दोस्ती का उपहार-2
दोपहर बाद जब सब खाना खाने के लिये जाने लगे तो मैंने उसे छेड़ने के लिये कहा- तुम्हें कुछ याद है नीतू? उसने कहा- क्या सर? मैंने कहा- कल तुमने मुझे कुछ देने के लिये कहा था ! तो उसने नादान बनते हुये मुझे छेड़ते हुए कहने लगी- मुझे तो कुछ भी याद नहीं है […]