तीसरी मंजिल
लेखिका – दिव्या डिकोस्टा मैं अभी सेकेण्ड ईयर बी एस सी में हूँ। मेरे पापा ने एक छात्र रवि को तीसरी मंज़िल पर एक कमरा किराये पर दे रखा था। ऊपर बस दो ही कमरे थे। एक खाली था और एक में रवि रहता था। दोनो कमरों के बीच एक खुली छत थी। मैं खाना […]