घर की चूतों के छेद -4
मम्मी मेरी ओर पीठ करके ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी थीं.. जिसके काँच में मुझे मम्मी का फ्रंट साइड दिखाई पड़ रहा था.. लेकिन मम्मी ने अपना एक हाथ दोनों मम्मों के ऊपर रखा हुआ था जिस कारण मुझे कुछ खास दिखाई नहीं पड़ रहा था।
माँ की चुदाई बेटे के लंड से, माँ बेटा सेक्स सम्बन्धों पर आधारित चुदाई की कहानी
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Incest Sex stories about Mother-son Sex Relations
मम्मी मेरी ओर पीठ करके ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी थीं.. जिसके काँच में मुझे मम्मी का फ्रंट साइड दिखाई पड़ रहा था.. लेकिन मम्मी ने अपना एक हाथ दोनों मम्मों के ऊपर रखा हुआ था जिस कारण मुझे कुछ खास दिखाई नहीं पड़ रहा था।
एक दिन अपनी मम्मी को गैर मर्द के साथ सेक्स करते देखा तो उनको पूछा. उन्होंने बताया कि पापा उनकी इच्छा पूरी नहीं कर पाते तो मैंने मम्मी की अन्तर्वासना शांत की.
मेरे पापा घर से दूर रह कर जॉब करते हैं और मेरी सौतेली लेकिन खूबसूरत मम्मी अपनी जवानी की अन्तर्वासना में जलती रहती थी. मैंने उनकी चूत छोड़ कर उनकी मदद कैसे की! इस कहानी में पढ़िए !
माँ दीदी के सामने ही मेरे लंड की चोट की बात करके उसकी जांच करने लगी मैंने देखा कि दीदी की निगाहें मेरे लंड पर टिकी हुई थीं.. तो मैं लंड को झटके देने लगा।
मैं और माँ चुदाई के मामले में खुल गए थे और अब दीदी को अपने खेल में शामिल करना चाह रहे थे। हमने मिल के योजना बनाई कि दीदी को माँ और मेरी चुदाई का पता लग जाए
अपनी सौतेली मॉम की चूत चाटने के बाद मॉम ने मेरा लण्ड चूसा फ़िर लण्ड पर चूत टिका कर चुदी। लेकिन घर आकर मैंने मॉम को उनके पूरे होशोहवास में कैसे चोदा, पढ़ें इस भाग में…
माँ अब काफ़ी खुल कर बातें करने लगी थीं, तो मैंने जानबूझ कर अंजान बनते हुए माँ की जांघों के ऊपर से नाईटी का बटन खोल कर हटा दिया जिससे उनके कमर के नीचे का हिस्सा नंगा हो गया और उनकी बुर को हाथों से छूते हुए कहा- अरे हाँ.. तुम्हारे तो लंड है ही नहीं.. लेकिन छेद कहाँ है..
माँ बोलीं- बेटा रगड़ की वजह से तेरे सुपारे का टांका खुल गया है और ऊपर से तूने ही तो इसे फुला रखा है, मैंने क्रीम लगा दी है.. कह कर माँ सुपारे को सहलाने लगीं
मम्मी की चूत को चाटने में मुझे बहुत मजा मिल रहा था। थोड़े समय बाद मैं अपनी जीभ से मम्मी की चूत को जीभ से ही चोदने लगा और उनकी चूत से निरंतर निकलते रस का पान करने लगा। अब मम्मी की साँसें काफ़ी तेज हो गई थीं।
माँ कमरे में आईं और नाईटी पहन कर पलंग पर आने लगीं और लाइट ऑफ करने के लिए जैसे ही मुड़ीं.. एकदम से वे मेरे लंड को देखते ही रुक गईं.. थोड़ी देर वैसे ही मेरे लंड को जो की पूरे 6” लम्बा और 1.5” व्यास बराबर मोटा था.. को देखती रहीं।
जब तक मैं धीरे से अपना लंड माँ की बुर से निकालता.. तब तक मेरे लंड का पानी माँ की बुर में पूरा खाली हो चुका था और लंड निकालते वक़्त वीर्य की गाढ़ी धार माँ के गाण्ड के छेद पर बहने लगी।
मेरी माँ टीचर है.. उसकी उम्र 37-38 की होगी.. मगर देखने में किसी भी हालत में 31-32 से ज्यादा की नहीं लगती थी, माँ और दीदी एकदम गोरी हैं, माँ मोटी तो नहीं.. लेकिन भरे हुए शरीर वाली थीं और उनके चूतड़ चलने पर हिलते थे। मेरी दीदी की उम्र 22 साल की थी..
उस रात माँ अपनी चूत चटवा कर सो गई और अगली सुबह जब मां मेरे सामने बैठ कर मूतने लगी तो मेरा सब्र जवाब दे गया, मेरा खड़ लण्ड देख कर माँ हंसने लगी और उसके बाद…
'साले माँ की चूत चोदेगा जरूर, मगर उसके साथ इसकी बात नहीं करेगा, चुदाई के काम के वक्त चुदाई की बातें करने में क्या बुराई है बे चूतिये?'
चूमा-चाटी खत्म होने के बाद माँ ने पूछा- और बेटे, कैसा लगा माँ की चूत का स्वाद? अच्छा लगा या नहीं? ‘हाय माँ, बहुत स्वादिष्ट था, सच में मजा आ गया।’ ‘अच्छा, चलो मेरे बेटे को अच्छा लगा, इससे बढ़ कर मेरे लिए कोई बात नहीं।’ ‘माँ, तुम सच में बहुत सुन्दर हो। तुम्हारी चूचियाँ […]
माँ को चूत चुसवा कर बहुत मज़ा आया और वो शानदार तरीके से झड़ी और थक कर सो गई.. लेकिन मेरा लौड़ा मुझे परेशान कर रहा था, मैं सोती हुई माँ की जांघों को सहलाने लगा
माँ पूरी नंगी होकर दोनों पैर फैला कर मुझसे अपनी चूत चटवाने लगी... मैं माँ की चूत चूसने लगा तो माँ को खूब मज़ा आ रहा था, वो मज़े में पागल हो गालियाँ बक रही थी.
आज तो माँ मुझ पर पूरी मेहरबान थी, उसने पूरी नंगी होकर दोनों पैरों को मेरे सामने खोल कर फैला दिया और बोली- ले देख ले जो देखना है… मैं चूची मसलने और चूसने लगा
मैं मां के सोते हुए उसके पेटिकोट में झांक रहा था, माँ जाग गई और मेरी लालसा को जानकर यह कहते हुए कि 'चल मैं ही दिखा देती हूँ' वो अपने कपड़े उतारने लगी।
रात को छत पर मैंने माँ की मिन्नतें की चूत दिखाने के लिए, वो ना मानी और तभी बारिश शुरु हो गई… नीचे आकर मैंने माँ को फ़िर से कहा लेकिन वो मेरी मुठ मारने लगी।