर चुम्बन करने लगे। मैं चुपचाप सिसकारियाँ भर रही थी।