मेरे दोस्त की सेक्सी बहन की कामुकता
मेरे पड़ोस में ही रहने वाले एक दोस्त की बहन थी देखने में बहुत ही सेक्सी थी. वो मेरी उम्र की ही थी और स्कूल टाइम से ही बहुत चालू लड़की थी. उसने कैसे मुझे पटा कर अपनी चूत चुदवाई!
जवान लड़की को प्रेम प्यार के चक्कर में फांस कर सेक्स का मजा लेने या अपनी अन्तर्वासना शांत करने के लिए चूत चुदवाने वाली कहानियाँ हिंदी में
jwan Ladki Ko Prem Pyar ke chakkar me fans kar sex ka maja lene ya apni antarvasna shant karne ke liye bur chudvane vali kahaniyan
Indian Sex stories of teen girls and Boys
मेरे पड़ोस में ही रहने वाले एक दोस्त की बहन थी देखने में बहुत ही सेक्सी थी. वो मेरी उम्र की ही थी और स्कूल टाइम से ही बहुत चालू लड़की थी. उसने कैसे मुझे पटा कर अपनी चूत चुदवाई!
"कौन सा मेरा सगा भाई या बाप है। कजिन ही तो है ... कजिन लोग क्या चोदते नहीं ... उसे मौका मिलेगा तो वह भी चढ़ने से कौन सा बाज़ आ जायेगा। वैसे भी मैं किसी से नहीं डरती।"
कुछ महीने पहले दो दोस्तों से मिलकर मैंने हमारे मोहल्ले की एक शादीशुदा लड़की के साथ खूब मस्ती की थी. पहले वो तैयार नहीं हुई, मगर हमने जैसे तैसे उसे राजी किया और मजे लिए.
मैंने अपने दोस्तों से उनके फ़्लैट में अपनी मौसेरी बहन को कुछ दिन ठहराने को कहा तो वे मना नहीं कर पाए. लेकिन मेरी बहन की मस्तराम हरकतें देख वे हैरान रह गए.
चूत को सही वक्त पर चुदाई मिलना शुरू हो जाये तो वह शरीर को खिला देती है और खुद भी खिल जाती है, लेकिन अगर उम्र हो जाने के बाद भी चूत चुदाई के लिये तरस जाये तो वह खुद भी सूखती है और शरीर भी सुखा देती है।
संसार का सबसे पुराना खेल चूत-लंड का ही है। पता नहीं कैसे इसका ज्ञान अपने आप लड़के लड़की को हो जाता है। इस कहानी में पढ़ें कि कैसे मां की चुदाई देख बेटी की कामवासना जाग उठी.
अपने पड़ोस में रहने वाली एक सीधी सादी लड़की को सनी लियोनी की चुदाई की क्सक्सक्स मूवी दिखा कर कैसे उसकी कामवासना जगा कर लंड चुसवा कर चोदा, पढ़ें इस सेक्स कहानी में!
दोस्तो, मैं आपका अपना सरस एक बार फिर हाजिर हूं अपनी कहानी के अगले भाग के साथ. मेरे जिन पाठकों और पाठिकाओं ने कहानी का पहला और दूसरा भाग नहीं पढ़ा हो वो मेरे सामने वाली खिड़की में-1 तथा मेरे सामने वाली खिड़की में-2 पर जाकर पढ़ सकते हैं. मुझे आशा है कि सभी पाठकगण […]
एक दिन मैं अपने घर में अपने यार से जोर शोर से चुदवा रही थी कि मेरी मम्मी आ गयी. मैंने अपने यार को अपने नंगे बदन से हटाया और बाथरूम में चली गयी.
मेरे घर के सामने रहने वाली तीन बहनों में से एक रेवती से मेरा मेलजोल बढ़ने लगा था और मेरी निगाहों की वासना को रेवती समझ रही थी. वो भी तो कामुकता की अग्नि में जल रही थी.
तेरी मम्मी को मैं भी चोदने वाला था. सब बात हो गई थी. मैंने उसके दूध भी बहुत दबाए थे. तेरी मम्मी ने मेरा लंड चूस कर मेरा जल्दी से रस निकाला था और पी गई थी.
वो शादी से पहले एक बार फिर चुदना चाहती थी; लेकिन शादी की भीड़ में जुगाड़ हो नहीं पाया; कम्मो ने अपनी चूत हेयर रिमूवर से चिकनी बना कर मुझे जरूर दिखाई और मेरा हाथ पकड़ कर वहां रखवाया.
लड़की की उम्र हो जाये तो उसकी कामवासना जोर मारती ही है. ऐसी ही लड़की के साथ यौन आकर्षण और फिर सेक्स की कहानी है यह. वो लड़की मेरे घर के सामने वाले घर में रहती थी.
वो सुलगने लगी, उसकी सांसें भारी होने लगीं और उसकी बांहें मुझे कसने लगीं. कड़क जवान छोरी थी सो जल्दी गर्म होनी ही थी. कम्मो मेरे सीने से लग गयी और अपना मुंह वहीं छुपा कर दो तीन बार चूम लिया.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मेरी शर्म भी ना जाने कहाँ चली गई. मुझे यह भी नहीं होश कि क्या बोलना चाहिए, मैं बोली- अंकल चोद दीजिए.. मुझसे कुछ नहीं कहा जा रहा. न सह पा रही हूँ. बस जल्दी करिए.
वो इमोशनल हो रही थी, वर्जित फल खा लेने का वो पागलपन हम दोनों पर सवार हुआ था वो घोर निराशा में बदला जा रहा था. कम्मो तो मुझे समर्पित थी कि जो करना है, जहां ले चलना है ले चलो. कोई लड़की इससे ज्यादा आखिर कह भी क्या सकती है.
लड़की की क्लिट को छेड़ो और इसकी जवानी की प्यास ना भड़के ... वो चुदने को न मचल जाए ऐसा तो हो ही नहीं सकता. कम्मो ने भी अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया और आनन्द से आंखें मूंद लीं और और अपने पैर और चौड़े कर दिए.
अनजान शहर में किसी भी परिचित देसी गर्ल की पैंटी उतरवा कर उसकी टाँगें उठवा देना इतना आसान नहीं होता चाहे वो कितनी भी चुदासी, लंड की प्यासी और चुदने को पूरी तरह तैयार ही क्यों न हो.
मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी तो अब वही चूत का रस अंकित निकाल कर मेरे पीछे मेरी गांड में लगाने लगा मेरे कूल्हे फैलाकर मेरी गांड के सुराख में जहाँ छेद था वहाँ एक उंगली हल्के से डालने लगा.
यह कहानी है गाँव की एक जवान लड़की की... वो मुझे एक शादी के कार्यक्रम में मिली थी. मैं उसकी अनगढ़ अल्हड़ जवानी को चखना चाहता था.