कोई मिल गया

ऎसे ही अनजानी लड़की लड़का या औरत मिल जाने पर हुई अचानक चुदाई की सेक्स कहानियाँ हिंदी में

किसी अन्जान अचानक मिले व्यक्ति से यौन सम्बन्ध की हिन्दी सेक्स कहानी

Hindi Sex Stories About Sex with unacquainted/unknown

बुलबुल और उसकी बेटी सोना-1

By वरिंदर On 2009-12-16 Tags:

प्रेषक : वरिंदर सबसे पहले धन्यवाद सभी पाठकों का जिन्होंने मेरी हर कहानी को पढ़कर मुझे बहुत प्यार दिया। आज मैं एक बार फिर से अपनी नई कहानी आपके सामने लेकर हाजिर हूँ। शायद भगवान् ने मुझे लण्ड लगाते वक़्त लिख दिया होगा कि यह नीचे जाकर औरतों को खुश करेगा, पहले पिंकी, सोनिया, छोटी […]

तन का सुख-2

लेखक : राज कार्तिक तभी कमल ने सुधा को जाने को कहा और मुझे बोला- यहीं सो जाओ ! तो मुझसे पहले ही सुधा बोल पड़ी- इनके सोने का इंतजाम ऊपर वाले कमरे में किया हुआ है पहले से ही। कमल के कमरे में डबलबेड था तो मैंने कहा- यहीं सो जाता हूँ ! तो […]

तन का सुख-1

लेखक : राज कार्तिक यह कहानी मैं आप सब दोस्तों की मांग पर लिख रहा हूँ। यह खूबसूरत हादसा मेरे एक मित्र के साथ हुआ था। उसने अपनी कहानी मुझे बताई और अन्तर्वासना पर भेजने के लिए कहा। पर वो अपना नाम नहीं डालना चाहता था तो मैंने यह कहानी अपने नाम से ही लिखी […]

बाथरूम का दर्पण-5

मैं उसकी पीठ सहलाने लगा, फिर उसकी फ़्रॉक को निकाल दिया। अब उसके भरे हुए स्तन, जो गुलाबी ब्रा में समां नहीं रहे थे, को मसलना शुरु कर दिया।

बाथरूम का दर्पण-4

मैं उसे बाँहों में उठाकर बेडरूम में ले गया उसके सारे कपड़े उतारकर उसके ऊपर छा गया। वो सिसकारने लगी, उसने मेरी पैंट उतार दी, चड्डी हटा कर लंड थामकर चूमने लगी।

बाथरूम का दर्पण-3

वह मेरी जीभ को सिसकारते हुये चूस रही थी। मैंने मौका देखकर लंड को सही स्थान पर लेकर थोड़ा दबाव डाला तो सुपारे का आगे का भाग चूत के मुँह पर फिट हो गया।

बाथरूम का दर्पण-2

आपने ब्रा-पेंटी उतारकर रख दिए और दर्पण में अपने नंगे जिस्म को हर दिशा से देखा। तुम उत्तेजित हो गई थी, एक हाथ तुम्हारी दोनों टांगों के बीच कुछ सहला रहा था, दूसरा सीने को सहला रहा था?

दो जवान बहनें पिंकी और रिंकी-8

फिर हम बिस्तर पर लेट गए। बाहर से अभी भी तेज आवाज आ रही थी, मैंने झांक कर देखा तो… पिंकी सोफे पर बैठी थी और रिंकी उसकी चूत चाट रही थी। सुमीत पीछे से उसकी चूत मार रहा था। मैंने हेमा से पूछा- तुम्हारी सील किसने तोड़ी थी? उसकी आँखों में आँसू आ गए। […]

दो जवान बहनें पिंकी और रिंकी-7

प्रेषक : राजवीर रिंकी की मामी अपने मायके गई तो मामा ने रिंकी को चोदने में देर नहीं लगाई और उसे नेता जी से चुदवाने की बात भी कर ली। रिंकी अच्छे से तैयार हो गई। शाम को उसके मामा विस्की और कुछ खाने को लाये। ठीक आठ बजे नेता जी जिसका नाम मनोज था […]

एक अनोखी दुर्घटना

By अनिल वर्मा On 2009-11-22 Tags:

प्रेषक : अनिल वर्मा हेलो दोस्तो, कैसे हैं आप लोग? मैंने अन्तर्वासना पर लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। मेरे मन में भी आता है कि अपनी कहानी भी भेजूँ। आप सभी को अभी हाल की घटी घटना बताने जा रहा हूँ, कृपया अपनी प्रतिक्रिया जरूर भेजिएगा। बात अभी दो दिन पहले की है, मैं बाजार […]

तड़पती जवानी नीलिमा की

मैंने जाकर घण्टी बजाई तो उस क़यामत ने दरवाज़ा खोला जिसका नाम नीलिमा है। उसको देखा तो मैं देखता ही रह गया। नीलिमा ने मुझे दो बार अंदर आने को कहा पर मैं तो जैसे किसी जादू में बंध गया था बस एकटक उसी को देख रहा था। उसकी जवानी

आपकी गली सुंदर है

By राजेन्द्र On 2009-11-06 Tags:

प्रेषक : राजेन्द्र चौहान मैं मुंबई से हूँ, मेरा नाम राज है, उम्र 38 साल है। कुछ समय पहले गर्मियों की बात है, मैं घर पर अकेला बैठा था और सेक्स के बारे में सोच रहा था कि तभी मेरे घर की घण्टी बजी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक बहुत ही खूबसूरत औरत खड़ी […]

मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-6

By सन्दीप शर्मा On 2009-10-23 Tags:

मैंने उससे पूछा- मैं कितनी देर तक सोता रहा? तो वो बोली करीब एक घण्टा ! मैं कुछ कहता उसके पहले ही उसने इशारे से मुझे चुप करा दिया, उसने मुझे पानी दिया और मेरे सामने घुटने के बल बैठ कर मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। जब मेरा लण्ड भी […]

मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-5

By सन्दीप शर्मा On 2009-10-22 Tags:

लेखक : सन्दीप शर्मा उस वक्त वो क्या गजब की लग रही थी ! मैं शब्दों में नहीं बता सकता पर उस वक्त मैंने उसे कुछ लाइनें कही थी जो आज भी जहन वैसी ही ताजा हैं: कुदरत का कमाल है, या जन्नत की हूर है तू, चमकते हीरों के बीच, में जैसे कोहेनूर है […]

तो ज्यादा मज़ा आएगा

मैं अभिषेक एक बार फिर से आप लोगों के सामने हूँ। आप सब लोगों ने मेरी कहानी ‘सहपाठिका को बाज़ार में चोदा !’ आप सभी को वो कहानी बहुत पसंद आई! मैं एक बार फिर आपके सामने अपना अनुभव पेश करने जा रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगा। दोस्तों आपको मैं अपनी ज़िन्दगी […]

मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-4

By सन्दीप शर्मा On 2009-10-21 Tags:

लेखक : सन्दीप शर्मा हम दोनों ने पाव भाजी खाई और उसके बाद साक्षी मुझ से बोली अब तुम्हे एक काम करना होगा मेरी मर्जी से … मैंने कहा- हुकुम करो जान क्या करना है वो उठी उसके बैग में से कुछ निकालने गई और मुझ से बोली तुम बाथरूम में चलो मैं भी आ […]

मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-3

By सन्दीप शर्मा On 2009-10-20 Tags:

लेखक : सन्दीप शर्मा मैं थोड़ा और नीचे खिसक कर उसकी नाभि के पास आया और मैंने उसकी नाभि के चारों तरफ अपनी जीभ चलाना शुरू कर दी। मेरी जीभ जैसे ही उसकी नाभि पर गई वो तो उछल गई, उसने हाथों से मेरे बालों को नोचना शुरू कर दिया और अपने पैरों को मेरी […]

मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-2

By सन्दीप शर्मा On 2009-10-19 Tags:

उसके बाद उसने अपने हैण्ड बैग से टिशु पेपर निकाला और मेरा लण्ड पौंछा, फिर मेरे मुरझाये हुए लण्ड को मेरे कपड़ों में डाल के मेरी पैंट ऊपर खसका दी, मेरे होंठों को चूमते हुए बोली- मुझे आज तक कपड़ों के साथ इतना मजा कभी नहीं आया। मैं समझ गया कि मेरा मुम्बई का चार […]

मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-1

सन्दीप शर्मा दोस्तो, मेरी पिछली कहानियों के बाद आप सभी के प्यार का बहुत-बहुत शुक्रिया ! आपके काफ़ी ईमेल मिले तथा तीन सौ से अधिक फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली, मेरा दिल खुश हो गया। मैंने लगभग हर मैसेज और मेल का जवाब देने की कोशिश की है पर अगली कहानी शुरू करने के पहले मैं […]

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