नौकर-नौकरानी

घरेलू नौकर-नौकरानी को चोदने की कहानियाँ, घरेलू नौकरों, माली ड्राइवर आदि से चुदने की कहानियाँ

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Sex with Servant, Maid stories

प्यासी बीवी अधेड़ पति-1

मैं बहुत चुदक्कड़ औरत हूँ, स्कूल के दिनों से मैंने चुदाई का रस चख लिया था, मैंने जिंदगी में कई लंड लिए, लेकिन बच्ची होने के बाद मेरी छोटे लंड से तसल्ली नहीं हो पाती, मेरे पति मुझसे उम्र में काफी बड़े हैं.

छोटे गाँव की मालती

प्रिये मित्रो, मेरा नाम रोहन है, मैं 25 वर्ष का ऊंचे कद, चौड़ी छाती वाला एक तंदरुस्त जवान हूँ और पंचकूला में अपनी 23 वर्षीय पत्नी पूनम तथा छह माह के बेटे के साथ रहता हूँ। मैं चंडीगढ़ में एक आई टी कंपनी में काम करता हूँ जहाँ मुझे बहुत ही अच्छा पारिश्रमिक मिलता है। […]

कामवाली का काम कर डाला

By हर्ष कपूर On 2011-05-06 Tags:

लेखक : हर्ष कपूर दोस्तों और चाहने वालों को नमस्कार। यह मेरी पहली कहानी है। मैं जबलपुर, मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 26 साल है और मैं एक बड़े स्कूल में टीचर हूँ। यह कहानी आज से 6-7 महीने पहले की है जब मेरे मन में वासना के तूफ़ान उठने शुरू हुए। मैं […]

शराब और शवाब

By पूनम ओम On 2011-04-29 Tags:

दोस्तो, मैं आपको एक चुदाई का किस्सा सुनाता हूँ… चुदाई की यह कहानी सुनकर आप का लंड और मुंह तो गीला होना तय है… मैंने कुछ ही दिन पहले अपना कमरा चेंज किया था… काफ़ी अरसे बाद घर में ऊल-ज़ुलूल नौकरानियों के स्थान पर एक बहुत ही सुंदर और सेक्सी नौकरानी काम पर लगी, 22-23 […]

अंगूर का दाना-7

उसकी गांड के छेद पर लगाने में लिए जैसे ही अपना हाथ बढ़ाया, वो बोली- बाबू... जरा धीरे करना... मुझे डर लग रहा है... ज्यादा दर्द तो नहीं होगा ना?'

अंगूर का दाना-6

बापू कहाँ मानते हैं। वो तो अम्मा को अपना हथियार चूसने को भी कहते हैं पर अम्मा को घिन आती है इसलिए वो नहीं चूसती इस पर बापू को गुस्सा आ जाता है और वो उसे उल्टा करके जोर जोर से पिछले छेद में चोदने लग जाते हैं।

अंगूर का दाना-4

उसकी कुंवारी बुर से आती मादक महक से मैं तो मस्त ही हो गया। उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ लिया। अब मैंने अपनी जीभ को थोड़ा सा नुकीला बनाया और उसकी फांकों के बीच में लगा कर ऊपर नीचे करने लगा।

अंगूर का दाना-3

मैंने उसे बाजू से पकड़ कर उठाया और इस तरह अपने आप से चिपकाए हुए वाशबेसिन की ओर ले गया कि उसका कमसिन बदन मेरे साथ चिपक ही गया। मैं अपना बायाँ हाथ उसकी बगल में करते हुए उसके उरोजों तक ले आया।

अंगूर का दाना-2

मैं उसकी तेज़ होती साँसों के साथ छाती के उठते गिरते उभार और अभिमानी चूचकों को साफ़ देख रहा था। जब कोई मनचाही दुर्लभ चीज मिलने की आश बंध जाए तो मन में उत्तेजना बहुत बढ़ जाती है।

अंगूर का दाना-1

मैं उठकर उसके पास आ गया और उसके होंठों को अपनी अगुलियों से छुआ। आह… क्या रेशमी अहसास था। बिल्कुल गुलाबी रंगत लिए पतले पतले होंठ सूजे हुए ऐसे लग रहे थे जैसे संतरे की फांकें हों।

लंड छोटा-बड़ा नहीं होता

By मयंक अग्रवाल On 2010-12-04 Tags:

प्रेषक : मयंक अग्रवाल यह कहानी है मेरे एक दोस्त की जिसे मैं उसी के शब्दों में पेश कर रहा हूँ, कहानी पढ़ कर कृपया अपने विचार जरूर दीजिये। मेरा नाम रेमो है, उम्र 24 साल की है। मैं एक अमीर घर का इकलौता वारिस हूँ। मेरे घर पर मेरे पापा और मम्मी के अलावा […]

पति से बुझे ना तन की आग-3

By अरुणा अरुणा On 2010-09-11 Tags:

लेखिका : अरुणा उसने वैसे ही किया, करीब दस मिनट गांड मारने के बाद उसने मेरी चूत में घुसा दिया। उस रात उसने मुझे जम कर पेला, बोला- मेमसाब, आपने बहुत मजा दिया है। “और तेरी बीवी तेरा इंतज़ार तो नहीं कर रही होगी?” छोड़ो ना उसको ! कहाँ आप जैसी बला की हसीन औरत […]

लंड की करतूत-3

रेखा ने मुझे लेटने को कहा, उसने लंड पर जैम लगाकर चाटना शुरू किया, दूसरी तरफ से मैं उसकी चूत चाट रहा था। अब रेखा ने मेरे ऊपर बैठ लंड को अपनी चूत में डाल लिया

कुंवारा नहीं रहा

प्रेषक : केदार राव मेरा नाम केदार है, मैं मुंबई में रहता हूँ, 21 साल का हूँ और इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ता हूँ। मैं एक बहुत शरीफ लड़का हूँ और औरतों की इज्जत करता हूँ। आज मैं अपने जीवन की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। यह बात है पिछले साल अगस्त की, जब […]

छोटी साली के बाद रूपा-2

By वरिंदर On 2010-03-29 Tags:

लेखक : वीरेंदर उसके मम्मों को दबाते दबाते पीठ पर हाथ फेरते फेरते मैं नीचे आया, धीरे से उसकी सलवार का नाड़ा खींच दिया। “हाय ! यह क्या किया? वापस बाँध दो, वरना आपके हाथ छोड़ते ही यह नीचे गिर जायेगी।” “कौन है यहाँ तीसरा? मैं ही तो हूँ तेरा साईं दीवाना ! पूरी जिंदगी […]

छोटी साली के बाद रूपा-1

By वरिंदर On 2010-03-28 Tags:

लेखक : वीरेंदर प्रिय पाठको, आपने मेरी कहानियाँ पढ़ी। अब इस कहानी को पढ़ने से पहले मैं आपको याद दिला दूँ कि मेरी बीवी ने कामवाली माया की बेटी रूपा को घर के काम के लिए रख लिया था। एक रात मेरी छोटी साली ने मेरी बीवी को दवाई के सहारे सुला दिया और हम […]

महकती कविता-2

वो स्नान करके बाहर आई, पूरी भीगी हुई थी। उसने तौलिये के लिये नजर दौड़ाई। अभी वो मात्र पेंटी में ही थी और गीली पेंटी उसके कोमल चूतड़ों से चिपकी हुई थी।

महकती कविता-1

रोहण के बन्द कमरे की पीछे वाली खिड़की से एक बार कविता ने रोहण को ब्ल्यू फ़िल्म देखते फिर मुठ्ठ मारते देख लिया था। वो भी जवान थी, उसके दिल के अरमान भी जाग उठे थे।

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