काली टोपी लाल रुमाल-2
धीरे धीरे मेरे होंठ अपने आप उसके गले से होते उरोजों की घाटियों तक पहुँच गए। सिमरन ने मेरा सिर अपनी छाती से लगा कर भींच लिया। आह... उस गुदाज रस भरे उरोजों का स्पर्श पा कर मैं तो अपने होश ही जैसे खो बैठा।
जवान लड़की को प्रेम प्यार के चक्कर में फांस कर सेक्स का मजा लेने या अपनी अन्तर्वासना शांत करने के लिए चूत चुदवाने वाली कहानियाँ हिंदी में
jwan Ladki Ko Prem Pyar ke chakkar me fans kar sex ka maja lene ya apni antarvasna shant karne ke liye bur chudvane vali kahaniyan
Indian Sex stories of teen girls and Boys
धीरे धीरे मेरे होंठ अपने आप उसके गले से होते उरोजों की घाटियों तक पहुँच गए। सिमरन ने मेरा सिर अपनी छाती से लगा कर भींच लिया। आह... उस गुदाज रस भरे उरोजों का स्पर्श पा कर मैं तो अपने होश ही जैसे खो बैठा।
एक नटखट, नाज़ुक, चुलबुली और नादान कलि मेरे हाथों के खुरदरे स्पर्श और तपिश में डूब कर फूल बन गई और और अपनी खुशबूओं को फिजा में बिखेर कर किसी हसीन फरेब (छलावे) के मानिंद सदा सदा के लिए मेरी आँखों से ओझल हो गई।
मैंने कमरे में उसको दबोच लिया, वो बिस्तर पर गिर गई। मैंने उसकी टीशर्ट में हाथ घुसा कर पहले बगलों में गुदगुदी की फिर उसके मम्मों को मसलने लगा। उसके चुचूकों को चुटकी में भर कर मसला.
योनि खाली हुई लेकिन सिर्फ थोड़ी देर के लिए। उसकी अगली परीक्षाएँ बाकी थीं। सुरेश को दिया वादा दिमाग में हथौड़े की तरह बज रहा था,‘जो इज्जत केले को मिली है वह मुझे भी मिले।’ समस्या की सिर्फ जड़ खत्म हुई थी, डालियाँ-पत्ते नहीं। काश, यह सब सिर्फ एक दु:स्वप्न निकले। मां संतोषी ! लेकिन […]
वह फिर मुझ पर झुक गई। कम से कम आधा केला अभी अन्दर ही था। ‘खट खट खट !’… दरवाजे पर दस्तक हुई। मैं सन्न। वे दोनों भी सन्न। यह क्या हुआ? ‘खट खट खट’… ‘सुरेश, दरवाजा खोलो।’ निर्मल उसके हॉस्टल से आया था। उसको मालूम था कि सुरेश यहाँ है। किसी को समझ में […]
नेहा ने जब एक उजला टिशू पेपर मेरे होंठों के बीच दबाकर उसका गीलापन दिखाया तब मैंने समझा कि मैं किस स्तर तक गिर चुकी हूँ। एक अजीब सी गंध, मेरे बदन की, मेरी उत्तेजना की, एक नशा, आवेश, बदन में गर्मी का एहसास… बीच बीच में होश और सजगता के आते द्वीप। जब नेहा […]
ओ ओ ओ ओ ओ ह… खुद को शर्म में भिगोती एक बड़ी लहर, रोशनी के अनार की फुलझड़ी… आह.. एक चौंधभरे अंधेरे में चेतना गुम हो जाती है। ‘यह तो नहीं हुआ? वैसे ही अन्दर है !’… मेरी चेतना लौट रही है- अब क्या करोगी?’ कुछ देर की चुप्पी ! निराशा और भयावहता से […]
मैं कुछ नहीं सुन पा रही थी, कुछ नहीं समझ पा रही थी। कानों में यंत्रवत आवाज आ रही थी- निशा… बी ब्रेव…! यह सिर्फ हम तीनों के बीच रहेगा…..!’ मेरी आँखों के आगे अंधेरा छाया हुआ है। मुझे पीछे ठेलकर तकिए पर लिटा रही है। मेरी नाइटी ऊपर खिंच रही है… मेरे पैर, घुटने, […]
क्षितिज कहीं पास दिख रहा था। मैंने उस तक पहुँचने के लिए और जोर लगा दिया… कोई लहर आ रही है… कोई मुझे बाँहों में कस ले, मुझे चूर दे… ओह… कि तभी ‘खट : खट : खट’… मेरी साँस रुक गई। योनि एकदम से भिंची, झटके से हाथ खींच लिया… खट खट खट… हाथ […]
मैंने योनि के छेद पर उंगली फिराई। थोड़ा-सा गूदा घिसकर उसमें जमा हो गया था। ‘तुम्हें भी केले का स्वाद लग गया है !’ मैंने उससे हँसी की। मैंने उस जमे गूदे को उंगली से योनि के अन्दर ठेल दिया। थोड़ी सी जो उंगली पर लगी थी उसको उठाकर मुँह में चख भी लिया। एक […]
मुझे उसके दोस्तों को देखकर उत्सुकता तो होती पर मैं उनसे दूर ही रहती। शायद नेहा की बातों और व्यवहार की प्रतिक्रिया में मेरा लड़कों से दूरी बरतना कुछ ज्यादा था। वह नहीं होती तो शायद मैं उनसे अधिक मिलती-जुलती। उसके जो दोस्त आते वे उससे ज्यादा मुझे ही बहाने से देखने की कोशिश में […]
प्रिय पाठको, आपने मेरी पिछली कहानियों स्वीटी और पुष्पा का पुष्प को जितना तहेदिल से पसंद किया है उससे मेरे इस विश्वास को बल मिला है कि हिन्दी में परिष्कृत भाषा में सुसंस्कृत पात्रों को लेकर रची गई कहानियाँ पसंद की जा सकती हैं और उनका पाठक वर्ग कोई छोटा नहीं होगा। मेरी कोशिश इस […]
मैंने उसे चित लेटा दिया। उसके गुलाबी होंठ, तनी हुई गोल चुंचियां, गहरी नाभि, पतली कमर, सपाट चिकना पेट और दो मोटी मोटी जाँघों के बीच फंसी पाव रोटी की तरह फूली छोटी सी चूत।
अंकित ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गया। उसने मेरी टीशर्ट उतारने की कोशिश की, मैंने उसका पूरा साथ दिया और हाथ ऊँचे करके उठ कर टी शर्ट उतरवा ली।
इस बार उसके मुँह से दर्द से एक चीख निकल ही गई थी, मैंने उसकी टांगो को छोड़ कर दोनों हाथों को उसके दोनों स्तनों पर रख कर उसके स्तन दबाने लगा और होंठों से उसके होंठों को चूसने लगा। मैं थोड़ी देर तक यही करता रहा और उसे भी आराम मिलने लगा था और […]
हम दोनों घाट से उठे, मैंने अपनी चप्पल हाथों में ही ले ली और और खाना खाने के लिए चल दिए और खाना खाकर कमरे की तरफ चल दिए… कमरे में पहुँच कर पलक ने अपना बैग उठाया और मुझे कहा- तू टीवी देख और जब मैं मैसेज करूँ तो मेरे कमरे में आ जाना […]
वो कहते कहते रुक गई … “मैंने पूछा और क्या …?” तो बोली- और तुझे यह भी बताना है कि मैं यह सब अंकित के साथ क्यों नहीं कर रही हूँ.. मैं तेरे साथ ही क्यों करना चाहती हूँ। और वो मुझे तैयार होने को बोल कर बाथरूम में घुस गई और मुँह हाथ धोकर […]
मैंने कहा,”अब मत रोक ! नहीं तो तेरा देह शोषण हो जायेगा मुझ से।” वो बोली,” ऐसा कुछ नहीं होगा लेकिन मैं चाहती हूँ मेरी जो इच्छा है वो हर इच्छा पूरी हो तो प्लीज मान जा और अगर तुझे करना ही है तो मैं रोकूँगी नहीं।” उसकी आँखों में अजीब सी कशिश और उदासी […]
पर पलक ने ड्राईवर के लिए सीधे मना कर दिया और बोली,” मैं सरिता को साथ में लेकर चली जाऊँगी गाड़ी चलाने के लिए पर नो ड्राईवर !” मेरे ऊपर भड़कते हुए बोली,”गधे, तू कार चलाना क्यों नहीं सीख लेता?” मैंने कहा,”तू है न उसके लिए मेरी ड्रायवर ! और ना मुझे तब कार चलाना […]
लेखक : सन्दीप शर्मा मैं कुछ कहता या समझता वो उसके पहले ही कैफे से बाहर थी, मैं मेरे गाल को सहला रहा था और बिल माँगा तो पता चला कि आज मोहतरमा पहले ही पैसे दे कर जा चुकी थी। तभी मेरे फोन पर उसका एक मेसेज आया। मैंने मैसेज देखा तो वो खाली […]