पड़ोसी

घर के पास रहने वाली पड़ोसी जवान भाभी, लड़की, लड़के आन्टी, अंकल को पटा कर उनकी आपस में चूत चुदाई की हिन्दी सेक्स कहानियाँ

Pados me rahane vali jawan bhabhi, ladki, aunti uncle ki aaps me chut chudai ki Hindi Sex kahaniyan

Hindi sex Stories about Fuddi choda-chudai sex with neighbor Bhabhi, aunti, desi girl

मस्त शाम और कुसुम जैसा ज़ाम

By roccodesiguy On 2012-07-27 Tags:

प्रेषक : मोहित रोक्को देसी बॉय नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम मोहित है, मैं दिल्ली से हूँ और मैं लेकर आया हूँ आप सबके लिए एक सच्ची घटना जो मेरे साथ हुई और मेरा जीवन सफल हो गया। दोस्तो, मैं अन्तर्वासना साईट का नया पाठक हूँ और यह मेरी पहली कहानी है जो एकदम सच्ची घटना […]

बारिश में मेघा के साथ

आःह्ह… मर गई… धीरे से डालो ना ! फाड़ डालोगे क्या ! प्रेषक : देवाशीष पटेल दोस्तो, आपने मेरी कहानी पढ़ी होगी, आपको पसंद भी आई होगी ! आज मैं आपको और एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ जो रीना की देवरानी मेघा के बारे में है। एक आध बार मैंने मेघा से बातचीत […]

पुणे वाली मेरी सहेलियाँ

By अनुज पटियाला On 2012-07-03 Tags:

लेखक : अनुज पटियाला मैं पूना में पढ़ता था तब की यह कहानी है। मैंने एक फ़्लैट किराये पर लिया था। हमारे घर मालिक अरुण पी दामलेजी खुद के ऊपर के मंज़िल वाले फ़्लैट में रहते थे। उनकी दो बेटियाँ शर्वरी और शलाका बहुत ही खूबसूरत थी। दोनों में केवल एक साल का अंतर था। […]

मेरे पड़ोस की पूजा

By गुरु सेक्स 444 On 2012-06-25 Tags:

चूत की देवियों को मेरे लंड का प्यार भरा नमस्कार… मेरा नाम राज दुबे है। मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। पहले मैं अपने लण्ड से परिचित कराता हूँ जिसने बहुत सी चूत की गहराइयों को नापा है। मैं 21 साल का हूँ और मेरा लंड 8″ लम्बा है। […]

नाम में क्या रखा है

By होलकर राजा On 2012-06-13 Tags: Oral Sex

शेक्सपीयर जो अपने आपको बड़ा चाचा चौधरी समझता था, उसने कहा कि बेशक गुलाब को अगर गुलाब की जगह किसी और नाम से पुकारा जाता तो क्या वो ऐसी भीनी भीनी खुशबू नहीं देता? लेकिन टेम्स नदी के किनारे अँधेरे सीलन भरे कमरे में बैठ सिर्फ सस्ती राण्डों को उधारी में चोदकर या उधारी न […]

मेरी दीदी के कारनामे-3

मेरी नज़र उसके पाजामे पर पड़ी, दीदी का हाथ उसके पाजामे के अंदर था और उसके लंड की सहला रही थी... क्यूँकि दीदी को एहसास नहीं था मेरे होने का ! उन्होंने उसके लंड की पकड़ कर पाजामे से बाहर निकाल लिया।

मेरी जानू और उसकी माँ

मैंने अमृता की ब्रा और कच्छी भी उतार दी, उसका शरीर उसकी मम्मी के जैसा ही गोरा था, बुर के चारों तरफ़ घने बाल थे। मैं उसके शरीर और बुर को 10 मिनट तक चाटता रहा।

भइया का अधूरा काम पूरा किया

By निशा छाबड़ा On 2012-05-12 Tags:

यह कहानी मेरे पड़ोसी युवक हिमांशु और मेरी देवरानी रोशनी की है। एक बार जब मैंने उन दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया था तो हिमांशु ने ही मुझे यह घटना सुनाई, अब उसी के शब्दों में- अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार ! मेरा नाम हिमांशु है, मैं जयपुर में रहता हूँ। […]

बेट्टिंग ने दिलाई चूत

By समीर On 2012-03-31 Tags:

मेरे मस्ताने लंड की ओर से सभी काम की देवियों को हैलो ! मेरी कहानियों को पसंद करने के लिये आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। और मुझे मेल करके मेरा हौंसला बढ़ाने के लिए तहे दिल से शुक्रिया ! आज मैं अपने एक दोस्त की कहानी उसी की जुबानी सुनाने जा रहा हूँ जो उसने […]

खिड़की वाली भाभी

मैं उनको अपनी बाहों में उठाकर बिस्तर पर ले गया और उनके ब्लाऊज के ऊपर से उनके उभारों को मसलने लगा। धीरे धीरे मैंने उसके ब्लाऊज़ के हुक खोले, ब्रा के अन्दर हाथ डाल कर उनकी एक चूची को बार निकाला और चूसने लगा।

मेरी गाण्ड फ़ट गई

By dpadhiyar82 On 2012-03-09 Tags:

प्रेषक : धर्मेश पडियार हेलो दोस्तो, मैं विकास, सूरत गुजरात का रहने वाला हूँ, अन्तर्वासना का बहुत समय से पाठक हूँ, मुझे भी लगा कि मुझे भी कुछ लिखना चाहिए ताकि मैं भी आप सभी पाठको कों मेरे साथ घटी घटनाओं में शामिल कर सकूँ। यह मेरी सच्ची कहानी है। बात उस समय की है […]

पड़ोसन की प्यास

By sushantsharma051 On 2012-02-23 Tags: Hindi Adult Stories

लेखक : अखिलेश कुमार मैं अखिलेश कुमार, दिल्ली का निवासी हूँ, मैं एक सीधा साधा लड़का हूँ पर मैं और मेरा परिवार ऐसी गली में रहते थे जहाँ पर सिर्फ़ पहाड़ी, उत्तरांचली लोग रहते हैं। वो लोग हमसे घुलमिल कर रहते हैं। मगर एक आंटी भगवती जिनको हम प्यार से भालू बुलाते हैं, वह मुझसे […]

तेरी याद साथ है-27

By सोनू चौधरी On 2012-02-21 Tags:

ईश्वर ने चुदाई की तड़प हम मर्दों से कहीं ज्यादा औरतों में दी है लेकिन साथ ही साथ उन्हें शर्म और हया भी सौगात में दी है जिसकी वजह से अपने ज़ज्बातों को दबा देना औरतों के लिए आम बात हो जाती है। हम मर्द तो कभी भी शुरू हो जाते हैं अपना लंड अपने […]

तेरी याद साथ है-26

By सोनू चौधरी On 2012-02-20 Tags:

तभी मुझे याद आया कि अभी अभी आंटी ने कहा था कि मामा जी के साथ बाज़ार जाना है। जैसे ही मुझे ये याद आया मेरा मन उदास हो गया। प्रिया से मिलन की बेकरारी मैं अपने लंड पे महसूस कर सकता था जो कि अर्ध जागृत अवस्था में प्रिया की चूत को याद करते […]

तेरी याद साथ है-25

मैंने जल्दी से रिंकी को खुद से अलग किया और फिर उसे बाथरूम के दरवाज़े के पीछे छिपा कर दरवाज़ा खोला…बाहर कोई नहीं था। मैंने रिंकी को जल्दी से जाने को कहा और खुद अन्दर ही रहा। रिंकी ने जाते जाते भी शरारत नहीं छोड़ी और मेरे लंड को लोअर के ऊपर से पकड़ कर […]

तेरी याद साथ है-24

“उम्म… हम्म्म्म…” फिर से वही मादक सिसकारी लेकिन इस बार सुकून भरी.. आंटी के ये शब्द मुझे और भी उत्तेजित कर गए और मेरे लंड ने अकड़ना शुरू किया… लेकिन तभी आंटी ने हरकत करी और अपने पैरों को मेरे पैरों से आजाद करके उठने लगीं। मेरा लंड अचानक से उनके घुटनों से जुदा होकर […]

तेरी याद साथ है-23

By सोनू चौधरी On 2012-02-17 Tags:

“प्लीज मुझे जाने दो और तुम भी जल्दी से तैयार होकर ऊपर आ जाओ, सब तुमसे मिलना चाह रहे हैं।” इतना कहकर प्रिया ने मुझे ज़बरदस्ती अपने ऊपर से उठा दिया और मेरे लंड को एक बार फिर से सहलाकर जाने लगी। प्रिया के जाते जाते मैंने बढ़कर उसकी एक चूची को जोर से मसल […]

तेरी याद साथ है-22

By सोनू चौधरी On 2012-02-16 Tags:

मैं जानता हूँ कि आप सब बड़ी बेसबरी से ‘तेरी याद साथ है’ के आगे की कहानी पढ़ने के लिए अन्तर्वासना पर अपनी नज़रें गड़ाए बैठे हैं लेकिन आपको इतने दिनों से केवल निराशा ही मिल रही थी। ज़िन्दगी की कुछ बहुत ही विषम परिस्थितियों से घिर गया था जहाँ से निकलना थोड़ा कठिन हो […]

शेर का पुनः शिकार-3

By मुकेश कुमार On 2012-01-29 Tags:

लेखक : मुकेश कुमार दो दिन मैंने शर्मीला ले साथ खूब रंगरेलियाँ मनाई। फिर उसके पति आ गए थे। शर्मीला के पति पूरे सप्ताह कहीं बाहर नहीं गए इसलिए मुझे और शर्मीला को सम्भोग करने का मौका ही नहीं मिल रहा था। मेरे से ज्यादा वो दुखी थी। दिन में फ़ोन करती मेसेज करती कि […]

शेर का पुनः शिकार-2

By मुकेश कुमार On 2012-01-28 Tags:

लेखक : मुकेश कुमार मेरा लौड़ा पकड़ते हुए बोली- जो काम इसका है उंगली नहीं कर सकती। तभी दरवाजे पर घंटी बजी, हम दोनों सकपका गए। तभी बाहर से बाई की आवाज़ आई- भाभी…! तो शर्मीला बोली- मेरे बेडरूम में चले जाओ, उसे बर्तन करने बोलती हूँ तो पीछे से निकल जाना। औरतों की यह […]

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