विधवा आंटी की हवस
मेरी मकान मालकिन अकेली रहती थी। एक दिन हम दोनों बाइक पर बाजार से लौट रहे थे कि बारिश आ गई तो आन्टी ने रुकने से मना किया, कहा कि आज भीगने का मन कर रहा है।
घर के पास रहने वाली पड़ोसी जवान भाभी, लड़की, लड़के आन्टी, अंकल को पटा कर उनकी आपस में चूत चुदाई की हिन्दी सेक्स कहानियाँ
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मेरी मकान मालकिन अकेली रहती थी। एक दिन हम दोनों बाइक पर बाजार से लौट रहे थे कि बारिश आ गई तो आन्टी ने रुकने से मना किया, कहा कि आज भीगने का मन कर रहा है।
मेरी भाभी अक्सर अकेली रहती थी क्योंकि भैया बाहर काम करते थे। मैं उनके करीब हो गया था, हम खुल कर बात कर लेते थे। एक दिन मैं भाभी के लिए ब्रा पैन्टी लाया तो भाभी ने पहन कर दिखाई।
प्रिया घर में अकेली रहा करती थी और उसको टाइम काटना मुश्किल हो रहा था इसीलिए वो शाम को बाल्कनी में आ जाया करती थी। मैंने उस से इधर-उधर की बातें की.. ताकि वो मेरे साथ कंफर्टबल हो जाए।
पुराने घर के पडो़स की सेक्सी भाभी अकसर मुझे छोटे मोटे माक के लिए बुला लेती थी और मैं उसके बदन को बहाने से छू लेता था और उसके नाम की मुठ मारा करता था. आखिर भाभी ने चुदवा ही लिया.
रेनू ने कोई जल्दी बाज़ी नहीं दिखाई और आराम से पूरी मलाई को मुंह में गिरने दिया। मैं मुंह के अंदर छोटे छोटे धक्के लगाकर पूरी तरह संतुष्टि का मज़ा लूट रहा था।
एक विवाहिता पड़ोसन के साथ चुदाई की कहानी है यह, मैंने उसे छेड़ा तो उसने मुझे रात के समय उसके घर के पीछे वाले कमरे में आने को कहा.
मैं सुबह के समय अपने घर की सबसे ऊपर वाली छत पर टहल रहा था तो भाभी सुबह में टॉयलेट से निकल रही थी और उन्होंने सलवार का नाड़ा भी नही बाँधा था, वो उसे बांधते हुए ही निकल रही थी।
मैंने प्रीत को फिर से बिना कपड़ों के देखा तो मुझसे रहा नहीं गया.. मैं एक बार फिर से उसके गोरे-चिट्टे बदन को देखता ही रह गया, उससे एकदम से चिपक गया और कसके उसे अपनी बाँहों में दबा लिया..
मैं और मेरा दोस्त रिंकू, नई नई जवानी चढ़ी थी तो ज़्यादा बातें तो सेक्स की ही होती थी, किस के चूचे बड़े हैं, किसकी गांड बड़ी है, बस सारा दिन इसी चक्कर में उलझे रहते थे।
मुम्बई में भारी बारिश में स्टेशन पर फ़ंसा हुआ था कि एक पड़ोसन भाभी दिख गई । वो भी मेरी तरह परेशान थी, दोनों इकट्ठे बस ट्रक आदि से जाने की सोच कर बाहर निकल आए।
मैंने घर के साथ वाले घर में एक ड्राईवर की बीवी को काम पिपासा में तड़पते देखा, वो बाथरूम में चूत में उंगली कर रही थी. मैं भी नंगी आंटी को देख गर्म हो गया.
आंटी बोली- इस तरह जैसे तुम इतना ज़ोर लगा रहे हो, इस से तुम भी जल्दी थक जाओगे और मुझे भी चोट पहुँचती है, तुम्हारा लंड मेरे अंदर जा कर ज़ोर से लगता है, आराम से धीरे धीरे अपने लंड से मुझे रगड़ते हुये सेक्स करो!
मैंने उनको दीवार के पास खड़ा किया और उनकी एक टांग को टेबल पर रखा.. दूसरी को फर्श पर रहने दिया। इससे उनकी चूत खुल कर सामने दिखने लगी।
मैं शाम को टहलने जाता था तो पड़ोस की एक आन्टी भी सैर पर आने लगी। उनके मटकते चूतड़ों ने मेरा मन भटका दिया। इस कहानी में पढ़िए कि कैसे मैंने आन्टी की तारीफ़ की तो उन्होंने मेरे लिये अपनी जांघें खोल दी।
मकान मालिक जॉब दूर लगी तो उनकी नवविवाहिता पत्नी घर में उदास रहती थी। मेरी नजर तो पहले दिन से ही भाभी पर थी। एक दिन मैंने भाभी को बैंगन से चूत चोदते देखा।
कामिनी अपने पति के सामने तो मुझसे चुद ही रही थी लेकिन वो अपने पति के पीछे भी मुझसे चुदना चाह रही थी। एक रात वो अकेली थी तो उसने मुझे छत पर बुलाया।
मैं 12वीं के पेपर दे कर फ्री हुआ तो उन दिनों मैंने काफ़ी पोर्न देखा और मैंने काफ़ी जवान लौंडों को मैच्योर आंटीज को चोदते हुए देख कर अब मेरा दिल भी किसी आंटी को चोदने को किया।
मैं गाँव के तालाब में नंगा नहा रहा था कि पड़ोस की सविता भाभी कपड़े धोने तालाब पर आई। भाभी झुक कर कपड़े धो रही थी तो उनकी चूचियाँ ब्लाउज़ में से बाहर दिख रही थी। वो तालाब में कैसे चुदी, इस कहानी में पढ़िए।
मैं राजीव के घर पहुँचा, कामिनी ने ही दरवाजा खोला, ऑरेंज सूट में वो परी सी लग रही थी, दरवाजा बंद करते हुए उसने मुझे धीरे से किस कर लिया, उसके होठों की गर्मी कल से भी ज्यादा थी। लगता था उसकी प्यास और बढ़ गई है।
वो बोली- हाँ मुझे पता है.. मेरी एक सहेली भी अपने पति से गाण्ड मरवाती है.. उसको भी बड़ा मज़ा आता है.. लेकिन मैं तो तुम्हारे लण्ड से डर रही हूँ इतना बड़ा लण्ड और मोटा भी.. मेरी गाण्ड में कैसे जाएगा.. अगर चला भी गया.. तो दर्द बहुत होगा.. ना बाबा ना..