अंगूर का दाना-1
मैं उठकर उसके पास आ गया और उसके होंठों को अपनी अगुलियों से छुआ। आह… क्या रेशमी अहसास था। बिल्कुल गुलाबी रंगत लिए पतले पतले होंठ सूजे हुए ऐसे लग रहे थे जैसे संतरे की फांकें हों।
घरेलू नौकर-नौकरानी को चोदने की कहानियाँ, घरेलू नौकरों, माली ड्राइवर आदि से चुदने की कहानियाँ
naukar Naukrani, Driver ke sath Sex ki Kahaniyan
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मैं उठकर उसके पास आ गया और उसके होंठों को अपनी अगुलियों से छुआ। आह… क्या रेशमी अहसास था। बिल्कुल गुलाबी रंगत लिए पतले पतले होंठ सूजे हुए ऐसे लग रहे थे जैसे संतरे की फांकें हों।
प्रेषक : मयंक अग्रवाल यह कहानी है मेरे एक दोस्त की जिसे मैं उसी के शब्दों में पेश कर रहा हूँ, कहानी पढ़ कर कृपया अपने विचार जरूर दीजिये। मेरा नाम रेमो है, उम्र 24 साल की है। मैं एक अमीर घर का इकलौता वारिस हूँ। मेरे घर पर मेरे पापा और मम्मी के अलावा […]
लेखिका : अरुणा उसने वैसे ही किया, करीब दस मिनट गांड मारने के बाद उसने मेरी चूत में घुसा दिया। उस रात उसने मुझे जम कर पेला, बोला- मेमसाब, आपने बहुत मजा दिया है। “और तेरी बीवी तेरा इंतज़ार तो नहीं कर रही होगी?” छोड़ो ना उसको ! कहाँ आप जैसी बला की हसीन औरत […]
रेखा ने मुझे लेटने को कहा, उसने लंड पर जैम लगाकर चाटना शुरू किया, दूसरी तरफ से मैं उसकी चूत चाट रहा था। अब रेखा ने मेरे ऊपर बैठ लंड को अपनी चूत में डाल लिया
प्रेषक : केदार राव मेरा नाम केदार है, मैं मुंबई में रहता हूँ, 21 साल का हूँ और इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ता हूँ। मैं एक बहुत शरीफ लड़का हूँ और औरतों की इज्जत करता हूँ। आज मैं अपने जीवन की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। यह बात है पिछले साल अगस्त की, जब […]
लेखक : वीरेंदर उसके मम्मों को दबाते दबाते पीठ पर हाथ फेरते फेरते मैं नीचे आया, धीरे से उसकी सलवार का नाड़ा खींच दिया। “हाय ! यह क्या किया? वापस बाँध दो, वरना आपके हाथ छोड़ते ही यह नीचे गिर जायेगी।” “कौन है यहाँ तीसरा? मैं ही तो हूँ तेरा साईं दीवाना ! पूरी जिंदगी […]
लेखक : वीरेंदर प्रिय पाठको, आपने मेरी कहानियाँ पढ़ी। अब इस कहानी को पढ़ने से पहले मैं आपको याद दिला दूँ कि मेरी बीवी ने कामवाली माया की बेटी रूपा को घर के काम के लिए रख लिया था। एक रात मेरी छोटी साली ने मेरी बीवी को दवाई के सहारे सुला दिया और हम […]
कविता ने गाण्ड इतनी ऊँची कर रखी थी कि उसकी चूत तक भी स्पष्ट नजर आ रही थी। रोहण ने अपना हाथ उसके नीचे घुसा दिया और उसकी चूत को भी सहलाने लगा।
वो स्नान करके बाहर आई, पूरी भीगी हुई थी। उसने तौलिये के लिये नजर दौड़ाई। अभी वो मात्र पेंटी में ही थी और गीली पेंटी उसके कोमल चूतड़ों से चिपकी हुई थी।
रोहण के बन्द कमरे की पीछे वाली खिड़की से एक बार कविता ने रोहण को ब्ल्यू फ़िल्म देखते फिर मुठ्ठ मारते देख लिया था। वो भी जवान थी, उसके दिल के अरमान भी जाग उठे थे।
प्रेषिका : लीला एक के बाद जब मैंने दूजे से नाता जोड़ा, मतलब बाबू से नाता जोड़ा, यह जानते हुए कि वो मेरे जैसी से शादी नहीं करेगा, बस वो मेरे शौक पूरे करता था, बदले में मैं उसे अपनी जवानी देती, मुँह को जब कच्ची उम्र में सेक्स का रस चख जाए तो, ऊपर […]
दोस्तो, मैं श्रेया आहूजा एक बार फिर आपके सामने पेश हूँ !! इतने दिन तक गायब रहने का कारण मेरे भाई की शादी थी ! उसकी शादी कनाडा में हुई आपकी दुआ से ! मैं आज आपको अपने भाई के बारे बताने जा रही हूँ ! शक्ल-सूरत से भोला-भाला पतला-दुबला छरहरा बदन ! वो मुझसे […]
सरीना आठ बजे तक काम करके चली जाती थी, आज नौ बज रहे थे। तभी फ़ोन की घंटी बजी, उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- भाई साहब, मैं रूचि बोल रही हूँ आपकी पुरानी पड़ोसन ! मैंने अपना नंगा लण्ड सहलाते हुए कहा- रूचि जी, आप कैसी हैं? कहाँ से बोल रही हैं? रूचि […]
मुंबई में मेरी पोस्टिंग तीन महीने पहले ही हुई थी, मैं और मेरी बीवी उर्मी एक फ्लैट में रहते थे। मेरी नौकरी ऐसी थी कि रोज़ मुझे 8-10 हज़ार की रिश्वत मिल जाती थी। उर्मी मुझे ठीक से सेक्स नहीं करने देती थी। हमारी नौकरानी का नाम सरीना था, उसकी उम्र 35 साल के करीब […]
मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ, उम्मीद है आप सब को पसंद आएगी। मेरा नाम सुशील है, मैं कोलकाता में रहता हूँ, उम्र 28 की है और मैं किराए के घर में अकेला रहता हूँ। बात उन दिनों की है जब मैं 24 साल का था और हमारी काम वाली जिसकी उम्र 34 की […]
साली बहुत मस्त है, कभी देख होंठों पर जुबान फेरती है, कभी अपने दांतों से होंठ काट कर मेरा लौड़ा खड़ा कर देती है, नज़रों से हम एक दूसरे को चाहते हैं, बस मिलन नहीं हो रहा!
मैं तो शादीशुदा हूँ-2 के आगे की कहानी: पहली भाभी की चुदाई के बाद अब मैंने उसके पति से दोस्ती कर ली। कभी वो मेरे घर बैठ पीता और वहीं लुढ़क जाता और मैं घर में ताला लगा कर उसके बेडरूम में ! यह भाभी तो मेरी हो गई, अब तो हर रात उसको मेरे […]
'छोटी कहाँ हूँ ! पूरी 18 की हो गई हूँ। और फ़िर गरीब की बेटी तो घरवालों, रिश्तेदारों और मोहल्ले वालों, शोहदों की नज़र में तो इससे कम की भी जवान हो जाती है। हर कोई उसे लूटने खसोटने के चक्कर में रहता है।'
पता नहीं ये औरतें गांड मरवाने में इतना नखरा क्यों करती हैं। कहते हैं 'औरत के तीन छेद होते हैं और तीनो ही छेदों का मज़ा लेना चाहिए। चूत, गांड और मुंह!
प्रेषक : अशोक अन्तर्वासना के सभी पाठकों को अशोक का नमस्कार ! दोस्तो, आपने मेरी पहली कहानी में पढ़ा था कि किस प्रकार मेरी बड़ी बहन रश्मि और मेरे नौकर जावेद ने एक दूसरे की रात रंगीन की थी। अब मैं आपको अगले दिन सुबह की कथा भी बताता हूँ। रात में दीदी की कामक्रीड़ा […]