चुद गई 18 बरस की लड़की-2
उसकी चूत बिल्कुल एक अनचुदी और अनछुई थी। चूत की दोनों फाँकें चिपकी हुई थीं। दरार के बीच में चने के दाने सा उभरा हुआ उसकी भगनासा, उसकी भगन को देख कर मुझे कमलगटा के बीज की याद आ जाती है जो हरे रँग का होता है.
घरेलू नौकर-नौकरानी को चोदने की कहानियाँ, घरेलू नौकरों, माली ड्राइवर आदि से चुदने की कहानियाँ
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उसकी चूत बिल्कुल एक अनचुदी और अनछुई थी। चूत की दोनों फाँकें चिपकी हुई थीं। दरार के बीच में चने के दाने सा उभरा हुआ उसकी भगनासा, उसकी भगन को देख कर मुझे कमलगटा के बीज की याद आ जाती है जो हरे रँग का होता है.
मेरे नौकर की बीवी कमाल की लड़की है. देखने में वो किसी अप्सरा से कम नहीं लगती है. उसकी टाँगें केले के तने की तरह, कमर पतली और लहरदार, भारी नितम्ब, उठावदार चूचियाँ जैसे दो उन्मत्त पर्वत शिखर, जो ब्लाउज को फाड़ कर बाहर आने को आतुर हों, सुराही की तरह गला, कोमल से हाथ, लाल गुलाबी होंठ, सुतवां नाक, कमल पंखुरियों से नयन, चौड़ा माथा, घने काले बाल, जिसमें फँस कर कोई भी अपने होश गवां बैठे. उस लड़की को देख कर बड़े-बड़ों के होश गुम हो जाएँ.
दोस्तो, लड़की को उत्तेजित करके चोदने में बड़ा मज़ा आता है। बस उसे गर्म करने का तरीका ठीक होना चाहिये। मैंने अपनी घर की नौकरानी को ऐसे ही कामोत्तेजित करके खूब चोदा। अब सुनाता हूँ उसकी दास्तान। जयपुर से वापस आने के बाद मैंने अपने मकान मालिक से बोला- कोई अच्छी नौकरानी हो तो बताइयेगा। […]
प्रिय अन्तर्वासना के पाठको ! आप सब को इस नाचीज़ तृष्णा का सप्रेम प्रणाम ! मुझे अन्तर्वासना पढ़ते हुए अभी सिर्फ एक माह ही हुआ है और इतने कम समय में ही मैं इसकी एक बहुत बड़ी प्रशंसक बन गई हूँ, हर रोज़ मैं अपने खाली समय में कम्प्यूटर पर बैठ जाती हूँ और अन्तर्वासना […]
मैंने एक एक कर के अपने सारे कपड़े उतारे, एकदम नंगी होकर बिस्तर पर तकिया बाँहों में भरकर हाथ चूत के दाने को मसलते हुए 'शाम मुझे चोदो! दीपक, मेरे राजा, मुझे चोदो!' कहने लगी।
मेम साहब मेरे ऊपर यानि लंड के ऊपर अपनी चूत रखकर बैठ गई। जैसे ही वो मेरी लंड के ऊपर बैठ कर नीचे हुई, मेरी तो वाट लग गई, मेरे लौड़े की सारी खाल खिंच कर नीचे आ गई और मैं दर्द के मारे चीखने लगा।
“साहब, आप बहुत अच्छा चोद रहे हैं, चोदिये खूब चोदिये, चोदना बन्द मत कीजिये !” प्रेषक : रोहित शर्मा मेरा नाम रोहित है ! मैं गंगानगर में अपने गाँव से पढ़ने आया था, मेरी बचपन से ही सेक्स में रूचि रही है। हमारे कमरे में खाना बनाने के लिए एक औरत आती थी, उसकी एक […]
प्रेषक : निखिल शर्मा हेलो, मेरा नाम निखिल है, मेरी उमर 24 साल है। यह कहानी एक साल पहले की है। हमारे यहाँ गीता सफाई का काम करती थी। गीता एक शादीशुदा औरत थी जिसका पति उसे छोड़ कर जा चुका था। गीता का बदन कसा हुआ और गठीला था। उसके चुच्चे बहुत बड़े और […]
मैंने चादर उतार फेंकी। मेरे गोरे जिस्म को काली ब्रा पैंटी में देख बुड्डों के लुल्लों में जान आ जाती है, मैंने उसके पजामे के नाड़े को खींच दिया। पजामा गिर गया.
मैं बहुत चुदक्कड़ औरत हूँ, स्कूल के दिनों से मैंने चुदाई का रस चख लिया था, मैंने जिंदगी में कई लंड लिए, लेकिन बच्ची होने के बाद मेरी छोटे लंड से तसल्ली नहीं हो पाती, मेरे पति मुझसे उम्र में काफी बड़े हैं.
प्रिये मित्रो, मेरा नाम रोहन है, मैं 25 वर्ष का ऊंचे कद, चौड़ी छाती वाला एक तंदरुस्त जवान हूँ और पंचकूला में अपनी 23 वर्षीय पत्नी पूनम तथा छह माह के बेटे के साथ रहता हूँ। मैं चंडीगढ़ में एक आई टी कंपनी में काम करता हूँ जहाँ मुझे बहुत ही अच्छा पारिश्रमिक मिलता है। […]
लेखक : हर्ष कपूर दोस्तों और चाहने वालों को नमस्कार। यह मेरी पहली कहानी है। मैं जबलपुर, मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 26 साल है और मैं एक बड़े स्कूल में टीचर हूँ। यह कहानी आज से 6-7 महीने पहले की है जब मेरे मन में वासना के तूफ़ान उठने शुरू हुए। मैं […]
दोस्तो, मैं आपको एक चुदाई का किस्सा सुनाता हूँ… चुदाई की यह कहानी सुनकर आप का लंड और मुंह तो गीला होना तय है… मैंने कुछ ही दिन पहले अपना कमरा चेंज किया था… काफ़ी अरसे बाद घर में ऊल-ज़ुलूल नौकरानियों के स्थान पर एक बहुत ही सुंदर और सेक्सी नौकरानी काम पर लगी, 22-23 […]
उसकी गांड के छेद पर लगाने में लिए जैसे ही अपना हाथ बढ़ाया, वो बोली- बाबू... जरा धीरे करना... मुझे डर लग रहा है... ज्यादा दर्द तो नहीं होगा ना?'
बापू कहाँ मानते हैं। वो तो अम्मा को अपना हथियार चूसने को भी कहते हैं पर अम्मा को घिन आती है इसलिए वो नहीं चूसती इस पर बापू को गुस्सा आ जाता है और वो उसे उल्टा करके जोर जोर से पिछले छेद में चोदने लग जाते हैं।
मैंने एक हाथ से उसकी कमर पकड़ रखी थी और दूसरे हाथ से उसके नितम्बों को सहलाने लगा। अचानक मेरी एक अंगुली उसकी गांड के छेद से जा टकराई।
उसकी कुंवारी बुर से आती मादक महक से मैं तो मस्त ही हो गया। उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ लिया। अब मैंने अपनी जीभ को थोड़ा सा नुकीला बनाया और उसकी फांकों के बीच में लगा कर ऊपर नीचे करने लगा।
मैंने उसे बाजू से पकड़ कर उठाया और इस तरह अपने आप से चिपकाए हुए वाशबेसिन की ओर ले गया कि उसका कमसिन बदन मेरे साथ चिपक ही गया। मैं अपना बायाँ हाथ उसकी बगल में करते हुए उसके उरोजों तक ले आया।
मैं उसकी तेज़ होती साँसों के साथ छाती के उठते गिरते उभार और अभिमानी चूचकों को साफ़ देख रहा था। जब कोई मनचाही दुर्लभ चीज मिलने की आश बंध जाए तो मन में उत्तेजना बहुत बढ़ जाती है।
मैं उठकर उसके पास आ गया और उसके होंठों को अपनी अगुलियों से छुआ। आह… क्या रेशमी अहसास था। बिल्कुल गुलाबी रंगत लिए पतले पतले होंठ सूजे हुए ऐसे लग रहे थे जैसे संतरे की फांकें हों।